India-Russia Summit: पुतिन आज भारत आएंगे, परमाणु ऊर्जा सहयोग पर होगा बड़ा करार; कल पीएम मोदी से शिखर वार्ता

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिनों के भारत दौरे पर आज पहुंचेंगे। पीएम मोदी के साथ शुक्रवार को शिखर वार्ता में रक्षा सहयोग, नागरिक परमाणु ऊर्जा, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर और आर्थिक साझेदारी पर बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बृहस्पतिवार यानी आज भारत के दो दिवसीय दौरे पर आएंगे। इस दौरान शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की शिखर वार्ता होगी। पुतिन के दौरे से ठीक पहले रूस की कैबिनेट ने भारत के साथ नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अहम समझौते (एमओयू) को मंजूरी दे दी है।

इस एमओयू पर राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाएंगे। सूत्रों ने बताया, दोनों नेताओं के बीच शिखर वार्ता में रक्षा संबंध मजबूत करने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबाव से बचाने और छोटे परमाणु रिएक्टरों के मामले में सहयोग के मुद्दे उठेंगे।

रूसी मीडिया के अनुसार, तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में कई रिएक्टर बना रही रूस की परमाणु कंपनी रोसटॉम को भारत की संबंधित एजेंसियों के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी गई है। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि रोसटॉम के सीईओ अलेक्सी लिगाचेव दिल्ली में शिखर वार्ता में कई नए प्रस्ताव पेश करेंगे। इनमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) बनाने संबंधी सहयोग भी शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी देंगे निजी भोज
राष्ट्रपति पुतिन के पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री मोदी उनके लिए निजी भोज देंगे। अमेरिका से लगातार बिगड़ते रिश्तों के बीच भारत, रूस के साथ अपने द्विपक्षीय रणनीतिक व आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है।

अर्थव्यवस्था में सहयोग समझौते पर होंगे हस्ताक्षर
रूसी समाचार एजेंसी तास ने क्रेमलिन के अधिकारी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच 2030 तक अर्थव्यवस्था में रणनीतिक सहयोग के क्षेत्रों के विकास के लिए कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

रक्षा मंत्रियों की मुलाकात में एस-500 पर होगी बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व उनके रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के बीच बृहस्पतिवार को वार्ता में रूस से एस-400 मिसाइल प्रणालियों की खरीद, सुखोई-30 विमानों के उन्नयन, ब्रह्मोस के उन्नत संस्करण पर काम करने पर चर्चा होगी। दोनों के बीच एस-500 पर भी बात हो सकती है। बेलौसोव पुतिन के साथ आ रहे हैं।

 

PM Modi: ‘यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए’, संसद के शीत सत्र से पहले पीएम मोदी का विपक्ष को संदेश

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को कड़ा संदेश दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि ड्रामा करने के लिए बहुत सी जगहें होती हैं, जिसको करना है करते रहें, लेकिन यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नारों के लिए भी पूरा देश पड़ा है। जितने नारे बुलवाने हों, पूरा देश पड़ा है। आइए जानते है पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा?

संसद के शीतकालीन सत्र की आज यानी एक दिसंबर से शुरुआत हो रही है। इससे पहले प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को भी कड़ा संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि ये शीतकालीन सत्र सिर्फ प्रथा नहीं है। ये देश को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के जो प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम यह शीतकालीन सत्र करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। भारत ने लोकतंत्र को जिया है, लोकतंत्र के उमंग और उत्साह को समय समय पर ऐसे प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत होता रहता है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि लंबे समय से मेरी सबसे बड़ी चिंता रही है कि जो सदन में जो पहली बार चुनकर आए हैं या जो छोटी आयु के हैं, वैसे सभी दलों के सभी सांसद बहुत परेशान हैं, बहुत दुखी हैं। उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने का अवसर नहीं मिल रहा है। अपने क्षेत्र की समस्या बताने का अवसर नहीं मिल रहा है।

पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्र की विकास यात्रा में वे अपने कुछ विचार बताना चाह रहे हैं, उस पर भी रोक लगा दी जा रही है। कोई भी दल हो, हमें अपने नई पीढ़ी के सांसदों को अवसर देने चाहिए। हमें उन्हें अवसर देना चाहिए। उनके अनुभवों का सदन को लाभ मिलना चाहिए। मेरा आग्रह रहेगा कि हम इन चीजों को गंभीरता से लें।

सदन में ड्रामा नहीं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को संदेश देते हुए सख्त अंदाज में कहा कि ड्रामा करने के लिए बहुत सी जगहें होती हैं, जिसको करना है करते रहें, लेकिन यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नारों के लिए भी पूरा देश पड़ा है। जितने नारे बुलवाने हों, पूरा देश पड़ा है। जहां पराजित होकर आए हो, वहां बोल चुके हो, जहां पराजित होने के लिए जाने वाले हो वहां भी बोल लीजिए। लेकिन यहां तो नारे नहीं, नीति पर बल देना चाहिए। वो आपकी नीयत होनी चाहिए।

इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हो सकता है राजनीति में नकारात्मकता कुछ काम आती होगी, लेकिन देश निर्माण के लिए सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए। नकारात्मकता को अपनी मर्यादा में रखकर देश निर्माण पर ध्यान दें, ऐसी मेरी अपेक्षा रहेगी।

जीएसटी रिफॉर्म्स पर भी बोले पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे नए सभापति आज से उच्च सदन का मार्गदर्शन करेंगे, मैं उन्हें शुभकामना देता हूं। जीएसटी रिफॉर्म्स यानी नेक्स्ट जेन रिफॉर्म्स ने देशवासियों के प्रति श्रद्धा का वातावरण पैदा किया है। उस दिशा में बहुत सारे काम होने वाले हैं। पिछले कुछ समय से हमारे सदन को या तो चुनावों की वॉर्मिंग अप के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, या पराजय की बौखलाहट को निकालने के लिए प्रयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ प्रदेश ऐसे हैं कि वहां वर्षों सत्ता में रहने के बाद इतनी एंटी-इन्कंबेंसी है कि वहां वे अपनी बातें बताने जा नहीं पा रहे। वहां लोगों के बीच जा नहीं पा रहे। इसलिए सारा गुस्सा यहां सदन में आकर निकालते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सदन को अपने उस राज्य की राजनीति के लिए इस्तेमाल करने की एक नई परंपरा को कुछ दलों ने जन्म दिया है। उन्हें एक बार चिंतन करना चाहिए कि 10 साल से ये खेल खेल रहे हैं, देश स्वीकार नहीं कर रहा है उनको। तो अपनी रणनीति थोड़ा बदलें।

पीएम ने कहा कि मैं टिप्स देने के लिए तैयार हूं, उनको कैसे परफॉर्म करना चाहिए। लेकिन कम से कम सांसदों के हक पर रोक मत लगाइए। सांसदों को अभिव्यक्ति का अवसर दीजिए। अपनी निराशा और पराजय में सांसदों की बलि मत चढ़ाइए।

 

सोशल मीडिया कैसे रेगुलेट हो? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को थमा दिया ‘हथियार’

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट को लेकर बहुत ही सख्त रुख अपनाया है। सीजेआई सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने अनियंत्रित सोशल मीडिया कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए एससी/एसटी ऐक्ट की तरह कानून पर विचार करने को कहा है।

 सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए ऑटोनोमस बॉडी की जरूरत है। भारत के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने माना है कि ‘सेल्फ-स्टाइल्ड’ बॉडी इन हालातों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और बाहरी प्रभावों से मुक्त एक न्यूट्रल रेगुलेटर बॉडी की आवश्यकता है। सर्वोच्च अदालत ने तो केंद्र सरकार को इसके लिए एससी/एसटी ऐक्ट तक का उदाहरण दिया है।

अश्लील कंटेंट का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि क्या किसी व्यक्ति के आधार नंबर का इस्तेमाल सोशल मीडिया कंटेंट देखने से पहले उम्र सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे उसे ऐसे ऑनलाइन कंटेंट देखने का मौका मिल जाए, जो अश्लील हो सकता है। सर्वोच्च अदालत में उन यूट्यूबर्स की याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी, जिनमें इंडियाज गॉट लेटेंट शो के दौरान की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ एफआईआर को चुनौती दी गई।

बेहत सख्त कानून की जरूर

इस दौरान सीजेआई सूर्यकांत ने केंद्र से कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त कानून बनाने पर विचार करे, खासकर उन केस में जिनमें दिव्यांगों को अपमानित किया जाता है। सीजेआई ने मौखिक तौर पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘आप कुछ उसी तरह का क्यों नहीं सोचते हैं, जैसे कि एससी/एसटी ऐक्ट की तरह…जहां सजा मिलेगी, अगर आप उन्हें अपमानित (दिव्यांग को) करते हैं।’ सीजेआई की बातों पर तुषार मेहता ने कहा, ‘कुछ करना पड़ेगा। इसे यूजर जनरेटेड कंटेंट कहते हैं, उसमें कुछ कमी है…मैं अपना खुद का यूट्यूब चैनल बनाता हूं, मेरा अपना प्रोग्राम हो सकता है। मैं किसी भी कानून..नियम या कम से कम खुद से बनाए गए नियमों के कंट्रोल से बाहर हूं।’

‘ जिम्मेदार समाज बनाना जरूरी’

वहीं अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने बेंच को बताया कि केंद्र ने कुछ नई गाइडलाइंस प्रस्तावित की है। इसपर सीजेआई ने मौखिक तौर पर कहा, ‘पायलट बेसिस पर कुछ आने दें; और अगर इससे फ्री स्पीच और एक्सप्रेशन में रुकावट आती है, तो उस पर तब विचार किया जा सकता है। हमें एक जिम्मेदार समाज बनाने की आवश्यकता है और एक बार ऐसा हो जाने पर, अधिकतर समस्याओं का हल निकल जाएगा।

‘मौलिक अधिकार का बैलेंस जरूरी’

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि मौलिक अधिकार को बैलेंस करना होगा और ऐसी चीजों को मंजूरी नहीं दी जाएगी जो किसी का मुंह बंद करा दे। सीजेआई ने कहा,’अगर आप कोई उपाय लेकर आते हैं, तो हम रेगुलेटरी उपाय भी बताएंगे।’ सीजेआई सूर्यकांत ने कहा, ‘बोलने के अधिकार का सम्मान करना होगा। मान लीजिए कि कोई प्रोग्राम है और उसमें कुछ एडल्ट कंटेट है, तो पहले से कुछ चेतावनी दी जानी जरूरी है।’इसपर जस्टिस बागची ने भी मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘बोलने के अधिकार की सुरक्षा करनी होगी’ लेकिन, ‘प्रिवेंटिव मेकेनिज्म’ होनी चाहिए। इस दौरान जस्टिस बागची ने कथित राष्ट्र-विरोधी कंटेंट का भी जिक्र किया और सवाल उठाया कि क्या इन्हें सेल्फ-रेगुलेशन से रोका जा सकता है।

Constitution Day: संसद में संविधान दिवस समारोह, राष्ट्रपति के नेतृत्व में हुआ संविधान की प्रस्तावना का पाठ

National Constitution Day: आज संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रीय संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समारोह की अध्यक्षता करेंगी। जबकि उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और तमाम केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल होंगे।

संविधान दिवस, 2025 के उपलक्ष्य में संसद के संविधान सदन में बुधवार को समारोह का आयोजन किया जा रहा है। सेंट्रल हॉल में हो रहे इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर रही हैं। इसके अलावा उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, पीएम मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा केंद्रीय मंत्रियों का समूह भी सेंट्रल हॉल पहुंचा। विपक्ष की तरफ से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद रहे। यह मौका भारत द्वारा संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम को सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की तरफ से संबोधित किया गया। इसके बाद उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी वक्तव्य दिया। आखिर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संदेश दिया और कहा कि संविधान में सामाजिक न्याय प्रमुख है। आखिर में राष्ट्रपति के नेतृत्व में सेंट्रल हॉल में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया।

संविधान दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, सेंट्रल हॉल समारोह के दौरान डिजिटल मोड में कई योजनाओं का विमोचन किया गया।

    • विधायी विभाग की तरफ से तैयार नौ भाषाओं – मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया – में भारत के संविधान का लोकार्पण ।
    • संस्कृति मंत्रालय की तरफ से तैयार स्मारक पुस्तिका ‘भारत के संविधान से कला और कैलीग्राफी ‘ (हिन्दी संस्करण) का विमोचन।

देश भर में, सभी केंद्रीय मंत्रालय/विभाग, उनके अधीनस्थ और संबद्ध कार्यालय, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें और स्थानीय निकाय इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे। आम नागरिक कई माध्यमों से इसमें भाग लेंगे:

  • मायजीओवी.इन और संविधान75.कॉम पर प्रस्तावना का ऑनलाइन वाचन
  • प्रमाणपत्र सृजन और सोशल मीडिया साझाकरण में भागीदारी
  • ‘हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान’ पर राष्ट्रीय ऑनलाइन क्विज और ब्लॉग/निबंध प्रतियोगिताएं
  • सम्मेलन, सेमिनार, वाद-विवाद, लघु फिल्में, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर/पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं, तथा पंचायत से संसद स्तर तक संविधान-विषयक अन्य गतिविधियां।

इस प्रकार, संविधान दिवस, 2025 को देश के हर कोने में और विश्व में रहने वाले भारतीयों द्वारा संवैधानिक मूल्यों के राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के दौरान भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का नेतृत्व करेंगी। इस कार्यक्रम के दौरान यादगार पुस्तिका ‘भारत के संविधान में कला और कैलिग्राफी’ भी जारी की जाएगी।

पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि, शक्ति स्थल पहुंचे सोनिया और राहुल, जानें पूर्व PM से जुड़ा पूरा इतिहास

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं इंदिरा गांधी ने बाल चरखा संघ और वानर सेना की स्थापना की।

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और ‘भारत रत्न’ इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।

इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में स्थित शक्ति स्थल पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को उनकी 108वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहीं इंदिरा

बता दें कि इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 को पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। इसके बाद 14 जनवरी 1980 को दोबारा इस जिम्मेदारी को संभालने का मौका मिला। 19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म देश के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में हुआ था।

वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं। इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ बनाई। सितंबर 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया। 1947 में इन्होंने महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया।

कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रहीं इंदिरा

कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक पदों पर पहुंचने के साथ-साथ उनकी राजनीतिक जिम्मेदारियां लगातार बढ़ती गईं। 1955 में वे कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं। 1958 में, वे कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में शामिल हुईं। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय एकता परिषद की अध्यक्ष, अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महिला विभाग की प्रमुख के रूप में भी कार्य किया। इंदिरा गांधी 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 1960 तक और फिर जनवरी 1978 से इस पद पर रहीं।

पीएम के साथ विदेश मंत्री भी रहीं इंदिरा

इंदिरा गांधी का मंत्री पद का कार्यकाल 1964 से 1966 तक सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य करने के साथ शुरू हुआ। जनवरी 1966 में वे भारत की प्रधानमंत्री बनीं और मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या होने तक इस पद पर रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक साथ कई प्रमुख विभागों का कार्यभार संभाला, जिनमें 1967 से 1977 तक परमाणु ऊर्जा मंत्री, 1967 से 1969 तक विदेश मंत्री, 1970 से 1973 तक गृह मंत्री और 1972 से 1977 तक अंतरिक्ष मंत्री शामिल हैं। जनवरी 1980 में, वे योजना आयोग की अध्यक्ष बनीं।

यूपी और आंध प्रदेश से हासिल की जीत

इंदिरा गांधी चौथे, पांचवें और छठे आम चुनावों में लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से पहले 1964 से 1967 तक राज्यसभा सदस्य रहीं। जनवरी 1980 में, उन्होंने उत्तर प्रदेश के रायबरेली और आंध्र प्रदेश के मेडक, दोनों सीटों से जीत हासिल की। हालांकि बाद में उन्होंने मेडक सीट बरकरार रखने का फैसला किया। उन्होंने 1967 से 1977 तक और फिर 1980 से कांग्रेस संसदीय दल की नेता के रूप में भी कार्य किया।

 

Delhi Blast: दो कारों से आए थे ‘आतंकी’, एक कार अभी भी राजधानी में घूम रही; दिल्ली ब्लास्ट में एक और नया खुलासा

फरीदाबाद जैश आतंकी मॉड्यूल का संदिग्ध आतंकी दिल्ली में अभी भी घूम रहा है। संदिग्ध दो कारों से दिल्ली पहुंचे थे। चांदनी चौक पार्किंग में भी एक ही साथ थीं। आतंकियों की दूसरी ईको स्पोटर्स कार अभी भी दिल्ली में घूम रही है। 

राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी हमले का खतरा अभी टला नहीं हैं। अभी भी एक संदिग्ध आतंकी दिल्ली में बेलगाम घूम रहा है। ये खुलासा घटनास्थल के पास पार्किंग और घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों से हुआ है। एक आतंकी लाल रंग की ईको स्पोटर्स कार से घूम रहा है। 

इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली का है। ऐसे में दिल्ली पुलिस समेत देश की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है। जांच में आई इस बात के बाद पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट कर दिया गया है। दिल्ली में सभी वीवीआईपी, एतिहासिक व बाजारों खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का फरीदाबाद मोड्यूल के संदिग्ध फरीदाबाद में पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद दिल्ली में दो कारों से पहुंचे थे। एक कार, जोकि हरियाणा नंबर की है, से लालकिले के सामने बम धमाका किया गया है।

जबकि दूसरी कार अभी दिल्ली में बेलगाम घूम रही है। इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर-डीएल-10 सीके 045.. हैं। ये ईको स्पोर्टस कार हैं और इसका रंग लाल है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों कारें एक साथ दिल्ली पहुंची थी और चांदनी चौक पार्किंग में भी एक ही साथ थीं।

इस कार में एक संदिग्ध सवार था और वह आई-20 कार में सवार संदिग्धों से बात भी कर रहा था। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि ये दोनों कारें बदरपुर बॉर्डर से एक साथ ही दिल्ली घुसी थीं। साथ ही चांदनी चौक व लालकिले के आसपास एक साथ घूम रही थी।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर रात तक इस कार व उसमें सवार संदिग्ध के बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। जांच में ये बात सामने आने के बाद दिल्ली में जगह-जगह पिकेट लगाकर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी गई थी।

दूसरी तरफ इस अधिकारी ने भी बताया कि बम धमाके पास से जो दो कारतूस मिले हैं वह सरकारी नहीं है। यानि की कारतूस पुलिस के नहीं है। ऐसे में दिल्ली पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां और ज्यादा सकते में आ गई है।

देश को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम, दिल्ली से कश्मीर तक जुड़े आतंक के तार
सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच में लाल किला के पास बम धमाके को डर और लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है। आतंकी भले ही दिल्ली को दहलाने में कामयाब हो गए हो लेकिन देश की सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की देश को दहलाने या देश में बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया।

धमाके के तार फरीदाबाद और लखनऊ जैश के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ते नजर आ रहे हैं। ये पहला मॉड्यूल है कि जिसने हरियाणा, यूपी, जम्मू कश्मीर और दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा डॉक्टर उमर मोहम्मद अपने मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी से डर गया था।

वह पुलिस से बचकर दिल्ली आ गया था और गिरफ्तारी के डर से लाल किला के पास बम धमाका कर खुद को उड़ा लिया, या वह आत्मघाती बम बन गया। लापरवाही ये है कि फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद बावजूद दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां नहीं जागीं।

दिल्ली पुलिस ने कहने के लिए राजधानी को हाईअलर्ट पर रखा, मगर कहीं भी चेकिंग नहीं की और न सुरक्षा बढ़ाई। आरोपी डाक्टर मोहम्मद उमर आसानी से दिल्ली आया और अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो गया।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लालकिले बम धमाके का फरीदाबाद के जैश के आतंकी मॉड्यूल से सीधा कनेक्शन आ रहा है। पुलिस सूत्रों ने आरोप लगाया कि पेशे से डॉक्टर उमर मोहम्मद फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा एक और डॉक्टर था।

डॉ. मुजम्मिल अहमद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उमर मोहम्मद कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था। जम्मू कश्मीर के पुलवामा के एक व्यक्ति तारिक को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसने कथित तौर पर उमर मोहम्मद को आई-20 कार दी थी।

जैश के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है
सूत्रों से जानकारी मिली है कि दिल्ली लाल किले बम धमाके में पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल अहमद शामिल हो सकता है। डॉ. मुजम्मिल अहमद जैश ए मोहम्मद के उस आतंकी नेटवर्क से जुड़ा है, जिसके नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ था। उसके पास से 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक, टाइमर, वॉकी टॉकी और अन्य सामान बरामद हुआ था। जांच एजेंसियों का मानना है कि फरीदाबाद में दो साथी डॉक्टरों के पकड़े जाने के बाद उमर मोहम्मद ने घबराहट में लाल किले के पास ये धमाका कर दिया है। ये प्रारंभिक जांच में सामने आ रहा है।

कंधार हाईजैक से भी तार जुड़े
कार खरीदने वाला आमिर आरोपी उमर का भाई है। फरीदाबाद से सोमवार को गिरफ्तार डॉ. शाहीन को लेकर बड़ा खुलासा है। डॉ शाहीन आतंकी संगठन जैश की महिला विंग की प्रमुख है। भारत में भर्ती की जिम्मेदारी मिली थी। जैश ने भारत में संगठन में भर्ती करने का जिम्मा सौंपा था।

पाकिस्तान स्थित जमात उल मोमीनात जैश की महिला विंग है, जिसकी भारत में कमान डॉक्टर शाहीन को सौंपी गई है। सादिया अजहर मसूद की बहन है, जो पाकिस्तान में जैश की महिला विंग की हेड है। सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड था।

विस्फोटक मिलने के कुछ घंटों बाद ही लालकिला धमाका हुआ
लाल किला बम धमाका फरीदाबाद के पास एक कश्मीरी डॉक्टर के किराये के मकान से लगभग 360 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट, हथियारों एवं गोलाबारूद का जखीरा बरामद होने के कुछ घंटों बाद हुआ।

हरियाणा पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के धौज इलाके से डॉ. मुजम्मिल गनई को गिरफ्तार किया था और उसके किराये के मकान से विस्फोटक सामग्री, हथियार और टाइमर बरामद किए थे। दिल्ली पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूपी एटीएस ने लखनऊ से जिस डा. परवेज अंसारी को पकड़ा है उससे भी लिंक सामने आए हैं।

 

Airport Glitch: क्या ATC ने जुलाई में मिली चेतावनी की अनदेखी की? अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद आया था अलर्ट

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाएं अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं। लगभग 36 घंटे पहले हुई बड़ी तकनीकी खराबी के बाद शनिवार को हालात में सुधार देखा गया। शुक्रवार को देशभर में सैकड़ों उड़ानों के ठप होने का कारण बने सिस्टम क्रैश को समय रहते टाला जा सकता था। यह दावा एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के संगठन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने किया है। गिल्ड का कहना है कि उसने कई महीने पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सिस्टम की खराब स्थिति और अपग्रेड की जरूरत के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया।

अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद आया था अलर्ट
गिल्ड ने अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद जुलाई में जारी एक पत्र में कहा था कि दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर मौजूदा ऑटोमेशन सिस्टम की कार्यक्षमता में गिरावट देखी जा रही है। सिस्टम स्लो होने और बार-बार लैग आने की वजह से उड़ानों के संचालन की सुरक्षा और दक्षता प्रभावित हो रही है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने सांसदों को भी पत्र लिखकर आग्रह किया था कि भारत में उपयोग किए जा रहे एयर नेविगेशन सिस्टम्स का समय-समय पर रिव्यू और अपग्रेड जरूरी है, ताकि वे यूरोकंट्रोल और FAA जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रह सकें। पत्र में यह भी कहा गया था कि भारत के ऑटोमेशन सिस्टम में “AI-सक्षम कॉन्फ्लिक्ट डिटेक्शन और रियल-टाइम डेटा शेयरिंग” जैसी सुविधाओं का अभाव है, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाते हैं।

लापरवाही के चलते आई तकनीकी खामियां
गिल्ड के अधिकारियों के अनुसार हमने बार-बार इन तकनीकी खामियों की ओर ध्यान दिलाया, लेकिन अब तक कोई ठोस सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार को जो सिस्टम क्रैश हुआ, वह इसी लापरवाही का नतीजा है। जानकारों का मानना है कि यदि समय रहते सिस्टम अपग्रेड कर दिया गया होता, तो न केवल उड़ानें बाधित होने से बच जातीं बल्कि देश की विमानन सुरक्षा प्रणाली भी अधिक मजबूत होती।

क्या आई थी दिक्कत?
गुरुवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम में तकनीकी दिक्कत आ गई थी। यह समस्या ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (एएमएसएस )में आई, जो उड़ानों की योजना (फ्लाइट प्लानिंग) से जुड़ा एक अहम हिस्सा है। इस सिस्टम के फेल होते ही उड़ानों के संदेश और डेटा अपने-आप कंट्रोल टावर तक नहीं पहुंच रहे थे। नतीजतन, एयरलाइंस को मैन्युअल तरीके से उड़ान योजनाएं बनानी पड़ीं।

तकनीकी खराबी पर अधिकारियों की सफाई
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने कहा कि यह एक तकनीकी समस्याथी, लेकिन किसी भी उड़ान की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा।जो विमान हवा में थे, वे सामान्य रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचे। दिक्कत केवल उड़ान से पहले के संदेश और योजना प्रक्रिया में आई थी।

FATF ने भारत की संपत्ति पुनर्प्राप्ति प्रणाली की सराहना की, ED को वैश्विक आदर्श एजेंसी बताया

एफएटीएफ ने कहा कि भारत ने संपत्ति वसूली के लिए एक सुव्यवस्थित और तकनीक-संचालित तंत्र बनाया है, जिसमें कानूनी उपकरणों को कई एजेंसियों के बीच परिचालन सहयोग के साथ जोड़ा गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने भारत की संपत्ति वसूली प्रणाली की सराहना करते हुए इसे अपने सदस्य देशों में सबसे प्रभावी बताया है।

अपनी नई जारी रिपोर्ट, “संपत्ति वसूली मार्गदर्शन और सर्वोत्तम अभ्यास” में, FATF ने आपराधिक आय का पता लगाने, कुर्की करने और जब्त करने में अपनी दक्षता के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक आदर्श एजेंसी के रूप में रेखांकित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रणाली आर्थिक और वित्तीय अपराधों से प्राप्त संपत्तियों की वसूली करने में सक्षम एक मजबूत ढाँचे का प्रतिनिधित्व करती है।

एफएटीएफ रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
एफएटीएफ ने पाया कि भारत ने संपत्ति वसूली के लिए एक सुव्यवस्थित और तकनीक-संचालित तंत्र विकसित किया है, जिसमें कानूनी उपकरणों को विभिन्न एजेंसियों के बीच परिचालन सहयोग के साथ जोड़ा गया है। इसने भारत के दोहरे दृष्टिकोण की विशेष रूप से प्रशंसा की, जो दोषसिद्धि-आधारित और गैर-दोषसिद्धि-आधारित, दोनों तरह की ज़ब्ती की अनुमति देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपराधिक मुकदमे पूरे होने से पहले ही संपत्ति ज़ब्त की जा सके।

रिपोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भारत की विधायी शक्ति की भी सराहना की गई, जो अधिकारियों को आपराधिक गतिविधि से जुड़ी संदिग्ध संपत्तियों को तुरंत ज़ब्त, कुर्क और ज़ब्त करने में सक्षम बनाता है। एफएटीएफ ने कहा कि इसने भारत के प्रवर्तन मॉडल को सदस्य देशों में सबसे अधिक उत्तरदायी और अनुकूलनीय बना दिया है।

एफएटी

उदाहरण के तौर पर, रिपोर्ट में भारत में कई उच्च-मूल्य वाली वसूली का उल्लेख किया गया है, जिनमें कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, सहकारी बैंक घोटाले और निवेश योजनाओं से जुड़े मामले शामिल हैं, जहाँ हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की गई और बाद में सार्वजनिक लाभ के लिए पुनर्व्यवस्थित की गई। इनमें से कई मामलों में, संरचित क्षतिपूर्ति उपायों के माध्यम से पीड़ितों को धनराशि सफलतापूर्वक वापस कर दी गई।

जिन पहलुओं का विशेष उल्लेख किया गया, उनमें से एक भारत द्वारा मूल्य-आधारित ज़ब्ती का उपयोग था, जो मूल संपत्ति का पता न चलने पर भी समतुल्य संपत्ति को ज़ब्त करने की अनुमति देता है। FATF के अनुसार, यह दृष्टिकोण वित्तीय अपराधियों के विरुद्ध निवारक प्रभाव को महत्वपूर्ण रूप से मज़बूत करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी अवैध लाभ पहुँच से बाहर न रहे।

एफ ने भारत के मज़बूत अंतर-एजेंसी सहयोग पर प्रकाश डाला
एफएटीएफ रिपोर्ट में वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित प्रमुख भारतीय संस्थानों के बीच समन्वय की सराहना की गई है। इसमें कहा गया है कि इन एजेंसियों के बीच तालमेल ने “अन्य देशों के लिए अध्ययन और अनुकरण हेतु एक व्यावहारिक मॉडल” तैयार किया है।

 

National Unity Day 2025: आज राष्ट्रीय एकता दिवस, देश की एकता के उस नायक को याद करें जिसने भारत को जोड़ा!

National Unity Day 2025 पर जानिए सरदार पटेल की जयंती का महत्व, उनके विचार और भारत को एक करने की प्रेरक कहानी। पढ़ें क्यों कहा जाता है उन्हें भारत का लौह पुरुष।

National Unity Day 2025: हर साल 31 अक्टूबर को भारत राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान व्यक्तित्व वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित है जिसने बिखरे रियासतों के भारत को एक सूत्र में पिरोया। वे सिर्फ भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री नहीं थे, बल्कि ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में उस एकता के प्रतीक बने, जिसने आधुनिक भारत की नींव रखी।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व

सरदार पटेल की जयंती को 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य नागरिकों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों और संगठनों में “Run for Unity”, निबंध प्रतियोगिताएं और देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस का संदेश है, “एक भारत, श्रेष्ठ भारत।”

सरदार पटेल भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले शिल्पकार

आजादी के बाद भारत 562 रियासतों में बंटा था। ऐसे समय में, सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, राजनीतिक कुशलता और दृढ़ नेतृत्व से इन रियासतों का भारत संघ में विलय कराया। उनके प्रयास से,  हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी बड़ी रियासतों का भारत में एकीकरण संभव हुआ। उन्होंने “स्टेट्स रीऑर्गनाइजेशन कमेटी” की नींव रखी, जिससे भारत एक मज़बूत प्रशासनिक ढांचे में संगठित हुआ।

आज की पीढ़ी के लिए संदेश 

आज जब सोशल मीडिया, राजनीति और विचारधाराएं लोगों को बांट रही हैं, राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत की असली पहचान उसकी विविधता में निहित है यानी भाषा, संस्कृति, धर्म, परिधान सब अलग, लेकिन आत्मा एक। यह दिन हर भारतीय के भीतर यह भावना जगाता है कि हम सब मिलकर ही भारत हैं और एकता में ही शक्ति है।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस

  •     ‘Run for Unity’ का आयोजन किया जाता है। लोगों में एकता का संदेश फैलाने के लिए देशभर में रन आयोजित की जाती है।
  • स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। जिसमें निबंध लेखन, भाषण, पोस्टर मेकिंग, क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
  • प्रतिज्ञा समारोह होता है, जिसमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली जाती है।
  • ‘Statue of Unity’ पर जा सकते हैं। गुजरात में स्थित 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी जाती है।

Election: नेकां की तीन सीटों पर राह आसान, सत शर्मा वाली सीट पर घमासान; भाजपा को दो वोटों का करना होगा जुगाड़

राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की तीन सीटों पर राह आसान है। सत शर्मा वाली सीट पर घमासान है। भाजपा को एक सीट जीतने के लिए दो वोटों का जुगाड़ करना होगा। सज्जाद लोन को छोड़कर सभी विधायकों के वोट डालने की उम्मीद है।

जम्मू-कश्मीर में वीरवार को राज्यसभा की चार सीटों पर मतदान है, लेकिन सियासी घमासान इनमें से चौथी सीट पर ही है। वोटों के गणित के अनुसार अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की राह आसान दिख रही है।

चौथी सीट पर नेकां और भाजपा दोनों के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। 28 विधायकों वाली भाजपा को यह सीट जीतने के लिए दो और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इस सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा चुनाव मैदान में हैं। पीडीपी और कांग्रेस के खुलकर नेकां के पक्ष में आने से भाजपा की जीत पूरी तरह से क्रॉस वोटिंग या निर्दलीयों के वोट पर टिकी है।

राज्यसभा चुनाव के लिए जारी पहली और दूसरी अधिसूचना वाली दोनों सीटों के चुनावी नतीजों पर कोई बड़ी उलझन नहीं दिखती। इन दोनों सीटों पर जीत के लिए पहली वरीयता के 45-45 वोट चाहिए।

फिलहाल जो समीकरण हैं उनके हिसाब से यह दोनों सीटें 41 विधायकों वाली नेकां आसानी से जीतती दिख रही है। बता दें कि सज्जाद लोन को छोड़कर राज्यसभा चुनाव में सभी विधायकों के वोट डालने की उम्मीद है।
तीसरी सीट : क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो नेकां मार सकती है बाजी
तीसरी अधिसूचना वाली दोनों सीटों पर जीत के लिए 30-30 वोट चाहिए। क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो इनमें से एक सीट नेकां आसानी से जीतती नजर आ रही है। इस अधिसूचना के तहत तीसरी सीट पर जीत के लिए वोटिंग के बाद नेकां के पास 11 विधायक चौथी सीट के लिए शेष रह जाएंगे। बता दें कि इस सीट पर पीडीपी ने नेकां के उम्मीदवार शम्मी ओबेरॉय को वोट देने के लिए समर्थन दिया है।
चौथी सीट : उलझ रहे सियासी समीकरण
जीत के लिए 30 वोट जुटाने के सियासी समीकरण चौथी सीट पर आकर उलझ रहे हैं। भाजपा के पास 28 विधायक हैं और उसे यह सीट जीतने के लिए दो और वोट चाहिए। कांग्रेस के छह और पीडीपी के सभी तीन विधायकों का समर्थन मिलने से नेकां के पास 20 वोट हो जाते हैं। इसलिए यह सीट जीतने के लिए नेकां और भाजपा दोनों को वोटों का जुगाड़ करना होगा। बता दें कि इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा को उतारा है। वहीं, नेकां ने इमरान नबी डार पर दांव लगाया है।
निर्दलीय विधायकों की भूमिका रहेगी सबसे अहम
विधानसभा में 88 सदस्य हैं। इनमें से 41 नेकां, 28 भाजपा, छह कांग्रेस, तीन पीडीपी, एक माकपा, एक आप, एक जेकेपीसी और सात निर्दलीय हैं। चुनाव से ठीक पहले बनी राजनीतिक परिस्थितियों और समीकरणों के हिसाब से एनसी को अपने 41 के अलावा कांग्रेस के छह, सीपीआई और आप के एक-एक विधायक का वोट मिलने की उम्मीद है।
पीडीपी भी अपने तीन विधायकों के वोट एनसी प्रत्याशी शम्मी ओबरॉय को देने की घोषणा कर चुकी है। जेकेपीसी के एकमात्र विधायक सज्जाद लोन चुनाव में हिस्सा न लेने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में चौथी सीट के लिए सारा दारोमदार निर्दलीय सात विधायकों पर आकर टिक गया है।
सरकार में शामिल निर्दलीय विधायकों को वोट दिखाने की छूट नहीं
सात में से पांच निर्दलीय विधायक नेकां सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इनमें छंब से विधायक सतीश शर्मा, बनी से रामेश्वर सिंह, इंदरवल से प्यारेलाल शर्मा, सुरनकोट से चौधरी अकरम और थन्नामंडी से विधायक मुजफ्फर इकबाल खान शामिल हैं। सतीश शर्मा सरकार में मंत्री भी हैं। शोपियां से निर्दलीय विधायक शाबिर अहमद ने सरकार को समर्थन तो नहीं दिया लेकिन वह ज्यादातर मुद्दों पर सरकार के साथ ही खड़े नजर आते हैं।
लंगेट से निर्दलीय विधायक एवं सांसद इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख को किसी भी खेमे का नहीं माना जाता। पांच निर्दलीय एनसी सरकार को समर्थन जरूर दे रहे हैं लेकिन नियमों के तहत उन्हें मतदान करते समय वोट दिखाने की छूट नहीं है। अगर वह दिखा देते हैं कि किसे वोट दे रहे हैं तो उनका वोट अमान्य हो जाएगा। ऐसे में दो अतिरिक्त वोटों के इंतजाम के लिए भाजपा की निगाहें निर्दलीय विधायकों पर टिकी हैं।