केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा उत्तराखंड में जल्द आएगी नई खेल नीति

केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री तथा राज्य चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कहा उत्तराखंड में शीघ्र ही नई खेल नीति जल्द अस्तित्व में आएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकार खेल एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले खेल में राजनीति ज्यादा हावी थी, लेकिन अब लगातार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि ओलंपिक के साथ ही अन्य खेलों में लगातार देश के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल लांच किया है, जिसमें खिलाड़ी अपनी एंट्री करें। इसके बाद सरकार के स्तर से उनकी हर संभव मदद की जाएगी।केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी अरुण सूद, नेशनल वालीबाल खिलाड़ी शहजाद सलमानी, विनय उपाध्याय, सतीश कुमार, क्रिकेट के खिलाड़ी मनिंदर सिंह, बाक्सर सुखविंदर सिंह मोगी,वालीवाल के स्थानीय कोच किसन सिंह को शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी डोईवाला पहुंचे, जहां उन्होंने क्रीडा भारती उत्तराखंड के कार्यक्रम में शामिल होकर खिलाड़ियों, पूर्व सैनिकों और भाजपा कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व अंतरराष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी अरुण कुमार सूद ने उनके सामने उत्तराखंड में सुदृढ खेल नीति बनाने की मांग की, जिससे कि स्थानीय प्रतिभाओं को अधिक से अधिक मौका मिल सके और वह नशे को छोड़ खेल की ओर अपना ध्यान दें। इस पर केंद्रीय मंत्री ने सीएम से धामी से वार्ता कर जल्द ही नई खेल नीति बनाने की बात कही।

कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरीश कोठारी, क्रीड़ा भारती के जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व सैनिक संगठन के ब्लाक अध्यक्ष भगत सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रताप सिंह बिष्ट, पम्मी राज, विक्रम सिंह नेगी, मनोज मेहरा, विनय सावन, पंकज बहुगुणा, शमशेर पुंडीर आदि मौजूद रहे।

प्रहलाद जोशी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद पर हिंदू भावना का अनादर करने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से प्रश्न किया कि वह सलमान खुर्शीद के विरुद्ध क्या कार्रवाई कर रहे हैं? उत्तराखंड प्रवास पर आए जोशी देहरादून स्थित राज्य पार्टी दफ्तर में मीडिया कर्मियों से चर्चा कर रहे थे। सलमान खुर्शीद की अयोध्या विवाद पर लिखी पुस्तक में हिंदुत्व की तुलना खुंखार आतंकी संगठनों बोको हराम तथा इस्लामक राज्य से करने पर खड़े हुए  विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर जोशी ने कहा कि मैं राहुल, प्रियंका, सोनिया से पूछना चाहता हूं। आप मंदिरों में जाकर गौत्र का उच्चारण करके स्वयं को हिंदू बोलते हैं।

हिंदू आचरण का दिखावा करते हैं। यह उपदेश देने का प्रयास करते हैं कि हम भी हिंदू हैं। क्या सलमान खुर्शीद के विरुद्ध कार्यवाही कर रहे हैं, जिन्होंने हिंदू भावना तथा हिंदुत्व का अनादर किया। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व सिर्फ धर्म अथवा जाति नहीं, यह जिंदगी का तरीका है। महात्मा गांधी से लेकर उनकी पार्टी के बेहद से लोग इसे हिंदुस्तानी बोलते थे। उन्होंने पूछा कि क्या हिंदुस्तान का अनादर करने वाले सलमान पर एक्शन लेने वाले हैं? उन्होंने बताया कि कांग्रेस हिंदुओं के विरुद्ध है, यह इतिहास में साबित हो चुका है।

चारधाम हाईवे परियोजना : केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा,केंद्र सरकार ने कहा देश की रक्षा के लिए चारधाम राजमार्ग का चौड़ीकरण जरूरी

चारधाम राजमार्ग विस्तार मामले को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चारधाम हाईवे परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। चीन सीमा से जुड़े इस राजमार्ग को लेकर दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, जिस पर विस्तार से बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और केंद्र सरकार दोनों के तर्कों को सुना और अहम टिप्पणियां कीं। फिलहाल कोर्ट ने दोनों पक्षों से दो दिनों में लिखित सुझाव मांगा है और उसके बाद कोर्ट तय करेगा कि करीब 900 किलोमीटर लंबे इस ऑल वेदर हाईवे प्रोजेक्ट में सड़कों को और चौड़ाई किया जा सकता है या नहीं।सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि, ‘आज हम उस स्थिति का सामना कर रहे हैं जहां देश की रक्षा करनी पड़ती है। हम एक बहुत ही कमजोर स्थिति में हैं। हमें देश की रक्षा करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि हमारी सेना के लिए जो भी सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं उन्हें दी जाएं जैसे हिमालयी क्षेत्रों में सड़कें।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि, हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते कि इतनी ऊंचाई पर देश की सुरक्षा दांव पर है। क्या भारत के उच्चतम न्यायालय जैसा सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय हाल की कुछ घटनाओं को देखते हुए सेना की जरूरतों को दरकिनार कर सकता है? क्या हम कह सकते हैं कि पर्यावरण संरक्षण देश की रक्षा जरूरतों से ऊपर होगा? या हमें यह कहना चाहिए कि रक्षा चिंताओं का ध्यान इस तरह रखा जाना चाहिए ताकि आगे कोई पर्यावरणीय क्षति न हो।

’कोर्ट 8 सितंबर 2020 के उस आदेश में संशोधन के लिए केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना पर 2018 के परिपत्र का पालन करने के लिए का गया है। यह सड़क चीन सीमा तक जाती है। इस रणनीतिक 900 किलोमीटर की परियोजना का मकसद उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों-यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को हर मौसम में चालू रहने वाली सड़क सुविधा प्रदान करना है।

इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है।अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है।एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है, जिससे पर्यावरणविद नाराज हैं।गैर सरकारी संगठन ‘Citizens for Green Doon’ ने एनजीटी के 26 सितंबर 2018 के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।एनजीटी ने व्यापक जनहित को देखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दी थी। एनजीओ का दावा था कि इस परियोजना से इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।

राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों का 51वां सम्मेलन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में चौथा सम्मेलन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के 51वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपाल और उपराज्यपाल के 51वें सम्मेलन में भाग लिया।

राज्यपाल और उपराज्यपाल का ये सम्मेलन एक परंपरा है, जो 1949 से चली आ रही है। पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ये चौथा सम्मेलन है।

राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम आज 2 साल के लंबे अंतराल के बाद मिल रहे हैं।कोविड-19 महामारी का सामना करने में विश्व का सबसे व्यापक और प्रभावी अभियान भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाया गया एवं हमारे सभी कोरोना योद्धाओं ने त्याग और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाह समर्पित रूप से किया। आज देश में 108 करोड़ से अधिक कोरोना टीकाकरण किये जा चुके है इसके साथ ही देश भर में टीकाकरण अभियान जारी है।

नैनीताल हाई कोर्ट ने पलटा CBI कोर्ट का फैसला, 13 सितंबर 1992 को गाज़ियाबाद के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड में डीपी यादव बरी

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव को विधायक महेन्द्र भाटी हत्याकांड में बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के 2015 के फैसले को पलटते हुए यादव को बरी किया है। सीबीआई कोर्ट ने छह साल पहले यादव को दादरी के विधायक रहे महेंद्र भाटी की हत्या के केस में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।इस मामले में नैनीताल स्थित हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी।भाटी हत्या कांड के मुख्य आरोपी डीपी यादव को हाई कोर्ट ने आज बुधवार को बरी कर दिया। डीपी यादव 1992 के दादरी के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे और महेंद्र भाटी के बेटे ने आजीवन कारावास की सजा को बढ़ाने की मांग की थी। इधर, सीबीआई ने भी डीपी यादव को 120 बी का मुजरिम बनाया था, जिसको हाई कोर्ट ने नहीं माना है।

13 सितंबर 1992 को गाज़ियाबाद के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी की दादरी रेलवे क्रासिंग पर गोलियों से भूनकर हत्या हुई थी। जिसमें पूर्व सांसद डीपी यादव समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था।पूरे मामले की सीबीआई ने जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई तो 15 फरवरी 2015 में देहरादून में सीबीआई कोर्ट ने सभी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। तबसे दोषी जेल में बंद हैं, इन सभी ने सीबीआई कोर्ट की सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था।इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और इस साल कोर्ट से डीपी यादव को कई बार बेल भी मिल चुकी थी। लेकिन सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी माने गए अन्य तीन करण यादव, पाल सिंह और परनीत भाटी के संबंध में फैसला आना बाकी है।

 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोत्तरी, स्थापना दिवस पर की कई अहम घोषणाएं

09 नवंबर को उत्तराखंड के 22वें स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन में रैतिक परेड का आयोजन किया गया। परेड की सलामी राज्यपाल लेफ्टि. जनरल(सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने ली। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी, समेत कई अन्य अहम घोषणाएं की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा की है। कहा कि 3100 पेंशन पाने वाल लाभार्थियों को अब 4500 पेंशन मिलेगी, जबकि 5000 पेंशन पाने वाले आंदोलनकारियों को अब 6000 पेंशन दी जाएगी। कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के हर गांव को लिंक मार्गो से जोड़ा जाएगा।

09 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयाेजित रैतिक परेड में संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रमुख प्रत्येक शहरों को हेली सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। उनके अनसुार, उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां उड़ान योजना के तहत हेली सर्विस की शुरूआत की गई है।

  1. राज्य आंदोलन कारियों की पेंशन में वृद्धि, 3100 से बढ़ाकर 4500 रुपये

2.  हर जिले में एक महिला छात्रावास

3. 11 से 18 साल की छात्राओं के लिए निशुल्क स्वास्थय जांच व 104 पर निःशुल्क परामर्श

4. दून व हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना

5. खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल नीति 2021 जल्द

उत्तराखंड सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को उत्तराखंड महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह महोत्सव सप्ताहभर तक गांव से लेकर राजधानी तक चलेगा और इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम होंगे। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार शाम को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी शामिल होंगे।

पूर्व सीएम समेत पांच हस्तियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ से नवाजेगी उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को सरकार ने ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान-2021’ के लिए पांच हस्तियों के नामों की घोषणा कर दी गई है।सरकार ने पांच अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पांच विभूतियों को पुरस्कार के लिए चुना है।पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को मरणोपरांत उत्तराखंड गौरव सम्मान से नवाज़ा जाएगा, तो लोक गायक नरेंद्र नेगी, प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड का भी नाम सम्मानित होने वालों में शामिल है। इनके साथ ही, पर्यावरणविद अनिल जोशी और एवरेस्ट बछेंद्री पाल को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।

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उत्तराखंड के स्थापना दिवस को लेकर भी सरकार ने रूपरेखा तैयार कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में राज्य स्थापना दिवस को ‘उत्तराखंड महोत्सव’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। महोत्सव के तहत गांव से लेकर राजधानी में 7 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन किए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच विभूतियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ प्रदान के मद्देनजर चयन समिति गठित की गई थी। समिति की संस्तुतियों के आधार पर इस सम्मान के लिए सोमवार को नामों की घोषणा कर दी गई। उत्तराखंड गौरव सम्मान की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों के पांच प्रतिष्ठित लोगों को यह पुरस्कार दिया जाएगा।

उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के विकास में पंडित तिवारी के योगदान को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड को साहित्य, पद्मभूषण डा अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण, पर्वतारोही बछेंद्री पाल को साहसिक खेल और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चयनित किया गया है। गौरतलब है कि पर्यावरणविद् डा जोशी को सोमवार को ही दिल्ली में पद्मभूषण से नवाजा गया था।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव के अंतर्गत प्रतिवर्ष पांच व्यक्तियों को दिया जाने वाला उत्तराखंड गौरव सम्मान, विभिन्न क्षेत्रों में राज्य को पहचान दिलाने वालों का सम्मान है। यह सम्मान प्रेरणा का कार्य भी करेगा।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य जब अपना 25वां स्थापना दिवस मनाएगा, तो उसका उल्लेख आदर्श उत्तराखंड के रूप में होगा। गौरतलब है कि इससे पहले अपने दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अगला दशक उत्तराखंड के नाम होने की बात कही थी। माना जा रहा है कि ये बयान बीजेपी की अगले कुछ सालों के लिए चुनावी रणनीति के ही ​हिस्से हैं।

विधायक राजेश शुक्ला ने छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की मांग पर सीएम धामी ने अवकाश घोषित करने का दिया आश्वासन

लोक आस्था के महापर्व छठ पर सार्वजनिक  अवकाश के लिए विधायक राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में मुलाकात की। शुक्ला ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए बताया कि उनके अनुरोध पर वर्ष 2016 से छठ पूजा पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया था। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में कुछ अवकाश समाप्त कर दिए गए हैं। जिनमें छठ पूजा भी शामिल है।प्रदेश में छठ पर्व पर आस्था रखने वालों की बड़ी संख्या है।

राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 10 नवंबर को छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। विधायक शुक्ला ने बताया कि उनके अनुरोध पर सीएम धामी ने उन्हें छठ पूजा पर अवकाश घोषित करने का आश्वासन दिया है।

 

कुंभ कोरोना टेस्टिंग घोटाला : हरिद्वार में कुंभ कोविड टेस्टिंग घोटाला मामले में फरार चल रहे पंत दंपति को SIT ने दिल्ली से किया गिरफ्तार

उत्तराखंड के हरिद्वार में इसी साल कुंभ मेले का आयोजन हुआ था।इस मेले के आयोजन के बाद ही दूसरी लहर का प्रकोप शुरू हुआ। हालांकि आयोजन के समय कोविड टेस्टिंग को लेकर भारी इंतज़ाम किए गए थे और इसके लिए जांच लैब्स को कॉंट्रैक्ट्स के साथ ज़िम्मेदारी दी गई थी। लेकिन कुंभ के आयोजन के बाद यह खुलासा हुआ था कि टेस्टिंग के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा हुआ। इस मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है जबकि मैक्स सोसायटी के दोनों मुख्य आरोपी काफी समय से फरार चल रहे थे।

कुंभ मेले के दौरान कोविड टेस्ट घोटाले के मुख्य आरोपियों को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी ने दोनों आरोपियों शरत पंत और मल्लिका पंत को दिल्ली से गिरफ्तार किया। दोपहर तक आरोपी दंपत्ति को पुलिस टीम यहां लेकर पहुंच सकती है।मैक्स कॉरपोरेट सोसायटी के पार्टनर दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया। हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच के संबंध में घोटाले का पर्दाफाश हुआ था, जिसके बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में रहा। जून महीने में हरिद्वार कोतवाली में इस मामले में केस दर्ज कराया गया था। हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई में रहे इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है।कुंभ 2021 में करोना जांच को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया था। उस वक्त सीएमओ रहे शंभू नाथ झा ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था।

कोरोना की पहली लहर के बाद ही संपन्न हुए कुंभ 2021 में आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच के लिए मेला स्थल सहित हरिद्वार की सीमाओं पर कई जगह कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था की गई थी क्योंकि गाइडलाइन के अनुसार कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य थी। स्वास्थ्य विभाग ने कुंभ में टेस्टिंग का ठेका मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज़ दिल्ली समेत कुछ अन्य लैब्स को दिया था। कथित तौर पर मैक्स कंपनी ने बड़े पैमाने पर फर्जी टेस्टिंग को अंजाम देकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाने का काम किया।

कोरोना जांच के नाम पर करोड़ों रुपए की रकम की चपत लगाई गई है और फर्जी नाम टेस्टिंग में दर्शाए गए हैं। इस मामले के पिछले अपडेट्स ये थे कि छह महीने पहले हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद से एसआईटी जांच कर रही थी। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने इस पूरे खेल में मुख्य भूमिका निभाने वाली मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के पार्टनर शरत पंत और उसकी पत्नी मल्लिका पंत एवं एक लैब स्वामी के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू करते हुए मुनादी भी करवाई थी।आखिरकार पंत दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और खबरों की मानें तो दोनों को सोमवार दोपहर तक हरिद्वार लाया जाएगा।

राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद उत्तराखंड की पांच प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से किया जाएगा सम्मानित

भारत रत्न के बाद देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार आज प्रदान किए जाएंगे। राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में सोमवार को आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को वर्ष 2020 के लिए और मंगलवार को 2021 के लिए 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे।वर्ष 2020 और 2021 के लिए पद्म पुरस्कारों में सबसे बड़े पद्म विभूषण से सात-सात लोगों, पद्म भूषण से क्रमश: 16 और 10 लोगों और पद्म श्री से क्रमश: 118 और 102 लोगों को सम्मानित किया जाएगा।2020 में पद्म पुरस्कारों का वितरण कोरोना के कारण नहीं हो सका। इसलिए साल 2021 में ही दोनों साल के पद्म विजेताओं को एक साथ सम्मानित किया जा रहा है।

उत्तराखंड की पांच प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैस्को प्रमुख पर्यावरणविद डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पद्मभूषण, जबकि पर्यावरणविद कल्याण सिंह और डॉ.योगी एरन को पद्श्री सम्मान देकर सम्मानित करेंगे। इसके अलावा मंगलवार को चिकित्सा क्षेत्र में डॉ.भूपेंद्र कुमार सिंह और किसान प्रेम चंद शर्मा को पद्श्री सम्मान देकर सम्मानित करेंगे।

हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण पारिस्थितिकी और ग्राम्य विकास से जुड़े मुद्दों और नदियों को बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया जा रहा है।  डॉ.जोशी ने कहा कि वह इस पुरस्कार को सामाजिक, प्रकृति और पर्यावरण के लिए किए जा रहे सामूहिक प्रयासों को समर्पित करते हैं। वह संदेश देना चाहते हैं कि जो कोई हिमालय को किसी भी रूप में भोग रहा है, बदले में हिमालय को कुछ वापस भी करे। डॉ.जोशी हमेशा जल, जंगल, प्राण वायु आदि के बदले सकल पर्यावरण उत्पाद की वकालत करते रहे हैं। इसके अलावा ग्राम्य विकास को आर्थिकी से जोड़ते हुए कई उदाहरण पेश किए हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2006 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वर्षों से काम कर रहे कल्याण सिंह रावत ने उत्तराखंड में मैती आंदोलन के जरिये पर्यारण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी परंपरा को जन्म दिया, जिसकी चर्चा आज विश्वभर में होती है। मैती आंदोलन के तहत गांव में जब किसी लड़की की शादी होती है तो विदाई के समय दूल्हा-दुल्हन को एक फलदार पौधा दिया जाता है। वैदिक मंत्रों के के साथ दूल्हा इस पौधे को रोपित करता है और दुल्हन इसे पानी से सींचती है। पेड़ को लगाने के एवज में दूल्हे की ओर से दुल्हन की सहेलियों को कुछ पैसे दिए जाते हैं। जिसका उपयोग पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में और समाज के निर्धन बच्चों के पठन-पाठन में किया जाता है। दुल्हन की सहेलियों को मैती बहन कहा जाता है। जो भविष्य में उस पेड़ की देखभाल करती हैं। पर्यावरण से जुड़े मैती आंदोलन की शुरुआत कल्याण सिंह रावत ने वर्ष 1994 में चमोली जिले के राइंका ग्वालदम में जीव विज्ञान के प्रवक्ता पद पर रहते हुए की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का किया अनावरण, केदरानाथ पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम के दौरे पर थे। पीएम मोदी ने भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना की और शिव का रूद्राभिषेक किया। मंदिर में पूजा के बाद पीएम मोदी ने आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने वहां करोड़ों रुपयों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं।

केदारनाथ धाम हिमालय पर्वत की गोद में उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ 4 धाम और पंच केदार में से भी एक है। प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। यह मंदिर पत्‍थरों से कत्यूरी शैली में बना है। इस मंदिर का निर्माण पाण्डव वंश के राजा जनमेजय ने कराया था। यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।पीएम मोदी पहले भी केदारनाथ धाम का दर्शन करने आते रहे हैं। वे वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं, जो बाबा विश्वनाथ की नगरी है। वाराणसी के बाबा विश्वनाथ भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ से अपने संबोधन में कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। उन्होंने कहा आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है। उन्होंने आगे कहा हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है।

केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैंने दिल्ली से केदारनाथ में पुनर्विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की है। मैंने ड्रोन फुटेज के माध्यम से यहां किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इन कार्यों के लिए मार्गदर्शन के लिए मैं यहां सभी ‘रावलों’ को धन्यवाद देना चाहता हूं।रामायण का का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है- ‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’ अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। पीएम ने कहा बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा?लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ ।एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की। इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया। मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण भी किया जो 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदी केदारनाथ में 400 करोड़ रुपये से अधिक के ​पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इससे पहले, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे मोदी का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।