होली : उत्तराखंड के बॉर्डरों पर रहेगी पुलिस की पैनी नजर, सीएम धामी ने दिए अलर्ट रहने के निर्देश

News web media uttarakhand : सीएम धामी ने कहा कि पुलिस अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में होली पर्व के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था या अप्रिय घटना न हो।

होली पर उत्तराखंड के बॉर्डरों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गृह और पुलिस विभाग को प्रदेश में होली को लेकर कानून व्यवस्था पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होली को लेकर पुलिस विभाग पुख्ता इंतजाम करे। प्रदेश की सीमा से लगे जनपदों में विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने डीजीपी को भी सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से इस संबंध में तैयारियों की समीक्षा के निर्देश दिए।

सीएम धामी ने कहा कि पुलिस अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में होली पर्व के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था या अप्रिय घटना न हो। कहा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आसामाजिक तत्वों व संदिग्ध लोगों पर विशेष निगरानी रखी जाए। पुलिस तंत्र फील्ड पर सतर्क एवं सक्रिय रहें।
ऋषिकेश में होली पर पहली बार नहीं होगी राफ्टिंग

ऋषिकेश में पहली बार होली पर राफ्टिंग नहीं होगी। पुलिस के साथ बैठक के बाद राफ्टिंग एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। होली के दिन यातायात का दबाव, नशे में हुड़दंग और डूबने की घटनाओं की आशंका के चलते पुलिस ने राफ्टिंग संचालकों से राफ्ट का संचालन न करने की अपील की थी। राफ्टिंग एसोसिएशन की ओर से इसके लिए एसडीएम नरेंद्रनगर को एक सहमति पत्र भी भेज दिया गया है।

उत्तराखंड : मेडिकल की पढ़ाई में काम आएंगे लावारिस शव, उत्तराखंड सरकार कर रही नियमावली बनाने पर विचार

देहरादून  : प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई के लिए अब लावारिस शव काम आएंगे। इसके लिए सरकार नियमावली बनाने पर विचार कर रही है। जल्द ही इस संबंध में पुलिस, गृह, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी।

प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। इसमें देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में चार सौ से अधिक छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन एमबीबीएस छात्रों को मानव शरीर की संरचना का अध्ययन के लिए पार्थिक देह की कमी है।

वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों के पास 5 से 6 पार्थिक देह है जबकि मेडिकल शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रत्येक 10 छात्रों के लिए एक पार्थिक देह (कैडेवर) की आवश्यकता होती है।मेडिकल कॉलेजों में पार्थिक देह की कमी को दूर करने के लिए सरकार लावारिस शव उपलब्ध कराने के लिए नियमावली बना रही है। सरकार की यह पहल कामयाबी होती है तो मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के अध्ययन के लिए कैडेवर की समस्या नहीं रहेगी।

विशेष शपथ लेने के उपरांत ही सम्मान के साथ प्रयोगात्मक कार्य करते हैं शुरू

विशेषज्ञों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में मृत देह को सम्मान के साथ सुरक्षित रखा जाता है। शोध एवं अध्ययन कार्य शुरू करने से पहले मेडिकल छात्र-छात्राएं व फैकल्टी पार्थिव शरीर के समक्ष एक विशेष शपथ लेने के उपरांत ही सम्मान के साथ प्रयोगात्मक कार्य शुरू करते हैं।

लावारिस शव को मेडिकल की पढ़ाई के लिए उपलब्ध कराने के लिए नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही पुलिस, गृह और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। – डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

अभी ये है अड़चन

बरामद लावारिस शव का पुलिस तत्काल पोस्टमार्टम कर देती है। जिसके बाद मृतक के वारिस का आने का इंतजार किया जाता है। जब वारिस नहीं आता है तो शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। अब सरकार का प्रयास है कि नियमावली बनाकर ऐसे नियम बनाए जाएं कि पुलिस लावारिस शव को बिना पोस्टमार्टम के रखे। यदि मृतक के वारिश नहीं आते है तो शव मेडिकल कॉलेजों को सौंपा जाए।

Uttarakhand Cabinet: पुलिस दूरसंचार में डीएसपी बनने के लिए अब शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान,जानिए ये नए अपडेट

News Web media Uttarakhand: उत्तराखंड प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान होगा। आयु सीमा 21 से 27 वर्ष के स्थान अब 21 से 35 वर्ष की गई है। अब शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।

पुलिस उपाधीक्षक (पुलिस दूरसंचार) बनने के लिए प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता भी जरूरी होगी। साथ ही चिकित्सा परीक्षण भी होगा। ये दोनों प्रावधान अभी तक नहीं थे। सीधी भर्ती के इस पद के लिए शैक्षिक अर्हता इंजीनियरिंग के समकक्ष की गई है। उत्तराखंड पुलिस दूर संचार राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2023 में यह प्रावधान किया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नियमावली को मंजूरी दी गई।

नई सेवा नियमावली न होने से अभी तक उप्र पुलिस रेडियो सेवा नियमावली 1979 लागू थी। नई सेवानियमावली में पुलिस उपाधीक्षक पद पर सीधी भर्ती के लिए लिए अब किसी विवि से इलेक्ट्रानिक में एक अनिवार्य विषय के रूप में भौतिकी में स्नातकोत्तर उपाधि या किसी विवि से इलेक्ट्रानिक्स, या इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन या इलेक्ट्रिकल अभियंत्रण या इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, या इलेक्ट्राक्सि और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि आवश्यक होगी।

इसके अलावा उत्तराखंड प्रांतीय पुलिस सेवा के समान शारीरिक अर्हता एवं चिकित्सा परीक्षा का भी प्रावधान होगा। आयु सीमा 21 से 27 वर्ष के स्थान अब 21 से 35 वर्ष की गई है। अब शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। पुलिस दूरसंचार में पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक के पदों पर लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदोन्नति हो जाती थी। लेकिन अब पदोन्नति के लिए राज्य सरकार समिति गठित करेगी।

इन सभी पदों पर पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा का प्रावधान नहीं था। लेकिन नियमावली में पुलिस उपमहानिरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए 20 वर्ष की सेवा, पुलिस अधीक्षक के लिए 12 वर्ष की सेवा और अपर पुलिस अधीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए सात वर्ष की सेवा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कैबिनेट ने उत्तराखंड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली-2022 को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने इसे पूर्व विचलन से अनुमति दे दी थी। इस नीति के तहत जिन वादों में जांच चल रही है, उनकी फोटो और वीडियोग्राफी भी करनी होगी।

Uttarakhand: : आम आदमी को बड़ा झटका, होली के पहले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी

News Web media uttarakhand : बुधवार से रसोई गैस सिलिंडर की नई कीमतें लागू हो गई हैं। अभी तक व्यावसायिक गैस सिलिंडर की कीमत दून में 1812 रुपये थी। बढ़ोतरी के बाद यह अब 2162 रुपये में मिलेगा।

पेट्रोलियम कंपनियों ने होली से पहले रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में इजाफा कर आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। कंपनियों ने घरेलू गैस के साथ ही व्यावसायिक गैस सिलिंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। राजधानी दून में घरेलू गैस की कीमतों में 50 रुपये का इजाफा हुआ है।

पहले यहां सिलिंडर 1072 रुपये में मिलता था, लेकिन बढ़ोतरी के बाद कीमत 1122 हो गई है। वहीं, पांच किलो वाले गैस सिलिंडर में 51 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले पांच किलो का सिलिंडर 521 रुपये में मिलता था लेकिन अब यह 572 रुपये में मिलेगा। 10 किलो के सिलिंडर में 35 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले इसकी कीमत 764 रुपये थी लेकिन अब यह 799 रुपये में मिलेगा।

इसके अलावा व्यावसायिक गैस के दाम में भी 350 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई है। अभी तक व्यावसायिक गैस सिलिंडर की कीमत दून में 1812 रुपये थी। बढ़ोतरी के बाद यह अब 2162 रुपये में मिलेगा। उत्तराखंड एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल ने बताया कि यह कीमतें बुधवार से लागू हो गई हैं।

Uttarakhand earthquake : उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल समेत कई इलाकों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 2.4 रही तीव्रता

News web uttarakhand : उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। मिली जानकारी के अनुसार पौड़ी गढ़वाल में आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल 2.4 मापी गई है। भूकंप के झटके से लोग भयभीत हैं। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ है।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 2.4 मापी गई है। इससे पहले 20 फरवरी को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में तड़के भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 मापी गई थी।

रिस्क जोन में आता है पहाड़ी राज्य
दरअसल, उत्तराखंड का ज्यादातर इलाका भूकंप के जोखिम वाले जोन में आता है. पहले भी टिहरी, चमोली समेत कई इलाकों में विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं. ताजा झटकों के बाद लोगों में यह डर बना हुआ है कि यह किसी बड़े भूकंप के पहले का संकेत हो सकता है. उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें यहां ऐसी आपदाओं के दौरान बेहद सक्रिय रहती हैं.

जोशीमठ में जमीन धंसने की हालिया घटनाओं के बाद ये झटके आए हैं. ऐसे में लोगों में नई आपदा आने की दहशत भर गई है. हालांकि पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से ताजा भूकंप के झटकों के बाद अभी किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है. लेकिन भूकंप की मार का डर देखते हुए उत्तराखंड वासी हमेशा ऐसे संकट के लिए खुद को तैयार रखते हैं.

उत्तरकाशी का भूकंप
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 20 अक्टूबर 1991 को 6.8 रिक्टर स्केल का भूकंप (Uttarkashi Earthquake)आया था. इसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी. इस भूकंप ने भी उत्तराखंड में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर नए सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया था. उस आपदा में

Landslide In Gangotri Highway: गंगोत्री हाइवे पर लैंडस्लाइड, गिरी चट्टान,आवाजाही ठप,बड़ा हादसा टला

डबरानी में अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिरा। गनीमत रही कि इसकी जद में कोई नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं चट्टान टूटने से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

गंगोत्री हाईवे डबरानी में भारी भूस्खलन से आवाजाही ठप हो गई है। यहां  आज गुरुवार सुबह अचानक चट्टान भरभरा कर हाईवे पर गिरी। चट्टान के हाईवे पर आने से हाईवे पर भी दरारें उभर आई हैं। सूचना पर बीआरओ की टीम मशीनरी के साथ हाईवे को खोलने के काम में जुट गई है। 


गुरुवार सुबह करीब आठ बजे गंगोत्री हाईवे पर डबरानी में अचानक चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर गिरा। गनीमत रही कि इसकी जद में कोई नहीं आया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं चट्टान टूटने से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है।

सूचना पर बीआरओ ने अपनी तीन मशीन सहित करीब 10 मजदूरों की टीम को मौके भेजा। जिसने हाईवे पर आवाजाही बहाल करने का काम शुरू कर दिया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि करीब तीन घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए आवाजाही बहाल कर दी गई है। दोपहर तक सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। 

 

 

 

Rishikesh Aiims: अप्रैल से शुरू होगी उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन ,पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

News Web Media uttarakhand : केंद्र सरकार हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के तहत उत्तराखंड से हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए ऋषिकेश एम्स को चुना गया है।

एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से एम्स में हेली एंबुलेंस के संचालन की घोषणा की थी। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रभारी और हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए कंपनी के साथ एक साल का टेंडर किया है।

केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तरप्रदेश के 100 किमी के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी। संवाद

सिंगल इंजन का होगा हेलीकॉप्टर, एम्स तैयार करेगा एसओपी
अनुबंधित कंपनी एम्स को सिंगल इंजन वाला एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराएगी। इसमें चिकित्सा संसाधन भी कंपनी लगाएगी। एम्स प्रशासन हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए मेडिकल मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। हेली एंबुलेंस का पहले ट्रायल रन होगा। एम्स प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा शुरू हो जाएगी।

एम्स कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्राइमरी ट्रामा केयर, ट्रामा टीम ट्रेंनिंग, एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट, एडवांस ट्रामा केयर फॉर नर्सेज आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं स्वास्थ्य संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हेली एंबुलेंस के प्रशिक्षण के लिए सिम्युलेटर भी उपलब्ध कराया जाएगा। सिमुलेटर साल के अंत तक मिल जाएगा।

Dehradun News:आठ साल बाद फिर अस्तित्व में आएगी स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल, 63 पदों को फिर किया जाएगा सक्रिय

न्यू वेब मीडिया उत्तराखंड देहरादून  : प्रदेश में आठ साल के बाद स्टेट फॉर्मासिस्ट काउंसिल फिर अस्तित्व में आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को काउंसिल की गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फार्मासिस्ट नियमावली को भी जल्द ही जारी करने को कहा है। साथ ही विभाग में चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्टों के 63 पदों को फिर सक्रिय किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एसोसिएशन के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री रावत ने बताया कि आठ वर्षों से भंग चल रही स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र गठन किया जाएगा।

उन्होंने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। बताया कि कांउसिल के गठन के बाद प्रदेश में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 का कड़ाई से पालन किया जाएगा। शासन स्तर पर लंबित उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली को जारी करने के लिए विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि संगठन की मांग पर चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्ट एवं चीफ फार्मासिस्ट के 63 पदों को जल्द सक्रिय किया जाएगा।

फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के सामने फार्मासिस्ट का नाम बदलकर फार्मेसी अधिकारी करने, चिकित्सा शिक्षा विभाग में फार्मासिस्टों के रिक्त 119 पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग से विकल्प के आधार पर भरने, बड़े चिकित्सालयों में कार्य के आधार पर फार्मासिस्टों के पद बढ़ाने, फार्मासिस्ट संवर्ग की वरिष्ठता सूची जारी करने, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पोस्टमार्टम भत्ता दिए जाने सहित करीब 10 मांगें रखीं। जिस पर विभागीय मंत्री ने सहमति जताते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी मांगों पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक डॉ. भारती राणा, अपर निदेशक डॉ. मीतू शाह, उप सचिव केके शुक्ला, सहायक निदेशक डॉ. जेएस चुफाल, डिप्लोमा फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष जीबी नौटियाल, प्रदेश महामंत्री आरएस ऐरी, संरक्षक पीएस पंवार, प्रदेश कोषाध्यक्ष केआर आर्य, मंडलीय सचिव गढ़वाल आरएस रावत, प्रदेश संप्रेक्षक उर्मिला द्विवेदी आदि शामिल रहे।

Breaking Haldwani –सीएम धामी के आने का विरोध करने पर युवा कांग्रेसियों की पुलिस से तीखी झड़प, कई कार्यकर्ता गिरफ्तार

News web media uttarakhand : हल्द्धानी रामलीला मैदान में होने वाले कार्यक्रम में सीएम धामी शामिल होंगे, लेकिन उनके आगमन से पहले ही यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस की बीच तीखी झड़प हुई

हल्द्वानी में बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के आने से पहले युवा कांग्रेसियों ने उनके विरोध की तैयारी शुरू कर दी थी। बुद्ध पार्क में सुबह से ही युवा कांग्रेसी जुटने लगे थे। इधर भारी संख्या में पुलिस बल भी बुद्ध पार्क के पास मौजूद रहा।

मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह और सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी भी मौजूद थे। कुछ ही देर बाद पुलिस ने युवा कांग्रेसियों को पार्क के अंदर से पकड़ना शुरू किया और बाद में दो बसों में भरकर उन्हें ले गए। इस दौरान पुलिस और युवा कांग्रेसियों के बीच कई बार धक्का-मुक्की की भी नौबत आ गई।

नकल विरोधी अध्यादेश को लेकर सीएम का आभार जताने के लिए भाजयुमो आभार रैली का आयोजन करने जा रही है। राम लीला मैदान में आयोजित होने वाले इस रैली में सीएम धामी शामिल होंगे।

UKPSC Exams: अब हर साल होंगी PCS परीक्षाएं, UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबस, जानें पूरा प्लॉन

News web Media Uttarakhand Dehradun : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 का आयोजन 23 से 26 फरवरी तक किया गया है. यूकेपीएससी (UKPSC) अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने इस परीक्षा आयोजन को सफल बताया है. उन्होंने बताया कि पीसीएस मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया, जिनका उपस्थिति प्रतिशत 73.01 फीसदी रहा.

हर साल होगा PCS परीक्षा का आयोजनःइसको लेकर आयोग ने ये फैसला लिया है कि अभ्यर्थियों को राज्य सिविल सेवा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए अब पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाएगा. इसकी शुरुआत इसी साल से होगी. आगामी पीसीएस प्रीलिमिनरी एग्जाम 2023 को जुलाई 2023 में कराया जाएगा.

UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबसःआगामी पीसीएस परीक्षा 2023 से परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के अनुसार बनाया जाएगा. इसके लिए आयोग ने अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है और इसकी संस्तुति उत्तराखंड शासन की ओर से दे दी गई है.
इसके साथ-साथ आयोग समानांतर तौर पर अन्य परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है, जिसके सबसे पहले-
1) 5 मार्च, 2023 को कनिष्ठ सहायक परीक्षा का आयोजन राज्य के लगभग 412 परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा, जिसमें 145239 परीक्षार्थी भाग लेंगे.
2) 9 अप्रैल, 2023 को वन आरक्षी परीक्षा 617 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें 206431 परीक्षार्थी होंगे.
3) 23 अप्रैल, 2023 को सहायक लेखाकार परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
4) उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा 2023 के लिए 30 अप्रैल 2023 को प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन होगा. इसको लेकर फरवरी, 2023 में ही रिक्ति विज्ञापन जारी किया जाएगा.

महिला आरक्षण अधिनियम का पालन –

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अध्यक्ष द्वारा ये भी बताया गया है कि उत्तराखंड की महिलाओं के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा लाए गये क्षैतिज आरक्षण ‘उत्तराखंड लोक सेवा ( महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम, 2022 को समस्त परीक्षाओं में नियमानुसार लागू किया जा रहा है.