News web media Uttarakhand : देहरादून में निकाय चुनाव के बीच एक बार फिर मलिन बस्तियों का मुद्दा गरमाने लगा है। निकाय चुनाव के बीच ही एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार के मलिन बस्तियों को सुरक्षित करने के अध्यादेश को लेकर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में एक बार फिर मलिन बस्तियों पर खतरा मंडरा रहा है।
हाईकोर्ट पहले ही इस मामले पर सरकार से जबाव तलब कर चुका है। इस तरह से भाजपा सरकार मलिन बस्तियों के मामले में घिरती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस को निकाय चुनाव में बड़ा मुद्दा मिल गया है। साथ ही भाजपा सरकार पर हमलावर है।
इस बीच भाजपा ने मलिन बस्तियों के कांग्रेसी भ्रम पर पलटवार कर कहा की हम किसी को बेघर नहीं होने देंगे। बता दें कि देहरादून में मलिन बस्तियां हमेशा से ही भाजपा, कांग्रेस दोनों के लिए सियासी वोट बैंक माना जाता रहा है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कांग्रेस द्वारा भाजपा के संकल्प पत्र पर उठाए सवालों का ज़बाब देते हुए कहा कि उनके द्वारा फैलाई जा रही यह पूरी तरह निराधार और सरासर झूठ है। कहा की इसी तरह की भ्रांतियां हमारे इसी विपक्षी दल द्वारा केदारनाथ उपचुनाव में भी फैलाई जाती रही थी। यही काम वह मालिन बस्तियों को लेकर कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि जो भी लोग इनमें निवास कर रहे हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, भाजपा सरकार उनके साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि हम ही अध्यादेश लाकर गरीब लोगों का संरक्षण कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट है कि उनके सुनियोजित पुनर्वास की व्यवस्था होने तक किसी को भी हटाया नहीं जाएगा। क्योंकि वे सभी लोग हमारे हैं और गरीब तबका या साधनहीन लोगों को हम लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत या अन्य योजना के तहत लगातार व्यवस्थाएं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम किसी को भी बेघर नहीं होने देंगे, हम किसी को भी अतिक्रमण या अन्य व्यवस्था के नाम पर परेशान किए जाने के पक्ष में नहीं हैं। हमारी सरकार की मंशा स्पष्ट है, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगातार करोड़ों लोगों के घर का सपना पूरा की मुहिम को उत्तराखंड में भी तेजी से आगे बढ़ाना। कहा कि लिहाजा जो इस प्रकार की भ्रांतियां फैलाई जा रही है यह बिल्कुल तथ्यहीन है और पार्टी ऐसी राजनीति की कड़े शब्दों में निंदा करती है। महामंत्री ने बताया कि कार्यकर्ता संकल्प पत्र को लेकर घर-घर पहुंच रहे हैं। जिसमें जनसंपर्क और कमरा बैठक से सरकार की उपलब्धि और हमारा आगे का संकल्प क्या है, दोनों विषयों पर जनता से चर्चा की जा रही है।
