News web media uttarakhand : उत्तराखंड की धामी सरकार केदारखंड की तर्ज पर मानसखंड पर फोकस कर रही है। इसके लिए सीएम धामी ने पीएम मोदी से कुमांउ के मंदिर के दर्शन करने का अनुरोध किया। जिससे विश्व मानचित्र पर मानसखंड को नई पहचान मिलने पर मोदी का मैजिक काम कर जाए। इसके लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का विकल्प बनाकर आदि कैलाश यात्रा पर श्रद्धालुओं को आने कान्यौता देने का संदेश दिया। साथ ही जागेश्वर धाम को भी तीर्थाटन का प्रमुख केंद्र बनाने की कोशिश की गई। मोदी ने पिथौरागढ़ के आदि कैलाश और जागेश्वर से पर्यटन और तीर्थाटन के नए आयाम स्थापित करने की कोशिश की। मोदी न पहली बार ऐसे दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचने वाले पीएम बने, बल्कि वहां के स्थानीय वेशभूषा, रहन सहन, पूजा पाठ सभी को पास से देखा और खुद भी उसे फॉलो किया।
मोदी ने केदारखंड के बाद अब मानसखंड को मानचित्र में खींचने के लिए ताकत झौंक दी है। जिससे पर्यटन और रोजगार के नए साधन विकसित हो सकें। कैलाश यात्रा और कुंमाउ के मंदिर, तीर्थ स्थलों को नई पहचान मिल सके, मोदी ने इसके लिए अपनी पूरी यात्रा का आयोजन किया। इस यात्रा में मोदी काफी हद तक सफल भी रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तराखंड में पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा की यात्रा लोकसभा चुनाव से पहले इस साल की आध्यात्मिक के साथ ही भाजपा के लिए राजनीतिक रंग देने में भी पूरी तरह से सफल रही है। पीएम मोदी ने सीएम धामी और उनकी टीम की भी तारीफ की।
साथ ही पिथौरागढ़ से लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया। मोदी ने जिन 5 अहम मुद्दों का जिक्र किया, वो सभी भाजपा के लिए 2024 में अहम चुनावी मुद्दे बनने जा रहे हैं। बॉर्डर और सीमांत गांव में विकास कार्य के जरिए मोदी ने ये संदेश देने की कोशिश की कि उनकी सरकार की सोच पुरानी सरकारों से कैसे अलग है। मोदी ने ये ऐलान किया कि वे बॉर्डर तक ट्रेन पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।