विश्‍वास और आस्‍था से भी हल होती हैं समस्‍याएं- गणित के बहाने राजनाथ सिंह ने ट्रेनी IAS अफसरों को दी सीख

मसूरी की लाल बहादुर शास्‍त्री राष्‍ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 600 से ज्‍यादा ट्रेनी IAS अफसरों से बातचीत की। इस बातचीत में राजनाथ सिंह ने उनसे गणित के बहाने आस्‍था और विश्‍वास पर जोर दिया।

 एक शिक्षक हमेशा शिक्षक ही रहता है। मसूरी की लाल बहादुर शास्‍त्री राष्‍ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यही साबित कर दिया। उनके सामने थे 600 से ज्‍यादा ट्रेनी IAS। राजनाथ सिंह ने उनसे गणित का एक सवाल पूछा, कुछ लोगों ने गलत जवाब दिया। राजनाथ सिंह ने फिर से सोचने को कहा, जब सही जवाब आया तो राजनाथ सिंह ने सवाल को हल करके दिखाया। इसके साथ ही एक सीख भी दी कि आस्‍था और विश्‍वास से समस्‍याओं का हल निकाला जा सकता है।

अकादमी में राजनाथ सिंह ने गणित का एक पूछा, ‘एक व्यक्ति के पास कुछ राशि थी। उसने उसका आधा हिस्सा A को दे दिया, एक-तिहाई B को दे दिया और जो पैसा बचा वह सिर्फ 100 था, जो C को दे दिया गया। बताइए कुल राशि कितनी थी?’

उनका सवाल सुनने के बाद एक ट्रेनी IAS अधिकारी ने जवाब दिया 3000, इस पर राजनाथ सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘गलत जवाब है, फिर से कोशिश कीजिए। वहां मौजूद एक और ट्रेनी ने जवाब दिया, 600। राजनाथ सिंह ने कहा, बिल्कुल सही।

बाद राजनाथ सिंह ने सरल तरीके से इसका समाधान समझाया। उन्‍होंने कहा, कुल राशि को A मान लेते हैं। माना, A को दी गई राशि = A/2, B को दी गई राशि = A/3, कुल दी गई राशि = A/2 + A/3 = 5A/6, बची राशि = A- 5A/6 = 100, यानी A = 600।

इस समस्‍या का हल समझाने के बाद राजनाथ सिंह ने इसे आस्था और विश्वास से जोड़ा। उन्‍होंने कहा, हालांकि, यह एक मैथमेटिकल प्रॉब्लम है। हमने मान लिया कि कुल राशि A है। कई बार विश्वास और आस्था भी समस्याओं का समाधान ढूंढ लेते हैं।

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