Dehradun: फिर खराब हुई दून की हवा, पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक, मौसम वैज्ञानिकों ने बताई इसके पीछे की वजह

दून की हवा जहरीली हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी बुलेटिन में दून का एक्यूआई 106 रहा। इसमें प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण पीएम 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर माना गया

शुद्ध आबोहवा के लिए पहचाने जाने वाले देहरादून में फिर वायु प्रदूषण बढ़ गया है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 100 पार पहुंच गया है। इससे आबोहवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। निजी वेबसाइटों में तो ये आंकड़ा 171 तक पहुंच गया है। पीएम 2.5 का स्तर लगातार बढ़ने के कारण दून की हवा जहरीली हो रही है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश न होने और कोहरा छाने से हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है। खासकर पटेलनगर, घंटाघर, आईएसबीटी, हरिद्वार रोड और जीएमएस रोड पर हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। निजी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों में ही प्रदूषण कणों की मात्रा बढ़ी हुई है, जिससे एक्यूआई स्तर ऊपर गया है।

एक्यूवेदर डॉट कॉम में दून का एक्यूआई 171 दर्ज किया गया
पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। कुछ स्थानों पर ये मानक से तीन गुना तक अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं की कमी और वायुमंडलीय स्थिरता प्रदूषण कणों को नीचे सतह पर फंसा रही है, जिससे हवा आराम से साफ नहीं हो पा रही।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी बुलेटिन में दून का एक्यूआई 106 रहा। इसमें प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण पीएम 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर माना गया। वायु प्रदूषण की निगरानी करने वाली निजी वेबसाइटों की बात करें तो एक्यूवेदर डॉट कॉम में दून का एक्यूआई 171 दर्ज किया गया। इसमें पीएम 2.5 का स्तर बहुत खराब माना गया

आईक्यू एयर डॉट कॉम में दून का औसत एक्यूआई 128 रहा। वहीं, एक्यूआई डॉट इन में एक्यूआई 135 दर्शाया गया। बता दें कि जीरो से पचास तक एक्यूआई का स्तर बहुत अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक संतोषजनक रहता है। 101 से 200 तक खराब श्रेणी में माना जाता है।

उत्तराखंड में अगले छह माह तक हड़ताल पर रोक, पुष्कर सिंह धामी सरकार ने लिया फैसला

देहरादून में इन दिनों उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसके चलते तमाम सरकारी विभागों में व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं। उपनल कर्मचारियों की हड़ताल और अन्य विभागों में काम छोड़ो या संभावित हड़तालों पर रोक लगाने लिए अगले छह माह तक हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया गया है।

उत्तराखंड में अगले छह माह तक राज्याधीन सेवाओं में हड़ताल पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि यह फैसला जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों और विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह आदेश जारी किया गया है। जिसके बाद अब कर्मचारी अगले छह माह तक हड़ताल नहीं कर पाएंगे।

कार्मिक सचिव शैलेश बगौली की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, लोकहित को ध्यान में रखते हुए अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (जो उत्तराखण्ड राज्य में लागू है) की धारा 3(1) के तहत यह निर्णय लिया गया है। आदेश जारी होने की तारीख से आगामी छह महीनों तक राज्याधीन सेवाओं में किसी भी तरह की हड़ताल पूरी तरह निषिद्ध रहेगी।

शासन का मानना है कि सरकारी तंत्र की निरंतरता और जनसेवा की बाधारहित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है, क्योंकि हाल के दिनों में कई विभागों में हड़ताल एवं आंदोलन की स्थितियां बनी थीं, जिनसे सरकारी कार्य प्रभावित हो सकता था।

उत्तराखंड सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय उन सभी सेवाओं पर लागू होगा जो राज्याधीन हैं। उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारी भी इस निर्णय के तहत आएंगे। बता दें कि उपनल कर्मचारियों के पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिसके चलते सरकारी अस्पतालों सहित कई सरकारी विभागों में व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।

राज्य के विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में संविदा एवं आउटसोर्सिंग कार्मिक उपनल के जरिए तैनात किए गए हैं। शासन के इस निर्णय के बाद अब उपनल कर्मचारियों की संभावित हड़तालों या काम छोड़ो आंदोलनों पर भी प्रभावी रोक लगेगी। वहीं, इस निर्णय को जारी करने को लेकर शासन का तर्क है कि प्रदेश में विकास योजनाओं, कुंभ 2027 की तैयारियों, डिजिटल प्रशासन और सार्वजनिक सेवा वितरण जैसे कई कार्य चल रहे हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की हड़ताल से जनता को गंभीर परेशानी हो सकती है, इसीलिए सरकार द्वारा अधिनियम के तहत जारी यह प्रतिबंध अगले छह महीनों तक लागू रहेगा। इस अवधि में हड़ताल करने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि, शक्ति स्थल पहुंचे सोनिया और राहुल, जानें पूर्व PM से जुड़ा पूरा इतिहास

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं इंदिरा गांधी ने बाल चरखा संघ और वानर सेना की स्थापना की।

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और ‘भारत रत्न’ इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।

इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में स्थित शक्ति स्थल पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को उनकी 108वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहीं इंदिरा

बता दें कि इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 को पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। इसके बाद 14 जनवरी 1980 को दोबारा इस जिम्मेदारी को संभालने का मौका मिला। 19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म देश के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में हुआ था।

वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं। इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ बनाई। सितंबर 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया। 1947 में इन्होंने महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया।

कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रहीं इंदिरा

कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक पदों पर पहुंचने के साथ-साथ उनकी राजनीतिक जिम्मेदारियां लगातार बढ़ती गईं। 1955 में वे कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं। 1958 में, वे कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में शामिल हुईं। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय एकता परिषद की अध्यक्ष, अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महिला विभाग की प्रमुख के रूप में भी कार्य किया। इंदिरा गांधी 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 1960 तक और फिर जनवरी 1978 से इस पद पर रहीं।

पीएम के साथ विदेश मंत्री भी रहीं इंदिरा

इंदिरा गांधी का मंत्री पद का कार्यकाल 1964 से 1966 तक सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य करने के साथ शुरू हुआ। जनवरी 1966 में वे भारत की प्रधानमंत्री बनीं और मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या होने तक इस पद पर रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक साथ कई प्रमुख विभागों का कार्यभार संभाला, जिनमें 1967 से 1977 तक परमाणु ऊर्जा मंत्री, 1967 से 1969 तक विदेश मंत्री, 1970 से 1973 तक गृह मंत्री और 1972 से 1977 तक अंतरिक्ष मंत्री शामिल हैं। जनवरी 1980 में, वे योजना आयोग की अध्यक्ष बनीं।

यूपी और आंध प्रदेश से हासिल की जीत

इंदिरा गांधी चौथे, पांचवें और छठे आम चुनावों में लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से पहले 1964 से 1967 तक राज्यसभा सदस्य रहीं। जनवरी 1980 में, उन्होंने उत्तर प्रदेश के रायबरेली और आंध्र प्रदेश के मेडक, दोनों सीटों से जीत हासिल की। हालांकि बाद में उन्होंने मेडक सीट बरकरार रखने का फैसला किया। उन्होंने 1967 से 1977 तक और फिर 1980 से कांग्रेस संसदीय दल की नेता के रूप में भी कार्य किया।

 

“CLAT Aspirants के लिए बड़ा मौका: Law Prep Tutorial में 3-दिवसीय ऑफलाइन मॉक टेस्ट सीरीज़”

CLAT 2026 की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए Law Prep Tutorial एक विशेष Tri-Series Challenge लेकर आया है, जिसमें 3 दिन – 3 मॉक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे। यह परीक्षण छात्रों को उनकी वास्तविक तैयारी और अखिल भारतीय स्तर पर अपनी रैंक जानने का अनोखा अवसर प्रदान करेगा।

यह मॉक सीरीज़ 28, 29 और 30 नवंबर 2025 को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक आयोजित होगी।
देहरादून में यह टेस्ट ऑफलाइन मोड में Law Prep Tutorial, प्रथम तल, 36-D निंबुवाला रोड, उत्तरांचल ग्रामीण बैंक के ऊपर, गढ़ी कैंट देहरादून में उपलब्ध रहेगा।

इस Tri-Series Challenge में प्रतिभागियों को मिलेगा:

✔️ 3 full length CLAT मॉक टेस्ट

✔️ CLAT जैसे वास्तविक परीक्षा अनुभव

✔️ राष्ट्रीय रैंक व प्रदर्शन विश्लेषण

✔️ नवीनतम CLAT पैटर्न आधारित प्रश्न

✔️ परीक्षा से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर

🎙️ लॉ प्रेप ट्यूटोरियल देहरादून के निदेशक श्री एस. एन. उपाध्याय का संदेश

CLAT जैसे प्रतिस्पर्धी परीक्षा में सफलता केवल ज्ञान से नहीं, बल्कि समय प्रबंधन, विश्लेषण क्षमता और परीक्षा की वास्तविक परिस्थितियों में प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यह 3-Day Tri-Series Challenge छात्रों को उसी माहौल में खुद को परखने का अवसर प्रदान करता है।

मैं सभी CLAT 2026 अभ्यर्थियों से आग्रह करता हूँ कि वे इन मॉक टेस्ट्स में अनिवार्य रूप से भाग लें और अपनी तैयारी को राष्ट्रीय मानकों पर आँकें। सही दिशा में किया गया अभ्यास ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है, और यह सीरीज़ आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देगी। लॉ प्रेप ट्यूटोरियल देहरादून हमेशा की तरह छात्रों को बेहतरीन मार्गदर्शन और परीक्षा-उन्मुख वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

शटर गिरे, मची भगदड़: चार घंटे तक सुलगता रहा हल्द्वानी, गोवंश अवशेष पर भड़की हिंसा; CCTV में दिखा नया मोड़

हल्द्वानी में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद रविवार रात बरेली रोड पर चार घंटे तक हंगामा रहा। भड़के युवकों ने नारेबाजी की। एक रेस्तरां को पुलिस ने तुरंत बंद करा दिया। हालांकि बाद में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि अवशेष एक कुत्ता लाया था।

हल्द्वानी में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद रविवार रात बरेली रोड पर चार घंटे हंगामा रहा। तनाव बढ़ा तो अनहोनी की आशंका पर दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिर गए। बरेली रोड से मंदिर को जाने वाली गली के आसपास की दुकानों पर ताला लग गया। शमा डीलक्स रेस्टोरेंट पत्थरबाजी के बाद भी खुला रहा तो युवकों का गुस्सा चढ़ गया। इस पर पुलिस ने रेस्टोरेंट को तुरंत बंद कराया। पुलिस और लोगों की सूझबूझ से शहर सांप्रदायिकता की आग में झुलसने से बाल-बाल बचा। इधर सीसीटीवी फुटेज में एक कुत्ता गोवंश के अवशेष लाता दिखाई दे रहा है।

रविवार देर शाम साढ़े सात बजे के करीब जब लोगों ने मंदिर के पास गोवंश अवशेष देखा तो बात पूरे शहर में फैल गई। कुछ ही समय बीता था कि कई युवक नारेबाजी करते हुए मौके पर पहुंच गए। सूचना पर कई थानों की पुलिस भी पहुंची। फोरेंसिक टीम ने जांच की। रात आठ बजे के बाद भीड़ बढ़ती चली गई। आक्रोशित लोगों ने एक कार में भी तोड़फोड़ की।

भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने शमा डीलक्स रेस्टोरेंट पर पत्थर फेंके तो उसका शीशा चकनाचूर होकर सड़क पर फैल गया। रेस्टोरेंट के अंदर कई लोग खाना खा रहे थे। लोग किसी तरह जान बचाकर रेस्टोरेंट से बाहर भागे। पुलिसकर्मियों पर भी पत्थर फेंके गए। भीड़ बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने लाठियां फटकारीं। इस दौरान वहां भगदड़ मच गई। कई लोग भाग निकले जबकि कुछ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

घटना के बाद महापौर गजराज सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने युवकों को समझाया। कहा कि पुलिस मामले की गहन छानबीन में जुटी है। सीसीटीवी भी देख रही है। गोवंश के अवशेष को लाने वाला कौन है, इसकी जांच के लिए पुलिस ने गली के एक मकान के सीसीटीवी की फुटेज देखी तो पता चला कि इसे लाने वाला एक कुत्ता है। फुटेज में वह सिर मुंह में दबाए आता दिख रहा है। इसके बाद वह सिर को मंदिर के सामने एक घर के पास रखकर चला जाता है। पुलिस फुटेज की और गहन जांच में जुटी है।

क्षेत्र में पीएसी की तैनाती
घटना के तुरंत बाद शहर में कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। इलाके में फ्लैग मार्च भी किया। पुलिस टीम ने उजाला नगर क्षेत्र में गश्त कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। तनावग्रस्त इलाके में चार सीओ, सभी थानाध्यक्ष, पुलिस फोर्स और पीएसी लगाई गई है। इसके साथ ही हेड क्वार्टर और रेंज से पुलिस बल मांगा गया है। एसएसपी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की जाएगी।

कुछ तत्वों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने का भी प्रयास किया जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन और पुलिस दोनों स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। पुलिस के पास संबंधित फुटेज और आवश्यक साक्ष्य उपलब्ध हैं जिनकी गहन जांच जारी है। हल्द्वानी की शांति 6 और सद्भावना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए नागरिकों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। धैर्य रखें, संयम बरतें और पुलिस को पूरी तरह से अपना काम करने दें। 

घटना की टाइमलाइन

  • शाम 7:30 बजे लोगों ने गोवंश का कटा सिर देखा
  • 7:35 बजे कई थानों की फोर्स के साथ सीओ और एसपी क्राइम भी पहुंचे।
  • 7:36 बजे फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल को कवर कर जांच शुरू की।
  • 7:40 बजे सूचना मिलने पर मौके पर भीड़ बढ़ने लगी।
  • 8:15 बजे बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने बरेली रोड पर जाम लगाने की कोशिश की।
  • 8:20 बजे शमा डिलक्स रेस्टोरेंट पर पथराव हुआ।
  • 8:45 बजे भीड़ ने गली में घुस रहे एक टैंपो चालक को रोका और वाहन पलटाने की कोशिश की।
  • 8:50 बजे पीलीकोठी में हंगामा की सूचना पर पुलिस की एक टीम भेजी गई।
  • 8:55 बजे महापौर गजराज बिष्ट ने मौके पर पहुंचकर युवकों को समझाया।
  • 9.10 बजे बरेली रोड पर युवकों ने हंगामा शुरू किया। दोनों तरफ वाहनों की आवाजाही पुलिस ने रोक दी।
  • 9:50 बजे भीड़ वापस सड़क पर आई और फिर नारेबाजी शुरू कर दी।
  • 10:15 बजे भीड़ नैनीताल रोड की ओर जाने लगी।
  • 10:45 बजे एसटीएच मोड़ के पास युवकों की भीड़ रुकी और फिर नारेबाजी करने लगी।
  • 10:50 बजे- एहतियातन पुलिस ने कुछ युवकों को पकड़ा और वाहन में बिठा लिया।
  • 11:30 बजे भीड़ वापस गलियों के रास्ते होते हुए आगे निकल गई।

पहले भी हो चुके हैं मामले
हल्द्वानी को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का काम पहले भी हो चुका है। तीन से चार मामले इसी तरह के सामने आए। हालांकि बाद में मामला अलग ही निकला। इसी माह कालाढूंगी के पास कुछ संगठनों ने एक वाहन को रोका जिसमें पशुओं के अवशेष थे। हल्ला मचा कि यह गोवंश है। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में पसीने छूट गए। बाद में हत्या के प्रयास का मुकदमा हंगामा करने वाले युवकों पर दर्ज हुआ था। इसी प्रकार मंगल पड़ाव में भी एक मूर्ति खंडित मिली थी। इसे लेकर दो पक्ष आमने सामने आए थे। बाद में जांच हुई तो पता चला कि यह टेंट का सामान ले जाने के दौरान टूटा था। अप्रैल 2025 में राजपुरा के मंदिर के पास भी किसी ने पशु के अवशेष डाल दिए थे। इसे लेकर भी तनाव हो गया था।

Dehradun: सेलाकुई में फूड सप्लीमेंट निर्माता कंपनी पर जीएसटी का छापा, पांच करोड़ की चोरी का खुलासा

टीम ने इलेक्ट्रॉनिक डाटा, ई-वे बिल, सामान खरीद व बिक्री से संबंधित दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। प्रारंभिक जांच में कंपनी के सामान खरीद व बिक्री के रिकॉर्ड में भारी अंतर पाया गया।

राज्य कर विभाग की विशेष अन्वेषण शाखा (एसटीएफ) ने सेलाकुई में फूड सप्लीमेंट निर्माता कंपनी पर छापा मार कर पांच करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा किया। कार्रवाई के दौरान कंपनी ने 1.75 करोड़ की टैक्स राशि जमा कराई।

राज्य कर आयुक्त सोनिका के निर्देश पर आयुक्त पीएस डुंगरियाल व अपर आयुक्त गढ़वाल अजय कुमार ने टैक्स चोरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीम गठित की। शुक्रवार को विभागीय टीम ने सेलाकुई स्थित फूड सप्लीमेंट निर्माता कंपनी के कार्यालय व गोदाम में छापा मारा।

टीम ने इलेक्ट्रॉनिक डाटा, ई-वे बिल, सामान खरीद व बिक्री से संबंधित दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। प्रारंभिक जांच में कंपनी के सामान खरीद व बिक्री के रिकॉर्ड में भारी अंतर पाया गया। इसके अलावा ई-वे बिल में जिन वाहनों का नंबर दर्शाया गया, वह किसी भी टोल से नहीं गुजरे थे।

जांच अधिकारी राज्य कर विभाग के उपायुक्त सुरेश कुमार ने बताया कि कंपनी ने गलती स्वीकार करते हुए मौके पर 1.75 करोड़ का टैक्स जमा कराया है। कंपनी से जब्त दस्तोवजों की गहन जांच की जा रही है। कार्रवाई में टीआर चन्याल, अलीशा बिष्ट, असद अहमद, कंचन थापा व अनुराग पाठक भी शामिल रहे।

ऑल इंडिया ओपन मॉक 16 नवंबर को आयोजित होगा क्लैट 2026 अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण पहल

देहरादून। Law Prep Tutorial, गढ़ी कैंट, देहरादून द्वारा CLAT 2026 की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए All India Open Mock Test का आयोजन 16 नवंबर 2025 (रविवार) को किया जा रहा है। यह परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित होगी।

मॉक टेस्ट का समय दोपहर 2:00 बजे से 4:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। परीक्षा का उद्देश्य छात्रों को वास्तविक परीक्षा जैसी परिस्थितियों से अवगत कराना तथा उनकी तैयारी का सटीक मूल्यांकन करवाना है।

📍 परीक्षा स्थल:

Law Prep Tutorial, फर्स्ट फ़्लोर, 36-D निंबुवाला रोड, उत्तरांचल ग्रामीण बैंक के ऊपर, गढ़ी कैंट, देहरादून।

मॉक टेस्ट देने का महत्व

  • वास्तविक परीक्षा जैसा अनुभव प्राप्त होता है।
  • समय प्रबंधन और प्रेशर हैंडलिंग की क्षमता मजबूत होती है।
  • ऑल इंडिया रैंकिंग से अपनी स्थिति का अंदाज़ा मिलता है।
  • तैयारी की कमजोरियाँ स्पष्ट रूप से सामने आती हैं।
  • रणनीति में सुधार कर बेहतर स्कोर की दिशा में काम किया जा सकता है।

डायरेक्टर S. N. Upadhyay का संदेश

Law Prep Tutorial देहरादून के डायरेक्टर एस. एन. उपाध्याय ने इस मॉक टेस्ट के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “CLAT जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में सफलता के लिए निरंतर अभ्यास और वास्तविक परीक्षा जैसी परिस्थितियों में स्वयं को परखना बेहद आवश्यक है। यह ऑल इंडिया मॉक छात्रों को अपनी तैयारी की दिशा को सही करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

उन्होंने छात्रों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेने का आग्रह करते हुए कहा कि “यह मौका किसी भी अभ्यर्थी को मिस नहीं करना चाहिए। यह उनके प्रदर्शन को नई दिशा देगा।”

Chamoli: भारत-तिब्बत के बीच व्यापार का गवाह गौचर मेला, 1943 से शुरू हुआ, अब नमो मंत्र से बनेगी राष्ट्रीय पहचान

गौचर मेला भारत-तिब्बत के बीच व्यापार का गवाह है, जिसे अब नमो मंत्र से राष्ट्रीय पहचान मिलेगी। वर्ष 1943 से गौचर मेला शुरू हुआ था। हर वर्ष 14 नवंबर से सात दिन तक मेले की  धूम रहती है।

14 नवंबर से राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला शुरू हो जाएगा। सात दिनों तक चलने वाले इस मेले में हर रोज कई आयोजन होते हैं। अपर गढ़वाल के सबसे बड़े मेलों में शामिल इस मेले की राज्य स्तर पर विशेष पहचान है। बीते नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक जिला एक मेले की बात से इस मेले को अब राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलेगी।

वर्ष 1943 में भोटिया जनजाति एवं अन्य लोगों की पहल पर यह मेला शुरू हुआ। जिसका शुभारंभ तत्कालीन गढ़वाल कमिश्नर बरनेडी ने किया। तब यहां भारत तिब्बत व्यापार इस मेले के माध्यम किया जाता था। बाद में धीरे-धीरे औद्योगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया। अब मेले में मूल अवधारणा व्यापार को शामिल करते हुए नए आयोजन को शामिल कर दिया गया है। चमोली जिले के व्यापार संघ के जिला महामंत्री सुनील पंवार कहते हैं कि गौचर मेले की अपनी राज्य स्तर की पहचान है। जिसे देखते हुए सरकार ने इसे राजकीय मेला घोषित किया है।

स्थानीय उत्पादों को मिलता है बड़ा बाजार
गौचर मेला सरकार की थीम लोकल टू ग्लोबल का बड़ा माध्यम बन रहा है। इस मेले में जहां पूरे प्रदेश से हस्तशिल्प, बुनकर अपने उत्पादों को लेकर पहुंचते हैं। वहीं काष्ठ शिल्प से लेकर मंडुवा, झंगोरा, तुलसी, स्थानीय दालें, चावल, फल सहित कई स्थानीय उत्पादों को बड़ा बाजार मिलता है। आत्मनिर्भर के तहत काम करने वाली महिला कांता देवी का कहना है कि यदि इस मेले को मोदी मंत्र का सहयोग मिले तो यह नई उड़ान भर सकेगा।

बंड विकास मेले में स्थानीय उत्पादों को मिलता है बाजार

चमोली जिले के पीपलकोटी क्षेत्र में एक सप्ताह तक बंड विकास मेला 20 दिसंबर से आयोजित होगा। मेले में स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए जाते हैं। साथ ही सरकारी विभागों की ओर से भी अपने-अपने स्टॉल लगाए जाते हैं। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहती है। इस मेले में भोटिया जनजाति के ग्रामीण ऊनी उत्पादों की बिक्री करने पहुंचते हैं। मेले में ज्योतिर्मठ से लेकर जिले भर से लोग खरीदारी करने आते हैं।

अनसूया मेले में अनुष्ठान के लिए आते हैं निसंतान दंपति

दिसंबर माह में दो दिवसीय अनसूया मेला आयोजित होता है। इस वर्ष 3 व 4 दिसंबर को अनसूया मेला आयोजित होगा। 3 को मां अनसूया की डोली अपने मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। इस दौरान मंडल और अनसूया मंदिर में मेले का आयोजन होगा। इस मेले में बाहरी क्षेत्रों से भी मेलार्थी पहुंचते हैं। निसंतान दंपति अनसूया मंदिर में अनुष्ठान के लिए पहुंचते हैं।

Uttarakhand Weather: बीते 10 वर्षों में कभी इतना गर्म नहीं हुआ नवंबर का महीना; अगले छह दिन ऐसा रहेगा मौसम

भले रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होने से ठंड का अहसास होने लगा है लेकिन दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की वजह से दिन नवंबर के नहीं लग रहे हैं।

उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदले पैटर्न का सीधा असर तापमान में देखने को मिल रहा है। बरसात के दिनों में सामान्य से अधिक बादल बरसे तो आपदा ने खूब तबाही मचाई। ऐसे में अब सर्दियों से पहले तापमान भी अपने तेवर दिखा रहा है।

भले रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होने से ठंड का अहसास होने लगा है लेकिन दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की वजह से दिन नवंबर के नहीं लग रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो नवंबर का दूसरा सप्ताह बीते दस वर्षों में पहले कभी इतना गर्म नहीं हुआ। साल 2015 से 2024 तक इस महीने के शुरुआती दिनों में तापमान 30 के आसपास दर्ज किया गया था। जबकि दूसरे सप्ताह से तापमान में गिरावट देखने को मिली थी लेकिन 12 दिन गुजर जाने के बाद भी अभी नवंबर का तापमान 30 के आसपास ही रिकॉर्ड किया जा रहा है।

बुधवार को भी दून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री इजाफे के साथ 28.4 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कमी के साथ 10 डिग्री रहा। आंकड़ों की अनुसार रात के न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पोस्ट मानसून की बारिश के बाद ही दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।

छह दिन तक शुष्क रहेगा मौसम
प्रदेशभर में बृहस्पतिवार से अगले छह दिन तक मौसम शुष्क रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार 18 नवंबर तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहेगा। दिन भर धूप खिलने से जहां पहाड़ों में ठंड से राहत मिलेगी वहीं मैदानी इलाकों में ठंड का फिलहाल अहसास कम होगा। हालांकि सुबह-शाम मैदानी इलाकों में कोहरा छाने और पर्वतीय क्षेत्रों में शीतलहर चलने से ठंड परेशान करेगी।

 

Delhi Blast: दो कारों से आए थे ‘आतंकी’, एक कार अभी भी राजधानी में घूम रही; दिल्ली ब्लास्ट में एक और नया खुलासा

फरीदाबाद जैश आतंकी मॉड्यूल का संदिग्ध आतंकी दिल्ली में अभी भी घूम रहा है। संदिग्ध दो कारों से दिल्ली पहुंचे थे। चांदनी चौक पार्किंग में भी एक ही साथ थीं। आतंकियों की दूसरी ईको स्पोटर्स कार अभी भी दिल्ली में घूम रही है। 

राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी हमले का खतरा अभी टला नहीं हैं। अभी भी एक संदिग्ध आतंकी दिल्ली में बेलगाम घूम रहा है। ये खुलासा घटनास्थल के पास पार्किंग और घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों से हुआ है। एक आतंकी लाल रंग की ईको स्पोटर्स कार से घूम रहा है। 

इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली का है। ऐसे में दिल्ली पुलिस समेत देश की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है। जांच में आई इस बात के बाद पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट कर दिया गया है। दिल्ली में सभी वीवीआईपी, एतिहासिक व बाजारों खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का फरीदाबाद मोड्यूल के संदिग्ध फरीदाबाद में पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद दिल्ली में दो कारों से पहुंचे थे। एक कार, जोकि हरियाणा नंबर की है, से लालकिले के सामने बम धमाका किया गया है।

जबकि दूसरी कार अभी दिल्ली में बेलगाम घूम रही है। इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर-डीएल-10 सीके 045.. हैं। ये ईको स्पोर्टस कार हैं और इसका रंग लाल है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों कारें एक साथ दिल्ली पहुंची थी और चांदनी चौक पार्किंग में भी एक ही साथ थीं।

इस कार में एक संदिग्ध सवार था और वह आई-20 कार में सवार संदिग्धों से बात भी कर रहा था। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि ये दोनों कारें बदरपुर बॉर्डर से एक साथ ही दिल्ली घुसी थीं। साथ ही चांदनी चौक व लालकिले के आसपास एक साथ घूम रही थी।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर रात तक इस कार व उसमें सवार संदिग्ध के बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। जांच में ये बात सामने आने के बाद दिल्ली में जगह-जगह पिकेट लगाकर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी गई थी।

दूसरी तरफ इस अधिकारी ने भी बताया कि बम धमाके पास से जो दो कारतूस मिले हैं वह सरकारी नहीं है। यानि की कारतूस पुलिस के नहीं है। ऐसे में दिल्ली पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां और ज्यादा सकते में आ गई है।

देश को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम, दिल्ली से कश्मीर तक जुड़े आतंक के तार
सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच में लाल किला के पास बम धमाके को डर और लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है। आतंकी भले ही दिल्ली को दहलाने में कामयाब हो गए हो लेकिन देश की सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की देश को दहलाने या देश में बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया।

धमाके के तार फरीदाबाद और लखनऊ जैश के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ते नजर आ रहे हैं। ये पहला मॉड्यूल है कि जिसने हरियाणा, यूपी, जम्मू कश्मीर और दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा डॉक्टर उमर मोहम्मद अपने मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी से डर गया था।

वह पुलिस से बचकर दिल्ली आ गया था और गिरफ्तारी के डर से लाल किला के पास बम धमाका कर खुद को उड़ा लिया, या वह आत्मघाती बम बन गया। लापरवाही ये है कि फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद बावजूद दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां नहीं जागीं।

दिल्ली पुलिस ने कहने के लिए राजधानी को हाईअलर्ट पर रखा, मगर कहीं भी चेकिंग नहीं की और न सुरक्षा बढ़ाई। आरोपी डाक्टर मोहम्मद उमर आसानी से दिल्ली आया और अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो गया।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लालकिले बम धमाके का फरीदाबाद के जैश के आतंकी मॉड्यूल से सीधा कनेक्शन आ रहा है। पुलिस सूत्रों ने आरोप लगाया कि पेशे से डॉक्टर उमर मोहम्मद फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा एक और डॉक्टर था।

डॉ. मुजम्मिल अहमद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उमर मोहम्मद कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था। जम्मू कश्मीर के पुलवामा के एक व्यक्ति तारिक को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसने कथित तौर पर उमर मोहम्मद को आई-20 कार दी थी।

जैश के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है
सूत्रों से जानकारी मिली है कि दिल्ली लाल किले बम धमाके में पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल अहमद शामिल हो सकता है। डॉ. मुजम्मिल अहमद जैश ए मोहम्मद के उस आतंकी नेटवर्क से जुड़ा है, जिसके नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ था। उसके पास से 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक, टाइमर, वॉकी टॉकी और अन्य सामान बरामद हुआ था। जांच एजेंसियों का मानना है कि फरीदाबाद में दो साथी डॉक्टरों के पकड़े जाने के बाद उमर मोहम्मद ने घबराहट में लाल किले के पास ये धमाका कर दिया है। ये प्रारंभिक जांच में सामने आ रहा है।

कंधार हाईजैक से भी तार जुड़े
कार खरीदने वाला आमिर आरोपी उमर का भाई है। फरीदाबाद से सोमवार को गिरफ्तार डॉ. शाहीन को लेकर बड़ा खुलासा है। डॉ शाहीन आतंकी संगठन जैश की महिला विंग की प्रमुख है। भारत में भर्ती की जिम्मेदारी मिली थी। जैश ने भारत में संगठन में भर्ती करने का जिम्मा सौंपा था।

पाकिस्तान स्थित जमात उल मोमीनात जैश की महिला विंग है, जिसकी भारत में कमान डॉक्टर शाहीन को सौंपी गई है। सादिया अजहर मसूद की बहन है, जो पाकिस्तान में जैश की महिला विंग की हेड है। सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड था।

विस्फोटक मिलने के कुछ घंटों बाद ही लालकिला धमाका हुआ
लाल किला बम धमाका फरीदाबाद के पास एक कश्मीरी डॉक्टर के किराये के मकान से लगभग 360 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट, हथियारों एवं गोलाबारूद का जखीरा बरामद होने के कुछ घंटों बाद हुआ।

हरियाणा पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के धौज इलाके से डॉ. मुजम्मिल गनई को गिरफ्तार किया था और उसके किराये के मकान से विस्फोटक सामग्री, हथियार और टाइमर बरामद किए थे। दिल्ली पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूपी एटीएस ने लखनऊ से जिस डा. परवेज अंसारी को पकड़ा है उससे भी लिंक सामने आए हैं।