पिथौरागढ़. तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. अब भारत में भी इससे भयंकर भूकंप आने की आशंका जताई गई है. यह आशंका राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान में भूकंप विज्ञान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एन पूर्णचंद्र राव ने जताई है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि तुर्की से भी बड़े भूकंप का खतरा उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों पर मंडरा रहा है, जिसके बाद से ही भूकंप को लेकर हिमालयी इलाकों के लोग सहमे हुए हैं.
भू-वैज्ञानिक एन पूर्णचंद्र राव के अनुसार, उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों की प्लेटों पर तनाव काफी बढ़ा है, जो कभी भी निकल सकता है, जिससे एक बड़ा भूकंप उत्तराखंड में आ सकता है, जिसका असर दिल्ली तक रहेगा.
पिथौरागढ़ जिले की अगर बात की जाए, तो यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन 5 में आता है और यहां छोटे भूकंप आते रहते हैं. बीते दिन ही यहां फिर धरती डोली, जिसकी तीव्रता 4.4 रही. कई वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटे भूकंप आने से बड़े भूकंप का खतरा कम रहता है. हिमालयी इलाकों में छोटे भूकंप आने से धरती की प्लेटों का प्रेशर रिलीज होते रहता है, जिससे बड़े भूकंप की आशंका कम रहती है. उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका को देखते हुए पिथौरागढ़ का आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट हो गया है.
भूकंप से नुकसान कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और इससे निपटने के लिए हर ब्लॉकों में आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है, जिससे समय रहते तुरंत राहत मिल सके. बताते चलें कि उत्तराखंड में पिछले 30 सालों में 1999 में चमोली में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप आया है, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल में 6.8 रही और इस भूकंप में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.