NEWS WEB MEDIA UTTARAKHAND : पीएम मोदी 11 और 12 अक्टूर को पिथौरागढ़ आने वाले हैं। इसके साथ ही उनके अल्मोड़ा दौरे पर आने की चर्चाएं भी हो रही हैं। इसी बीच कहा जा रहा है कि पीएम मोदी पिथौरागढ़ और चमोली टनल की सौगात दे सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी पिथौरागढ़ दौरे के से नारायण आश्रम और आदि कैलाश के प्रस्तावित दौरे से सीमांत जिले पिथौरागढ़ और चमोली जिले को सौगात मिलने की उम्मीद है। मिली जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ से ज्योलिंगकांग और चमोली के लापथल को जोड़ने के लिए टनल और सड़क निर्माण को स्वीकृति दे सकते हैं।
राज्य सरकार का ये प्रस्ताव लंबे समय से केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। कुछ समय पूर्व सीएम ने दिल्ली में पीएम से मुलाकात कर इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा की थी। कयास लगाए जा रहे हैं प्रधानमंत्री सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे सकते हैं। वर्तमान में ज्योलिंगकांग आदि कैलाश से चमोली के लापथल की दूरी 490 किमी है। अगर इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाए तो यह दूरी सिर्फ 42 किमी रह जाएगी। राज्य सरकार ने कुछ समय पूर्व केंद्र सरकार को भेजे प्रस्ताव में टनल निर्माण का सुझाव और भारत-चीन सीमा पर स्थित दो घाटियों को जोड़ने का जिक्र किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 और 12 अक्तूबर के अपने प्रस्तावित कार्यक्रम में अगर इस योजना को स्वीकृति दे देते हैं तो आईटीबीपी की दो महत्वपूर्ण चौकियां भी आपस में जुड़ जाएंगी। वर्तमान में दोनों जिले अलग-अलग घाटियों में स्थित हैं। प्रस्तावित सुरंग के बनने से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके बनने से सीमांत क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। दोनों ही जिलों में कई ऐसी मनोरम घाटियां हैं जहां वर्तमान में पर्यटक पहुंच ही नहीं पाते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मुनस्यारी स्थित मिलम से जोशीमठ मलारी के लिए सड़क निर्माण को भी स्वीकृति दे सकते हैं। ये सड़क भारतमाला प्रोजेक्ट में स्वीकृत है। मुनस्यारी के धापा बैंड से मिलम के लिए बन रही 65 किमी सड़क का कार्य कुछ माह में पूरा होने की उम्मीद है। बीआरओ को अब चार किमी सड़क का निर्माण और करना है। दोनों सड़कें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।