News web media Uttarakhand : हमारे देश में आईएएस सबसे टॉप रैंक के अधिकारी होते हैं. आईएएस के अंतर्गत जिलाधिकारी यानी डीएम से लेकर कैबिनेट सेक्रेटरी तक की पोस्ट आती है. हमारे देश में बड़ी संख्या में युवा IAS बनने की तैयारी करते हैं, क्योंकि इस रैंक में अच्छी खासी सैलरी के साथ-साथ कई प्रकार की सुख सुविधाएं और तगड़ी पावर एवं रुतबा भी मिलता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक डीएम की कितनी सैलरी होती है, उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं और उनके पास पावर क्या होती हैं.
बता दें कि DM यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जिले स्तर का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है. इनके अंतर्गत सभी विभाग काम करते हैं. एक DM के पास संबंधित क्षेत्र में विकास के लिए नीतियां बनाने, सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने के अधिकार होते हैं. इसके अलावा ज़िले में कर्फ्यू, धारा 144 लगाने जैसे लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े बड़े फ़ैसले लेने का अधिकार भी DM के पास होता है. एक डीएम भीड़ पर कार्रवाई करने का ऑर्डर भी दे सकता है.
कितनी मिलती है सैलरी और सुविधाएं
बता दें कि एक DM को हर महीने लगभग 80,000 रुपये की सैलरी दी जाती है. साथ ही उन्हें टीए, डीए, एचआरए समेत कई प्रकार के भत्ते भी दिए जाते हैं. इस तरह उनकी सैलरी 1 लाख रुपये से भी अधिक हो जाती है. साथ ही डीएम को कई प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं. जैसे उन्हें सरकार की तरफ से रहने के लिए बंगला दिया जाता है, सरकारी वाहन आने-जाने के लिए उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही उनके कामकाज के लिए उन्हें कार, ड्राइवर और नौकर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा उनके बंगले पर चपरासी, माली व कुक के अलावा अन्य कामों के लिए भी सहायक उपलब्ध होते हैं.