सोबन सिंह जीना मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को मिली मान्यता, एमबीबीएस की 100 सीटें पर इसी सत्र छात्र करेंगे पढ़ाई

 नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा को मान्यता प्रदान कर दी है। मेडीकल कमीशन अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटें दी हैं। पिछले सप्ताह एनएमसी की टीम अल्मोड़ा का दौरा कर वापस लौटी थी। अल्मोड़ा में कालेज करीब आठ साल से निर्माणाधीन है। प्रदेश की लिए यह बड़ी उपलब्धि है।

सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है। दूसरी काउंसिलंग में राज्य कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश होगा। 15 सीटों पर आल इंडिया कोटे से प्रवेश होंगे।
प्रचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज को शुरू कराने के लिए लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो गया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन भी मिल जाएगा। इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उत्तराखंड में अभी तक तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें एक देहरादून, दूसरा श्रीनगर और तीसरा हल्द्वानी में है। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2012 से चल रहा था। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को वैसे तो वर्ष 2017 में शुरू करने की योजना थी लेकिन धीरे-धीरे तारीख पीछे खिसकती चली गई। छात्रों का इंतजार भी साल-दर-साल आगे बढ़ता चला गया। पिछले साल भी अनुमति नहीं मिल पाई थी। इस साल स्टूडेंट्स लगातार इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की मांग कर रहे थे। देहरादून के मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डीके मिश्रा की अगुवाई में ट्विटर व अन्य माध्यमों अभियान चलाया।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमबीबीएस की मान्यता के लिए वर्ष 2019 से निरीक्षण चल रहा है। पिछले सप्ताह नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आई थी। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली की टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन फैकल्टी की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मान्यता नहीं मिल सकी।

एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तराखंड एमबीबीएस नीट काउन्सलिंग शुरू होने जा रही है। पहले चरण में इस कॉलेज का विकल्प मिलना मुश्किल है लेकिन दूसरे चरण में छात्रों को इसका विकल्प मिलेगा।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2022 के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की, दूसरी सूची में 11 में से 10 सीटों पर नए चेहरे

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 53 प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद सोमवार देर रात 11 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।सोमवार को जारी कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची की बात करें तो वर्ष 2017 के चुनाव में पार्टी ने अब तक 30 नए चेहरों पर भरोसा किया है। दूसरी सूची में 11 में से 10 नए चेहरे हैं। पार्टी की दूसरी सूची में भी तीन महिलाओं को टिकट दिया गया है। जबकि पहली सूची में भी तीन महिलाओं के नाम बाहर आए थे। इस तरह से पार्टी अभी तक 64 प्रत्याशियों की सूची में छह महिलाओं को टिकट दे चुकी है।

कुमाऊं की रामनगर सीट पर पिछली बार के प्रत्याशी रहे रणजीत रावत को बड़ी पटखनी देते हुए पूर्व सीएम हरीश  रावत टिकट झटकने में कामयाब रहे हैं। इस सीट पर दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्कर थी।हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं लैंसडाउन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। चौकाने वाली बात है कि कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल सहित छह कद्दावर नेताओं के टिकट काट दिए हैं।

सीट उम्मीदवार
डोईवाला – मोहित उनियाल शर्मा
कैंट- सूर्यकांत धस्माना
ऋषिकेश- जयेंद्र रमोला
ज्वालापुर – बरखा रानी
झबरेड़ा – वीरेंद्र जाती
खानपुर – सुभाष चौधरी
लक्सर – डा.अंतरिक्ष सैनी
रामनगर – हरीश रावत
लालकुआं – संध्या डालाकोटी
कालाढूंगी – डॉ. महेंद्र पाल
लैंसडौन – अनुकृति गुसाईं

इन सीटों का रेाका:
नरेंद्र नगर
टिहरी
सल्ट
हरिद्वार ग्रामीण
रुड़की
चौबट्टाखाल

उत्तराखंड में 31 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे, रैलियों, रोड शो पर भी रोक

उत्तराखंड में लागू कोविड प्रतिबंध की अवधि शनिवार को खत्म हो गई थी। उच्च स्तरीय बैठक में हुए मंथन के बाद शासन ने प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया। नई गाइडलाइन के मुताबिक, प्रदेश में नाइट कर्फ्यू रात 10 से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। राज्य में 31 जनवरी तक आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इनमें आनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के कोविड वैक्सीनेशन या कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की भी अब जरूरत नहीं होगी।

चुनाव आयोग की गाइडलाइन को भी कोविड प्रतिबंध में समाहित किया गया है। इसके तहत राजनीतिक दलों को राहत दी गई है। 31 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दलों को छोटी सभाओं की अनुमति होगी। मैदान की कुल क्षमता के 50 फीसदी लोग ही शामिल हो सकेंगे। रैली, प्रदर्शन, रोड शो, पदयात्रा, बाइक रैली जैसे आयोजन नहीं होंगे। इसके अलावा घर-घर जनसंपर्क के लिए अब 5 के स्थान पर 10 व्यक्तियों को अनुमति होगी।

कोविड के संक्रमण को देखते हुए स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क भी 31 जनवरी तक बंद रहेंगे। इस दौरान मनोरंजन, शैक्षिक व सांस्कृतिक समारोह की भी अनुमति नहीं होगी। जिम, शापिंग माल, सिनेमा हाल, होटल, रेस्तरां, ढाबे, स्पा, सैलून, थिएटर, आडिटोरियम, सभाकक्ष, खेल संस्थान, स्टेडियम व खेल मैदान 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। शादी समारोह में स्थल के 50 प्रतिशत क्षमता के साथ व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति होगी।

उत्तराखंड में आज जारी होगी कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव  के लिए कांग्रेस आज प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है।  केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद देर शाम 45 से अधिक उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जा सकती है। वहीं कुछ सीटों पर अभी भी विवाद जारी है और इसको सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली में पिछले दस दिनों से राज्य के दिग्गज टिकटों पर माथापच्ची कर रहे हैं और राज्य में चुनाव प्रचार से दूर हैं।पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि संभवत: शनिवार को पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। उन्होंने कहा कि सभी 70 सीटों पर रायशुमारी के बाद सूची पहले ही सीईसी को सौंप दी गई थी।

आज जारी होने वाली लिस्ट से पहले होने वाली बैठक के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को दिल्ली में रोक दिया गया है। वहीं ये नेता पिछले दस दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। लेकिन फिर भी सीटों को लेकर विवाद बना हुआ है।

कांग्रेस आज 40-45 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकती है. वहीं अभी भी 25 से 30 सीटों पर विवाद चल रहा है। वहीं आज नेताओं के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों और दावेदारों की निगाहें लिस्ट पर टिकी हुई हैं। बताया जा रहा है कि राज्य के सभी गुटों की सहमति से करीब 40 से 45 टिकट तय किए गए हैं और बाकी बची सीटों पर बाद में प्रत्याशी तय किए जाएंगे और इसके लिए उम्मीदवारों का पैनल सीईसी को सौंप दिया गया है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव लड़ेंगे 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 70 सीटों वाले उत्तराखंड में एक चरण में मतदान होगा, यहां 14 फरवरी को वोटिंग की जाएगी। बीजेपी की पहली लिस्ट में सीएम पुष्कर धामी की सीट भी फाइनल कर दी गई है। उम्मीदवार सूची के मुताबिक धामी को खटीमा सीट से पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है।इस सूची में 59 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए गए हैं। शेष सीटों पर दोबारा मंथन के बाद अगले प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हो सकती है।

पहली लिस्ट में अभी 70 सीटों में से 59 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी गई है।प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में 59 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ेंगे। बची 11 सीटों पर बाद में नामों का एलान किया जाएगा। इस बार पांच महिलाओं को इस बार टिकट दिया गया है। वहीं 13 ब्राह्मण नेताओं को टिकट दिया गया है। 10 विधायकों के टिकट कटे हैं। इस बार कुंवर प्रणव चैंपियन का टिकट काट दिया गया है। उनकी पत्नी को टिकट दिया गया है।

इनको मिला टिकट:

  1. पुष्कर सिंह धामी – खटीमा
  2. मदन कौशिक – हरिद्वार शहर
  3. केदार सिंह रावत -यमुनोत्री
  4. भरत सिंह चौधरी -रुद्रप्रयाग
  5. शक्ति लाल साहब -घनसाली
  6. विनोद कंडारी -देवप्रयाग
  7. सुबोध उनियाल- नरेंद्र नगर
  8. प्रीतम पंवार- धनोल्टी
  9. सतपाल महाराज -चौबट्टाखाल
  10. राम चरण नौटियाल -चकराता
  11. मुन्ना सिंह चौहान -विकासनगर
  12. शैलेंद्र मोहन सिंघल-जसपुर
  13. उमेश शर्मा -रायपुर
  14. खजान दास -राजपुर रोड
  15. सविता कपूर -देहरादून कैंट
  16. गणेश जोशी- मसूरी
  17. सुरेश राठोर -ज्वालापुर
  18. प्रदीप बत्रा -रुड़की
  19. देवयानी कुंवर प्रणव चैंपियन- खानपुर
  20. संजय गुप्ता -लक्सर
  21. स्वामी यतिश्वरानंद- हरिद्वार ग्रामीण
  22. डॉक्टर धन सिंह रावत- श्रीनगर
  23. राजकुमार पोरी -पौड़ी
  24. धन सिंह धामी- धारचूला
  25. बिशन सिंह चुफाल- डीडीहाट
  26. आदेश चौहान -बीएचईएल हरिद्वार
  27. चंद्रा पंत -पिथौरागढ़
  28. चंदन राम दास -बागेश्वर
  29. दिलीप सिंह रावत- लैंसडौन
  30. महेश जीना- सल्ट
  31. पूरण सिंह फर्त्याल- लोहाघाट
  32. बंशीधर भगत -कालाढूंगी
  33. दीवान सिंह बिष्ट -रामनगर
  34. त्रिलोक सिंह चीमा- काशीपुर
  35. अरविंद पांडे- गदरपुर
  36. सौरभ बहुगुणा -सितारगंज
  37. फकीरा राम- गंगोलीहाट
  38. सुरेश गाड़िया- कपकोट
  39. महेश शर्मा- अल्मोड़ा
  40. सत्यपाल -भगवानपुर
  41. कैलाश गहतोड़ी -चंपावत
  42. अनिल नौटियाल -कर्णप्रयाग
  43. रेणू बिष्ट -यमकेश्वर
  44. प्रेमसिंह राणा – नानकमत्ता
  45. राजेश कुमार – बाजपुर
  46. दुर्गेश्वर लाल – पुरोला
  47. सुरेश चौहान – गंगोत्री
  48. महेंद्र भट्ट -बदरीनाथ
  49. भोपाल राम टम्टा – थराली
  50. विजय सिंह पंवार उर्फ गुड्डू – प्रतापनगर
  51. सहदेव सिंह पुंडीर- सहसपुर
  52. विनोद चमोली – धर्मपुर
  53. प्रेमचंद अग्रवाल -ऋषिकेश
  54. दिनेश पंवार – मंगलौर
  55. अनिल शाही – द्वाराहाट
  56. रेखा आर्य – सोमेश्वर
  57. राम सिंह कैड़ा – भीमताल
  58. सरिता आर्य – नैनीताल
  59. किच्छा- राजेश शुक्ला

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा के करीब 60 टिकट फाइनल, आज होगी उम्मीदवारों की घोषणा

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार को 60 से अधिक टिकट फाइनल कर दिए हैं। बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर देगी। शेष सीटों पर दोबारा मंथन के बाद अगले प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हो सकती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने बृहस्पतिवार तक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो जाने की पुष्टि की।

बुधवार को नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी, उत्तराखंड से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार शामिल हुए।

सूत्रों के मुताबिक, देर रात तक उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों पर आए नामों के पैनल पर मंथन हुआ। इनमें से 60 से अधिक सीटों पर नाम फाइनल कर लिए गए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनके अलावा सभी मंत्रियों के टिकट भी फाइनल हो गए हैं। बृहस्पतिवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो जाएगी। कोटद्वार, डोईवाला समेत करीब 10 सीटों पर पार्टी बाद में निर्णय करेगी।

केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी 70 सीटों के पैनल पर गहन विचार-विमर्श हुआ। अधिकांश विस सीटों पर नाम फाइनल हो चुके हैं। बृहस्पतिवार को प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो सकती है।                                                                                       – मदन कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

कांग्रेस के दबदबे वाली चकराता विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा नया प्रयोग कर सकती है। पार्टी रामशरण नौटियाल पर दांव लगा सकती है। नौटियाल लंबे समय भाजपा में हैं और टिकट की दावेदारी करते आए हैं। उनके पुत्र मशहूर पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल पिता के टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस भी जल्द जारी कर सकती है उम्मीदवारों की सूची टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में भी लगातार मंथन का दौर जारी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस भी जल्द अपने उम्मीदवारों का एलान कर सकती है। दरअसल, भाजपा और कांग्रेस के बीच टिकटों की घोषणा को लेकर रणनीतिक तौर पर -पहले आप, पहले आप की होड़ लगी थी। एक-दूसरे के उम्मीदवारों की सूची देखकर अपने पत्ते खोलने की बात कही जा रही थी। अगर भाजपा अपने सीटों का एलान बृहस्पतिवार को कर देती है तो समझा जाता है कि कांग्रेस की सूची भी जल्द जारी हो सकती है। यह भी बताया गया है कि हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी पर भी पार्टी जल्द फैसला लेगी।

आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 (AILET 2022) ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के द्वारा एलेट (AILET) 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 के लिए एप्लीकेशन फॉर्म 17 जनवरी 2022 से 07 अप्रैल तक पंजीकरण सकते हैं। अभ्यर्थी ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 एप्लीकेशन फॉर्म, एनएलयू की आधिकारिक वेबसाइट nludelhi.ac.in पर जाकर आवेदन सकते हैं। लिखित परीक्षा 01 मई  2022 को ऑफलाइन मोड़ पर आयोजित की  जाएगी।

ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर का टेस्ट होता है जिसके अंतर्गत बी.ए. एलएलबी (ऑनर्स), एलएलएम और पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाता है। एआईएलईटी 2022 में जो छात्र निर्धारित रैंक प्राप्त कर लेंगे उनको विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जायेगा।

लॉ प्रेप दून के निर्देशक एस एन उपाध्याय ने बताया कि बीए एलएलबी के लिए प्रवेश परीक्षा 150 अंक की होती है। अभी तक गणित का 10 अंक और अंग्रेजी, जनरल नॉलेज, रिजनिंग व लीगल एप्टीट्यूड का 35-35 अंक का सेक्शन होता था। लेकिन अब पेपर में तीन ही सेक्शन होंगे। अंग्रेजी का सेक्शन 50 अंक का होगा। इसके अलावा 30 अंक का सामान्य ज्ञान वह 70 अंक का लॉजिकल रीजनिंग होगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी।एलएलएम की परीक्षा भी 150 अंक की होगी। इसमें 50-50 अंक के सेक्शन इंग्लिश लैंग्वेज व लीगल रीजनिंग के होंगे। जबकि 50 अंक के कानून पर आधारित विस्तृत प्रश्न होंगे। इसमें 8 से 10 प्रश्न आएंगे जिनमें 2 प्रश्नों का उत्तर देना होगा पीएचडी के लिए 100 अंक की परीक्षा होती है परीक्षा के लिए देहरादून में भी केंद्र होगा।

एलेट (AILET) आवेदन पत्र 2022 भरते समय, उम्मीदवारों को व्यक्तिगत, शैक्षणिक और संचार विवरण प्रदान करना होगा। एलेट (AILET) आवेदन शुल्क सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 3,050 रुपये और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 1,050 रुपये है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित बीपीएल उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क भुगतान से छूट दी गई है।आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होगा।आवेदन शुल्क भुगतान के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरा माना जाएगा, बिना आवेदन फीस जमा किये गए आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

भाजपा से निष्कासित होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस बनाएगी सरकार, कांग्रेस के लिए अब पूरी तन-मन से काम करेंगे

भाजपा ने हरक सिंह रावत को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। इसको लेकर हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले एक बार भी उनसे बात तक नहीं की। उन्होंने ये भी साफ किया कि अगर मैं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल न हुआ होता तो चार साल पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका होता।

हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस ही सरकार बनाएगी। रावत ने कहा कि वह कांग्रेस के लिए अब पूरी तन-मन से काम करेंगे। रावत के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है। बीजेपी ने हरक को रविवार देर रात पार्टी से निष्कासित कर अंतिम समय में ही सही सरकार से बर्खास्त कर उनके बगावती तेवरों से हो रहे नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया है।

उन्होंने पार्टी के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ये फैसला लेने से पहले मुझसे बात तक नहीं की गई है। उन्होंने ये भी कहा कि मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता हूं।

भाजपा सरकार में हरक सिंह रावत पहले ही दिन से असहज नजर आ रहे थे।  लेकिन अंतिम साल में उन्होंने अपने बयानों और मेल मुलाकातों से भाजपा को ही असहज करके रखा हुआ था। अब चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु होने से चंद घण्टे पहले उनकी कांग्रेस में वापसी की प्रबल संभावना को देखते हुए आखिरकार भाजपा को आखिरकार उनसे अपने रिश्ते फिर से परिभाषित करने पड़ गए हैं।

कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पिछले पाँच सालों से बार बार भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन की मखौल उड़ा रहे थे। यही कारण रहा कि अब कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच भाजपा को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। दरअसल डॉ हरक सिंह रावत पिछले पांच सालों में कई बार पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर चुके थे। डॉ हरक सिंह रावत को लेकर भाजपा के ग्रास रुट कार्यकर्ताओं में पहले से ही नाराजगी थी। उनके साथ ही कॉंग्रेस से आये नेताओ को पार्टी में ज्यादा ही तवज्जो दिए जाने से पार्टी में अंदरखाने खासी नाराजगी थी।

आम कार्यकार्ता बाहर से आए नेताओं को कभी भी तवज्जो नहीं चाहते थे। इसके बावजूद डॉ हरक सिंह रावत और उनके सहयोगी पार्टी को पांच सालों तक चलाते रहे। भाजपा नेतृत्व ने हर सम्भव कोशिश की की हरक सिंह रावत को पार्टी से जोड़ा रखा जाए लेकिन अब पानी सर से ऊपर होने और उनके कांग्रेस में शामिल होने के निर्णय के बाद पार्टी को उनके खिलाफ कदम उठाना पड़ा।
बहू के लिए टिकट मांग दिखा रहे थे बागी तेवर
लैंसडोन से बहू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लगातार बागी तेवर अपनाए हुए थे। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में पहुंचने की बजाय दिल्ली के चक्कर काट रहे थे। पार्टी पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। हरक सिंह रावत हमेशा दबाव की राजनीति के लिए जाने जाते रहे हैं।वह भाजपा पर लगातार हर बार किसी न किसी चीज के लिए दबाव बनाए हुए थे। पहले उन्होंने कोटद्वार मेडिकल कालेज के नाम पर कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देकी र भाजपा को असहज किया।

भाजपा का कड़ा संदेश
भाजपा के इस फैसले के अनुशासन के लिहाज से कड़ा संदेश माना जा रहा है। पिछले काफी समय से हरक बगावती तेवर अपनाए हुए थे। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी दे चुके रावत लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी थे। हरक के आगे हर बार घुटने टेकने से खुद भाजपा के भीतर पसंद नहीं किया जा रहा था। हरक को बर्खास्त कर भाजपा ने साफ कर दिया है कि अब वो किसी दबाव में आने वाली नहीं है।

उत्तराखंडः भारतीय जनता पार्टी ने कबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को पार्टी से निकाला, मंत्रिमंडल से भी किया बर्खास्त

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने कबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजी है। इसके अलावा बीजेपी ने भी उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया।

भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हवाले से बताया है कि अनुशासनहीनता के कारण डॉ हरक सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

हरक सिंह रावत ने पार्टी से दो टिकट मांगे थे, पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद पार्टी विरोधी बयानों को लेकर हरक सिंह रावत चर्चा में आ गए थे। हरक सिंह लैंसडाउन से अपनी पुत्र वधू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की पैरवी कर रहे थे।लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत इसके विरोध में थे, जिस पर पार्टी ने भी हरक सिंह की मांग को मानने से इनकार दिया था।

हरक सिंह रावत के रविवार की शाम दिल्ली जाने और कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी। उनके साथ अन्य विधायक की भी दिल्ली में होना बताया जा रहा है, जो कांग्रेस से भाजपा में आए थे।

हरक सिंह रावत कई मौकों पर बगावती तेवर दिखा चुके हैं। वे 2016 में कांग्रेस को छोड़कर ही भाजपा में आये थे। पार्टी में शामिल होने के बाद भी कई बार उनकी नेतृत्व से तकरार देखने को मिली थी।

उत्‍तराखंड में लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना संक्रमण,  पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3848 नए मरीज, 22 जनवरी तक बढ़ी चुनाव रैलियों पर रोक

कोरोना संक्रमण उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 3848 व्यक्ति संक्रमित पाए गए और 2 संक्रमितों की मौत हुई। संक्रमण दर कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार 12 प्रतिशत के पार हो गई।

राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 30 हजार 983 व्यक्तियों की जांच की गई। जांच में 3848 व्यक्तियों के संक्रमित पाए जाने के साथ संक्रमण दर 12.42 प्रतिशत पर पहुंच गई है। एक दिन पहले शुक्रवार को 3200 नए मामलों के साथ संक्रमण दर 11.48 फीसद थी। कोरोना के सर्वाधिक 1362 नए मामले देहरादून में पाए गए और यहां की संक्रमण दर प्रदेश से कहीं अधिक 19.25 प्रतिशत दर्ज की गई।

देहरादून के बाद नैनीताल में 719 व हरिद्वार में 641 व्यक्ति संक्रमित मिले हैं। वहीं, ऊधमसिंह नगर में 412 व्यक्ति संक्रमित पाए गए। अन्य जिलों में भी जांच के अनुरूप संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है। बढ़ते संक्रमण के चलते प्रदेश का रिकवरी रेट 91.90 प्रतिशत पर आ गया है। शनिवार को स्वस्थ होने वालों के आंकड़ा 1184 रहा। नए मामलों की अपेक्षा एक तिहाई व्यक्ति ही कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ हो रहे हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 14 हजार 892 हो गई है।

जिला, नए संक्रमित

  • देहरादून, 1362
  • नैनीताल, 719
  • हरिद्वार, 641
  • ऊधमसिंह नगर, 412
  • पौड़ी, 168
  • अल्मोड़ा, 128
  • टिहरी, 109
  • बागेश्वर, 75
  • चंपावत, 67
  • चमोली, 63
  • पिथौरागढ़, 50
  • उत्तरकाशी, 28

रुद्रप्रयाग, 26

उत्तराखंड में चुनाव रैलियों पर रोक 22 तक बढ़ी, इनडोर प्रचार में राहत 
लगातार बढ़ते कोविड संक्रमण के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और नेताओं की रैलियों पर रोक की अवधि 22 जनवरी तक बढ़ा दी है। हालांकि दलों को 300 लोगों की उपस्थिति या उस हॉल की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ इनडोर बैठक करने की राहत प्रदान की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देशों का पूर्ण पालन उत्तराखंड में किया जाएगा। आयोग ने तय किया है कि 22 जनवरी तक कोई रोड शो, रैली या पद यात्रा या वाहन रैली नहीं हो सकेगी।

किसी भी तरह की फिजिकल रैली का आयोजन भी 22 जनवरी तक नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, राजनीतिक दल अगर चाहें तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अधिकतम 300 या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक की संख्या के साथ इनडोर बैठक कर सकते हैं। इसमें राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की गाइडलाइंस और कोविड गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य होगा। सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल या आचार संहिता से जुड़े किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। इनमें से किसी का भी उल्लंघन किया तो संबंधित नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।