राष्ट्रपति की मंजूरी के एक दिन बाद केंद्र ने की 3 नए सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति, न्यायपालिका में बड़ा बदलाव

News web media Uttarakhand :  केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के तीन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की, जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के एक दिन बाद आई। ये नियुक्तियाँ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 26 मई की सिफारिशों के आधार पर की गई हैं। नए नियुक्त न्यायाधीशों में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश ए.एस. चंदुरकर शामिल हैं।

इन तीनों न्यायाधीशों को 30 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। इनकी नियुक्ति के साथ सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 पूरी हो जाएगी।

यह नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश गवई के कार्यकाल की शुरुआत में हुई है, जो 14 मई को पदभार ग्रहण करने वाले दूसरे अनुसूचित जाति समुदाय से मुख्य न्यायाधीश हैं।

इन नियुक्तियों के साथ-साथ, कॉलेजियम ने पांच नए हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और चार मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है। इसके अलावा, 22 हाईकोर्ट न्यायाधीशों का स्थानांतरण भी प्रस्तावित किया गया है, जो न्यायपालिका में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इन नियुक्तियों से न्यायपालिका में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और वरिष्ठता को प्राथमिकता देने की परंपरा को बल मिला है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कॉलेजियम के निर्णयों, न्यायाधीशों की प्रोफाइल और संपत्ति घोषणाओं को सार्वजनिक करना शुरू किया है, जिससे न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है।

30 मई को सीएम रेखा गुप्ता सरकार के हो रहे 100 दिन पूरे, पेश करेंगी अपना रिपोर्ट कार्ड

News web media Uttarakhand :  मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को बताया कि 30 मई को उनकी सरकार के सौ दिन पूरे हो रहे हैं. इस खास अवसर पर वह अपनी सरकार से जुड़े रिपोर्ट कार्ड को पेश करेंगी. इस रिपोर्ट में बताया जाएगा कि अब तक दिल्ली सरकार की तरफ से जनता के हित के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं.

उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार ने दिल्ली की जनता के लिए चौबीस घंटे काम किया है. हम एक दिन भी नहीं बैठे हैं. हमने यह कोशिश की है कि दिल्ली की जनता के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो.

उन्होंने कहा कि हमारा यह कर्तव्य बन जाता है कि जिस दिल्ली की जनता ने हमें सत्ता में पहुंचाया, उन्हें हम यह बताएं कि हमारी सरकार ने अब तक उनके लिए क्या-क्या काम किए हैं? हम लोग दिल्ली में कौन-कौन सी योजनाएं लेकर आए हैं? हमने कौन-कौन से फैसले लिए हैं?

उन्होंने जलभराव की समस्या को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने दावा किया कि इस बार दिल्ली में कहीं पर भी जलभराव की समस्या पैदा नहीं हुई. अब तक तीन बार दिल्ली में भारी बारिश हो चुकी है. लेकिन, व्यवस्थित तरीके से पानी की निकासी हो रही है. कहीं पर भी जलभराव की समस्या नहीं हुई है. अगर बारिश हो रही है, तो जाहिर सी बात है कि थोड़ा बहुत पानी कहीं न कहीं जमा रह जाता है, लेकिन अब यह लंबे समय तक नहीं रहेगा, क्योंकि हमने पानी की निकासी की पूरी व्यवस्था की है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि दिल्ली में कहीं पर भी जलभराव की समस्या न हो.

उन्होंने आगे कहा कि 30 लाख मीट्रिक टन कूड़ा सभी नालों से निकाला गया. हमने समुचित तरीके से नालों की सफाई की है. इस बार दिल्ली में सबसे कम जलभराव की समस्या है. एक-एक जलभराव वाले चिन्हित स्थलों के लिए हमने नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की थी, जिसकी निगरानी की जा रही है. अगर कोई भी अधिकारी इस मामले में कोताही बरतते पाया गया, तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कोरोना के मामलों को लेकर कहा कि हमने स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली हैं. हम हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं. हम कोरोना के मामलों पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.

69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले पर उत्तर प्रदेश में अभ्यर्थियों का उग्र विरोध, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

News web media Uttarakhand :  उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती घोटाले को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा उबाल पर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण नियमों के उल्लंघन पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द किए जाने के बाद, अभ्यर्थियों ने लखनऊ के इको गार्डन में 600 से अधिक दिनों तक धरना दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिले और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई और कई योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति से वंचित किया गया। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरक्षण में विसंगति की बात स्वीकार की थी और बेसिक शिक्षा विभाग को न्यायसंगत समाधान के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, भर्ती प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और आक्रोश बढ़ा।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और भर्ती प्रक्रिया में सुधार नहीं होता।

भारत की आपत्ति के बावजूद IMF ने पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट दिया, सभी शर्तें पूरी बताईं

News web media Uttarakhand :  भारत की आपत्ति के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट पैकेज जारी किया है, यह कहते हुए कि पाकिस्तान ने सभी आवश्यक लक्ष्य पूरे किए हैं। IMF के संचार विभाग की निदेशक, जूली कोज़ैक ने कहा कि बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया है और कुछ सुधारों में प्रगति की है, जिसके कारण कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।

यह बेलआउट पैकेज पाकिस्तान के लिए $7 बिलियन के विस्तारित निधि सुविधा (EFF) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी। अब तक, पाकिस्तान को इस कार्यक्रम के तहत $2.1 बिलियन मिल चुके हैं।

भारत ने इस वित्तीय सहायता पर आपत्ति जताई थी, यह आरोप लगाते हुए कि यह धनराशि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हो सकती है। भारत ने IMF से इस बेलआउट पैकेज पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।

IMF ने पाकिस्तान को 11 नई शर्तें भी दी हैं, जिनमें बजट अनुमोदन, बिजली बिलों पर ऋण सेवा अधिभार बढ़ाना और आयात प्रतिबंधों को हटाना शामिल हैं। IMF ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इन शर्तों का पालन न करने से आगामी भुगतान प्रभावित हो सकते हैं।

गांधी परिवार पर ₹142 करोड़ की अवैध आय प्राप्त करने का ईडी का आरोप

News web media Uttarakhand : दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ₹142 करोड़ की अपराध से अर्जित राशि का लाभ उठाया है। ईडी के अनुसार, यह धनराशि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों से प्राप्त किराए और अन्य आय से संबंधित है, जिसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) ने अधिग्रहित किया था।

ईडी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से अर्जित संपत्ति प्राप्त की, बल्कि उसे बनाए भी रखा, जो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दंडनीय है। एजेंसी ने नवंबर 2023 में एजेएल से जुड़ी ₹751.9 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था।

यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गांधी परिवार ने एजेएल की संपत्तियों को धोखाधड़ी से यंग इंडियन के माध्यम से अधिग्रहित किया। ईडी ने 2021 में इस मामले की जांच शुरू की थी और हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया है।

अदालत ने ईडी को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता स्वामी को आरोपपत्र की एक प्रति प्रदान करे। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है।

पंजाब में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी सैन्य जानकारी लीक करने वाले 2 आरोपियों की गिरफ्तारी

News web media Uttarakhand : पंजाब के गुरदासपुर जिले में 19 मई 2025 को पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित संवेदनशील सैन्य जानकारी लीक की। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, इन दोनों ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की तैनाती, रणनीतिक स्थानों और सैनिकों की मूवमेंट की जानकारी ISI के हैंडलरों को दी।

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि 15 मई को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर इन दोनों की गिरफ्तारी की गई। इनके पास से तीन मोबाइल फोन और आठ जिन्दा कारतूस (.30 बोर) बरामद हुए हैं। मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में ISI के साथ संपर्क स्थापित होने की पुष्टि हुई है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।

यह गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच हुई है। इससे पहले, अमृतसर में भी एक दर्जी और एक मोची को सैन्य जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता को और स्पष्ट किया है।

नदी सूखी रख 5 जून तक चलेगा 9 हज़ार स्वयंसेवकों का स्वच्छता कार्य

News web media Uttarakhand : अहमदाबाद में साबरमती नदी को 5 जून 2025 तक सूखा रखा गया है ताकि वासना बैराज के गेटों की मरम्मत और नदी की गहन सफाई का कार्य किया जा सके। इस अभियान का नेतृत्व साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SRFDCL) और अहमदाबाद नगर निगम (AMC) द्वारा किया जा रहा है।

इस सफाई अभियान में लगभग 9,000 स्वयंसेवकों, 80 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), छात्रों और सामाजिक संस्थाओं ने भाग लिया है। पहले दिन ही नदी से 76 टन कचरा निकाला गया, जिसमें प्लास्टिक, कपड़े, कीचड़ और कच्चा सीवेज शामिल था।

सफाई कार्य गांधी आश्रम के पीछे के घाट से शुरू हुआ और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है, ताकि पानी के स्तर में बदलाव के कारण किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। अधिकारियों ने नागरिकों और संस्थाओं से इस अभियान में भाग लेने की अपील की है, जिससे साबरमती नदी को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।

ट्रंप के दावे के बाद सेंसेक्स में भूकंप, भारत के सभी टैरिफ हटाने के आश्वासन पर 1,330 अंक की जोरदार छलांग

News web media Uttarakhand : अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह दावा करने के बाद कि भारत ने सभी आयात शुल्क (टैरिफ) हटाने का प्रस्ताव दिया है, भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स ने आज लगभग 1,330 अंक की उछाल लगाई, जबकि निफ्टी भी बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ।

ट्रंप के इस बयान ने निवेशकों में भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। भारत के सभी टैरिफ खत्म करने के प्रस्ताव से वैश्विक व्यापार माहौल में सुधार की संभावना जताई जा रही है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंध और मजबूत हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह समझौता पूरा होता है, तो भारत के निर्यात और आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी। वहीं, घरेलू बाजार में भी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और विदेशी निवेश प्रवाह में इजाफा होगा।

इस घोषणा के बाद शेयर बाजार में बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में विशेष तेजी देखी गई। निवेशकों ने इसे वैश्विक आर्थिक स्थिरता की दिशा में सकारात्मक कदम माना है। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है और बाजार की नजरें आगामी सरकारों के कदमों पर टिकी हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के एलान के बाद पहली बार पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी

News web media Uttarakhand : भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पहली बार पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे. जिसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायु सेना के जवानों से मुलाकात करते हुए नजर आ रहे हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने सोमवार रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. साथ ही सेना के जवानों के शौर्य और साहस को सलाम किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर राष्ट्र को संबोधित किया. जिसमें पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को साफ संदेश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान जब तक अपने यहां आतंकवादियों को पनाह देना बंद नहीं करता, उसे इसका और अधिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का मत एकदम साफ है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं हो सकता, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो आतंकवाद पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पीओके पर ही होगी.

पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पर जवानों से मुलाकात की कुछ तस्वीरें अपने एक्स हैंडल से शेयर कीं. तस्वीरें साझा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “आज सुबह मैं वायु सेना बेस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला. साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था. भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, क्योंकि वे हमारे देश के लिए हर काम करते हैं.”

सीएम ममता बनर्जी के प्रस्तावित मुर्शिदाबाद दौरे पर बीजेपी का तीखा हमला, बोले-‘पहले क्यों नहीं गईं’

News web media Uttarakhand : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रस्तावित मुर्शिदाबाद दौरे को लेकर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है. बीजेपी नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदू पीड़ितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. घोष ने कहा कि ममता को हिंसा प्रभावित इलाकों में पहले ही जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इमामों के साथ बैठकें और मंदिरों के उद्घाटन को प्राथमिकता दी.

दिलीप घोष ने ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ममता बनर्जी को मुर्शिदाबाद पहले ही जाना चाहिए था. वह क्यों नहीं गईं? उन्होंने इमामों को बुलाया, बैठकें कीं, उनकी प्रशंसा की और मंदिरों का उद्घाटन किया, लेकिन वह उन जगहों पर कभी नहीं गईं जहां हिंदू पीड़ित थे. मुर्शिदाबाद और मालदा में हिंदुओं को बार-बार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. उनके घर नष्ट कर दिए गए, संपत्ति जला दी गई और उन्हें वहां से पलायन करना पड़ा. ममता ने इसके बारे में कभी कुछ नहीं कहा. अब वह इतनी देर से जा रही हैं कि सारे सबूत मिटा दिए जाएंगे और वहां कुछ भी नहीं बचेगा. उन्हें वहां पहले ही जाना चाहिए था. वह क्यों नहीं गई?

मुर्शिदाबाद में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे. बीजेपी ने दावा किया है कि इस हिंसा में हिंदुओं को निशाना बनाया गया और करीब 400 हिंदू परिवारों को अपने घर छोड़कर मालदा और झारखंड के पकुर जिले में शरण लेनी पड़ी. बीजेपी ने ममता सरकार पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि वह हिंसा के पीड़ित हिंदुओं के प्रति उदासीन रही हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र में भड़की हिंसक झड़पों, मौतों और बर्बरता की घटनाओं के बाद सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करने वाली हैं. क्षेत्र में फैली अशांति के बाद बनर्जी का यह जिले का पहला दौरा है.