सुखोई लड़ाकू विमान की देहरादून एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग, इंजन से तेल रिसने पर पायलट ने दिखाई समझदारी

सोमवार सुबह सुखोई लड़ाकू विमान ने बरेली से उड़ान भरी थी। तकनीकी खराबी के कारण इसे देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा।

 देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर सोमवार को एक सुखोई लड़ाकू विमान को तकनीकी खराबी के कारण आपातकाल में उतारना पड़ा। इस फाइटर जेट ने सुबह बरेली से उड़ान भरी थी। बताया जा रहा है की उड़ान के दौरान विमान के एक इंजन से तेल का रिसाव शुरू हो गया था। इसके बाद पायलट ने समझदारी दिखाते हुए जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर इस लैंड करवा दिया।

एयरपोर्ट निदेशक भूपेश सीएच नेगी ने बताया कि विमान को तकनीकी खराबी के कारण उतारा गया है। मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस खराबी के कारण, विमान को तुरंत जमीन पर उतारना आवश्यक हो गया था ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके। एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए आपातकालीन प्रक्रियाओं को सक्रिय किया।

2018 में सुखोई विमानों का हुआ था अभ्‍यास

इससे पहले अप्रैल 2018 में, सुखोई विमानों ने देहरादून एयरपोर्ट पर कुछ दिनों तक अभ्यास करते हुए उड़ान भरी थी। यह अभ्यास भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं का एक हिस्सा था और इसने स्थानीय लोगों के बीच काफी उत्सुकता पैदा की थी।

बरेली से पहुंची इंजीनियरों की टीम

इस विमान को टर्मिनल से कुछ दूर वीआईपी गेस्‍ट हाउस के सामने सुरक्षित स्‍थान पर खड़ा किया गया है। बरेली से इंजीनियरों की टीम देहरादून एयरपोर्ट पहुंच गई है। विमान की तकनीकी खामी दूर करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है।

‘वंदे मातरम’ हमारी आत्मा की धड़कन, उत्तराखंड के 25वें स्थापना दिवस पर बोलीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

उत्तराखंड के 25वें स्थापना दिवस पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल वर्चुअल रूप से शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल शब्दों का संयोजन नहीं, यह हमारी आत्मा की धड़कन है।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार को उत्तराखंड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘उत्तराखंड सांस्कृतिक महाकुंभ समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल रूप से सम्मिलित हुईं। इस अवसर पर उन्हें ‘मां नन्दा देवी शिक्षा वीर सम्मान’ से सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने कहा कि वंदे मातरम केवल शब्दों का संयोजन नहीं, यह हमारी आत्मा की धड़कन है, हमारी अस्मिता का प्रतीक और गौरवशाली विरासत का अमर आलोक है।

उन्होंने उत्तराखंड की रजत जयंती पर सभी उत्तराखंडवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड ने कृषि, पर्यटन, ग्रामीण उद्यम, बागवानी और जैविक खेती के क्षेत्र में देशभर में उल्लेखनीय प्रगति की है। समारोह में आईटीआईटीआई दून संस्कृति स्कूल की रजत जयंती लोगो और अटल बिहारी वाजपेयी शताब्दी शैक्षिक यात्रा लोगो का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कर्नल सोफिया कुरैशी, वीर नांग सती मीन और सीमावर्ती क्षेत्रों में जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए कार्यरत महिला योद्धाओं को सम्मानित किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि इन वीर नारियों की सफलता की कहानियां नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सिर्फ पर्वतों, नदियों और घाटियों का समूह नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक आत्मा का जीवंत स्वरूप है, जिसकी मिट्टी में तप भी है और तेज भी। उन्होंने कहा कि राजभवन उत्तर प्रदेश में ‘गंगोत्री से गंगासागर’ तक की प्रतीकात्मक प्रस्तुति के रूप में एक अद्भुत आस्था केंद्र का शिलान्यास किया गया है, जो बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की भावना को साकार करता है।

मां की गोद जीवन का प्रथम विद्यालय

उन्होंने कहा कि हमें नदियों को केवल श्रद्धा से नहीं, बल्कि समझ और संरक्षण के भाव से देखना होगा, ताकि अपनी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि मां की गोद जीवन का प्रथम विद्यालय है, जहां से संस्कार अंकुरित होते हैं। उन्होंने बताया कि राजभवन विद्यालय के बच्चों ने ‘स्मार्ट कार’, ‘सर्विंग रोबोट’, ‘वाई-फाई कार’ और ‘स्मार्ट गॉगल्स’ जैसे नवाचार कर नई मिसाल पेश की है।

वंदे मातरम गीत एकता का संदेश देता है- आनंदीबेन

आनंदीबेन ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि चरित्र, संस्कार और राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करने वाली शक्ति है। जिस शिक्षा से संवेदना और उत्तरदायित्व की भावना न जागे, वह अधूरी है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प दिया है, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी युवाओं की है। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ के 150 स्वर्णिम वर्ष पर यह गीत हमें त्याग, देशप्रेम और एकता का संदेश देता है।

कर्नल सोफिया ने अनुशासन, सकारात्मक सोच अपनाने की प्रेरणा दी

भारतीय सेना की वीर महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने युवाओं से कहा कि जो युवा अपने समय, समझ और ऊर्जा का सही उपयोग करता है, वही भविष्य का निर्माता बनता है। उन्होंने युवाओं को अनुशासन, आत्मनिर्भरता और सकारात्मक सोच अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना केवल एक सशस्त्र बल नहीं, बल्कि अनुशासन, साहस, संयम और सेवा की जीवित संस्था है। उन्होंने बच्चों और युवाओं से कहा कि वे जीवन में अनुशासन और संयम को अपनाएं, अपनी शिक्षा और कार्य के प्रति निष्ठावान रहें तथा सदैव देश का नाम रोशन करें।

सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़िए- कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल कुरैशी ने कहा कि आप एक ऐसे स्वर्णिम काल में जी रहे हैं, जहां अवसर अपार हैं। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़िए, अगले 30 वर्षों का अपना विजन तय कीजिए और समय का सदुपयोग करिए। जो युवा अपने समय, समझ और ऊर्जा का सही उपयोग करता है, वही भविष्य का निर्माता बनता है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि एकता, आत्मनिर्भरता और नवाचार उनके जीवन के उद्देश्य होने चाहिए। सोशल मीडिया पर गलत खबरों का न तो प्रसार करें और न ही उन्हें आगे बढ़ाएं, क्योंकि इससे समाज में भ्रम फैलता है। युवाओं को अपना समय नकारात्मकता में व्यर्थ न गंवाकर, राष्ट्र निर्माण की दिशा में लगाना चाहिए।

Airport Glitch: क्या ATC ने जुलाई में मिली चेतावनी की अनदेखी की? अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद आया था अलर्ट

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाएं अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं। लगभग 36 घंटे पहले हुई बड़ी तकनीकी खराबी के बाद शनिवार को हालात में सुधार देखा गया। शुक्रवार को देशभर में सैकड़ों उड़ानों के ठप होने का कारण बने सिस्टम क्रैश को समय रहते टाला जा सकता था। यह दावा एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के संगठन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने किया है। गिल्ड का कहना है कि उसने कई महीने पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सिस्टम की खराब स्थिति और अपग्रेड की जरूरत के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया।

अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद आया था अलर्ट
गिल्ड ने अहमदाबाद एअर इंडिया हादसे के बाद जुलाई में जारी एक पत्र में कहा था कि दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर मौजूदा ऑटोमेशन सिस्टम की कार्यक्षमता में गिरावट देखी जा रही है। सिस्टम स्लो होने और बार-बार लैग आने की वजह से उड़ानों के संचालन की सुरक्षा और दक्षता प्रभावित हो रही है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने सांसदों को भी पत्र लिखकर आग्रह किया था कि भारत में उपयोग किए जा रहे एयर नेविगेशन सिस्टम्स का समय-समय पर रिव्यू और अपग्रेड जरूरी है, ताकि वे यूरोकंट्रोल और FAA जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रह सकें। पत्र में यह भी कहा गया था कि भारत के ऑटोमेशन सिस्टम में “AI-सक्षम कॉन्फ्लिक्ट डिटेक्शन और रियल-टाइम डेटा शेयरिंग” जैसी सुविधाओं का अभाव है, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाते हैं।

लापरवाही के चलते आई तकनीकी खामियां
गिल्ड के अधिकारियों के अनुसार हमने बार-बार इन तकनीकी खामियों की ओर ध्यान दिलाया, लेकिन अब तक कोई ठोस सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार को जो सिस्टम क्रैश हुआ, वह इसी लापरवाही का नतीजा है। जानकारों का मानना है कि यदि समय रहते सिस्टम अपग्रेड कर दिया गया होता, तो न केवल उड़ानें बाधित होने से बच जातीं बल्कि देश की विमानन सुरक्षा प्रणाली भी अधिक मजबूत होती।

क्या आई थी दिक्कत?
गुरुवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम में तकनीकी दिक्कत आ गई थी। यह समस्या ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (एएमएसएस )में आई, जो उड़ानों की योजना (फ्लाइट प्लानिंग) से जुड़ा एक अहम हिस्सा है। इस सिस्टम के फेल होते ही उड़ानों के संदेश और डेटा अपने-आप कंट्रोल टावर तक नहीं पहुंच रहे थे। नतीजतन, एयरलाइंस को मैन्युअल तरीके से उड़ान योजनाएं बनानी पड़ीं।

तकनीकी खराबी पर अधिकारियों की सफाई
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने कहा कि यह एक तकनीकी समस्याथी, लेकिन किसी भी उड़ान की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा।जो विमान हवा में थे, वे सामान्य रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचे। दिक्कत केवल उड़ान से पहले के संदेश और योजना प्रक्रिया में आई थी।

उत्तराखंड रजत जयंती: पुलिस लाइन में रैतिक परेड का आयोजन, राज्यपाल ने किया निरीक्षण, सीएम धामी ने की कई घोषणाएं

सीएम धामी ने कहा कि हमारे प्रदेश के उन सभी जनप्रतिनिधियों प्रशासनिक अधिकारियों पुलिस के जवानों कर्मचारी शिक्षकों और नागरिकों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने पिछले 25 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा में अपने-अपने स्तर पर राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजंत जयंती के अवसर पर आज देहरादून पुलिस लाइन मं रैतिक परेड का आयोजन किया गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने परेड का निरीक्षण किया।

डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि वर्दी केवल अधिकार का प्रतीक नहीं, आस्था सेवा और उत्तरदायित्व का प्रतीक बने। हम संकल्प लें कि आने वाले वर्षों में अपने राज्य को आदर्श के शिखर पर पहुंचाएंगे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य आंदोलनकारियों को याद किया। ने कहा कि हमारे प्रदेश के उन सभी जनप्रतिनिधियों प्रशासनिक अधिकारियों पुलिस के जवानों कर्मचारी शिक्षकों और नागरिकों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने पिछले 25 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा में अपने-अपने स्तर पर राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। मैं आज के इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले पुलिस वालों, एनसीसी कैडेट्स होमगार्ड स्काउट गाइड और सभी सांस्कृतिक दलों को भी साधुवाद देता हूं जिन्होंने परेड के माध्यम से अपनी शानदार प्रस्तुति और अनुशासन का परिचय दिया है। राज्य निर्माण के इन 25 वर्षों की यात्रा में हमारे राज्य ने अनेक चुनौतियों का और समस्याओं का सामना करते हुए आज देश के सशक्त राज्य के रूप में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। हमें समय-समय पर कई प्राकृतिक आपदाओं और कठिन परिस्थितियों से भी जूझना पड़ा है

हमारे राज्य में चार धाम यात्रा कावड़ यात्रा कुंभ मेले जैसे भव्य आयोजनों के साथ ही राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों का भारी दबाव रहता है, यही नहीं हमारी विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों में राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखना अपने आप में एक बड़ी चुनौती रही है लेकिन इन सभी कठिनाइयों के बीच उत्तराखंड पुलिस ने राज्य किया राज्य की आत्मा की प्रहरी और एक मुंह सड़क की भांति प्रत्येक मूर्ति पर डटे रहकर जन सेवा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। वर्षों से ढकी सीमाओं से लेकर मैदानी क्षेत्र तक तीर्थ यात्राओं की भीड़ से लेकर आपदाओं की विकट परिस्थितियों तक उत्तराखंड पुलिस ने यह सिद्ध किया है कि सेवा परमो धर्म उनके आदर्श वाक्य मात्रा नहीं है बल्कि उनके जीवन का अटल संकल्प है साथियों यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि हमारी पुलिस ने महिला अपराधों के निराकरण में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी सफलता हासिल की है शादी गृह मंत्रालय द्वारा जारी महिला अपराध एवं पक्ष अधिनियम के मामलों के निस्तारण में उत्तराखंड देश में पांचवें स्थान पर रहा है। यही नहीं नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत विकास के लक्षण को हासिल करने के इंडेक्स में हमारे प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है इसके साथ ही जहां हमारे चार गांव जल हरसिल गंजी और सूफी को देशभर में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला है।

युवा तकनीक की भाषा समझे: राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह: उत्तराखंड पुलिस ने आधुनिक पुलिस बल के रूप में विशेष पहचान स्थापित की है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर कमांडो तैयार किए हैं, जिससे दक्षता और बल बढ़ा है। सामुदायिक पुलिसिंग कर विशेष बल देकर जनता से सहयोग का सेतु तैयार किया है। 25 वर्षों का काल खंड , राज्य चार धाम से बढ़कर वैश्विक वैलनेस डेस्टिनेशन वेडिंग डेस्टिनेशन योग आयुर्वेद कई दिशाओं में आगे बढ़ रहा है। जल जंगल और पहाड़ के संरक्षण में मातृ शक्ति का उल्लेखनीय योगदान रहा है। राज्य के विकास की धूरी हैं, स्वयं सहायता समूह से लेकर खेल रक्षा विज्ञान खेल आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है।

आज एआई के युग में हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड का युवा तकनीक की भाषा समझें। इसी दिशा से विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। स्वदेशी के मंत्र के देश की प्रगति होगी, हमें वह सामान लेना चाहिए जो स्वदेशी हो, इस साल पीएम मोदी का सान्निध्य प्राप्त होना गर्व है। हम सब मिलकर संकल्प लें कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रमुख घोषणाएं

  • साइबर अपराधों पर अंकुश के लिए साइबर कोऑर्डिनेशन केंद्र की स्थापना की जाएगी।
  • ड्रग्स फ्री देवभूमि हेतु एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का और विस्तार किया जाएगा।
  • राजकीय विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के अंतर्गत भोजन माता के लिए कल्याण कोष की स्थापना की जाएगी।
  • राज्य में जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं से कृषि एवं उद्यान की फसलों की सुरक्षा के लिए फार्म फेंसिंग पॉलिसी लाई जाएगी।
  • प्रदेश के पारंपरिक धौरे नाले आदि प्राकृतिक जल स्त्रोतों के संरक्षण पुनर्जीवन के लिए विशेष संवर्धन योजना प्रारंभ की जाएगी।
  • उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र-छात्राओं में कौशल विकास के लिए ऑनलाइन स्किल कोर्सेज उपलब्ध कराए जाएंगे और सिविल सर्विसेज बैंकिंग मैनेजमेंट नीट आदि परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • मानसखंड मंदिर माला मिशन की तर्ज पर ही केदार खंड मंदिर माला मिशन का विकास किया जाएगा।
  • आदर्श चंपावत की भांति आदर्श रुद्रप्रयाग जनपद का विकास भी उसी तर्ज पर आगे बढ़ाया जाएगा।
  • पूर्णागिरि कुमाऊंनी के शारदा कॉरिडोर एवं आदि कैलाश तथा गढ़वाल के अंजनी सेन एवं बेला केदार क्षेत्र को स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा
  • प्रत्येक जिला अस्पताल में डायबिटीज के लिए विशेष क्लीनिक खोले जाएंगे और 15 वर्ष तक के बच्चों की डायबिटीज स्क्रीनिंग मुफ्त की जाएगी।

FATF ने भारत की संपत्ति पुनर्प्राप्ति प्रणाली की सराहना की, ED को वैश्विक आदर्श एजेंसी बताया

एफएटीएफ ने कहा कि भारत ने संपत्ति वसूली के लिए एक सुव्यवस्थित और तकनीक-संचालित तंत्र बनाया है, जिसमें कानूनी उपकरणों को कई एजेंसियों के बीच परिचालन सहयोग के साथ जोड़ा गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने भारत की संपत्ति वसूली प्रणाली की सराहना करते हुए इसे अपने सदस्य देशों में सबसे प्रभावी बताया है।

अपनी नई जारी रिपोर्ट, “संपत्ति वसूली मार्गदर्शन और सर्वोत्तम अभ्यास” में, FATF ने आपराधिक आय का पता लगाने, कुर्की करने और जब्त करने में अपनी दक्षता के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को एक आदर्श एजेंसी के रूप में रेखांकित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रणाली आर्थिक और वित्तीय अपराधों से प्राप्त संपत्तियों की वसूली करने में सक्षम एक मजबूत ढाँचे का प्रतिनिधित्व करती है।

एफएटीएफ रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
एफएटीएफ ने पाया कि भारत ने संपत्ति वसूली के लिए एक सुव्यवस्थित और तकनीक-संचालित तंत्र विकसित किया है, जिसमें कानूनी उपकरणों को विभिन्न एजेंसियों के बीच परिचालन सहयोग के साथ जोड़ा गया है। इसने भारत के दोहरे दृष्टिकोण की विशेष रूप से प्रशंसा की, जो दोषसिद्धि-आधारित और गैर-दोषसिद्धि-आधारित, दोनों तरह की ज़ब्ती की अनुमति देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपराधिक मुकदमे पूरे होने से पहले ही संपत्ति ज़ब्त की जा सके।

रिपोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भारत की विधायी शक्ति की भी सराहना की गई, जो अधिकारियों को आपराधिक गतिविधि से जुड़ी संदिग्ध संपत्तियों को तुरंत ज़ब्त, कुर्क और ज़ब्त करने में सक्षम बनाता है। एफएटीएफ ने कहा कि इसने भारत के प्रवर्तन मॉडल को सदस्य देशों में सबसे अधिक उत्तरदायी और अनुकूलनीय बना दिया है।

एफएटी

उदाहरण के तौर पर, रिपोर्ट में भारत में कई उच्च-मूल्य वाली वसूली का उल्लेख किया गया है, जिनमें कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, सहकारी बैंक घोटाले और निवेश योजनाओं से जुड़े मामले शामिल हैं, जहाँ हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की गई और बाद में सार्वजनिक लाभ के लिए पुनर्व्यवस्थित की गई। इनमें से कई मामलों में, संरचित क्षतिपूर्ति उपायों के माध्यम से पीड़ितों को धनराशि सफलतापूर्वक वापस कर दी गई।

जिन पहलुओं का विशेष उल्लेख किया गया, उनमें से एक भारत द्वारा मूल्य-आधारित ज़ब्ती का उपयोग था, जो मूल संपत्ति का पता न चलने पर भी समतुल्य संपत्ति को ज़ब्त करने की अनुमति देता है। FATF के अनुसार, यह दृष्टिकोण वित्तीय अपराधियों के विरुद्ध निवारक प्रभाव को महत्वपूर्ण रूप से मज़बूत करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी अवैध लाभ पहुँच से बाहर न रहे।

एफ ने भारत के मज़बूत अंतर-एजेंसी सहयोग पर प्रकाश डाला
एफएटीएफ रिपोर्ट में वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित प्रमुख भारतीय संस्थानों के बीच समन्वय की सराहना की गई है। इसमें कहा गया है कि इन एजेंसियों के बीच तालमेल ने “अन्य देशों के लिए अध्ययन और अनुकरण हेतु एक व्यावहारिक मॉडल” तैयार किया है।

 

UK News: कुमाऊं विवि के 20वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू की शिरकत, विद्यार्थियों को दिए गोल्ड मेडल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और उपाधियां प्रदान की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भी उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की नींव होती है इसलिए शिक्षा का उद्देश्य केवल विद्यार्थियों की बुद्धि और कौशल का विकास करना ही नहीं, बल्कि उनके नैतिक बल और चरित्र को भी सुदृढ़ करना होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा हमें आत्मनिर्भर बनाती है, साथ ही हमें विनम्र होना और समाज व देश के विकास में योगदान देना सिखाती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा को वंचित वर्गों की सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित करें। उन्होंने कहा कि यही सच्चा धर्म है, जो उन्हें सच्चा सुख और संतोष प्रदान करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सरकार निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अनेक नीतिगत पहल कर रही है। ये पहल युवाओं के लिए अनेक अवसर उत्पन्न कर रही हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वे युवाओं को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।

 

Uttarakhand: आज पहले कैंची धाम जाएंगी राष्ट्रपति मुर्मू, फिर कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में करेंगी शिरकत

राष्ट्रपति के कार्यक्रम और सुरक्षा दृष्टि के तहत कैंची धाम मंदिर समिति की ओर से मंगलवार की सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक कैंची धाम में श्रद्धालओं की आवाजाही बंद रखी गई है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार सुबह कैंची धाम में बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन करेंगी। राष्ट्रपति के कार्यक्रम और सुरक्षा दृष्टि के तहत कैंची धाम मंदिर समिति की ओर से मंगलवार की सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक कैंची धाम में श्रद्धालओं की आवाजाही बंद रखी गई है। उसके बाद राष्ट्रपति नैनीताल में कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगी और 18 मेधावियों को मेडल प्रदान करेंगी।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राजभवन की 125वीं वर्षगांठ पर राजभवन के वर्चुअल टूर का लोकार्पण किया। कहा कि इसके माध्यम से लोग ऐतिहासिक राजभवन के डिजिटल भ्रमण का अनुभव कर सकेंगे। यह दर्शकों को इस भवन की स्थापत्य कला, प्राकृतिक सौंदर्य तथा ऐतिहासिक महत्व से रूबरू कराएगा। इस वर्चुअल टूर को राजभवन की वेबसाइट governoruk.gov.in पर भी देखा जा सकेगा।
राजभवन में हुए कार्यक्रम में राजभवन पर लघु फिल्म भी दिखाई गई। फिल्म में नैनीताल की गौरवशाली विरासत राजभवन, इसके स्थापत्य सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व को संजोया गया है। इसके माध्यम से दर्शक ऐतिहासिक भवन के इतिहास, उसकी स्थापत्य विशेषताओं और राज्य की समृद्ध विरासत को जान सकेंगे। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्र भारत में राष्ट्रपति भवन गणराज्य का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक है। उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद यह ऐतिहासिक भवन राज्य की प्रगति का अभिन्न हिस्सा बन गया है।

CLAT 2026 ऑनलाइन फॉर्म शुरू – जानिए

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2026) के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। यह परीक्षा Consortium of National Law Universities (NLUs) द्वारा आयोजित की जाती है। अगर आप देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो यह मौका आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। CLAT परीक्षा के माध्यम से LLB (5 वर्षीय कोर्स) और LLM (1 वर्षीय कोर्स) में प्रवेश दिया जाता है।

CLAT 2026: महत्वपूर्ण तिथियाँ

CLAT 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 अगस्त 2025 से शुरू हो चुकी है। उम्मीदवार 7 नवंबर 2025 रात 11:59 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा का आयोजन 7 दिसंबर 2025 को किया जाएगा। एडमिट कार्ड परीक्षा से कुछ सप्ताह पहले आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

आवेदन शुल्क

सामान्य (Gen), ओबीसी (OBC), और ईडब्ल्यूएस (EWS) वर्ग के उम्मीदवारों को ₹4000, वहीं SC/ST/BPL/PH उम्मीदवारों को ₹3500 आवेदन शुल्क देना होगा। सभी श्रेणी के उम्मीदवारों को फीस ऑनलाइन मोड के माध्यम से जमा करनी होगी।

योग्यता मानदंड

CLAT 2026 के तहत दो प्रमुख कोर्स शामिल हैं –

1. बैचलर ऑफ लॉ (LLB – 5 वर्ष) : उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा में न्यूनतम 45% अंक (SC/ST/PH के लिए 40%) के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

2. मास्टर ऑफ लॉ (LLM – 1 वर्ष) : उम्मीदवार के पास LLB डिग्री में न्यूनतम 50% अंक (SC/ST/PH के लिए 45%) होना जरूरी है।

Uttarakhand: राज्य लोकसेवा आयोग ने प्रधानाचार्य पद पर भर्ती को किया रद्द, आठ फरवरी 2026 को होनी थी

शिक्षा सचिव ने 30 अक्तूबर को आयोग को पत्र भेजकर शासन की ओर से भर्ती के लिए भेजे गए अधियाचन को वापस लेने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध पर आयोग ने आठ फरवरी 2026 को होने वाली प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा को रद्द कर दिया।

राज्य लोक सेवा आयोग ने राजकीय इंटर काॅलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य व प्रधानाचार्या पद पर विभागीय भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। इस संबंध में राज्य लोकसेवा आयोग के शिक्षा सचिव को पत्र भेजा है।

शिक्षा सचिव ने 30 अक्तूबर को आयोग को पत्र भेजकर शासन की ओर से भर्ती के लिए भेजे गए अधियाचन को वापस लेने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध पर आयोग ने आठ फरवरी 2026 को होने वाली प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा को रद्द कर दिया।
इस संबंध में राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव आलोक पांडेय ने शिक्षा सचिव को पत्र भेजा है। बता दें कि प्रदेश के राजकीय इंटरमीडिट काॅलेजों में प्रधानाचार्य के 1385 पदों में से 1184 पद रिक्त हैं। सरकार ने इन पदों को भरने के लिए 50 प्रतिशत पदों पर प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा कराने का फैसला किया था।

राजकीय शिक्षक संघ ने रैली स्थगित की
राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान व महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि शनिवार को मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री आवास कूच स्थगित कर दिया गया है। नौ अक्तूबर को संगठन से वार्ता हुई थी, उस वार्ता के क्रम में 34 सूत्रीय मांगपत्र पर कार्यवाही नहीं होती है तो फिर से आंदोलन होगा।

National Unity Day 2025: आज राष्ट्रीय एकता दिवस, देश की एकता के उस नायक को याद करें जिसने भारत को जोड़ा!

National Unity Day 2025 पर जानिए सरदार पटेल की जयंती का महत्व, उनके विचार और भारत को एक करने की प्रेरक कहानी। पढ़ें क्यों कहा जाता है उन्हें भारत का लौह पुरुष।

National Unity Day 2025: हर साल 31 अक्टूबर को भारत राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान व्यक्तित्व वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित है जिसने बिखरे रियासतों के भारत को एक सूत्र में पिरोया। वे सिर्फ भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री नहीं थे, बल्कि ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में उस एकता के प्रतीक बने, जिसने आधुनिक भारत की नींव रखी।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व

सरदार पटेल की जयंती को 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य नागरिकों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों और संगठनों में “Run for Unity”, निबंध प्रतियोगिताएं और देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस का संदेश है, “एक भारत, श्रेष्ठ भारत।”

सरदार पटेल भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले शिल्पकार

आजादी के बाद भारत 562 रियासतों में बंटा था। ऐसे समय में, सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, राजनीतिक कुशलता और दृढ़ नेतृत्व से इन रियासतों का भारत संघ में विलय कराया। उनके प्रयास से,  हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी बड़ी रियासतों का भारत में एकीकरण संभव हुआ। उन्होंने “स्टेट्स रीऑर्गनाइजेशन कमेटी” की नींव रखी, जिससे भारत एक मज़बूत प्रशासनिक ढांचे में संगठित हुआ।

आज की पीढ़ी के लिए संदेश 

आज जब सोशल मीडिया, राजनीति और विचारधाराएं लोगों को बांट रही हैं, राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत की असली पहचान उसकी विविधता में निहित है यानी भाषा, संस्कृति, धर्म, परिधान सब अलग, लेकिन आत्मा एक। यह दिन हर भारतीय के भीतर यह भावना जगाता है कि हम सब मिलकर ही भारत हैं और एकता में ही शक्ति है।

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस

  •     ‘Run for Unity’ का आयोजन किया जाता है। लोगों में एकता का संदेश फैलाने के लिए देशभर में रन आयोजित की जाती है।
  • स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। जिसमें निबंध लेखन, भाषण, पोस्टर मेकिंग, क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
  • प्रतिज्ञा समारोह होता है, जिसमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली जाती है।
  • ‘Statue of Unity’ पर जा सकते हैं। गुजरात में स्थित 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी जाती है।