NEWS WEB MEDIA UTTARAKHAND: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के कॉलेजों में इस साल सीयूईटी से दाखिलों में छूट मिल सकती है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस साल सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की वजह से गढ़वाल केंद्रीय विवि के तीनों परिसरों के साथ ही संबद्ध 102 कॉलेजों में भी सीटें खाली रह गईं। 20 हजार से ज्यादा सीटों को भरने के लिए छात्र संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान को यूजीसी ने बैठक कर गढ़वाल विवि कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था।
समिति ने तय किया था कि विवि के स्तर से इस पर निर्णय लेने के बाद यूजीसी को इसका प्रस्ताव दोबारा भेजा जाएगा। पांच सितंबर को विवि की कार्यकारी परिषद की 24वीं बैठक हुई, जिसके मिनट्स अब विवि ने जारी कर दिए हैं। इस बैठक में अकादमिक परिषद के बिना सीयूईटी दाखिलों के निर्णय पर मुहर लगाई गई। तय किया गया कि इसका प्रस्ताव यूजीसी को भेजा जाएगा।
छूट केवल इस सत्र के लिए ही लागू
यह भी तय किया गया कि यूजीसी से एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) जारी होने के बाद विवि की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर खाली सीटें 12वीं के अंकों के आधार पर भरने के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। बैठक में ये भी तय हुआ कि यह छूट केवल इस सत्र के लिए ही लागू होगी। भविष्य में इसे नजीर नहीं माना जाएगा।
यानी ये स्पष्ट निर्णय लिया गया कि भविष्य में केवल सीयूईटी देने वाले छात्रों को ही विवि व इसके संबद्ध कॉलेजों में दाखिला मिल पाएगा। विवि प्रशासन ने परिषद के निर्णय के तहत प्रस्ताव यूजीसी को भेज दिया था, लेकिन दिल्ली में जी-20 समिट के चलते तीन दिन तक सभी दफ्तर बंद थे। माना जा रहा कि इस सप्ताह यूजीसी से निर्देश मिलेंगे और बिना सीयूईटी दाखिलों की राह खुल सकती है।