News web media Uttarakhand : भारत और वियतनाम के बीच लगभग 700 मिलियन डॉलर (लगभग ₹5,990 करोड़) का ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल सौदा अंतिम चरण में है। इस समझौते के तहत वियतनाम भारत से ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली प्राप्त करने वाला दूसरा दक्षिण-पूर्व एशियाई देश बनेगा, फिलीपींस के बाद।
ब्रह्मोस मिसाइल, भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम द्वारा विकसित, एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है जो समुद्र और भूमि दोनों लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने में सक्षम है। इस सौदे से वियतनाम की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं में वृद्धि होगी, विशेषकर दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में।
इंडोनेशिया भी ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि दिखा रहा है। हालांकि, अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वे विभिन्न मिसाइल प्रणालियों पर विचार कर रहे हैं, और ब्रह्मोस उनमें से एक है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के साथ उनकी बातचीत 200 से 350 मिलियन डॉलर के सौदे के लिए चल रही है।
भारत की यह पहल न केवल उसके रक्षा निर्यात को बढ़ावा देती है, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया में उसकी रणनीतिक उपस्थिति को भी मजबूत करती है। ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ती मांग भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं और वैश्विक रक्षा बाजार में उसकी भूमिका को दर्शाती है।