News web media Uttarakhand : अमेरिकी सरकार ने भारत के साथ पारस्परिक रक्षा खरीद समझौता करने से पहले, इसे लेकर अपने रक्षा उद्योग से फीडबैक मांगा है। अमेरिका के संघीय रजिस्टर विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन में पूछा गया है कि ‘अमेरिका सरकार की तरफ से रक्षा विभाग भारतीय गणतंत्र के साथ परस्पर रक्षा सौदे को लेकर बातचीत कर रही है। ऐसे में रक्षा विभाग ने अमेरिकी रक्षा कंपनियों से उनके भारत के रक्षा विभाग या उनके सुरक्षा बलों के साथ हुई डिफेंस डील के अनुभव के बारे में पूछा है।’
28 देशों के साथ अमेरिका ने किया है ये रक्षा सौदा
बता दें कि अभी तक अमेरिका ने दुनिया के 28 देशों के साथ परस्पर रक्षा समझौता (पारस्परिक रक्षा खरीद (आरडीपी) समझौते) किया है। यह समझौता अमेरिका के रक्षा मंत्री और दूसरे देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुए हैं। परस्पर रक्षा समझौते का उद्देश्य सहयोगी और मित्र देशों के साथ पारंपरिक हथियारों में मानकीकरण, एक-दूसरे पर निर्भरता, अंतरसंचालनीयता को बढ़ावा देना है। यह समझौता रक्षा खरीद के संबंध में चल रहे संचार के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। इन समझौतों में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, जिस पर दोनों देश सहमत होते हैं और उनकी रक्षा खरीद कुछ क्रियान्वित प्रक्रियाओं के अनुसार होगी।
भारत अमेरिका के बीच हुए हैं अहम रक्षा समझौते
बीते जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का दौरा किया था। इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई अहम रक्षा सौदों पर सहमति बनी थी। इन्हीं में परस्पर रक्षा खरीद समझौता और आपूर्ति की व्यवस्था की सुरक्षा जैसे समझौते शामिल थे। भारत और अमेरिका के बीच जनरल इलेक्ट्रिक के एफ414 जेट इंजन की तकनीक से भारत के लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 के इंजन बनाने का समझौता हुआ है। इसके अलावा भारत ने अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन खरीदने के सौदे को भी मंजूरी दे दी है।