News web media Uttarakhand : तीर्थनगरी ऋषिकेश में हर साल की भांति इस साल भी एक मार्च को अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज होगा। 1 से 7 मार्च तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। महोत्सव में योग की बारीकियों को सीखने के साथ ही मन की शांति और स्वस्थ शरीर के लिए अनुभव भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही यहां आने वाले योग साधक नृत्य, संगीत के साथ योग के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा करेंगे।
एक मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत कई अन्य अतिथियों की उपस्थिति में महोत्सव की शुरुआत होगी। महोत्सव में योगाचार्य पद्मश्री शिवानंद, पद्मश्री भारत भूषण व पद्मश्री रजनीकांत विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
इसके अलावा ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधक योग की बारीकियों को सीख सकेंगे।
योग साधकों के लिए सात दिन की दिनचर्या तय रहेगी और अलग-अलग विषयों पर साधकों को प्रशिक्षिण दिया जाएगा। प्रतिदिन सुबह योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा।
योग एक साधना है जिसके जरिए शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसको ध्यान में रखकर अलग-अलग विषयों पर परिचर्चा का आयोजन भी होगा। जिसमें डा. अनिल थपलियाल, डा. नवदीप जोशी, डा. प्रिया आहूजा, डा. रोहित सब्बरवाल, प्रो. वीके अग्निहोत्री, प्रो. सुनील जोशी, डा. उर्मिला पांडे जैसे विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। डॉ0 सुनील जोशी उप कुलपति उत्तराखण्ड आयु वि0 द्वारा नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा रूजुता दिवेकर सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ के साथ ही रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनूज मिश्रा, सुजीत ओझा जैसे कलाकार अपने नृत्य, कला, संगीत के जरिए साधकों का मन मोहेंगे। लोक नृत्य और संगीत की अद्भुत प्रस्तुति भी महोत्सव में चार चांद लगाएगी।
भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में दुनिया भर से लोग योग की बारीकियां सीखने के लिए आते हैं। वैसे भी योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश के नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है लोग खुद बखुद यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आ जाते हैं। लेकिन महोत्सव के कारण लोग और भी आकर्षित हो जाते हैं कि यहां के घूमने के बहाने योग की साधना भी हो जाएगी। यानी यहां आकर प्रकृति के साथ साक्षात्कार तो होगा ही, साथ ही योग साधना के जरिए ईश्वर से भी साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त होगा।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी की ओर से महोत्सव में नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर लगाया जाएगा। इसके अलावा रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनुज मिश्रा, सुजीत ओझा समेत अन्य कलाकार नृत्य, कला, संगीत की प्रस्तुति देंगे।