क्लेट-2025 परीक्षा 1 दिसंबर को देहरादून और हल्द्वानी मे आयोजित किया गया।

News web media Uttarakhand : देशभर के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) हर साणल आयोजित किया जाता है। इस वर्ष की परीक्षा आसान से मध्यम थी।

विषय-वार विवरण
अंग्रेजी भाषा
अंग्रेजी में 24 प्रश्न थे। जिन्हे आसान से मध्यम श्रेणी का कहा जाएगा। इस खंड में 22 से 24 के बीच एक अच्छा स्कोर होगा। इसमें शामिल विषयों में फिक्शन और शिक्षा प्रणाली शामिल थे।

सामान्य ज्ञान और समसामयिक मामले
28 प्रश्नों के साथ, इस अनुभाग को आसान कहा जाएगा। यहां एक अच्छा स्कोर लगभग 20 अंक होगा। प्रमुख विषयों में ब्रिक्स, सविनय अवज्ञा, महिला आरक्षण विधेयक, अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ ओलंपिक भी शामिल थे।

लीगल रीजनिंग
लीगल रीजनिंग में 32 प्रश्न थे,जिन्हें आसान कहा जाएगा। 27 से 30 अंक के बीच स्कोर करना अच्छा रहेगा। इस खंड के विषयों में सार्वजनिक परीक्षा, जेजे अधिनियम, गोपनीयता का अधिकार, पर्यावरण कानून और शून्यकरणीय समझौते शामिल हैं।

लॉजिकल रीजनिंग
इस खंड में 24 प्रश्न थे और यह मध्यम स्तरीय पर ही चुनौतीपूर्ण था। एक अच्छा स्कोर लगभग 20 अंक होगा।

क्वांटिटेटिव टेक्निक
क्वांटिटेटिव टेक्निक अनुभाग में 12 प्रश्न शामिल थे, जिनकी कठिनाई मध्यम थी। 8 से 9 अंक के बीच स्कोर करना अच्छा रहेगा। यह अनुभाग मुख्य रूप से प्रतिशत पर केंद्रित है।
एनएलयू के लिए अपेक्षित कट-ऑफ:
CLAT विशेषज्ञ और निदेशक, लॉ प्रेप ट्यूटोरियल देहरादून, एसएन उपाध्याय के अनुसार सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए, शीर्ष 3 एनएलयू के लिए अपेक्षित कट-ऑफ 94 अंक है। शीर्ष 10 एनएलयू में प्रवेश के लिए 82 अंकों की आवश्यकता है, जबकि निचले एनएलयू में प्रवेश के लिए अपेक्षित कटऑफ 72 अंक रहेगी।
अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवारों को शीर्ष 3 एनएलयू के लिए 84 अंक, शीर्ष 10 के लिए 72 अंक और निचले एनएलयू के लिए अपेक्षित कटऑफ 59 अंक रहेगी।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए, अपेक्षित कट-ऑफ शीर्ष 3 एनएलयू के लिए 78 अंक, शीर्ष 10 के लिए 64 और निचले एनएलयू के लिए 54 अंक है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों को शीर्ष 3 एनएलयू के लिए 90 अंक, शीर्ष 10 के लिए 75 अंक और निचले एनएलयू के लिए कटऑफ 68 अंक है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को शीर्ष 3 एनएलयू के लिए 90 अंक, शीर्ष 10 के लिए 78 अंक और निचले एनएलयू के लिए 69 अंक की कटऑफ रहेगी।
दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के उम्मीदवारों को शीर्ष 3 एनएलयू के लिए 78 अंक, शीर्ष 10 के लिए 65 और निचले एनएलयू के लिए 55 अंक कटऑफ रहेगी ।

क्लैट आज,समय से पहुंच जाएं परीक्षा केंद्र में दोपहर एक बजे शुरू हो जाएगा प्रवेश

News web media uttarakhand : कामन ला एडमिशन टेस्ट (क्लैट) का आयोजन आज किया जाएगा। उत्तराखंड में इसके लिए देहरादून व हल्द्वानी में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।दून में एकमात्र केंद उत्तरांचल यूनिवर्सिटी है। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि परीक्षा के लिए निकलने से पहले सभी दिशा -निर्देश ठीक ढंग से पढ़ लें। परीक्षा शुरू होने के बाद अभ्यर्थियों को वाशरूम ब्रेक लेने की अनुमति भी नहीं है।
एग्जाम एक्सपर्ट व ला प्रेप देहरादून के निदेशक एसएन उपाध्याय के अनुसार परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम चार बजे के बीच आयोजित होगी। परीक्षा हाल में दोपहर एक बजे प्रवेश शुरू होगा। अभ्यर्थियों को डेढ़ बजे तक सीट पर बैठ जाना होगा। 2:15 बजे के बाद किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, शाम चार बजे से पहले अभ्यर्थी परीक्षा हाल नहीं छोड़ सकते।
अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र के साथ एक मान्य फोटोआइडी भी लेकर जानी होगी। इसमें अभ्यर्थी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस,वोटर आइडी कार्ड,पासपोर्ट या सरकार की ओर से जारी कोई अन्य पहचान पत्र साथ ले जा सकते हैं।परीक्षा केंद्र पर स्मार्ट वाच, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रानिक पेन, स्कैनर, डिजिटल पेन, मोबाइल, कैमरा, ब्लूटूथ और इयरफोन सहित अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण लेकर जाना मना है। काला या नीला बालपेन और पारदर्शी पानी की बोतल
एनालाग घड़ी आप ले जा सकते हैं।

एम्स बीबीनगर में सीनियर रेजिडेंट के पदों पर आवेदन का आखिरी मौका, अभी करें पंजीकरण

News web media Utttarakhand : ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज, आज बीबीनगर में सीनियर रेजिडेंट (नॉन एकेडमिक) पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त कर देगा। इच्छुक, जिन्होंने अभी तक इन पदों के लिए आवेदन नहीं किया है, वे तुरंत एम्स बीबीनगर की आधिकारिक वेबसाइट- aiimsbibinagar.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती का लक्ष्य सीनियर रेजिडेंट के 71 पदों को भरना है।

पात्रता मानदंड
इस भर्ती में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों का संबंधित क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी/ एमएस/ डीएम/ एमसीएच) होना आवश्यक है। इसके साथ ही 31 अगस्त 2024 को ध्यान में रखते हुए आवेदको की अधिकतम आयु 45 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु में नियमानुसार छूट दी जाएगी।
चयन प्रक्रिया
इस भर्ती में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार दौर से गुजरना होगा। साक्षात्कार 3, 4 और 5 सितंबर 2024 को “दूसरी मंजिल, सभागार, एम्स बीबीनगर” के पते पर आयोजित किये जाएंगे। साक्षात्कार का समय सुबह 9 बजे से है, जिसमें शामिल होने के लिए रिपोर्टिंग टाइम सुबह 8 बजे तय किया गया है।

कैसे करें आवेदन?

  • सबसे पहले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट aiimsbibinagar.edu.in पर जाएं।
  • अब होम पेज पर रिक्रूटमेंट में जाकर सीनियर रेजिडेंट पर क्लिक करें।
  • अब आपको अगले पेज पर भर्ती से संबंधित आवेदन लिंक पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद आपको रिक्रूटमेंट पोर्टल पर ईमेल दर्ज करके लॉग इन करना होगा।
  • अब पोर्टल पर पहुंचकर उम्मीदवार आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं।

यूपी नीट यूजी काउंसलिंग के लिए पंजीकरण शुरू, सीट आवंटन 30 अगस्त को; देखें पूरा विवरण

उत्तर प्रदेश नीट यूजी काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। योग्य उम्मीदवार काउंसलिंग पोर्टल upneet.gov.in. पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवार काउंसलिंग प्रक्रिया से जुड़ा विवरण नीचे पढ़ सकते हैं।

24 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम

काउंसलिंग कार्यक्रम के अनुसार , अभ्यर्थियों को 24 अगस्त को सुबह 11 बजे तक ऑनलाइन पंजीकरण कर अपना विवरण अपलोड करना होगा। शुल्क उसी दिन दोपहर 2 बजे तक जमा किया जा सकेगा।

मेरिट सूची 24 अगस्त को घोषित की जाएगी और अभ्यर्थी शाम 5 बजे (24 अगस्त) से सुबह 11 बजे (29 अगस्त) के बीच अपने विकल्प भर सकेंगे।

30 अगस्त को सीट आवंटन

यूपी नीट काउंसलिंग के लिए सीट आवंटन परिणाम 30 अगस्त को घोषित किया जाएगा। चयनित उम्मीदवार इस दिन से अपने आवंटन पत्र डाउनलोड कर सकेंगे और 31 अगस्त से 5 सितंबर तक प्रवेश ले सकते हैं।

शुल्क विवरण

यूपी नीट यूजी काउंसलिंग के लिए पंजीकरण शुल्क 200 रुपये है और इसका भुगतान ऑनलाइन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उम्मीदवारों को सरकारी सीटों के लिए 30,000 रुपये, निजी मेडिकल सीटों के लिए 2,00,000 और निजी डेंटल सीटों के लिए 1,00,000 रुपये का सुरक्षा शुल्क भी जमा करना होगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केवल उन अभ्यर्थियों को विकल्प भरने की अनुमति दी जाएगी जिन्होंने सुरक्षा शुल्क ऑनलाइन जमा किया है और जिनके रिकॉर्ड सत्यापित हैं।

हेल्पलाइन

यूपी नीट यूजी काउंसलिंग के लिए आवेदन करते समय सहायता के लिए, उम्मीदवार तकनीकी हेल्पलाइन नंबरों – 8189011696, 8189011697 8189011698,8189011699,8189011700 पर संपर्क कर सकते हैं या upneetcounseling2024@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।

यूपी नीट यूजी काउंसलिंग के लिए ऐसे करें आवेदन

  • सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट upneet.gov.in. पर जाएं।
  • “राज्य मेरिट के लिए पंजीकरण” लिंक खोलें।
  • लॉग इन करने के बाद पंजीकरण फॉर्म भरें।
  • पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें।
  • सुरक्षा शुल्क का भुगतान करें।
  • एक बार यह हो जाने पर, विकल्प भरने के लिए आगे बढ़ें।

सीबीएसई जल्द जारी करेगा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम

News web media Uttarakhand : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही कक्षा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम जारी करने वाला है.सीबीएसई कक्षा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा के परिणाम की घोषणा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, नतीजे कभी भी घोषित किए जा सकते हैं. इस परीक्षा में भाग लेने वाले स्टूडेंट्स रिजल्ट जारी होने के बाग सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट्स या डिजिलॉकर पर जाकर अपना परिणाम चेक कर सकेंगे.

सीबीएसई की वेबसाइटों पर छात्रों को अपना परिणाम देखने के लिए रोल नंबर, स्कूल नंबर और एडमिट कार्ड आईडी दर्ज करना होगा. इस साल, कक्षा 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा में कुल 1,32,337 छात्रों ने भाग लिया था. परीक्षा 15 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी.परीक्षा में छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था ताकि वे अच्छे से प्रश्न पत्र पढ़ सकें.

सीबीएसई के अनुसार, पिछले साल के फाइनल रिजल्ट में 10वीं क्लास की पास प्रतिशत 93.06 रहा था. इस बार कंपार्टमेंट परीक्षा के नतीजे की घोषणा बहुत जल्दी की जाएगी.12वीं के कंपार्टमेंट रिजल्ट जारी हो चुका है. अब 10वीं के रिजल्ट का इंतजार है. 12वीं कंपार्टमेंट परीक्षा में लड़कियों की पास प्रतिशत 33.47 और लड़कों की 27.90 रहा.

सीबीएसई के नियमों के अनुसार, हर विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है परीक्षा पास करने के लिए. छात्रों को सिर्फ मैन विषयों में फेल होने पर ही कंपार्टमेंट परीक्षा में भाग लेने का मौका दिया जाता है. यह छात्रों को अपने एक साल को बर्बाद होने से बचाता है. सीबीएसई ने इस साल रिवैल्यूएशन के लिए भी मौका दिया है, जिसमें छात्र अपने अंकों को सुधार सकते हैं. जो स्टूडेंट्स इस परीक्षा में भी पास नहीं हो पाएंगे उन्हें फिर अगले साल की मेन परीक्षा में शामिल होना होगा.

सीयूईटी यूजी परीक्षा में कितने अंक वाले होंगे पास? जानें सभी वर्गों के लिए पासिंग मार्क्स

News web media Uttarakhand : कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट परीक्षा कुल 800 अंकों की होती है। निश्चित ही विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन पाने के लिए अधिक से अधिक अंक लाने होते हैं। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि सीयूईटी यूजी परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक क्या है, तो आपको बता दें कि एनटीए की तरफ से कोई न्यूनतम उत्तीर्ण अंक सुनिश्चित नहीं किया गया है। सीयूईटी परीक्षा में कई अलग-अलग पाठ्यक्रम और कार्यक्रम हैं, जिनमें से प्रत्येक के लिए सीयूईटी उत्तीर्णता अंक और अन्य पूर्वापेक्षाएं अलग-अलग हैं।

सभी वर्गों के लिए पासिंग मार्क्स क्या है?
अनुमानित आंकड़े के अनुसार सीयूईटी यूजी परीक्षा पास करने के लिए कम से कम 300 से 400 अंक विद्यार्थियों को लाने ही चाहिए। सामान्य और ओबीसी (OBC) श्रेणियों के लिए सीयूईटी उत्तीर्ण अंक 400 से 450 के बीच होने की उम्मीद है। सीयूईटी सेक्शन-। भाषा A और B दोनों के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 80 से 90 के बीच होंगे। सीयूईटी के सेक्शन-। डोमेन विशिष्ट विषयों को पास करने के लिए कम से कम 120 अंक प्राप्त करना आवश्यक है।

कई पारंपरिक परीक्षाओं के विपरीत, जिनमें उत्तीर्णता के लिए एक निश्चित अंक होता है, सीयूईटी में कोई मानक उत्तीर्णता अंक नहीं है जो सभी पाठ्यक्रमों, विषयों और कॉलेजों पर लागू हो।

सीयूईटी उत्तीर्ण अंकों का अनुमानित वर्गीकरण 

  • बहुत अच्छा स्कोर 700+ है, और सामान्यीकृत स्कोर 200 से ऊपर होने की उम्मीद है।
  • सीयूईटी में अच्छे अंक 500-650 के बीच होते हैं, तथा सामान्यीकृत अंक 170-200 के बीच होते हैं।
  • सीयूईटी में औसत स्कोर 400-600 के बीच होता है, और सामान्यीकृत स्कोर 140-170 के बीच होता है।
  • सीयूईटी में न्यूनतम स्कोर 200-400 के बीच होगा, तथा सामान्यीकृत स्कोर 110-130 के बीच होगा।

कट-ऑफ का निर्धारण कौन और कैसे करता है?

परीक्षा बोर्ड जल्द ही सीयूईटी यूजी परीक्षा कट-ऑफ की घोषणा करेगा। भाग लेने वाले संस्थान अपने कट-ऑफ स्कोर निर्धारित करेंगे। मेरिट सूची पर विचार करने के लिए छात्रों को अपेक्षित कट-ऑफ अंक के बराबर या उससे अधिक अंक प्राप्त करने होंगे।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, नीट परीक्षा विवाद पर होगा निर्णय

News web media Uttarakhand  :  नीट पेपर लीक मामले में 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं. उनमें से ज्यादातर याचिकाएं नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच आज उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का विरोध किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि परीक्षा रद्द होने से उन लाखों छात्रों को नुकसान होगा जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी.

नीट मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में निम्नलिखित मुद्दों पर कहा है

  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है यह तो स्पष्ट है. अगर परीक्षा वाले दिन ही बच्चों को पेपर मिला था और उसे याद किया गया इसका मतलब पेपर केवल स्थानीय स्तर पर ही लीक हुआ था, लेकिन अगर हमें यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे, तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि आप जानते हैं कि हम यह क्यों पूछ रहे हैं? यदि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि लीक और परीक्षा के बीच समय अंतराल अधिक नहीं था तो यह दोबारा परीक्षा के लिए प्रतिकूल है और यदि समय अंतराल व्यापक है तो यह दर्शाता है कि लीक व्यापक था. यदि पवित्रता प्रभावित होती है तो पुनः परीक्षण करना पड़ता है, लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि 24 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा होना मुश्किल है. अगर हम देखें कि यह लीक सोशल मीडिया पर था तो यह बेहद व्यापक है. अगर यह टेलीग्राम व्हाट्सएप के माध्यम से है तो यह जंगल की आग की तरह फैल गया होगा.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने एनटीए को पेपर प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने की प्रक्रिया से संबंधित 11 सवालों पर जवाब देने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम यह जनना चाहते हैं कि पेपर लीक की टाइमलाइन और पेपर के बीच के अंतराल कितना है. 23 लाख से ज्यादा छात्र हैं और बड़े पैमाने पर अगर इसमें गड़बड़ी है तो हमें पेपर रद्द करना होगा.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा बैंक लॉकर में पेपर कब भेजे गए, क्या समय था परीक्षा का? एनटीए के वकील ने कहा कि 5 मई, दोपहर 2 बजे. देश में 4700 और 15 केंद्र विदेश में बनाए गए थे. इस परीक्षा में 24 लाख कैंडिडेट बैठे. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा विदेश कैसे भेजे गए? एनटीए ने कहा कि एंबेसी के जरिए. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा देश में किसी अधिकारी के जरिए या किस तरह शहरों में पेपर भेजे गए? एनटीए ने कहा हम जानकारी करके बताते हैं.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा कि यह कैसे कहा जा सकता है कि पूरी परीक्षा में गड़बड़ हुई है?
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि तो प्रश्नपत्र का लीक होना एक स्वीकृत तथ्य है. इस पर एसजी ने कहा कि पटना में एक जगह जहां अपराधी को गिरफ्तार किया गया है और जो छात्र लाभार्थी थे उनके परिणाम रोक दिए गए हैं.
  • याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने ग्रुप्स ऑफ कैंडिडेट की पुष्टि की थी. इसमें काफी कुछ ऐसा है जो अभी तक सामने नहीं आया, ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर से कराया जाना ही एक विकल्प है. एनटीए का कहना है कि ये सब छोटे स्तर पर हुआ. इसकी जांच सीबीआई कर रही है, जबकि मामले में 6 एफआईआर हुईं और अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जांच कर रही है. यह पेपर लीक कहां तक है, जबकि पटना, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड और राजस्थान तक सामने आया है.
  • याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने ग्रुप्स ऑफ कैंडिडेट की पुष्टि की थी. इसमें काफी कुछ ऐसा है जो अभी तक सामने नहीं आया, ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर से कराया जाना ही एक विकल्प है.
  • उन्होंने कहा कि परीक्षा की साख से समझौता किया गया है. अगर प्रणालीगत स्तर पर धोखाधड़ी की साजिशों के लाभार्थियों को बेदाग लोगों से अलग नहीं किया जा सकता है तो इस अदालत ने पहले एक फैसले में माना है कि एक भी उम्मीदवार को अनुचित तरीकों से प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • छात्रों के वकील ने कहा कि कुल 6 FIR बिहार, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में हुई हैं. अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जांच कर रही है, लेकिन परीक्षा की साख नहीं रह गई. एनटीए ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है, यह बड़े पैमाने पर है और प्रणालीगत स्तर पर है. एनटीए का कहना है कि अभी तक वे निश्चित नहीं हैं कि गलती प्रणालीगत स्तर पर है या नहीं.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि आपके मुताबिक पूरी परीक्षा रद्द किया जाना ही हल है. एसजी ने कहा कि मान लीजिए मुझे गलत पेपर मिल गया तो दूसरा दिया जा सकता है. परीक्षकों को भी नहीं पता था कि पेपर एसबीआई में हैं या केनरा में, कोई आकस्मिक पेपर नहीं है. गलत पेपर दे दिया गया इसलिए सही बांट दिया गया बाद में, इनमें से कुछ केंद्रों पर 30 मिनट अतिरिक्त दिए गए. वकील ने कहा लेकिन 1563 में अनुग्रह अंकों के साथ 6 छात्र ऐसे थे जिन्होंने पूर्ण अंक प्राप्त किए. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि ठीक है 1563 में से 6 को पहले पूरे अंक मिले, दोबारा परीक्षण के बाद नहीं.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने बड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा आखिर हमें बताएं कि री-टेस्ट क्यों जरूरी है? इस पर याचिकाकर्ता के वकीलों ने कहा कि परीक्षा लीक हुई. पूरा सिस्टम फेल हुआ. साख खत्म हो गई परीक्षा की, गलत हुआ है.
  • उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस को संगठित अपराध के सबूत मिले हैं. मैंने नीचे एक टेबल दी है. 2021 में केवल तीन उम्मीदवारों को पूरे 720 अंक मिले थे. 2020 में केवल एक उम्मीदवार था. इस बार इतिहास में 67 छात्रों को पूरे अंक मिले. सीजेआई ने कहा कि 67 में से कितनों को ग्रेस मार्क्स मिले? क्या यह कहना सही है कि 1563 छात्र उस केंद्र से उपस्थित हुए जहां प्रश्नपत्रों का गलत सेट वितरित किया गया था?
  • वकील ने कहा कि जो पेपर इस्तेमाल किया जाना था वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ( तिजोरी) में था और जो आकस्मिक योजना के तौर पर रखा जाना था वह केनरा बैंक में था. लीक होने के बाद एनटीए ने कहा कि इस्तेमाल होने वाला प्रश्न केनरा बैंक से है और इससे समय की हानि हुई भी.
  • छात्रों के वकील ने कहा कि परीक्षा से ठीक एक दिन पहले 4 मई को एक टेलीग्राम चैनल ने खुलासा किया कि यह प्रश्न पत्र है और ये उत्तर हैं. 5 मई को परीक्षा थी.
  • सीनियर वकील ने कहा कि हम इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. 9 फरवरी को परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जारी किया गया था और परिणाम 14 जून को था. इसे पहले ही स्थगित कर 4 जून किया गया. कुछ घोटालेबाजों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र मांगे और 5 मई को परीक्षा हुई, इस तरह घोटाला हुआ.
  • याचिकाकर्ता छात्रों के वकीलों ने कहा कि हम चाहते हैं कि नीट-यूजी की परीक्षा रद्द कर दी जाए.
  • अब सुप्रीम कोर्ट लंच के बाद सुनवाई करेगा. बैंच सुनवाई के लिए 2 बजे बैठेगी.
  • चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम सभी वकीलों की दलील नहीं सुन सकते. सिर्फ कुछ ही पक्ष रखें.
  • परीक्षा को रद्द न करने की मांग करने वाले गुजरात स्थित छात्रों की ओर से पेश वकील का उल्लेख किया गया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि कृपया मामले का निपटारा होने तक प्रतीक्षा करें.
  • NEET-UG परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है.

केंद्र सरकार ने अपने हलफना में कहा है कि नीट का इम्तिहान होने के बाद कुछ गड़बड़ियां, धोखाधड़ी, चीटिंग के मामले कथित तौर पर सामने आए हैं. इन्हीं के चलते चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में जब अभी तक ऐसे तथ्य सामने नहीं आए हैं जो इशारा करते हैं की देशभर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी या धोखाधड़ी हुई है. यह सही नहीं होगा कि पूरे एग्जाम को रद्द कर दिया जाए.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने आरोपों की जांच पहले ही शुरू कर दी है और 23 जून को जांच का जिम्मा संभालने के बाद इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं. नीट परीक्षा में धांधली का विवाद बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया. इसमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन भी शामिल हैं.

काउंसलिंग हो चुकी स्थगित

एनटीए ने 5 मई को परीक्षा आयोजित की थी और 6 जून को परिणाम घोषित किए गए थे. 8 जुलाई को निर्धारित सुनवाई से पहले NEET UG 2024 के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी, लेकिन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजे की प्रतीक्षा में महीने के अंत तक काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है. अभी तक नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.

 

CLAT 2025: क्लैट परीक्षा 2025 के लिए 7 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी होगा

News web media Uttarakhand  : कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (सीएनएलयू) कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी) 2025 के लिए अधिसूचना 7 जुलाई को आधिकारिक वेबसाइट consortiumofnlus.ac.in पर जारी करेगा। सीएनएलयू से पाठ्यक्रम, आवेदन प्रक्रिया और परामर्श प्रक्रिया सहित परीक्षाओं के बारे में महत्वपूर्ण विवरण साझा करने की उम्मीद है। CNLU की आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, “CLAT 2025 का विज्ञापन 7 जुलाई, 2024 को प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित होने वाला है।” इससे पहले, CLAT 2025 परीक्षा की तारीखों की घोषणा मई में की गई थी, बयान के अनुसार, प्रवेश परीक्षा 1 दिसंबर, 2024 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा दोपहर 2 से 4 बजे तक एक ही पाली में आयोजित की जाएगी। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) भारत के 22 राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर कानून कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। परीक्षा का संचालन कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा किया जाता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर इन संस्थानों का प्रतिनिधित्व करता है। CLAT 2025: पात्रता मानदंड, CLAT UG 2025 के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कम से कम 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। एससी/एसटी छात्रों के लिए 40 फीसदी अंक जरूरी है. साथ ही 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।
लाॅ प्रेप देहरादून के निदेशक एस.एन.उपाध्याय ने बताया कि बीते वर्ष इस परीक्षा से 23 एनएलयू जुड़े थे। इस साल एनएलयू अगरतला भी जुड़ा है। यानी इस बार 24 एनएलयू के लिए यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा में 120 मिनट में विद्यार्थियों को 120 प्रश्न हल करने होंगे। इसमें 24 प्रश्न अंग्रेजी, 24 प्रश्न लाजिकल रीजनिंग, 32 प्रश्न लीगल रीजनिंग, 28 प्रश्न सामान्य ज्ञान/सम-सामयिक व 12 प्रश्न अंक गणित के होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। प्रत्येक गलत जवाब पर 1/4 अंक काट लिए जाएंगे। सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चार हजार और एससी-एसटी व बीपीएल वर्ग को 3500 रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा।

एनसीईआरटी किताब से हटा बाबरी मस्जिद का नाम, जोड़े गए ये नए टॉपिक

News web media Uttarakhand : एनसीईआरटी की 12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई रिवाइज्ड किताब मार्केट में आ चुकी है. इस किताब में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं. सबसे बड़ा बदलाव अयोध्या विवाद के टॉपिक को लेकर हुआ है, जहां किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र ही नहीं किया गया है. मस्जिद का नाम लिखने की जगह उसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ बताया गया है. अयोध्या विवाद के टॉपिक को चार की जगह दो पेज में कर कर दिया है.

एक अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या विवाद की जानकारी बताने वाले पुराने वर्जन भी हटा दिए गए हैं. इसमें गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक बीजेपी की रथयात्रा; कारसेवकों की भूमिका; 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा; बीजेपी शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन; और बीजेपी का अयोध्या में होने वाली घटनाओं पर खेद जताना शामिल है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार राजनीति विज्ञान की किताब में कौन से प्रमुख बदलाव हुए हैं.

12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद का परिचय मुगल सम्राट बाबर के जनरल मीर बाकी द्वारा निर्मित 16वीं शताब्दी की मस्जिद के रूप में किया गया. अब नई किताब में दिए चैप्टर में इसके बारे में कुछ इस तरह से जिक्र किया गया है, “एक तीन-गुंबद वाली संरचना, जो साल 1528 में श्री राम के जन्मस्थान स्थल पर बनाई गई थी, लेकिन संरचना के आंतरिक और बाहरी हिस्सों में हिंदू प्रतीकों और अवशेषों को साफ देखा जा सकता था.”

दो पन्नों से ज्यादा में अयोध्या विवाद का जिक्र करने वाली पुरानी किताब में फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला अदालत के आदेश पर फरवरी 1986 में मस्जिद के ताले खोले जाने के बाद ‘दोनों तरफ से’ लामबंदी के बारे में बात की गई थी. इसमें सांप्रदायिक तनाव, सोमनाथ से अयोध्या तक आयोजित रथ यात्रा, दिसंबर 1992 में राम मंदिर के निर्माण के लिए स्वयंसेवकों द्वारा की गई कार सेवा, मस्जिद का विध्वंस और उसके बाद जनवरी 1993 में हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र किया गया था. पुरानी किताब में बताया गया कि कैसे बीजेपी ने अयोध्या में हुई घटनाओं पर खेद व्यक्त किया और धर्मनिरपेक्षता पर गंभीर बहस का उल्लेख किया.

ऊपर बताई गई बातों को एक नए पैराग्राफ के साथ नई किताब में रिप्लेस किया गया है. नई किताब में लिखा गया है, “1986 में, तीन-गुंबद वाली संरचना के संबंध में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला अदालत ने संरचना के ताले को खोलने का फैसला सुनाया, जिससे लोगों को वहां पूजा करने की इजाजत मिली. यह विवाद कई दशकों से चल रहा था क्योंकि ऐसा माना जाता था कि तीन गुंबद वाली संरचना एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद श्री राम के जन्मस्थान पर बनाई गई थी.”

इसमें आगे लिखा गया है, “हालांकि, मंदिर का शिलान्यास किया गया था, फिर भी आगे निर्माण पर पाबंदी रही. हिंदू समुदाय को लगा कि श्री राम के जन्मस्थान से संबंधित उनकी चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है, जबकि मुस्लिम समुदाय ने संरचना पर अपने कब्जे को लिए आश्वासन मांगा. इसके बाद स्वामित्व अधिकारों को लेकर दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ा, जिसकी वजह से विवाद और कानूनी संघर्ष देखने को मिले. दोनों समुदाय लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे का निष्पक्ष समाधान चाहते थे. 1992 में ढांचे के विध्वंस के बाद कुछ आलोचकों ने तर्क दिया कि इसने भारतीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की.”

नई किताब में सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले का भी हुआ जिक्रराजनीति विज्ञान की किताब के नए वर्जन में अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक सब-सेक्शन जोड़ा गया है. इसका शीर्षक- ‘कानूनी कार्यवाही से सौहार्दपूर्ण स्वीकृति तक’ है. इसमें कहा गया है कि किसी भी समाज में संघर्ष होना स्वाभाविक है, लेकिन एक बहु-धार्मिक और बहुसांस्कृतिक लोकतांत्रिक समाज में इन संघर्षों को आमतौर पर कानून की पालन करते हुए हल किया जाता है. किताब में आगे अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के 5-0 के फैसले का जिक्र है. उस फैसले ने मंदिर निर्माण के लिए रास्ता तैयार किया. इस साल ही मंदिर का उद्घाटन किया गया है.

किताब में आगे लिखा गया है, “फैसले ने विवादित स्थल को राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को आवंटित कर दिया और संबंधित सरकार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए उचित स्थान आवंटित करने का निर्देश दिया. इस प्रकार, लोकतंत्र संविधान की समावेशी भावना को कायम रखते हुए हमारे जैसे बहुलवादी समाज में संघर्ष के समाधान के लिए जगह देता है.”

इसमें आगे लिखा गया है, “पुरातात्विक उत्खनन और ऐतिहासिक अभिलेखों जैसे साक्ष्यों के आधार पर कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए इस मुद्दे को हल किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समाज में बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया. यह एक संवेदनशील मुद्दे पर आम सहमति बनाने का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो भारत में लोगों के बीच निहित लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाता है.”

पुरानी किताब में विध्वंस के दौर के समय अखबार में लिखे आर्टिकल की तस्वीरें थीं, जिनमें 7 दिसंबर 1992 का एक आर्टिकल भी शामिल था. इसका शीर्षक था ‘बाबरी मस्जिद ध्वस्त, केंद्र ने कल्याण सरकार को बर्खास्त किया’. 13 दिसंबर, 1992 को छपे एक अखबार के आर्टिकल की एक हेडलाइन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यह कहते हुए कोट किया गया है, ‘अयोध्या बीजेपी की सबसे खराब गलतफहमी है.’ नई किताब में सभी अखबारों की कटिंग को हटा दिया गया है.

उत्तराखंड: सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 3253 पदों पर भर्ती… डीएलएड वाले होंगे पात्र

News web media Uttarakhand : प्रदेश में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 3253 पदों पर भर्ती के लिए शिक्षा विभाग को चुनाव आयोग से मंजूरी मिल गई है। जिससे इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। इसमें 1,250 पद वर्ष 2018, 2020 एवं 2021 की रुकी भर्ती के हैं। भर्ती के लिए बीएड डिग्री को अमान्य करने के बाद केवल डीएलएड वाले ही इन पदों पर भर्ती के पात्र होंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए विभाग ने वर्ष 2018, 2020 एवं 2021 में 3099 पदों के लिए आवेदन मांगे थे।

उस दौरान शिक्षक भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता बीएड और डीएलएड को मान्य किया गया था, लेकिन बाद में शासन ने एनआईओएस से डीएलएड को भी मान्य कर दिया। कुछ समय बाद शासन ने एनआईओएस से डीएलएड मान्य वाला आदेश रद्द कर दिया, जिससे भर्ती विवादों में उलझ गई। इसके बाद सरकार ने बीएड अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती के लिए अमान्य कर दिया है।

इसके लिए सेवा नियमावली 2012 में संशोधन किया गया है। हालांकि, इस संशोधन से पहले डीएलएड के साथ ही कुछ बीएड अभ्यर्थी 1849 पदों पर भर्ती हो चुके हैं। विभाग की ओर से अब पूर्व के अवशेष 1250 पदों के साथ ही वर्तमान में खाली 2033 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करनी है।