Uttarakhand Paper Leak: नए फ्लैट के गृह प्रवेश की पूजा में बैठा था आरोपी रुपेंद्र पूजा से बाहर निकलते ही एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

पेपर लीक मामले में आरोपी रुपेंद्र को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। एसटीएफ को पता चला कि उसने लखनऊ के केशवनगर में पिछले महीने थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है। शनिवार को इसकी गृह प्रवेश की पूजा में आने वाला है। एसटीएफ ने उसे यही दबोचा।

रुपेंद्र को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। एसटीएफ को पता चला था कि वह लखनऊ में अपने नए फ्लैट के गृह प्रवेश की पूजा में आने वाला है। एसटीएफ की टीम ने केशवनगर के इस फ्लैट के बाहर डेरा डाल दिया। जैसे ही रुपेंद्र पूजा से बाहर निकला एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

पेपर लीक मामले में आरोपियों की कई चेन सामने आई थी। इनमें एक मुख्य चेन सादिक मूसा ने चलाई थी। एसटीएफ ने गैंगस्टर के मुकदमे में सादिक मूसा को गैंग लीडर बनाया था। तभी से रुपेंद्र का नाम सामने आ गया था। लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी वह एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ पा रहा था। उसके बारे में एसटीएफ लगातार जानकारी जुटा रही थी।

इस बीच पता चला कि उसने लखनऊ के केशवनगर में पिछले महीने थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है। शनिवार को इसकी गृह प्रवेश की पूजा में रुपेंद्र आने वाला है। एसटीएफ के तीन लोग फ्लैट के बाहर खड़े हो गए। करीब तीन घंटे तक पूजा और अन्य कार्यक्रम चले। जैसे ही सब कुछ खत्म हुआ, एसटीएफ की टीम ने रुपेंद्र को गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा लिया।

रुपेंद्र बोला- मूसा ने नहीं दिए पैसे, एसटीएफ को यकीन नहीं

रुपेंद्र ने सादिक मूसा से पांच लाख में पेपर का सौदा किया था। लेकिन, पूछताछ में रुपेंद्र ने एसटीएफ को बताया कि सादिक मूसा ने उसे ये रुपए नहीं दिए। एसटीएफ उसके इन बयानों पर विश्वास नहीं कर रही है। माना जा रहा है यह डील पांच लाख नहीं बल्कि इससे भी ज्यादा में हुई है। इसी पैसे से यह फ्लैट उसने खरीदा होगा। ऐसे में यह फ्लैट भी एसटीएफ की नजर में चढ़ गया है।

Uttarakhand: अब बाइक एंबुलेंस से जरूरतमंद को तुरंत पहुंचाया जाएगा अस्पताल, प्रदेश में जल्द शुरू होगी सेवा

कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।

प्रदेश सरकार जल्द ही उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर योजना का खाका तैयार करने का समय निर्धारित किया गया। विभाग की ओर से स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को बाइक उपलब्ध कराएगी।

बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करते हैं। सरकार इन फील्ड कर्मचारियों को बाइक एंबुलेंस सेवा संचालित किया जा सकता है। साथ ही यदि किसी मरीज को दवाईयों की जरूरत है तो बाइक एंबुलेंस से घर तक दवाईयां पहुंचाई जा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट ने बाइक एंबुलेंस सेवा के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके बाद ही इस सेवा को शुरू किया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक एंबुलेंस सेवा कारगर हो सकती है।

उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करना सरकार का अच्छा प्रयास है। इस सेवा का खास तौर पर उन मरीजों को ज्यादा फायदा मिलेगा। जो दवाईयां लेने के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते हैं। बाइक एंबुलेंस से उन्हें घर पर दवाईयां उपलब्ध होगी। साथ ही किसी सामान्य मरीज को जांच या परामर्श के लिए डॉक्टर के पास आना है तो वे बाइक एंबुलेंस अस्पताल पहुंच सकते हैं।

Char Dham Yatra 2023:चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। यात्रियों का केवल ऑनलाइन,पंजीकरण ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा ,पढ़ें और क्या हुए बदलाव

बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पर्यटन विभाग इस बार ऑफलाइन के बजाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा।

चारधाम यात्रा के लिए इस बार यात्रियों का केवल ऑनलाइन पंजीकरण होगा। पिछले साल की तरह ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा। वहीं, यात्रियों के पंजीकरण की जांच चारधाम मार्गों पर तीन जगह की जाएगी। पंजीकरण की सुविधा पर्यटन विभाग की वेबसाइट, मोबाइल ऐप के माध्यम से दी जाएगी।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर बैठक हुई। बैठक में पर्यटन विभाग और एनआईसी के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पर्यटन विभाग इस बार ऑफलाइन के बजाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा। चारों धाम में यात्रियों की क्षमता के हिसाब से एडवांस पंजीकरण होंगे।

अगर कोई यात्री पूर्व में पंजीकरण नहीं कर पाएगा तो उसकी मदद को हरिद्वार और ऋषिकेश में अतिरिक्त टीमें तैनात की जाएंगी। ताकि दूर-दराज के राज्यों से आया हुआ तीर्थयात्री चारों धाम तक आसानी से जा सके। पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की जांच भी की जाएगी, जिसके लिए बडकोट, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में टीमें तैनात की जाएंगी। यह सभी तरह के वाहनों में सवार यात्रियों के पंजीकरण को देखेंगी। अगर यात्री पंजीकृत नहीं होगा तो उसे रोका जा सकता है।

पर्यटन की वेबसाइट पर ट्रिप कार्ड की भी सुविधा
बैठक में यह भी तय किया गया है कि पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ही परिवहन विभाग के ट्रिप कार्ड का लिंक भी दिया जाएगा। जैसे ही यात्री यहां पंजीकरण कराएगा तो उसका ट्रिप कार्ड भी यहीं से बन जाएगा। ट्रिप कार्ड ऑनलाइन निकाल सकते हैं। यह तय किया गया है कि वाहनों के ट्रिप कार्ड से भी यात्रियों के पंजीकरण का पता लगाया जा सकेगा। अभी तक पर्यटन विभाग के पंजीकरण का नंबर परिवहन की वेबसाइट पर डालकर ट्रिप कार्ड बनता था लेकिन अब पर्यटन की वेबसाइट पर सीधे भी बन सकेगा।

एक सप्ताह में ट्रायल के लिए तैयार होगा ऐप
बैठक में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने एनआईसी के अधिकारियों से चारधाम यात्रा पंजीकरण के मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि ऐप एक सप्ताह के भीतर तैयार हो जाएगा। इसके बाद ऐप का सिक्योरिटी ऑडिट व अन्य ट्रायल होंगे। अप्रैल के पहले सप्ताह से यह ऐप गूगल प्ले स्टोर व एप्पल स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

Uttarakhand Cabinet Decision: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे लोगों के पुनर्वास के लिए तीन माह में नीति तैयार की जाएगी।

प्रदेश मंत्रिमंडल ने ऐसे 21 प्रस्तावों पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी। ये सभी फैसले दिसंबर महीने में हुई प्रशासनिक अधिकारियों की कांफ्रेंस में लिए गए थे। नियोजन विभाग ने एक कैबिनेट नोट के माध्यम से प्रस्ताव रखा था। प्रत्येक निर्णय के लिए समय-सीमा तय की गई है।

प्रदेश की नदियों के किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे लोगों के पुनर्वास के लिए तीन माह में नीति तैयार की जाएगी। सरकार अब अवस्थापना से जुड़े कार्यों की निगरानी ड्रोन से करेगी। उन इलाकों में दोपहिया एंबुलेंस चलाई जाएगी, जहां चौपहिया एंबुलेंस के पहुंचने में कठिनाई है। चौबटिया उद्यान को आयुष हब बनाया जाएगा।

प्रदेश मंत्रिमंडल ने ऐसे 21 प्रस्तावों पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी। ये सभी फैसले दिसंबर महीने में हुई प्रशासनिक अधिकारियों की कांफ्रेंस में लिए गए थे। नियोजन विभाग ने एक कैबिनेट नोट के माध्यम से प्रस्ताव रखा था। प्रत्येक निर्णय के लिए समय-सीमा तय की गई है।

-बीमार एवं जरूरतमंद लोगों तक शीघ्र पहुंचने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक-एंबुलेंस चलेंगी। स्वास्थ्य व फील्ड कर्मियों के लिए बाइक की व्यवस्था
-पिथौरागढ़ के धारचूला स्थित गूंजी में उप तहसील बनेगी
-वन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार व राजस्व में वृद्धि के की योजना बनाई जाएगी

-पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य तालाब निर्माण के मानक को 100 से घटाकर 50 वर्ग मीटर किया जाएगा
-सड़क हादसों को रोकने के लिए क्रैश बैरियर लगेंगे

-जिला सेक्टर योजना के लिए पूरे साल का कैलेंडर तैयार होगा
-ऐसी योजनाओं में तीन लाख से कम का कार्य का प्रस्ताव नहीं लिया जाएगा

-शहरों से भीड़ कम करने के लिए सार्वजनिक सुविधाओं को अन्य स्थान पर स्थापित होंगी
-शहरी क्षेत्रों के पार्कों, सड़कों, दुकानों का पहाड़ी शैली में सौंदर्यीकरण होगा

-मॉल रोड नैनीताल की तर्ज पर अल्मोड़ा में पटाल बाजार विकसित होगा
-हर की पैड़ी का उज्जैन महाकाल व काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर नया कॉरिडोर बनाया जाएगा।

-हर जिले में कम से कम एक सामुदायिक रेडियो स्थापित किया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग नोडल एजेंसी होगा।
-जीएमवीएन व केएमवीएन का विलय करते हुए नए पर्यटन क्षेत्रों का विकास होगा। दोनों की परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण होगा।

-विश्व बैंक और एडीबी के सहयोग से पिंडारी ग्लेशियर एवं अन्य मार्गों पर बने बुनियादी ढांचे का उपयोग स्वयं सहायता समूह और फेडरेशन के माध्यम से पीपीपी अवधारणा पर किया जाएगा।

-राज्य में गुफा पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। तीन माह में ऐसे स्थान चिन्हित होंगे। पहले चरण में पिथौरागढ़ में गुफा चिन्हित कर पर्यटकों के लिए विकसित की जाएगी।
-सीमांत जिलों में इनर-लाइन पास के लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाया जाएगा।

-खिलाड़ियों के लिए उच्च ऊंचाई (हाई एल्टीटयूड) वाले स्थान पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा।

शहरों-कस्बों में भीड़ कम करने के लिए बाहर होंगे सरकारी दफ्तर
प्रशासनिक अधिकारी कांफ्रेंस के निर्णय के मुताबिक, राज्य के शहरों और कस्बों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सरकारी दफ्तरों को बाहर किया जाएगा। इनमें पशु चिकित्सालय, लोनिवि, सिंचाई, केएमवीएन, जीएमवीएन, गोदाम, कृषि मंडी जैसी सार्वजनिक सुविधाएं शामिल हैंं। अगले तीन माह में ऐसे भवनों का चिन्हीकरण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इस पर अंतिम निर्णय राज्य स्तर पर गठित अनुशंसा समिति करेगी।

 

Dehradun Lathicharge: पत्थरबाजों को बाहरी बताकर अपने बयान में उलझी पुलिस, ये तर्क बना जमानत का बड़ा आधार

कोर्ट में पुलिस ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया। लेकिन, खुद पुलिस अधिकारियों के बयान ही जमानत का आधार बने। बचाव पक्ष ने मजबूत तर्क रखा कि जब पथराव और उपद्रव में पुलिस बाहरी लोगों का हाथ बता रही है तो बेवजह इन 13 युवाओं को जेल में क्यों रखा जा रहा है।

कोर्ट ने इस तर्क को भी जमानत का बड़ा आधार माना है। दरअसल, पथराव और उपद्रव के बाद पुलिस कप्तान ने बयान जारी कर कहा था कि इसमें युवाओं का हाथ नहीं है। धरने में बाहर से कुछ असामाजिक तत्व शामिल हो गए थे। उन्होंने युवाओं के बीच से पथराव किया है। इसमें पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।

इस बात को बचाव पक्ष ने कोर्ट के सामने रखा और बताया कि पुलिस पथराव करने वालों को चिन्हित कर रही है। इनमें से कोई भी बॉबी और जेल में बंद उनका साथी नहीं है। पुलिस खुद मान रही है कि पथराव बाहरी तत्वों ने किया है तो इन 13 को जेल में बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है।

पुलिस ने जमानत के विरोध में पांच युवाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों का ब्योरा भी प्रस्तुत किया।

अभियोजन की ओर से कहा गया कि इन सबका आपराधिक इतिहास है। ऐसे में इनका बाहर आना कानून व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।

इनमें बॉबी पर चार, शुभम नेगी पर तीन, नितिन दत्त पर दो, राम कंडवाल पर दो और मोहन कैंथुला पर दो मुकदमों की जानकारी रखी गई।

इस पर कोर्ट ने माना कि इन मुदकमों में कोई भी आरोपी जेल नहीं गया है। ऐसे में सिर्फ मुकदमे दर्ज होना जमानत रद्द करने का आधार नहीं है।

Dehradun Fire: देहरादून में धर्मपुर चौक के पास स्थित एक टेंट गोदाम में बुधवार देर रात लगी भीषण आग, सिलिंडर में भी हुआ धमाका, लाखों का नुकसान

देहरादून में धर्मपुर चौक के पास स्थित एक टेंट गोदाम में बुधवार देर रात अचानक आग लग गई। आग लगने से लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग लगने से सिलिंडर भी ब्लास्ट हुआ, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। दमकल विभाग की पांच गाड़ियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में धर्मपुर चौक के पास एक टेंट गोदाम में भीषण आग लग गई। सूचना मिलते ही दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। आग लगने से लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया।
जानकारी के अनुसार, देहरादून में धर्मपुर चौक के पास स्थित एक टेंट गोदाम में बुधवार देर रात अचानक आग लग गई। आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग लगने से सिलिंडर भी ब्लास्ट हुआ, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। दमकल विभाग की पांच गाड़ियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फिलहाल आग लगने की वजह का पता नही चल पाया है।

Kedarnath: तीर्थयात्रियों को नहीं करना पड़ेगा इंतजार, एक घंटे में 1200 श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन, मिलेगा टोकन

इस बार प्रशासन व बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने धाम में भीड़ प्रबंधन और यात्रियों के घंटों लाइन में खड़े होने की समस्या को दूर करने के लिए टोकन व्यवस्था की योजना बनाई है।

आगामी यात्राकाल में केदारनाथ में एक घंटे में 1200 श्रद्धालु ही दर्शन कर सकेंगे। इस बार दर्शनों के लिए उमड़ी भीड़ को देखते हुए टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है। ताकि यात्रा व्यवस्था का व्यवस्थित रखा जाए।

इस बार प्रशासन व बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने धाम में भीड़ प्रबंधन और यात्रियों के घंटों लाइन में खड़े होने की समस्या को दूर करने के लिए टोकन व्यवस्था की योजना बनाई है। इस बार पहले दिन से ही धाम में पहुंचने वाले श्रद्घालुओं को टोकन दिए जाएंगे जो एक-एक घंटे के स्लॉट के हिसाब से होंगे। टोकन में संख्या और दर्शन के लिए समय अंकित होगा। अधिकारियों के अनुसार, बाबा केदार के दर्शन आसानी से हो सके। इसके लिए एक घंटे में 1200 श्रद्धालुओं को ही टोकन दिया जाएगा।

ऐसे में अगर धर्म दर्शन के लिए मंदिर को 12 घंटे खोला जाता है तो इस दौरान 14,400 श्रद्घालु दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा यात्राकाल में यात्रियों की बढ़ती संख्या, मौसम और अन्य हालातों को ध्यान में रखते हुए तय लक्ष्य को कम-ज्यादा किया जा सकता है। बता दें कि बीते वर्ष धाम में 15 लाख 63 हजार से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए थे।

लाउडस्पीकर से होती रहेगी टोकन नंबर की घोषणा
केदारनाथ में एक-एक घंटे के स्लॉट के आधार पर टोकन वितरित किए जाएंगे। टोकन वितरण के लिए मंदिर से दो सौ मीटर पहले काउंटर लगाए जाएंगे जिससे किसी को कोई दिक्कत न हो। साथ ही टोकन वितरण के लिए समय-समय भी निर्धारित की जाएगी।

पूजा-अर्चना के लिए लेना होगा अलग समय
यात्राकाल में देश के विभिन्न प्रांतों के श्रद्घालु बाबा केदार का महाभिषेक, रुद्राभिषेक सहित अन्य पूजाओं व आरती के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन बुकिंग करते हैं। बीते वर्ष की भांति इस बार भी पूजा-अर्चना के लिए अलग से समय तय किया जाएगा जिससे धर्म दर्शन के दौरान यात्रियों को कोई दिक्कत न हो।

केदारनाथ में यात्रा को व्यवस्थित और सुलभ बनाने के लिए इस बार टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है। एक-एक घंटे के स्लॉट के हिसाब से टोकन दिए जाएंगे। टोकन में क्रम संख्या और दर्शन का समय अंकित होगा। इस व्यवस्था से यात्रा के सफल संचालन में मदद मिलेगी। साथ ही दर्शनार्थियों की सही संख्या भी मिलेगी।

 

Uttarakhand Cabinet: आज होने वाली कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले हो सकते हैं,बजट सत्र की तारीख भी होगी तय

Uttarakhand Cabinet Meeting Today: विधानसभा के बजट सत्र के स्थान और तिथि पर निर्णय होने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रस्ताव भी आ सकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होगी। बैठक में जोशीमठ भू-धंसाव के प्रभावितों के लिए पुनर्वास एवं विस्थापन नीति के प्रस्ताव पर मुहर लगेगी। साथ ही राज्य में भूमि की नई सर्किल दरों के प्रस्ताव समेत विभिन्न विभागों के मुद्दे व विभागीय सेवा नियमावली के प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

बैठक में विधानसभा के बजट सत्र के स्थान और तिथि पर भी निर्णय हो सकता है। साथ ही राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रस्ताव भी आ सकता है। पिछली कैबिनेट बैठक में आंदोलनकारियों के आरक्षण के मुद्दे पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाई गई थी। उपसमिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी है। कैबिनेट के समक्ष उपसमिति की सिफारिशें रखी जाएंगी। इसके आधार पर कैबिनेट निर्णय देगी।

कैबिनेट में परिवहन विभाग के सरकारी वाहनों की खरीद के प्रस्ताव और नई पर्यटन नीति का प्रस्ताव भी आ सकता है। यात्रा सीजन शुरू होने से पहले सरकार नीति लाना चाहती है ताकि उसके बारे में सभी हित धारकों को समय पर जानकारी हो सके। बैठक में अवस्थापना विकास एवं निवेश बोर्ड, विधायक विकास निधि में बढ़ोतरी, गृह, कार्मिक समेत अन्य विभागों के कर्मचारियों से जुड़ी सेवा नियमावली व उनमें संशोधन के प्रस्ताव भी आ सकते हैं।

Dehradun Bar Association Election: देहरादून बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए आज मंगलवार को अधिवक्ताओं ने नामांकन पत्र भरे

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि नाम वापसी 15 फरवरी को सुबह 10 से दो बजे तक होगी। दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी।

देहरादून बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए आज मंगलवार को अधिवक्ताओं ने नामांकन पत्र भरे। सोमवार को कार्यक्रम में बदलाव किया गया था। पहले नामांकन 20 फरवरी को होना था। लेकिन फिर 14 फरवरी को भरा जाना तय किया गया। कल नाम वापसी और 27 फरवरी को चुनाव होंगे। 28 को मतगणना के बाद परिणाम आ जाएगा। इस बार 3474 अधिवक्ता मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि नाम वापसी 15 फरवरी को सुबह 10 से दो बजे तक होगी। दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी।

मतदान 27 फरवरी को सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक होगा। अगले दिन मतगणना सुबह 10 बजे से की जाएगी। बता दें कि इस साल पहली बार मतदान के अगले दिन मतगणना होगी। इससे पहले मतदान के दिन ही मतणना देर रात तक चलती थी। चुनाव लड़ने वाले अधिवक्ताओं ने प्रचार तेज कर दिया है।

Kedarnath: चारधाम यात्रा के दौरान संचालित केदारनाथ हेली सेवा का किराया तीन साल के लिए 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने 2020 में केदारनाथ हेली सेवा के लिए आठ कंपनियों के साथ तीन साल का अनुबंध किया था।

चारधाम यात्रा के दौरान संचालित केदारनाथ हेली सेवा का किराया तीन साल के लिए तय किया जाएगा। इस बार किराये में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टेंडर में एविएशन कंपनियों की ओर से दिए गए रेट के आधार पर किराया निर्धारित किया जाएगा।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने 2020 में केदारनाथ हेली सेवा के लिए आठ कंपनियों के साथ तीन साल का अनुबंध किया था। इसमें सिरसी, फाटा व गुप्तकाशी से किराया तय था। 2020 व 2021 में कोविड महामारी के कारण चारधाम यात्रा बंद रही। इस दौरान हेली सेवा का संचालन नहीं हुआ। स्थिति सामान्य होने के बाद 2022 में यात्रा का संचालन किया गया। एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) के दाम में बढ़ने के कारण एविएशन कंपनियों ने सरकार को किराया में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था।

हालांकि, तीन साल का अनुबंध होने के कारण सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर का कहना है कि केदारनाथ हेली सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। कंपनियों के आवेदन के बाद ही नए सिरे से किराया निर्धारित किया जाएगा।

यह था किराया

गुप्तकाशी से केदारनाथ- 7750 रुपये
फाटा से केदारनाथ-       4720
सिरसी से केदारनाथ-     4680