जी-20 समिट : आज से पहली बैठक के लिए रामनगर तैयार, पहुंचेंगे 29 देशों के 56 डेलीगेट्स

रामनगर : उत्तराखंड के रामनगर में 28 से 30 मार्च तक चलने वाली जी-20 समिट आज मंगलवार से शुरू हो जाएगी। समिट में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए रामनगर तैयार है। आज रामनगर में राउंड टेबल कार्यक्रम की शुरुआत होगी। समिट में 29 देशों के 56 डेलीगेट्स पहुंच रहे हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेहमानों को पंतनगर एयरपोर्ट से रामनगर पहुंचाने की विशेष व्यवस्था रहेगी। एयरपोर्ट से गड़प्पू के बीच 350 स्थानों पर 1500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। रूट पर लगे 34 सीसीटीवी की निगरानी सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से की जा रही है।

नैनीताल के रामनगर में होने वाली चीफ साइंस एडवाइजर राउंड टेबल कार्यक्रम की पहली बैठक दो दिन चलेगी। इसके बाद 25 से 27 मई को नरेंद्रनगर, ऋषिकेश में दूसरी बैठक होगी। यह बैठक भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की होगी। तीसरी बैठक नरेंद्रनगर, ऋषिकेश में ही 26 से 28 जून को होगी। इस बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप मंथन करेगा।

  • इन देशों के डेलीगेट होंगे शामिल

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी-20) एक अंतर सरकारी मंच है। इसमें 20 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल होंगे। वहीं मित्र देश बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात के डेलीगेट भी शामिल होंगे।

  • विश्व की ये 13 संस्थाएं होंगी शामिल

केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि समिट में विश्व की 13 संस्थाएं भी हिस्सा लेंगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र (यूएन), अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), विश्व श्रम संगठन (आईएलओ), वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी), एटीडी (एशियाई विकास बैंक), ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट), एयू चेयर (अफ्रीकन यूनियन), नेपाड चेयर (न्यू पाटर्नरशिप फॉर अफ्रीकन डिपार्टमेंट), एशियन चेयर (एसोसिएट ऑफ साउथ एशिया नेशन), आईएसए (इंटरनेशनल सोलर एलायंस), सीडीआरआई (कोलेशन फॉर डिजाइटर रिजलिंट इनफारट्रेक्चर) शामिल हैं।

Badrinath Highway: डंपिंग जोन भरे…सड़क किनारे लगे मलबे के ढेर, यात्रा शुरू होने से पहले देखें क्या है हाल

Uttarakhand : बदरीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना कार्य से निकले मलबे के निस्तारण के लिए एनएचआईडीसीएल को जगह नहीं मिल पा रही है। स्थिति यह है कि डंपिंग जोन भर गए जिस कारण हाईवे किनारे जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हुए हैं। अब यात्रा शुरू होने में एक माह से भी कम का समय रह गया है। अगर इस मलबे का निस्तारण नहीं किया गया तो यात्रा के दौरान वाहनों का दबाव बढ़ने से यहां आवाजाही में दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।

ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर वर्ष 2018 से चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। इन दिनों नंदप्रयाग से कंचनगंगा (120 किमी) तक हाईवे का विस्तार किया जा रहा है। जगह-जगह हो रहे हिल कटिंग कार्य से टनों मलबा निकल रहा है लेकिन इस मलबे के निस्तारण के लिए बदरीनाथ हाईवे पर जगह नहीं मिल पा रही है।

क्षेत्रपाल, छिनका, पाखी, बिरही ,हेलंग,,नंदप्रयाग, चमोली, पीपलकोटी, पुरसाड़ी, मैठाणा, बाजपुर, मायापुर, गडोरा में डंपिंग जोन भर गए हैं, जिससे मलबा का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बिरही चट्टान, क्षेत्रपाल, मायापुर, छिनका में भी हाईवे किनारे टनों मलबा पसरा है। एनएचआईडीसीएल ने जिला प्रशासन को डंपिंग जोन के लिए जगह चिन्हित करने का आग्रह किया है ताकि समय पर मलबे का निस्तारण किया जा सके।

बदरीनाथ हाईवे पर मलबे के ढेर वाहनों की आवाजाही में परेशानी खड़ी कर रहे हैं। कई जगहों पर मलबे से हाईवे संकरा हो गया है। इसके शीघ्र निस्तारण की व्यवस्था होनी चाहिए।
– मनमोहन चतुरा, पूर्व अध्यक्ष, एनएसयूआई, चमोली।

 

मुख्यमंत्री धामी ने किया दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के कार्यों का निरीक्षण, मार्च 2024 तक पूरा होगा काम, 2.5 घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से उत्तराखण्ड को बहुत फायदा होगा। दिल्ली और उसके आस-पास के लोगों को उत्तराखण्ड आने में काफी सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही है। इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आयेगी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निर्माण कार्य मे लगे श्रमिकों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने एनएचआई के अधिकारियों से कहा कि इन श्रमिकों के स्वास्थ्य, रहने एवं खाने की व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि मार्च 2024 तक एक्सप्रेसवे के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रयास किये जा रहे हैं, कि उससे पूर्व ही ये कार्य पूर्ण किये जाएं।

दिल्ली रह जाएगी 210 किमी दूर

अभी दिल्ली से देहरादून जाने में करीब पांच से छह घंटे का समय लगता है। गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए देहरादून जाने के लिए करीब 250 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन, एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दूरी 40 किमी घटकर महज 210 किमी रह जाएगी। इससे दो से ढाई घंटे में देहरादून पहुंचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, अगले साल से देहरादून से दिल्ली की दूरी दो से ढाई घंटे में पूरी होगी। इससे दिल्ली और उसके आसपास के लोगों को उत्तराखंड आने में सुगमता होगी। राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही, इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।

Uttarakhand: अब 42 की उम्र वाले बन सकेंगे क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी और व्यायाम प्रशिक्षक, बनी नई नियमावली

News web Media uttarakhand : उत्तराखंड में अब 42 की उम्र वाले भी युवा कल्याण विभाग में क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी और व्यायाम प्रशिक्षक बन सकेंगे। राज्य गठन के 22 साल बाद युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधीनस्थ सेवा की नई भर्ती सेवा नियमावली बन गई है। इसमें भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को 30 से बढ़ाकर 42 साल किया गया है।

नियमावली के अनुसार व्यायाम प्रशिक्षक और क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के शत प्रतिशत पदों को आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से भरा जाएगा। युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधीनस्थ सेवा नियमावली में क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी के लिए शैक्षिक अर्हता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या सरकार की ओर से उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अन्य अर्हता रखी गई है, जबकि व्यायाम प्रशिक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिए विशारद की डिग्री को नई नियमावली में खत्म कर दिया गया है।

इसके स्थान पर किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक को अनिवार्य किया गया है। इस पद के लिए एनआईएस पटियाला या उससे संबद्ध अन्य संस्थान से प्रशिक्षण में डिप्लोमा या लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर से खेल कोचिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारक भी आवेदन कर सकेंगे।

बीपीएड, डीपीएड, बीपीई डिग्री धारक भी इसके लिए अर्ह होंगे। नियमावली में व्यायाम प्रशिक्षक, क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी के लिए शारीरिक दक्षता के मानक को भी स्पष्ट किया गया है। विभाग की ओर इसके लिए महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग न्यूनतम और अधिकतम अंक तय किए गए हैं।

क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों को वरियता दी जाएगी, जिसने दो साल तक प्रादेशिक सेना में सेवा की हो, राष्ट्रीय कैडेट कोर का बी या सी प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, जिसे किसी पद के संबंध में युवा कार्य का अनुभव हो या जिसने खेलकूद में दक्षता प्राप्त की हो। विकासखंड कमांडर, हल्का सरदार या दलपति के रूप में कम से कम तीन साल की सेवा की हो।

लक्ष्य सेन, चन्दन सिंह को देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार, सीएम धामी ने खिलाड़ियों को किया सम्मानित

News web media uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2021 एवं 2022 के राष्ट्रीय स्तर के 168 पदक विजेता खिलाड़ियों एवं 42 प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को कुल 2.08 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित की गई। वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिन्टन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, वर्ष 2020-21 के लिए एथलेटिक्स खिलाड़ी चन्दन सिंह को देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिन्टन प्रशिक्षक धीरेन्द्र कुमार सेन, वर्ष 2020-21 के लिए ताईक्वांडो प्रशिक्षक, कमलेश कुमार तिवारी, एवं वर्ष 2021- 22 के लिए तीरंदाजी प्रशिक्षक संदीप कुमार डुकलान को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिए जाने पर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार वर्ष 2021-22 से एथलेटिक्स खिलाड़ी सुरेश चन्द्र पाण्डे को सम्मानित किया।

नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास

स दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर एवं पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। जब कोई खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहा होता है, तो पूरे देश की भावनाएं उससे जुड़ी होती हैं। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना प्रारंभ की गई है। प्रत्येक जिले के 150 बालक और 150 बालिकाओं ,प्रदेश के कुल 3900 उभरते खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को भी पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं।

2024 में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखण्ड करेगा

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक साल में खेल के क्षेत्र में अनेक निर्णय लिये हैं। राज्य में नई खेल नीति बनाई गई, जिसमें खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा दी जा रही है। पारंपरिक खेलों को भी खेल नीति में जोड़ा है। राज्य के 8 से 14 साल के 3900 बच्चों को प्रतिमाह 1500 रूपये की धनराशि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत दी जा रही है। 2024 में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखण्ड करेगा।

Uttarakhand News : नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगा हाईकोर्ट, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने दी मंजूरी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित होने जा रहा है। बता दे कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसकी जानकारी दी है। बता दे कि अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा हल्द्वानी में उच्च न्यायलय के लिए आवश्यक अवस्थापना उपलब्ध कराने पर केंद्र सरकार उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने की अधिसूचना की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी।
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) और मुख्य न्यायायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघवी को भी पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में राज्य सरकार के प्रस्ताव का जिक्र किया है। सीएम को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय को संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने और पूरा खर्च वहन करने के लिए उत्तरदायी है।
राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय को नैनीताल स्थानांतरित करने के मामले की जांच की गई है। दोनों सांविधानिक प्राधिकारियों ने इस पर अपनी सहमति दी है।

न्यायाधीशों और कर्मचारियों के आवास बुनियादी ढांचा जुटाना होगा

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, उच्च न्यायालय के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता की पुष्टि के बाद राष्ट्रपति के अनुमोदन से अधिसूचना जारी हो जाएगी और मुख्य सीट अपने स्थान से काम करना शुरू कर देगी। हल्द्वानी में चिन्हित स्थल पर न्यायाधीशों और कर्मचारियों के लिए आवास सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के बाद उच्च न्यायालय की मुख्य सीट को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया आरंभ होगी।

चारधाम यात्रा: एक अप्रैल से बनेंगे वाहनों के ग्रीन कार्ड, इसके बिना नहीं मिलेगी एंट्री

News web media uttarakhand : चारधाम यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग ने ग्रीन कार्ड अनिवार्य किया हुआ है। बिना ग्रीन कार्ड के यात्रा संभव नहीं होगी। एक अप्रैल से परिवहन विभाग के कार्यालय में ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे। इसके लिए इन वाहनों को आरटीओ कार्यालय में लंबे फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। यह टेस्ट पास करने के बाद ही व्यावसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड मिलेगा। वहीं, निजी वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड-ट्रिप कार्ड की कोई बाध्यता नहीं है।

आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि चारधाम यात्रा की पूरी अवधि के लिए यह ग्रीन कार्ड मान्य होता है। ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए वाहन को आरटीओ कार्यालय में ले जाना पड़ता है। यहां पर वाहनों के समस्त कागज, आरसी, फिटनेस प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, परमिट, वाहन कर जमा करने का प्रमाण पत्र, चालक का लाइसेंस चेक किया जाता है। इसके बाद यह परीक्षण किया जाता है कि संबंधित वाहन चारधाम यात्रा के लिए उपयुक्त है या नहीं।

सभी परीक्षणों पर खरा उतरने के बाद व्यावसायिक वाहन स्वामी को greencard.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन करने के बाद ग्रीन कार्ड प्रदान कर दिया जाता है। इस कार्ड के बाद प्रत्येक ट्रिप के लिए वाहन स्वामी को ट्रिप कार्ड लेना होता है। इस ट्रिप कार्ड को भी परिवहन विभाग की वेबसाइट greencard.uk.gov.in पर दिए गए लिंक से ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है।

परिवहन विभाग की गाइड लाइन

  • यात्रा के प्रत्येक फेरे के लिए ट्रिप कार्ड अवश्य प्राप्त करें।
  • वाहन में मानक के अनुसार लाल, सफेद व पीले रिफ्लेक्टर टेप अवश्य लगे हों।
  • पर्वतीय मार्गों पर सहायता के लिए वाहन में टॉर्च, रस्सी, पंचर किट, हवा भरने का पम्प, स्नो चैन भी रख लें।
  • वाहन में कूड़ादान रखना अनिवार्य है।
  • वोमेटिंग बैग भी आवश्यकतानुसार रख लें।

 

 

Amritpal Singh: फरार होने के बाद उत्तराखंड में छिपे होने की संभावना, पुलिस ने जारी किया अलर्ट

News web media uttarakhand Amritpal Singh Arrest Operation: अमृतपाल सिंह के फरार होने और समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड पुलिस भी अलर्ट हो गई है. ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून में पुलिस विशेष निगरानी है. सोशल मीडिया की भी मॉनिटरिंग की जा रही है. राज्य में खुफिया एजेंसी व एसटीएफ को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, राज्य की खुफिया एजेंसी सहित अन्य पुलिसकर्मी इस मसले पर निगरानी बनाए हुए हैं.

अफवाह फैलाने वालों के अलावा सोशल मीडिया पर की जाने वाली पोस्ट पर नजर रखी जा रही है. पुलिस इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है. इस मामले में उत्तराखंड इसलिए भी संवेदनशील है, क्योंकि पूर्व में राज्य अक्सर अपराधियों की शरणस्थली रहा है. कई बार हरियाणा और पंजाब के बदमाश ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और देहरादून में छिपे मिले, उनकी गिरफ्तारियां भी हुई.

हरिद्वार और देहरादून में सतर्कता बरती जा रही है
उत्तराखंड के जनपद ऊधमसिंह नगर के अलावा हरिद्वार और देहरादून में हर पहलू पर सतर्कता बरती जा रही है. मामले को लेकर उत्तराखंड पुलिस पड़ोसी राज्यों की पुलिस और एजेंसियों से भी संपर्क बनाए हुए है.

हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय जो करीब 100 एकड़ में खुलेगा , सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक का निर्णय

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय के सबंध में अधिकारीयों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि खेल विश्वविद्यालय के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही खेल एवं आवश्यक शैक्षणिक गतिविधियों के लिए इस क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों के सुझाव लिये जाएं। विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के सबंध में अग्रिम आवश्यक कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी स्थित खेल मैदान का बेहतर तरीके से उपयोग हो सके, इसके लिए हल्द्वानी में भी खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके लिए आवश्यक अतिरिक्त भूमि की व्यवस्था पर भी उन्होंने ध्यान देने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं। राज्य में युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। 2024 में उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होना है। नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में खेल विश्वविद्यालय बनने से राज्य के युवाओं को खेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने के बेहतर अवसर मिलेंगे।

इसके साथ ही खेल विश्वविद्यालय के एक्ट, नियमावली आदि बनाने के संबंध में भी निर्णय लिया गया है। विषय विशेषज्ञ के रूप में स्वर्णिम गुजरात स्पोटर्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की सेवाएं ली जाएंगी।खेल विश्वविद्यालय करीब 100 एकड़ भूमि में बनेगा हल्द्वानी में इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स को शामिल कर इसके आस-पास भूमि चिन्हित की जाएगी।

बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, खेल निदेशक जितेन्द्र सोनकर उपस्थित थे।

 

SGRR मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हाईकोर्ट से झटका, बढ़ी फीस को 3 किस्तों में जमा करने के निर्देश

देहरादून : माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड ने श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज देहरादून के फीस निर्धारण संबंधित याचिका पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने मेडिकल छात्रों को कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने छात्रों से प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित फीस की पहली किस्त 30 प्रतिशत 10 दिन के भीतर जमा करने को कहा है. साथ ही शेष फीस तीन किस्तों में जमा करने के निर्देश दिए हैं.

इसके साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षकारों से 10 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त की तिथि नियत की गई है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई.

आपके संगयान में लाना है कि छात्र साहिल भार्गव सहित 148 छात्रों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया था. जिसमें कहा गया कि एमबीबीएस वर्ष 2018 बैच के छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के दौरान एमबीबीएस की फीस  प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित नहीं की गई थी. इस कारण राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड ओम प्रकाश ने इस आशय का एक पत्र जारी किया था और उल्लेख किया था कि छात्र-छात्राओं द्वारा जो फीस उस समय दी जा रही है, वह एक प्रोविजनल व्यवस्था के अंतर्गत है. इस बात की जानकारी होते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं ने 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखता दिया था की. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर राज्य में प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा जो भी फीस निर्धारित की जाएगी, छात्र-छात्राएं उस फीस का भुगतान करेंगे. जिसको कोर्ट में छात्रों ने चुनौती दी थी तदु उपरान्त मनानी उच्च न्यायलय ने फैसला उनके विरोध दिया है ।