सीएम धामी ने ली विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए यह निर्देश

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में संचालित एवं प्रस्तावित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में समय बद्धता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जनहित से जुड़ी योजनाएं समय पर पूरी हों। इसके लिए कार्यदायी संस्थाओं की सजगता से निगरानी की जाए। जो कार्यदायी संस्था कार्यों के प्रति उदासीन नजर आए उस पर त्वरित कार्यवाही कर उन्हें बाहर किया जाए। योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत सुनिश्चित हो। यह विभागीय सचिवों एवं विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी है।
सचिवालय में बुधवार को पर्यटन, पेयजल, जलागम प्रबंधन, वन, नगर विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा कौशल विकास एवं सेवा योजना के अंतर्गत संचालित एवं प्रस्तावित बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त निर्देश दिए कि हमारा लक्ष्य एवं प्रयास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने का होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संचालित योजनाओं से जनता कितना लाभान्वित हो रही है। इसका भी आकलन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जो परियोजनाएं केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं। उनमें तेजी लाए जाने के लिए केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके। इसके लिए ऐसे प्रस्ताव रेजिडेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। उन्होंने कार्यों की स्वीकृति में शीघ्रता के लिए विभागीय नोडल अधिकारी की व्यवस्था के निर्देश भी दिए हैं।
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। उन्होंने उनका गहनता से अध्ययन एवं परीक्षण के साथ परियोजना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में डेसबोर्ड एवं एसओपी तैयार करने के भी निर्देश दिए। ताकि योजनाओं की मॉनिटरिंग सही ढंग से हो सके। इसके लिए योजनाओं के संचालन में सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि टिहरी झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस वर्ष वर्षा एवं बर्फबारी की कमी के कारण जलापूर्ति की कमी को दूर करने के लिए पेयजल एवं जलागम के क्षेत्र में भी कार्ययोजना योजना तैयार करने को कहा। वन विभाग द्वारा जायका के अधीन संचालित योजनाओं में जनता की सुविधाओं पर ध्यान देने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई कौशल विकास एवं युवाओं के रोजगार एवं स्वरोजगार के केंद्र बने। इसके लिए इन्हें अवस्थापना सुविधाओं से मजबूत किया जाए। ताकि युवाओं को तकनीकि दक्षता उपलब्ध हो। इसके लिए प्रमुख उद्यमियों से वार्ता कर उनके अनुकूल ट्रेड में युवाओं की दक्षता पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए दक्ष प्रशिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। सीएम धामी ने यह भी निर्देश दिए कि आईटीआई में यदि अनुदेशकों की कमी है तो इसके लिए शीघ्रता से भर्ती प्रक्रिया आरंभ की जाए। यदि आयोग के स्तर पर इसमें विलंब हो रहा हो तो इसके लिए शीघ्र नियुक्ति के लिए आयोग से अपेक्षा की जाए। इस अवसर पर राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अरविंद सिंह ह्यांकी, आर राजेश कुमार, नीरज खैरवाल, वन प्रमुख अनूप मलिक, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

 

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