झंडा जी का ऐतिहासिक आरोहण आज पूरी धार्मिक रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा।झंडारोहण के चलते झंडे जी मेला इलाके में आज ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा।

कोरोना के कारण लगातार दूसरे साल झंडा जी मेला नगर परिक्रमा के बाद संपन्न हो जाएगा। झंडा जी का ऐतिहासिक आरोहण शुक्रवार को पूरी धार्मिक रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा। श्री दरबार साहिब मेला प्रबंधन का दावा है कि बड़ी संख्या में दून से संगतें नाराजगी के साथ वापस लौटी हैं।  प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक श्री झंडा जी मेला इस साल धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कर सूक्ष्म स्वरूप में किया जाएगा। शुक्रवार सुबह सात बजे से पुराने श्री झंडा जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू होगा, जो दोपहर तक जारी रहेगा। अपराह्न 3 बजे से पूर्व श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुवाई में श्री झंडा जी का आरोहण होगा। मेला व्यवस्थापक कैलाश चंद्र जुयाल ने बताया कि चार अप्रैल को नगर परिक्रमा होगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल नगर परिक्रमा का रूट छोटा व परिवर्तित रहेगा। नगर परिक्रमा के साथ इस वर्ष के श्री झंडा जी मेले का समापन हो जाएगा।

दरबार साहिब से लौटी पूरब की संगत: झंडा आरोहण से पहले ही परंपरागत तरीके से पूरब की संगत ने दरबार साहिब से विदाई ले ली है। गुरुवार को श्रीमहंत देवेन्द्र दास ने पूरब की संगत को पगडी, ताबीज, प्रसाद देकर विदा किया। कोविड के कारण पूरब की संगत के लौटने की प्रक्रिया एक दिन पहले शुरू हुई है। उधर, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आयोजन समिति की ओर से झंडा जी आरोहण के दौरान कड़ी व्यवस्था की गई है।

गुरु मंत्र पाकर धन्य हुईं संगतें
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने श्री झंडा जी मेला की पूर्व संध्या पर संगतों को गुरुमंत्र दिया। गुरु मंत्र पाकर संगत धन्य-धन्य हो गईं। संगतों ने गुरुमंत्र को आत्मसात करते हुए श्री गुरु महाराज का आशीर्वाद लिया। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने गुरु महिमा को समझाया। कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, उसे पृथ्वी पर स्वर्ग की अनुभूति मिल जाती है।

झंडा मेला इलाके में ट्रैफिक डायवर्ट
देहरादून। झंडारोहण के चलते झंडे जी मेला इलाके में आज ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा। एसपी ट्रैफिक एसके सिंह ने बताया कि इसके लिए बैरिकेडिंग लगाकर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सहारनपुर चौक, गऊघाट तिराहा,  दर्शनी गेट,  तालाब के चारों ओर, भंडारी चौक (गुरुद्वारे की ओर आने वाले सभी मार्गों) पर बैरियर लगाकर वाहनों का प्रवेश रोका जाएगा।  यातायात का भारी दबाव होने पर निरंजन पुर मण्डी से सहारनपुर चौक की ओर कमला पैलेस तिराहे कि ओर व बल्लीवाला से सहारनपुर चौक की ओर आने वाले यातायात को बल्लीवाला चौक से डायवर्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झंडे जी मेले में आने वाले लोग भी अपना निजी वाहन लाने से बचें। इससे पहचान से बच पाएंगे। मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र कड़े इंतजाम किए गए हैं। गुरुवार को एडीएम वित्त वीर सिंह बुदियाल साहब, एसपी सिटी सरिता डोभाल, सिटी मजिस्ट्रेट कुशुम चैहान, एसडीएम सदर, सीओ सिटी शेखर सुयाल, एसएचएओ कोतवाली एसएस नेगी ने परिसर का निरीक्षण किया

राज्य गठन के बीस वर्ष बीतने के बाद भी राज्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से वंचित क्यों?

उत्तर प्रदेश से अलग होकर पृथक प्रदेश के रूप में उत्तराखंड का गठन हुए 20 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। उत्तराखंड को राज्य घोषित करने के लिए व्यापक आंदोलन चलाया गया क्योंकि पहाड़ की जनता उत्तर प्रदेश मैं खुद को उपेक्षित महसूस कर रही थी। अपने सपनों के उत्तराखंड की मांग को लेकर जनान्दोलन चलाया गया और शहादत भी दी गई परंतु आज 20 वर्ष बाद यहां की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। राज्य गठन के बाद पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को लगता था छोटा राज्य होने के कारण इसका समुचित विकास होगा लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो पाया। 20 वर्ष बाद भी एक नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना तक नहीं हो पाई जिसके कारण विधि की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों का रुख करना पड़ रहा है जिससे इस राज्य के विद्यार्थियों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उक्त संबंध में वर्ष 2011 में उत्तराखंड विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर उत्तराखंड विधि विश्वविद्यालय का गठन करने की घोषणा की गई।उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित भवाली में उत्तराखंड विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया परंतु यह केवल घोषणा तक ही सीमित रह गया और धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ।उक्त संबंध में माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल में सन 2014 में दो जनहित याचिका प्रस्तुत की गई जिसमें उत्तराखंड में विधि विश्वविद्यालय के गठन  सम्बंधी समुचित आदेश पारित करने का निवेदन किया गया परंतु कुछ नहीं हुआ।तदोपरान्त सन् 2018 में राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 3(4) मैं संशोधन किया गया जिसके अनुसार उत्तराखंड विधि विश्वविद्यालय का मुख्यालय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित स्थानों के चयन के बाद सुनिश्चित करने का निर्णय किया गया। उक्त संबंध में दिनांक 13-04-2018 को राज्य के आफिसियक गजट में उक्त संशोधन को घोषित किया गया उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के 7 वर्ष के बाद भी राज्य सरकार द्वारा मुख्यालय के लिए स्थल चयन का कार्य नहीं पूर्ण हो सका। इन परिस्थितियों के मध्य नजर माननीय उच्च न्यायालय ने 2014 में दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिनांक 19-06-2018 को निम्न आदेश पारित किए गये-

  1. यह कि राज्य सरकार उक्त आदेश के 3 महीने के अन्दर राज्य विधि विश्वविद्यालय प्रारंभ करें।
  2. यह कि राज्य सरकार को निर्देश दिए गए कि वह उक्त विश्वविद्यालय किसी सरकारी बिल्डिंग में या किसी प्राइवेट भवन में समुचित किराए पर लेकर भी विश्वविद्यालय प्रारंभ कर सकता है।
  3. यह कि राज्य सरकार तराई क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए उधम सिंह नगर या अन्य तराई क्षेत्र में 1800 एकड़ भूमि का चयन करके निर्माण कार्य प्रारंभ करें।
  4. कि उक्त विश्वविद्यालय में सितंबर 2018 से शैक्षणिक सत्र प्रारंभ कर दिया जाए और इसके लिए आवश्यक अनुमति यों को बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया शीघ्राति शीघ्र प्राप्त कर लिया जाए।
  5. यह के आदेश की तिथि के 1 महीने के अंदर विश्वविद्यालय अधिनियम का विनियमन तैयार करें क्योंकि अभी तक उक्त अधिनियम हेतु आवश्यक विनियमन तक नहीं पारित किए गए हैं इसके लिए 1 महीने की समय सीमा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई।

इसके अतिरिक्त यह भी निर्देश दिए गए कि विश्वविद्यालय अधिनियम के अधीन सभी नियुक्तियां जिसमें शैक्षणिक और प्रशासनिक शामिल हैं आदेश के 3 महीने के अंदर पूरी कर ली जाये।परंतु दुर्भाग्यवश 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक उक्त संबंध में कोई समुचित कार्यवाही नहीं की गई हालांकि माननीय राज्यपाल उत्तराखंड द्वारा दिनांक 13-02-2019 को एक अधिसूचना जारी करते हुए यह कहा कि उत्तराखंड के देहरादून जिले में रानी पोखरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का मुख्यालय बनाया जाए।

माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन न करने के कारण माननीय उच्च न्यायालय में सन 2019 को न्यायालय की अवमानना के बाद दायर किया गया जिस के परीक्षण के बाद न्यायालय ने यह स्थापित किया कि 19-06-2018 को पारित आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया मात्र 13-02-2018 को माननीय राज्यपाल उत्तराखंड द्वारा अधिसूचना जारी कर दिया गया लेकिन कोई कार्य नहीं किया गया।

उक्त अवमानना  याचिका के विरुद्ध में राज्य सरकार सुप्रीम न्यायलय में समीक्षा याचिका दायर की जिसके परीक्षण के उपरान्त सर्वोंच्च न्यायलय ने उच्च न्यायलय नैनीताल के आदेश पर स्थगनादेश पारित किया।

किसी भी राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी होती है कि वह राज्य में मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें। जिसमें स्वास्थ्य शिक्षा और आजीविका अनिवार्य क्षेत्र हैं परंतु दुर्भाग्यवश ऐसा इस नवगठित राज्य में होता नहीं दिख रहा है।शिक्षा के क्षेत्र में यह राज्य पिछड़ता चला जा रहा है अन्य राज्यों से तुलना करें तो उत्तराखंड में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एक्ट 2011 में विधानसभा में पारित किया गया तब से अन्य राज्यों में 9 एन एल यू स्थापित किए जा चुके हैं जिनमें नव गठित राज्य छत्तीसगढ़ झारखंड और हिमाचल अपने राज्य में इसकी स्थापना कर चुके हैं।

 

किसी भी राज्य में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना कितनी महत्वपूर्ण है इसका वर्णन राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय अधिनियम में किया गया है।

  1. राष्ट्रीय विकास के लिए कानून कानूनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए।

2.सामाजिक परिवर्तन के लिए एक माध्यम के रूप में कानूनी प्रक्रिया बनाने के लिए कानून के ज्ञान को प्रोत्साहित करना।

  1. विधिक क्षेत्र में सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए एक भावना विकसित करने और कानूनी क्षेत्र में छात्रों और शोधों को अमल में लाने के लिए विधिक कौशल को विकसित करना।

इन उद्देश्यों को विकसित करने में उत्तराखंड की सरकार विफल रही है जनहित की अपेक्षा करके केवल अपने हितों की पूर्ति मैं संलग्न होने की राजनेताओं की प्रवृत्ति इस राज्य के विकास की सबसे बड़ी बाधा है।

राज्य में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इसके गठन से इस राज्य के विद्यार्थियों को अपने राज्य के विश्वविद्यालय में आरक्षण मिलता है इसके अतिरिक्त गुणवत्ता पूर्व कानूनी शिक्षा मिलने से यहां के युवाओं को रोजगार के अतिरिक्त सरकार समाज और कंपनियों के लिए भी सक्षम नेतृत्व प्रदान करने का अवसर मिलेगा जो इस दुर्गम और पिछड़े प्रदेश के लिए प्राथमिकता समझा जाना चाहिए परंतु इस क्षेत्र में इस संबंध में सार्थक पहल अभी तक इंतजार है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कुंभ मेला क्षेत्र में कोविड जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये।

कुंभ मेले में कोरोनावायरस के मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट लगातार गंभीर है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को कुंभ मेला क्षेत्र में रोजाना 50 हजार कोविड जांचें कराने के दिशानिर्देश दिए। साथ ही संबंधित रिपोर्ट को नियमित रूप से सरकारी वेबसाइट पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है। बुधवार को क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कुंभ मेला क्षेत्र में कोविड जांच की संख्या बढ़ाकर रोजाना 50 हजार करने के निर्देश दिये।

इसके अलावा हाईकोर्ट ने कुंभ मेला क्षेत्र अंतर्गत रोडवेज, बस स्टैंड समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जांच शिविर लगाने को कहा। साथ ही ऋषिकेश, बेस अस्पताल, गौरीशंकर हॉस्पिटल समेत बैरागी कैंप में सुविधाएं सुधारने और आवश्यक स्थानों पर स्वागत द्वार लगाने के भी निर्देश दिए।  हाईकोर्ट बीते दिनों भी मुख्यमंत्री की घोषणा के उलट कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता का फैसला सुना चुका है।

राज्य सरकार ने भी कोर्ट में रखा पक्ष
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से भी कुंभ मेले को लेकर पक्ष रखा गया। सरकार ने बताया कि स्वर्गाश्रम के छह घाटों के लिए 30 लाख और नीलकंठ स्वर्गाश्रम रोड के सौन्दर्यीकरण के लिए 3.35 करोड़ स्वीकृत कर दिए गए हैं। जिसमें प्राथमिक कार्य कुंभ से पूर्व शेष बाद में किए जाएंगे। इससे पूर्व याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि अभी भी कई घाटों में कार्य पूरा नहीं हुआ है। शौचालयों की हालत भी अच्छी नहीं है।

उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्धारा कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता से कुंभ और चारधाम यात्रा पर पड़ सकता है असर

कोरेाना रेाकने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू किए सख्त प्रतिबंध का असर कुंभ मेल और चारधाम यात्रा पर असर पड़ सकता है। उत्तराखंड में प्रवेश के लिए 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की अनिवार्यता से श्रद्धालुओं की संख्या घटने की आशंका है। सरकार भी इस पहलू को लेकर चिंतित है, लेकिन जिस प्रकार कोरोना संक्रमण दोबारा सिर उठाने लगा है, उसमें सख्ती करना भी लाजिमी हो गया है। वर्तमान में कुंभ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आ रहे हैं।  सरकारी आंकड़ृों के अनुसार हर दिन एक लाख के करीब श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगाने आ रहे हैं।

11 मार्च को हुए शाही स्नान में करीब 35 लाख श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। पर, अब एक अप्रैल से आरटीपीसीआर टेस्ट की बाध्यता लागू होने जा रही है। जिन 12 राज्यों के श्रद्धालुओं, पर्यटकों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उन्हीं में से कुंभ और चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड में प्रवाह सबसे ज्यादा रहता है। न केवल कुंभ बल्कि चार धाम यात्रा और मानसून के दौरान कांवड़ यात्रा में भी इन राज्यों से लोग उत्तराखंड में उमड़ पड़ते हैं।

कुंभ तो अभी चल ही रहा है। मई के महीने से चारधाम यात्रा भी शुरू होने जा रही है। मई के दूसरे पखवाड़े में केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख तय हो चुकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता की शर्त से लोग हिचकेंगे। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी भी है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति प्रवेश कर जाता है तो औरों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है।

इन राज्यों पर सख्ती: दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाड़ु, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान

यात्री घटे तो पर्यटन-ट्रांसपोर्ट कारोबार को लगेगा झटका
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा सीजन को पर्यटन और ट्रांसपोर्ट कारोबार के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के कारण यह सेक्टर करीब करीब चौपट ही हो गया था। अब इस सेक्टर में थोड़ी रौनक लौटी है। अब डर है कि कहीं कोरोना ने दोबारा सिर उठा लिया तो फिर से मुश्किलों का वही दौर शुरू हो सकता है।

‘कुछ राज्यों में कोरेाना संक्रमण दोबारा बढ़ रहा है। इस संक्रमण का दायरा सीमित रखने के लिए ऐहतियात बरतना जरूरी है। कुंभ स्नान के लिए पूरे देश भर से श्रद्धालु हरिद्वार आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को कोरोना के संक्रमण बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने जरूरी है। इसीलिए आज एडवाइजरी जारी की गई है। मेरी अपील है कि कोरेाना से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोग स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का पालन करें। सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के मानक को कड़ाई से पालन किया जाए।
सुबोध उनियाल, काबीना मंत्री/सरकारी प्रवक्ता

सल्ट उपचुनाव:सल्ट उपचुनाव 2022 का लिटमस टेस्ट,भाजपा के महेश जीना और कांग्रेस की गंगा पंचोली आज करेंगे नामांकन,दोनों के बीच कांटे की टक्कर।

उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी महेश जीना और कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली मंगलवार को नामांकन करेंगे। भिकियासैंण में प्रातः साढ़े दस बजे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, सल्ट चुनाव के संगठन प्रभारी सुरेश भट्ट,कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, डॉ.धन सिंह रावत आदि मौजूद रहेंगे। नामांकन के बाद जनसभा का भी आयोजन किया गया है। महेश पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई है। भाजपा चुनाव में सहानुभूति बटोरने की पूरी कोशिश करेगी।

जबकि, कांग्रेस की गंगा पंचोली  वर्ष 2017 के चुनाव में सल्ट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। उस वक्त वह 2904 वोट से जीत से चूक गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में भी गंगा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी।  बता दें कि भारत निर्चावन आयोग के तय कार्यक्रम के मुताबिक उत्तराखंड में 17 अप्रैल को अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा की रिक्त सीट पर मतदान होगा। सल्ट चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 30 मार्च नियत की है। 3 अप्रैल का दिन नाम वापसी के लिए तय किया गया है। 17 अप्रैल को मतदान के बाद मतगणना दो मई को होगी।

गौरतलब है कि नवंबर माह में उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। विधायक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इससे कुछ दिन पहले उनकी पत्नी का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। सुरेंद्र सिंह जीना काफी लोकप्रिय थे। सुरेंद्र लगातार तीसरी बार विधायक बने थे। उनके निधन से सल्ट विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी। अब भाजपा ने महेश जीना को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली ने पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी।

सल्ट विस चुनाव: 2017
43083 वोट पड़े थे टोटल
एसएस जीना    21581
गंगा पंचौली     18677
जीत का अंतर   2904
नोटा             812

उत्तराखंड की भले ही एक ही सीट पर उपचुनाव हो रहा है, लेकिन ये काफी अहम माना जा रहा है. यह उपचुनाव इसीलिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगले साल 2022 के विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में इस सीट की जीत हार के सियासी मायने निकाले जाएंगे, जिसके लिए इसे 2022 का लिट्मस टेस्ट भी माना जा रहा है। बीजेपी में नवनियुक्त सीएम तीरथ सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष बने मदन कौशिक की परीक्षा भी है. बीजेपी यह उपचुनाव जीती तो तीरथ रावत और कौशिक मजबूत होंगे,सीट गंवाई तो पार्टी से लेकर सरकार के लिए एक बड़ा झटका होगा ।

उत्तराखंड : कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट एवं वैक्सीनेशन में तेजी लायें ।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए की कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट एवं वैक्सीनेशन में तेजी लाई जाए। हरिद्वार कुंभ स्नानों के दृष्टिगत हरिद्वार में वैक्सीनेशन और आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य में जिन स्थानों पर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन स्थानों पर कंटेनमेंट एवं माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं एवं टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाय।
जिन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे राज्यों के जिन स्थानों पर अधिक मामले मिल रहे हैं, जो भी लोग उत्तराखंड आ रहे हैं, उनको कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने पर ही प्रवेश दिया जाए। इसके लिए शीघ्र गाइडलाइन जारी की जाए।

एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश में खराब व्यवस्थाओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए की व्यवस्थाओं को जल्द सुधारा जाए एवं कार्य के प्रति लापरवाही दिखाने वालों पर सख्त कारवाई की जाय। हरिद्वार कुंभ एवं आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय। कुंभ स्नान के दृष्टिगत पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय। बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री शैलेश बगोली, श्री एस ए मुरुगेशन आदि उपस्थित थे।

आज ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद के तत्वावधान में महात्मा खुशीराम सार्वजनिक पुस्तकालय में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया।

आज दिनांक २७.०३.२०२१ दिन शनिवार ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद के तत्वावधान में महात्मा खुशीराम सार्वजनिक पुस्तकालय में होली मिलन समारोह आयोजित किया गया। उक्त अवसर पर भजन कीर्तन एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा रंगारंग होली मनाई गई। उक्त अवसर पर संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्ध नाथ उपाध्याय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस पी पाठक, महासचिव डी पी पाण्डेय एवं प्रवक्ता तथा सचिव श्री वी डी शर्मा, दिनेश मिश्र एवं अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में देवभूमि पत्रकार यूनियन द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया है।

देहरादून :आज दिनांक 25/03/2021 स्थान उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में देवभूमि पत्रकार यूनियन द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया है। जिसकी अध्यक्षता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री हरबंस कपूर द्वारा किया गया और मुख्य अतिथि के रूप में जस्टिस राजेश टंडन, पूर्व अध्यक्ष विधि आयोग की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। मंच संचालन देवभूमि पत्रकार यूनियन के प्रदेश महासचिव श्री वी.डी.शर्मा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा रंगारंग होली मनाई गई। उक्त अवसर पर देवभूमि पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय जायसवाल प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री सिद्ध नाथ उपाध्याय, दिनेश मिश्र, सुभाष चन्द्र जोशी मंत्री उत्तराखंड सरकार, सुरेश चावला, रजत शर्मा सतीश शर्मा आदि मौजूद रहे।

हरिद्वार कुम्भ 2021 : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आने वाले श्रद्धलुओ के लिए कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी ।

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा की केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन सख्ती से किया जायगा । कोर्ट ने कहा की राज्य में कोरोना की स्थिति देखते हुए श्रद्धलुओ को covid RTPCR की नेगेटिव रिपोर्ट लानी आवश्यक होगी और इसके साथ श्रद्धालु कोरोना वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट भी दिखा सकते है ।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत फैसले को गलत बताते हुए कहा की हरिद्वार कुम्भ में शामिल हो रहे श्रद्धलुओ को कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी ।

कोरोना पर रोक लगाने के लिए सेंपलिंग पर रहेगा फोकस,होली के लिए बनेगी गाइडलाइन

देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद अब जिले में फिर से सेंपलिंग बढ़ाई जाएगी। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के साथ ही बार्डर चेकपोस्ट पर इसके लिए मजबूत इंतजाम किए जाएंगे। कोरोना संक्रमण की रफ्तार राज्य में जहां धीरे-धीरे बढ़ रही है, वहीं कई राज्यों में इसने गति पकड़ ली है। कोरोना पर लगाम के लिए जिले में फिर सेंपलिंग बढ़ाई जानी है। हालांकि, पूर्व में चेक प्वाइंटों समेत कैंप लगाकर सेंपलिंग करने वाली अधिकांश टीमें इस वक्त वैक्सीनेशन में लगी हैं। ऐसे में सेंपलिंग बढ़ाने में दिक्कत आ रही है। डीएम डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया सतत चलती रहेगी। अब सेपलिंग बढ़ाने के लिए इसके लिए नई टीमें तैयार की जाएगी।

उन्होंने बताया कि अगले दो दिन में यह व्यवस्था बनाने का निर्देश सीएमओ को दिया गया है। सेंपलिंग बढ़ी तो बिना सिमटर्म वाले जिन कोरोना मरीजों की घूमने की संभावना ज्यादा रहती है, उस पर लगाम लगेगी। उन्होंने बताया कि बार्डर पर चेकिंग के लिए टीमें अभी और बढ़ाई जाएंगी। बता दें कि उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 94 नये मरीज सामने आए। 52 मरीज ठीक भी हुए। अभी भी राज्य में कोरोना के 930 एक्टिव केस मौजूद हैं। संक्रमण दर 3.71 प्रतिशत पहुंच गई है।

रिकवरी दर 95.88 प्रतिशत पहुंच गई है। राज्य में कुल मरीज 98646 हैं। जबकि 94585 ठीक हो चुके हैं। 1706 मरीजों की मौत हो गई है। मंगलवार को भी दो मरीजों की मौत हुई। 12424 मरीजों के सैंपल की रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है। मंगलवार को छह केस चमोली, 47 देहरादून, 20 हरिद्वार, आठ नैनीताल, एक रुद्रप्रयाग, दस टिहरी, दो यूएसनगर में केस पाए गए।

होली और झंडा मेले को गाइडलाइन बना रहे
डीएम ने बताया कि आने वाले दिनों में होली वर्ष के साथ ही झंडा मेला अहम होगा। इस दौरान कोरोना संक्रमण न बढ़ने पाए, इसके लिए कुछ एहतियात बरती जाएगी। इसके लिए शहर में मास्क नहीं पहनने वालों सोशल डिस्टेंस तोड़ने वालों पर सख्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि दोनों पर्व के लिए गाइड लाइन फाइनल की जा रही है। इसे जल्द ही जारी कर दिया जाएगा।