News web media Uttarakhand : केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन कानून, 2024 का जोरदार बचाव करते हुए कहा है कि यह कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह ऐतिहासिक भूलों को सुधारने और वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर एक करोड़ से अधिक लोगों की राय ली गई है और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की कई बैठकों के बाद इसे संसद में पेश किया गया है।
रिजिजू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस घोषणा की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे राज्य में इस कानून को लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ममता बनर्जी के पास संविधान के प्रति कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार है, यदि वे संसद द्वारा पारित कानून को लागू करने से इनकार करती हैं।
मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर रिजिजू ने विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि संविधान में न्यायपालिका और विधायिका की शक्तियों का स्पष्ट विभाजन है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कई मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा।