सीमांत जिले पिथौरागढ़ में खत्म हुआ पेट्रोल-डीजल, थम गए वाहनों के पहिये, 200 रुपये किलो बिक रहा टमाटर

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में डीजल और पेट्रोल खत्म गया है। ईधन नहीं मिलने से तमाम रुटों पर संचालित होने वाली टैक्सियां खड़ी हो गई हैं। वाहन चालक तेल के लिए पेट्रोल पंपों में भटकते रहे।पिथौरागढ़ की लाइफलाइन घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण चार दिन से बंद पड़ा है, जिस वजह से शहर में रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति पर खासा असर देखने को मिल रहा है। जिले का अन्य दुनिया से संपर्क कट जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पिथौरागढ़ में इस समय टमाटर 200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। बारिश थमने के तीन दिन बाद भी पिथौरागढ़ को जोड़ने वालीं सभी सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसके चलते जिले में अब जरूरी सामान की किल्लत शुरू होने लगी है। जिले के ज्यादातर पंप पर जहां पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया है, तो वहीं रसोई गैस और सब्जी जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई भी बाधित है।

पिछले चार दिनों से देश और दुनिया से कटे सीमांत जिले पिथौरागढ़ में अब जरूरी सामान की किल्लत होने लगी। जिले को जोड़ने वाले सभी मोटर मार्ग बंद होने से पिछले चार दिनों से पेट्रोल और डीजल के वाहन नहीं पहुंच रहे हैं। जिले में ईंधन लालकुआं डिपो से पहुंचता है। जिला मुख्यालय में दर्जन भर पेट्रोल पंप में आम आदमी के लिए पेट्रोल डीजल का कोटा गुरुवार को खत्म हो गया। जिले में अब केवल रिजर्व कोटे का ही तेल बचा हुआ है, जिसे सिर्फ आपातकालीन स्थितियों में ही उपयोग में लाया जा सकता है।

जिला मुख्यालय में सब्जियों का संकट गहरा गया है। मैदानी क्षेत्रों से सब्जियां नहीं पहुंचने के चलते टमाटर 200 रुपये किलो तक बिक रहा है, प्याज 80 पर पहुंच गया है। आम आदमी के लिए अब सब्जी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। सस्ता आहार माना जाने वाले अंडा भी आउट आफ स्टाक हो गया है।सड़कें बंद होने से पिथौरागढ़ के लिए मैदानी इलाकों से आने वाली गैस और सब्जी की गाड़ियां रास्ते में फंसी हुई हैं, जिससे यहां इन चीजों की भारी किल्लत होने लगी है। ऐसे में अगर सड़कें जल्द नहीं खुलीं तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार, घाट-पिथौरागढ़ मुख्य राजमार्ग (ऑल वेदर रोड) के शुक्रवार को खुलने के आसार हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था,केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अमित शाह ने देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी का सर्वेक्षण किया। उत्‍तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गृहमंत्री ने करीब दो घंटे सुबह 9.45 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया।उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।अमित शाह ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा राहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। राहत और बचाव कार्य को और तेज गति से अंजाम दिया जा रहा है। जल्द ही उत्तराखंड में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी। बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। अधिकांश मोबाइल यूजर को समय पर मैसेज भी भेजे गए थे। जिसका परिणाम यह रहा कि इस भीषण आपदा में कम से कम जान माल का नुकसान हुआ। सरकार ने 24 घंटे पहले ही चार धाम यात्रा को रोक दिया था। जिसके परिणाम स्वरूप चारधाम यात्रा पर किसी भी तरह की आंच नहीं आई और अब यात्रा को शुरू भी कर दिया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आपदा के तत्काल बाद केंद्र व राज्य सरकार की सभी एजेंसियां सक्रिय हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस तथा दमकल दस्तों को समय रहते आपदा राहत कार्यों में लगा दिया गया। जिससे सरकार साढ़े तीन हजार नागरिकों को रेस्क्यू करने में सफल रही। इतना ही नहीं 16 हजार से अधिक नागरिकों को सरकार ने सुरक्षित भी किया। उन्होंने कहा कि नैनीताल हल्द्वानी तथा अल्मोड़ा की तीन सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर सड़कें 25 मीटर से अधिक क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिन्हें तैयार करने में कुछ वक्त लग सकता है। सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी बहाल कर दिया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आपदा के पहले दिन से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष तौर पर उत्तराखंड में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र व राज्य के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए थे। अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करेगी। आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही 250 करोड़ रुपए दिया गया है। केंद्र सरकार राज्य को पूरी सहायता देगी। राज्य सरकार अपने खजाने से भी आपदा राहत में खर्च कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार के संयुक्त सचिव की देख-रेख में उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है। यदि आपदा राहत में और धन की जरूरत होगी तो केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।इस दौरान अमित शाह ने सीएम की पीठ भी थपथपाई और कहा कि धामी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है। एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले ही अलर्ट पर रहे। शाह ने कहा कि आपदा में अब तक 64 की मौत हुई हैं। 11 से अधिक लोग लापता हैं। ट्रेकिंग टीम भी लापता है। आपदा में 3400 लोगों को बचाया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष इस तरह की आपदाओं से सामना करना पड़ता है। इसके लिए सरकार हिमालयी क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार तथा आपदा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है।इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज आदि मौजूद रहे।

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आज हवाई सर्वेक्षण करेंगे,हवाई सर्वेक्षण के बाद अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे

गृहमंत्री अमित शाह  बुधवार शाम देहरादून पहुंचे।जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय मंत्री  अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने केन्द्रीय गृहमंत्री का स्वागत किया। अमित शाह आज उत्तराखण्ड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने निकले हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ रहेंगे। तकरीबन पौने दो घंटे तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद वे साढ़े ग्यारह बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट के राज्य अतिथि गृह पहुंचेंगे। यहां वह एक घंटे अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न मसलों पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वह अधिकारियों को आपदा से हुए नुकसान पर चर्चा करने के साथ ही व्यवस्था दुरुस्त करने के संबंध में दिशा-निर्देश देंगे। दोपहर में वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट से ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

उत्तराखंड में रविवार से अतिवृष्टि व भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर जानमाल को नुकसान पहुंचा है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेंगे। इसके बाद वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।कुमाऊं में बुधवार को बारिश की रफ्तार थमी। सभी जिलों में धूप खिली लेकिन आपदा के जख्म भी रिसते रहे। मंडल के अलग-अलग हिस्सों में सात और मौतों का पता चला जबकि तीन और लोग लापता हो गए। गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही कुमाऊं में आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या अब 52 हो जबकि पूरे प्रदेश में 58 हो गई है।आपदा के बाद से ही केंद्र सरकार राज्य की स्थिति पर निगाह बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसका लगातार अपडेट ले रहे हैं। साथ ही राज्य को आपदा से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव सहायता दी जा रही है।

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी चिंता में है। इसी के मद्देनजर प्रदेश भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सभी कार्यक्रम 24 अक्तूबर तक स्थगित कर दिए हैं। शहीद सम्मान यात्रा भी टाल दी गई है। कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने कार्यक्रम टाल दिए हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दूरभाष पर प्रदेश में बारिश के बाद राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और संगठन के कार्यकर्ताओं को आपदा प्रभावितों की मदद में जुटने का आह्वान किया।कौशिक ने कहा कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी और कुलदीप कुमार को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के सभी कॉल सेंटर सक्रिय हैं और बूथ स्तर तक जुड़े हैं। कुमाऊं मंडल में जिलाध्यक्ष व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को तत्काल टीमें बनाकर प्रभावित स्थलों पर पहुंचकर लोगों की मदद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर राशन किट, कपड़े और जरूरी सामान जरूरतमंदों को मुहैया कराया जाएगा।

आज उत्तराखंड आएंगे अमित शाह, बारिश से हुए नुकसान का लेंगे जायजा, गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे हवाई सर्वेक्षण करेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार की शाम उत्तराखंड पहुंचेंगे। वह यहां आपदा को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे और पूरी स्थिति का जायजा लेंगे। गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को राजभवन या बीजापुर गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद गुरुवार को वह आपदा ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने शाह के दौरे की पुष्टि की है। राज्य में भारी बारिश के कारण राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे।गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वह बुधवार शाम को देहरादून जाएंगे और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि वह गुरुवार सुबह राज्य के बाढ़ प्रभावित हिस्सों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।गृह मंत्री राज्य की राजधानी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शीर्ष अधिकारियों और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ जारी राहत कार्यो की प्रगति पर चर्चा करेंगे।

उत्तराखंड राज्य रविवार से जारी भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ या भूस्खलन के कारण 50 लोगों की मौत हुई है और अभी भी कई लोग लापता हैं। वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव अभियान में लगीं हुईं हैं।उनमें से कई के मलबे में दबे होने की आशंका है।मकान, पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। भारतीय सेना के तीन हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्यो के लिए तैनात किया गया है, जबकि राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बलों को राहत और बचाव कार्यो के लिए पहले ही लगाया जा चुका है।

एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में 15 स्व-निहित टीमों को तैनात किया गया है। इनमें से छह टीमें ऊधमसिंह नगर जिले में, दो-दो टीमें उत्तरकाशी और चमोली में और एक-एक टीम देहरादून, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में लगाई गई है। इसी तरह नैनीताल में भी एक पूरी टीम और अल्मोड़ा में एक सब टीम तैनात है।

मुख्यमंत्री धामी नुकसान का आकलन करने के लिए अपने अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं और बचाव और राहत कार्यो के लिए राज्य के अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।शाह ने सोमवार को धामी से बात की और इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। सीएम ने डीएम को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि पीड़ितों के साथ ही उत्तराखंड आए यात्रियों को हर संभव सहयोग और सहायता दी जाए। आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ एवं आपदा से सम्बंधित सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा आज से  गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू, बदरीनाथ धाम की यात्रा फिलहाल रोकी

उत्तराखण्ड चारधामों में से श्री यमुनोत्री धाम की तीर्थयात्रा बहाल कर दी गयी है जबकि श्री बदरीनाथ धाम, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री में सड़क मार्ग अवरूद्ध होने से यात्रा थमी हुई है।राष्ट्रीय राज मार्ग खोलने हेतु युद्धस्तर परकार्य चल रहा है। जिलाधिकारी उत्तरकाशी श्री मयूर दीक्षित ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यमुनोत्री धाम की यात्रा को आज सुबह से बहाल कर दिया गया है तीर्थयात्रियों को यमुनोत्री धाम जाने दिया जा रहा है।

रविवार को रोकी गई यमुनोत्री गंगोत्री और केदारनाथ धाम की यात्रा मंगलवार को फिर से शुरू कर दी गई। केदारनाथ धाम के लिए भी यात्रियों का एक जत्था भेजा गया। बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर अवरुद्ध होने के चलते प्रशासन ने फिलहाल यात्रा शुरू नहीं की। सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुसार मौसम ठीक होने की दशा में बुधवार से बदरी-केदार की यात्रा शुरू कर दी जाएगी ।

48 घंटे की बारिश के बाद मंगलवार को गढ़वाल मंडल में कुछ राहत रही। हालांकि चारधाम यात्रा मार्गों पर दिक्कतें बनी रहीं। भारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने रविवार को चारों धामों की यात्रा पर रोक लगा दी थी। सुबह यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू कर दी गई। पूरे दिन में यहा रिकार्ड 2381 यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे। प्रशासन ने दोपहर गंगोत्री धाम की यात्रा की अनुमति भी दे दी थी, लेकिन राजमार्ग बाधित होने की वजह से धाम तक कोई यात्री नहीं पहुंच पाया। यहां उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी में भारी बारिश के कारण गंगोत्री राजमार्ग आठ से ज्यादा स्थानों पर अवरुद्ध हो गया था।

कुछ स्थानों पर दोपहर तक यातायात सुचारु हो गया, लेकिन डबराणी से लेकर सुक्की टॉप के बीच चार स्थानों पर अवरुद्ध राजमार्ग देर शाम खुल पाया। यहां 27 घंटे से यातायात बाधित था। ऐसे में गंगोत्री व हर्षिल से लौट रहे करीब 300 यात्रियों तथा उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम जा रहे करीब 500 यात्रियों को दिक्कतें पेश आईं।

इधर, दोपहर बारिश थमने पर गौरीकुंड से 258 यात्रियों का जत्था केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया, लेकिन कुछ ही देर में बारिश के आसार बनते देख यात्रा को फिर से स्थगित कर दिया गया है। पहले से ही धाम में मौजूद करीब डेढ़ हजार यात्रियों के लौटने का क्रम भी शुरू हुआ। काफी संख्या में यात्री दर्शन कर वापस लौट आए। कुमाऊं के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटते वक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोपहर रुद्रप्रयाग पहुंचे। उन्होंने डीएम से यात्रा व्यवस्था संबंधी जानकारी ली। कहा कि, मौसम सही रहा तो बुधवार से केदारनाथ की यात्रा शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने यात्रियों की हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए।

उत्‍तराखंड में अक्टूबर में बारिश ने तोड़ा 36 साल का रिकार्ड,48 लोगों की मौत,गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही

उत्तराखंड में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव वाला क्षेत्र के कारण तीन दिन हुई भारी बारिश ने कई रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। देवभूमि उत्तराखंड में अक्टूबर महीने में बारिश ने 36 साल पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। अक्टूबर में पूरे माह में करीब 31 मिलीमीटर बारिश होती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर में 36 साल बाद इतनी बारिश हुई है। वहीं कुमाऊं मंडल में तो बारिश ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।प्रदेश में इस दौरान 48 घंटे के भीतर 200 मिमी से अधिक बारिश हुई।अकेले नैनीताल में 432 और ऊधमसिंह नगर में 368 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

मानसून की विदाई के करीब दस दिन के बाद अचानक मौसम के करवट बदलने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। खासकर उत्तराखंड में वर्ष 1985 में अक्टूबर महीने में सर्वाधिक 250 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इसके बाद से लगातार इस महीने में सामान्य से भी नीचे बारिश होती आई है। इस साल महज 48 घण्टे के भीतर उत्तराखंड में औसत 209 मिमी बारिश हुई। कुमाऊं में रविवार से मंगलवार तक लगातार हुई मूसलधार बारिश आफत बनकर बरसी।इसके अलावा कुमाऊं में इससे पहले कभी अक्टूबर में इतनी बारिश नहीं हुई। केवल कुमाऊं मंडल की बात करें तो बीते तीन दिन में ही 300 मिमी से अधिक बारिश हो गई। जबकि, यह बारिश का अक्टूबर माह का आल टाइम रिकार्ड है।

इस बारिश की वजह से प्रदेश में अब तक 48 लोगों की जान जा चुकी है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए प्रदेश में हुई मौतों पर दुख जताया है।  पीएम ने लिखा कि ‘उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं।  घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें, प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है।  मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात करके हालात की जानकारी ली। वहीं केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जल्द ही उत्तराखंड का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हवाई सर्वेक्षण और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी भारी बारिश के बाद ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न जगहों का भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में रुद्रपुर पहुंचे सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है। सीएम धामी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए की आर्थिक मदद और टूटे हुए मकानों के लिए एक लाख 9 हजार रुपए देगी।

किस जिले में कितनी हुई बारिश
नैनीताल : 432 मिमी
अल्मोड़ा : 245 मिमी
बागेश्वर : 287 मिमी
चमोली : 167 मिमी
चंपावत : 388 मिमी
देहरादून : 62 मिमी
पौड़ी : 136 मिमी
टिहरी : 101 मिमी
हरिद्वार : 52 मिमी
पिथौरागढ़ : 262 मिमी
रुद्रप्रयाग : 133 मिमी
यूएसनगर : 368 मिमी
उत्तरकाशी : 83 मिमी

RIMC में गर्ल्स को भी मिलेगा प्रवेश,आवेदन से लेकर कैसा रहेगा परीक्षा पैटर्न,परीक्षा 18 दिसम्बर को,प्रवेश की इच्छुक छात्राएं 15 नवंबर तक आवेदन कर सकती हैं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज(RIMC) में गर्ल्स की एंट्री खुली है।हर साल देश के लिए जांबाज सैन्य अफसर तैयार करने वाले प्रतिष्ठित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज (RIMC) में सत्र 2022-23 से छात्राओं को भी प्रवेश मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरआइएमसी एवं शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रवेश की इच्छुक छात्राएं 15 नवंबर तक आवेदन कर सकती हैं। प्रवेश परीक्षा 18 दिसंबर को राजकीय बालिका इंटर कालेज, राजपुर रोड, देहरादून में होगी। देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. मुकुल कुमार सती ने सोमवार को प्रवेश प्रक्रिया के आदेश एवं कार्यक्रम के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

आरआइएमसी में आठवीं कक्षा से पढ़ाई और प्रशिक्षण शुरू होता है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रवेश परीक्षा में वही छात्राएं शामिल होंगी, जिनकी उम्र एक जुलाई 2022 तक अधिकतम 13 वर्ष और न्यूनतम 11 वर्ष छह महीने होगी। यानि जिन छात्राओं का जन्म 2 जुलाई 2009 से पहले और 1 जनवरी 2011 के बाद का हो, वे आवेदन नहीं कर सकेंगी। छात्रा के पास दाखिले के समय एक जुलाई 2022 तक किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से सातवीं कक्षा का पासिंग सर्टिफिकेट या सातवीं में अध्ययनरत होने का प्रमाण होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश अनुसार हर छह महीने में पांच छात्राओं को आरआइएमसी में दाखिला दिया जाना है।प्रवेश परीक्षा में सातवीं कक्षा तक के मानक एवं पाठ्यक्रम के अनुसार सवाल पूछे जाएंगे। पहले चरण में लिखित परीक्षा होगी। जिसमें अंग्रेजी, गणित एवं सामान्य ज्ञान इन तीन विषयों के सवाल होंगे। हर विषय के प्रश्न पत्र में न्यूनतम 50 फीसद अंक हासिल करने वाली छात्राओं को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। साक्षात्कार की सूचना छात्राओं को मार्च 2022 के पहले हफ्ते में ही दी जाएगी। दोनों चरण पास करने के बाद मेरिट के आधार पर छात्राओं को प्रवेश मिलेगा। आरआईएमसी में चयन के लिए कुल 450 अंकों की परीक्षा होगी। इसमें 125 अंकों का अंग्रेजी , 200 अंकों का गणित , 75 अंकों का सामान्य ज्ञान और 50 अंकों का साक्षात्कार होगा।

आरआइएमसी की प्रवेश परीक्षा के लिए दो माध्यम से फार्म लिया जा सकता है। फार्म कालेज की वेबसाइट पर आनलाइन भुगतान करके सीधा घर के पते पर मंगाया जा सकता है। वहीं कालेज के पास स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया, तेल भवन से भी फार्म लिया जा सकता है। सामान्य वर्ग की छात्राओं को 600, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी की छात्राओं को 555 रुपये फार्म शुल्क देना होगा। फार्म के साथ पिछले वर्षों के सैंपल पेपर एवं विवरण पंजिका भी मिलेगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगर 15 नवंबर शाम पांच बजे बाद किसी का फार्म पहुंचा तो वह मान्य नहीं होगा। इसके अलावा अधूरे, अपठनीय और कोरियर से भेजे गए फार्म भी मान्य नहीं होंगे। फार्म पंजीकृत डाक से ही भेजना है। साथ ही 30 रुपये के टिकट लगा 9 बाइ 4 इंच का लिफाफा भी फार्म के साथ भेजना है।

नोटिफिकेशन में यह साफ किया गया है कि इस परीक्षा में उत्तराखंड के निवासियों को ही मौका मिलेगा। इसके लिए फार्म के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र भी अभिभावकों को जमा करना होगा। आरक्षित वर्ग को प्रमाण पत्र की सत्यापित कापी भी फार्म के साथ भेजनी होगी।उम्मीदवार की दो पासपोर्ट आकार की फोटो, जन्म प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र व प्रधानाचार्य द्वारा प्रमाणित वर्तमान कक्षा में अध्ययनरत् का मूल रूप में फोटो सत्यापित किया हुआ प्रमाण पत्र,आवेदन पत्र के साथ उम्मीदवार का आधार कार्ड जमा करना अनिवार्य है।

उत्तराखंडः हरक, काऊ और प्रीतम सिंह की हुई मुलाकात,लोहारी के विस्थापितों की समस्या को लेकर मंत्री हरक सिंह से मिले नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच दल-बदल का खेल थमा नहीं है। इसकी एक झलक आज भी दिखी, जिससे सियासत गर्माने के संकेत हैं।  पिछले 9 दिनों में ऐसा तीसरी बार देखने को मिला है, जब उमेश शर्मा काऊ और हरक सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ नजर आए। मंगलवार को हरक सिंह के डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ से मुलाकात की।

उत्तराखंड में विकासनगर के लोहरी गांव के विस्थापितों की समस्या को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात की। इससे सियासी हलकों में फिर हलचल पैदा हो गई है। इस मौके पर भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष ने मुलाकात की पुष्टि की। साथ ही सरकार पर लोहारी के ग्रामीणों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री से ग्रामीणों को जमीन के बदले जमीन देने की मांग की है।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। नेता प्रतिपक्ष और बागियों की इन मुलाकातों से सियासी हलकों में कयासों का बाजार गर्म है।इसी महीने 11 अक्टूबर को बीजेपी नेता यशपाल आर्य की कांग्रेस में घर वापसी के दिन भी प्रीतम सिंह और उमेश शर्मा काऊ दिल्ली में एक साथ दिखे थे। वहीं 16 अक्टूबर को हरक, प्रीतम और काऊ एक ही फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे थे, तब भी चर्चाओं का बाजार गरम रहा।

देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती ने प्रवेश परीक्षा के लिए आदेश जारी, जानिए किन्हें मिलेगा आवेदन का मौका

देहरादून:- उच्चतम न्यायालय ने महिला अभ्यर्थियों को देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) के लिए प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए कहा कि केंद्र ने लंबी दूरी तय की है तथा उसे और एक कदम बढ़ाना चाहिए। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किए बगैर इस बारे में आवश्यक संशोधित विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया था।

राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज देहरादून (आरआइएमसी) में छात्राओं के प्रवेश की प्रकिया शुरू हो गई है। इसके लिए प्रवेश परीक्षा इसी साल दिसंबर 18 तारीख को आयोजित की जाएगी।देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती ने प्रवेश परीक्षा के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। सत्र 2022-23 से यहां छात्राओं का पहला बैच शुरू होने जा रहा है। इस प्रवेश परीक्षा में उन्हीं छात्राओं को आवेदन का मौका मिलेगा, जिनके अभिभावक उत्तराखंड के निवासी हैं।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गढ़वाल राइफल्स के सूबेदार अजय सिंह रौतेला को सैन्य सम्मान के साथ सैकड़ों नम आंखों ने ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मोक्ष धाम घाट पर अंतिम विदाई दी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में 48 राष्ट्रीय राइफल के सूबेदार अजय सिंह रौतेला को सैन्य सम्मान के साथ सैकड़ों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मोक्ष धाम घाट पर वीर सपूत पंचतत्व में विलीन हुआ। उनके बड़े पुत्र अरुण रौतेला ने उन्हें मुखाग्नि दी।

17 गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में राष्ट्रीय राइफल 48 के शहीद सूबेदार अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह उनके पैतृक गांव रामपुर पहुंच गया। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ पहुंची। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मौके पर जो भी मौजूद रहा, उसकी आंखें ये मंजर देख भर आईं। इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर 2.30 बजे सेना के हवाई जहाज से जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचा। हवाई अड्डे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सहित जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।14 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हुए थे। जिसमे खाड़ी टिहरी गढ़वाल निवासी सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46 वर्ष) ने भी मातृभूमि के लिए महान शहादत दी।

रविवार को शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट पहुंच गया था। जहां से सोमवार की सुबह शहीद अजय सिंह रौतेला के पार्थिव शरीर को उनके मूलगांव ले जाया गया। अंतिम दर्शन के पश्चात शहीद की अंतिम यात्रा दोपहर 12 बजे ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मुक्तिधाम पहुंची।

मुक्तिधाम में सेना की 306 आर्टलरी फील्ड रेजीमेंट की टुकड़ी ने शहीद अजय सिंह रौतेला को शास्त्र सलामी दी। भारतीय सेना की ओर से आर्टिलरी फील्ड रेजीमेंट के कर्नल अजय कौशिक व राष्ट्रीय रायफल के सूबेदार योगेंद्र नेगी ने उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कर्नल अजय कौशिक ने शहीद के पुत्र अरुण रौतेला को राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया।

प्रदेश सरकार की ओर से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अमर शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी टिहरी ईवा श्रीवास्तव, एडिशनल एसपी राजन कुमार, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर आरके चमोली पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकेश डीसी धौंडियाल, नरेंद्र नगर के पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, सूबेदार प्रेमाराम, ऋषिकेश नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, अजय के चाचा जबर सिंह रौतेला, उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, ऋषिकेश की उप जिला अधिकारी अपूर्वा, तहसीलदार अमृता शर्मा आदि ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

शहीद अजय सिंह रौतेला के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम मुनिकिरेती के होना तय किया गया था। यहां पर सेना की ओर से तैयारियों की की गई थी। मगर, सुबह से लगातार बारिश के कारण अंत में अंतिम संस्कार के लिए ऋषिकेश मुक्तिधाम को चुना गया।

शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर जब मुक्तिधाम पहुंचा तो यहां पहले से ही उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। नागरिकों ने शहीद के सम्मान में जब तक सूरज चांद रहेगा अजय रौतेला नाम रहेगा…, अजय रौतेला तुम्हारा बलिदान नहीं भूलेगा हिंदुस्तान…, अजय रौतेला जिंदाबाद…, भारत माता की जय… और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। गगनभेदी नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।

जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 14 अक्तूबर को टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हो गए थे। विमाण गांव के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी का शनिवार को कोटेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46) के शहादत की शनिवार देर शाम सेना और प्रशासन की ओर से पुष्टि की गई।