मुख्यमंत्री ने पेयजल अधिकारियों को दिए ये जरूरी निर्देश, जानिए

News web media uttarakhand  : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के साथ किया जाए। सभी जिलाधिकारी, पेयजल विभाग के अधिकारी जिलों में ग्राम स्तर तक पेयजल स्थिति का फीडबैक लें। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाए जाने हेतु और अधिक कार्य करने की उन्होंने आवश्यकता बतायी। गंगा नदी की स्वच्छता के क्षेत्र में हमारा राज्य मॉडल राज्य के रूप में सामने आए। इस दिशा में समेकित प्रयासों पर भी ध्यान दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

प्रदेश में जल संचय एवं नदी की स्वच्छता हेतु स्वच्छता समितियां बनाकर लोगों को जागरूक किया जाए। जन सहभागिता से होने वाले कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत जलापूर्ति के लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाय । चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता के पर्याप्त वाटर एटीएम लगाये जाए। वाटर एटीएम के साथ पानी की गुणवत्ता को भी डिस्प्ले किया जाय। चारधाम यात्रा आस्था का प्रतीक है। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड आते हैं। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि यात्रा मार्गों पर सुलभ शौचालयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहे। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत भी जलापूर्ति के लिए वाटर एटीएमध्नलकूप की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे योजना के अंतर्गत राज्य में गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए किये जा रहे कार्यों में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाए जाने हेतु और अधिक प्रयासों की जरूरत बतायी। गंगा नदी की स्वच्छता के क्षेत्र में हमारा राज्य मॉडल राज्य के रूप में सामने आए। हमारे राज्य से गंगा साफ निर्मल बहे ये सभी राज्य वासियों की सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी एवं पेयजल विभाग के अधिकारी जिले के ग्राम स्तर तक पेयजल से संबंधित समस्याओं का फीडबैक लें। गांव के स्तर पर पानी के स्टोरेज हेतु स्टोरेज टैंक का निर्माण किया जाए। विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के आधार पर पेयजल योजनाओं पर कार्य हो। उन्होंने कहा हैंडपंप के साथ सोलर वाटर पंप भी स्थापित किए जाएं। राज्य के प्रत्येक विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था तय समय पर पूरी हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।

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