विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) होगा आधार, अप्रैल से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी शुरू

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से नामांकन के लिए मौजूदा व्यवस्था बदल जाएगी।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्चशिक्षा को बेहतर और आसान बनाने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के तहत कुल 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल होंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन का आधार  कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट होगा और प्रवेश परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करेगी। यह नियम शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही लागू हो किया है।

UGC ने CUET 2022 परीक्षा के संबंध में कई डिटेल्स जारी की हैं। इसके तहत कोशिश की गई है कि किसी भी छात्र को CUET परीक्षा  में शामिल होने में कोई परेशानी न आए। CUET 2022 परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी  द्वारा आयोजित की जाएगी। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म  एनटीए की वेबसाइट nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे।

CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म फिलहाल यूजी कोर्स के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये फॉर्म अप्रैल 2022 के पहले हफ्ते में जारी कर दिए जाएंगे। वहीं, पीजी कोर्स के लिए होने वाली परीक्षा की जानकारी nta.ac.in पर जल्द ही जारी कर दी जाएगी।

इस प्रवेश परीक्षा के अंतर्गत, छात्रों को 12वीं के बाद देश की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय व लगभग 40 अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल सकेगा जहां उन्हें 50 से अधिक ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए वर्ष में महज तीन से चार हज़ार रुपए की फीस भरनी होगी। नए प्रारूप के अनुसार अब यह एग्जाम हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा 11 अन्य भाषाओं में भी कराया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जल्द ही शुरू किए जाने वाले इस एन्ट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था में यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई के अलावा बिहार बोर्ड, झारखंड बोर्ड, व पंजाब बोर्ड जैसे अन्य किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास कर चुके विद्यार्थी भी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे और अपने भविष्य को नई ऊंचाई तक ले जा सकेंगे। इस परीक्षा में 12वीं कक्षा के विषयों से सवाल पूछे जायेंगे।

अक्सर बारहवीं के बाद छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट जैसे कई अन्य कोर्सेज में अपना भविष्य बनाने का प्रयास करते हैं। लेकिन, CUET 2022 के जरिए मिलने वाले इस अवसर की मदद से विद्यार्थी इन प्रोफेशनल कोर्सेज के अतिरिक्त भी रिसर्च व एकेडमिक में अपना भविष्य संवार सकते हैं। जिसके बाद अभ्यर्थी एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर जैसे उच्च पदों पर भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
बच्‍चों पर एक और कोचिंग करने का बोझ बढ़ेगा। आमतौर पर 10 वीं के बाद से ही बच्‍चे मेडिकल, इंजीनियरिंग, सीए आदि टेस्‍ट की प्रिपरेशन में जुट जाते हैं। इनमें से कई बच्‍चे सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने को भी एक विकल्‍प के तौर पर रखते हैं। ऐसे में उन्‍हें अब CUET निकालने के लिए एक और कोचिंग लेनी होगी। कई कोचिंग सेंटर ने तो इसके लिए प्रोग्राम शुरू भी कर दिए हैं।
यह परीक्षा देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटीज की लगभग 1,50,000 से अधिक सीटों में दाखिला दिलाने के लिए कराई जानी है। अनुमान है कि इन सीटों पर एडमिशन के लिए करीब छ: से सात लाख उम्मीदवार आवेदन करेंगे। ऐसे में इस एग्जाम के लिए अभ्यर्थियों को अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, ताकि वो इस परीक्षा में अच्छे अंक से पास होकर जेएनयू, डीयू, बीएचयू जैसे यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सके।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए जुलाई में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट(CUET),प्रवेश परीक्षा के मार्क्स पर होगा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन, कक्षा 12 के अंकों की नहीं होगी गिनती

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार (21 मार्च, 2022) को घोषणा की कि सभी यूजीसी-वित्त पोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया है कि जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘साल 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के लिए सीयूईटी का आयोजन करेगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में दाखिला देने के लिए सीयूईटी में प्राप्त अंकों पर विचार करना होगा।’

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली अनिवार्य आम प्रवेश परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की।उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाएगी, जो मंगलवार को परीक्षा पैटर्न की घोषणा करेगी। परीक्षा के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी।

कुमार ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब पूरी तरह से CUET स्कोर के आधार पर होगा, और कक्षा 12 बोर्ड के अंकों में कोई वेटेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड के रूप में बोर्ड परीक्षा के अंकों का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। कुमार ने कहा कि सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा।

सीयूईटी के लाभों के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा कि यह सभी बोर्डों के छात्रों को विशेष रूप से पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा। CUET से माता-पिता और छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि उम्मीदवारों को केवल एक परीक्षा लिखनी होगी।

कुमार ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय भी स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे केवल CUET के आधार पर छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देंगे।

CUET में NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और गलत उत्तरों के लिए छात्रों को नकारात्मक रूप से चिह्नित किया जाएगा। प्रवेश परीक्षा में तीन खंड होंगे (बॉक्स देखें)। CUET 2022 हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया और अंग्रेजी नाम की 13 भाषाओं में पेश किया जाएगा।

परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में, उम्मीदवार खंड (भाषा), दो चुने हुए डोमेन विषय और सामान्य परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। दूसरी पाली में, वे अन्य चार डोमेन विषयों और एक अतिरिक्त भाषा परीक्षण के लिए उपस्थित होंगे, यदि वे चुने जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को CUET से छूट दी गई है; उनके प्रवेश मौजूदा अधिसंख्य आधार पर किए जाएंगे।

CLAT 2022 New Exam Date: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट की तारीख में हुआ बदलाव अब 19 जून 2022 को आयोजित होगी परीक्षा, अभ्यर्थी अब परीक्षा के लिए 9 मई तक कर सकते हैं आवेदन

कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (CNLU) द्वारा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2022 (CLAT 2022) की परीक्षा की नई तारीख की घोषणा कर दी गई है। सीएनएलयू के मुताबिक अब यूजी और पीजी दोनों प्रोग्राम में एडमिशन के लिए CLAT 2022 परीक्षा 19 जून, 2022 को दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक आयोजित की जाएगी। इससे पहले यह परीक्षा 8 मई 2022 को आयोजित की जाने वाली थी। यूनिवर्सिटी द्वारा रजिस्ट्रेशन की तारीख भी बढ़ा दी गई है।

ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन करें

CNLU ने परीक्षा स्थगित करने के साथ-साथ, क्लैट परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की समय सीमा भी बढ़ाने का फैसला किया है। नए नोटिफिकेशन के मुताबिक अभ्यर्थी अब परीक्षा के लिए 9 मई 2022 तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इससे पहले रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने अभी तक इस परीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया है, वे 9 मई 2022 से पहले अपना आवेदन पूरा कर लें। आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को सीएनएलयू की ऑफिशियल वेबसाइट consortiumofnlus.ac.in पर जाना होगा।

CLAT एग्जाम पैटर्न और सिलेबस
पीजी कोर्सेज के लिए क्लैट एग्जाम में 120 ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल (150 अंक) और यूजी कोर्स के लिए 150 सवाल (150 अंक) होंगे। परीक्षा की अवधि 120 मिनट की होती है। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग के तौर पर प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काटा जाएगा। अंग्रेजी भाषा में से 28-32 सवाल या लगभग 20% पेपर, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान से 35-39 सवाल होते हैं, या पेपर का लगभग 25% वेटेज होता है। जबकि, लीगल रीजनिंग सेक्शन में 35-39 सवाल शामिल होते हैं, या लगभग 25% पेपर और लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन में 28-32 सवाल होते हैं, या लगभग 20% पेपर। मात्रात्मक तकनीकों में 13-17 सवाल होते हैं, या लगभग 10% पेपर।

महत्वपूर्ण तारीख

  • रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म होने की तारीख- 9 मई, 2022
  • CLAT 2022 परीक्षा तिथि का आयोजन-19 जून, 2022

ऐसे करें आवेदन

  • उम्मीदवारों को कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की ऑफिशियल वेबसाइट – consortiumofnlus.ac.in पर जाना होगा।
  •  होम पेज पर, CLAT 2022 पर क्लिक करें।
  • यहां मांगी गई जरूरी डिटेल्स की मदद से लॉग इन क्रेडेंशियल जनरेट करें।

  •  लॉग इन करें और एप्लीकेशन फॉर्म भरकर संबंधित डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें।
  •  फीस जमा करने के साथ ही आपका क्लैट फॉर्म जमा हो जाएगा
  • कंफर्मेशन पेज डाउनलोड करें और आगे के लिए प्रिंटआउट लेकर अपने पास रखें।आवेदन शुल्क
    क्लैट 2022 आधिकारिक अधिसूचना में बताया गया है कि अनारक्षित श्रेणी के लिए आवेदन शुल्क 4000 रुपये और एससी और एसटी वर्ग के तहत आवेदन करने लिए 3,500 रुपये फीस देनी होगी। परीक्षा के बारे में अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2022: 10वीं-12वीं के परीक्षा कार्यक्रम में हुआ बड़ा बदलाव, पढ़िए अब कब होंगीं परीक्षाएं

उत्तराखंड शिक्षा विभाग द्वारा विधानसभा चुनाव के बीच 10वीं-12वीं बोर्ड एग्जाम का शेड्यूल जारी कर दिया गया था। लेकिन कुछ कारणों के चलते डेट शीट में बदलाव कर दिए गए। बोर्ड द्वारा बताया गया कि नवोदय विद्यालय में एडमिशन के लिए होने वाले एग्जाम के चलते बोर्ड एग्जाम के शेड्यूल में बदलाव किए गए हैं।

उत्तराखंड बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किया है। बोर्ड एग्जाम पहले 28 मार्च से 18 अप्रैल 2022 तक चलने वाले थे, लेकिन अब आखिरी पेपर 19 अप्रैल 2022 को होगा।माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के मुताबिक नौ अप्रैल 2022 को होने वाली परीक्षा अब 19 अप्रैल को होगीं। शिक्षा निदेशक के मुताबिक उत्तराखंड बोर्ड की ओर से संशोधित परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया है।

9 अप्रैल को होने वाली 10वीं संस्कृत एवं 12वीं की अंग्रेजी, कृषि अभियंत्रण चतुर्थ प्रश्न पत्र, कृषि पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान विषयों की परीक्षाएं 19 अप्रैल को होगी। प्रथम पाली में परीक्षा सुबह आठ बजे से 11 बजे तक होगी। जबकि दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक परीक्षा होगी।

बोर्ड परीक्षाएं 28 मार्च से शुरू होंगी। जो 19 अप्रैल तक चलेंगी। हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को परीक्षा के लिए सुबह 7.30 बजे परीक्षा कक्ष में उपस्थित होना होगा। जबकि इंटर के छात्रों को दोपहर 1.30 बजे उपस्थित होना होगा। जिन्हें प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।

2.43 लाख स्टूडेंट्स देंगे परीक्षा
परीक्षा के लिए 10वीं-12वीं के कुल 2.43 लाख अभ्यर्थियों ने एप्लीकेशन फॉर्म भरा है, ये राज्य के 1333 केंद्रों पर एग्जाम देंगे। राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा अभ्यर्थियों से लगातार ऑफिशियल वेबसाइट विजिट करने के लिए कहा जा रहा है।

 

सोबन सिंह जीना मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को मिली मान्यता, एमबीबीएस की 100 सीटें पर इसी सत्र छात्र करेंगे पढ़ाई

 नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा को मान्यता प्रदान कर दी है। मेडीकल कमीशन अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटें दी हैं। पिछले सप्ताह एनएमसी की टीम अल्मोड़ा का दौरा कर वापस लौटी थी। अल्मोड़ा में कालेज करीब आठ साल से निर्माणाधीन है। प्रदेश की लिए यह बड़ी उपलब्धि है।

सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है। दूसरी काउंसिलंग में राज्य कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश होगा। 15 सीटों पर आल इंडिया कोटे से प्रवेश होंगे।
प्रचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज को शुरू कराने के लिए लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो गया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन भी मिल जाएगा। इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उत्तराखंड में अभी तक तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें एक देहरादून, दूसरा श्रीनगर और तीसरा हल्द्वानी में है। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2012 से चल रहा था। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को वैसे तो वर्ष 2017 में शुरू करने की योजना थी लेकिन धीरे-धीरे तारीख पीछे खिसकती चली गई। छात्रों का इंतजार भी साल-दर-साल आगे बढ़ता चला गया। पिछले साल भी अनुमति नहीं मिल पाई थी। इस साल स्टूडेंट्स लगातार इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की मांग कर रहे थे। देहरादून के मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डीके मिश्रा की अगुवाई में ट्विटर व अन्य माध्यमों अभियान चलाया।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमबीबीएस की मान्यता के लिए वर्ष 2019 से निरीक्षण चल रहा है। पिछले सप्ताह नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आई थी। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली की टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन फैकल्टी की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मान्यता नहीं मिल सकी।

एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तराखंड एमबीबीएस नीट काउन्सलिंग शुरू होने जा रही है। पहले चरण में इस कॉलेज का विकल्प मिलना मुश्किल है लेकिन दूसरे चरण में छात्रों को इसका विकल्प मिलेगा।

उत्तराखंड में 31 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे, रैलियों, रोड शो पर भी रोक

उत्तराखंड में लागू कोविड प्रतिबंध की अवधि शनिवार को खत्म हो गई थी। उच्च स्तरीय बैठक में हुए मंथन के बाद शासन ने प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया। नई गाइडलाइन के मुताबिक, प्रदेश में नाइट कर्फ्यू रात 10 से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। राज्य में 31 जनवरी तक आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इनमें आनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के कोविड वैक्सीनेशन या कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की भी अब जरूरत नहीं होगी।

चुनाव आयोग की गाइडलाइन को भी कोविड प्रतिबंध में समाहित किया गया है। इसके तहत राजनीतिक दलों को राहत दी गई है। 31 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दलों को छोटी सभाओं की अनुमति होगी। मैदान की कुल क्षमता के 50 फीसदी लोग ही शामिल हो सकेंगे। रैली, प्रदर्शन, रोड शो, पदयात्रा, बाइक रैली जैसे आयोजन नहीं होंगे। इसके अलावा घर-घर जनसंपर्क के लिए अब 5 के स्थान पर 10 व्यक्तियों को अनुमति होगी।

कोविड के संक्रमण को देखते हुए स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क भी 31 जनवरी तक बंद रहेंगे। इस दौरान मनोरंजन, शैक्षिक व सांस्कृतिक समारोह की भी अनुमति नहीं होगी। जिम, शापिंग माल, सिनेमा हाल, होटल, रेस्तरां, ढाबे, स्पा, सैलून, थिएटर, आडिटोरियम, सभाकक्ष, खेल संस्थान, स्टेडियम व खेल मैदान 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। शादी समारोह में स्थल के 50 प्रतिशत क्षमता के साथ व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति होगी।

आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 (AILET 2022) ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के द्वारा एलेट (AILET) 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 के लिए एप्लीकेशन फॉर्म 17 जनवरी 2022 से 07 अप्रैल तक पंजीकरण सकते हैं। अभ्यर्थी ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 एप्लीकेशन फॉर्म, एनएलयू की आधिकारिक वेबसाइट nludelhi.ac.in पर जाकर आवेदन सकते हैं। लिखित परीक्षा 01 मई  2022 को ऑफलाइन मोड़ पर आयोजित की  जाएगी।

ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर का टेस्ट होता है जिसके अंतर्गत बी.ए. एलएलबी (ऑनर्स), एलएलएम और पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाता है। एआईएलईटी 2022 में जो छात्र निर्धारित रैंक प्राप्त कर लेंगे उनको विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जायेगा।

लॉ प्रेप दून के निर्देशक एस एन उपाध्याय ने बताया कि बीए एलएलबी के लिए प्रवेश परीक्षा 150 अंक की होती है। अभी तक गणित का 10 अंक और अंग्रेजी, जनरल नॉलेज, रिजनिंग व लीगल एप्टीट्यूड का 35-35 अंक का सेक्शन होता था। लेकिन अब पेपर में तीन ही सेक्शन होंगे। अंग्रेजी का सेक्शन 50 अंक का होगा। इसके अलावा 30 अंक का सामान्य ज्ञान वह 70 अंक का लॉजिकल रीजनिंग होगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी।एलएलएम की परीक्षा भी 150 अंक की होगी। इसमें 50-50 अंक के सेक्शन इंग्लिश लैंग्वेज व लीगल रीजनिंग के होंगे। जबकि 50 अंक के कानून पर आधारित विस्तृत प्रश्न होंगे। इसमें 8 से 10 प्रश्न आएंगे जिनमें 2 प्रश्नों का उत्तर देना होगा पीएचडी के लिए 100 अंक की परीक्षा होती है परीक्षा के लिए देहरादून में भी केंद्र होगा।

एलेट (AILET) आवेदन पत्र 2022 भरते समय, उम्मीदवारों को व्यक्तिगत, शैक्षणिक और संचार विवरण प्रदान करना होगा। एलेट (AILET) आवेदन शुल्क सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 3,050 रुपये और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 1,050 रुपये है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित बीपीएल उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क भुगतान से छूट दी गई है।आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होगा।आवेदन शुल्क भुगतान के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरा माना जाएगा, बिना आवेदन फीस जमा किये गए आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

उत्तराखंड में सियासी रैलियों और 12वीं तक के सभी स्कूल 16 जनवरी तक बंद, नई एसओपी जारी

उत्तराखंड में सभी तरह के सार्वजनिक समारोह पर भी 16 जनवरी तक रोक लगा दी गई है। खुले या बंद स्थान पर विवाह समारोह की 50 प्रतिशत क्षमता के अनुसार लोगों के शामिल होने की ही अनुमति होगी। उत्तराखंड में प्रवेश के लिए उन लोगों को 72 घंटे पूर्व की कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी, जिनको कोविड वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी हैं।

उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना के मामलों और नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए धामी सरकार ने नई कोविड गाइडलाइन जारी कर दी है। राज्य सरकार के जारी किये गए दिशा निर्देशों के मुताबिक, प्रदेश में नाईट कर्फ्यू पहले की तरह ही रात्रि 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक लागू रहेगा। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को राहत दी जाएगी। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र व बारहवीं तक के सभी स्कूल 16 जनवरी तक के लिए बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस चलेंगी। आज का जारी आदेश 9 जनवरी से अग्रिम आदेशों तक लागू रहेगा। मुख्य सचिव डॉक्टर सुधीर सिंह संधू ने आदेश को जारी किया है।कोविड कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नई गाइडलाइंस 

  • बाजार सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक बाजारे खुलेंगे।
  • प्रदेश के सभी जिम शॉपिंग मॉल सिनेमा हॉल स्पा सलून मनोरंजन पार्क थिएटर ऑडिटोरियम और सभी खेल संस्थान स्टेडियम व खेल से संबंधित सभी तरह के गतिविधियों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे।
  • राज्य में स्विमिंग पूल वाटर पार्क को 16 जनवरी तक के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया है।
  • सार्वजनिक समारोह मनोरंजन शैक्षिक सांस्कृतिक गतिविधियां 16 जनवरी तक पूरी तरह से बंद रहेंगे।
  • विवाह समारोह व शव यात्रा में बंद या खुले स्थान के साथ 50 फ़ीसदी क्षमता के मुताबिक की व्यक्तियों को शामिल होने की इजाजत होगी।
  • राजनीतिक रैली धरना प्रदर्शन को 16 जनवरी तक पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दिया गया है।
  • होटल भोजनालय ढाबा में केवल 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति होगी।
  • खाद्य पदार्थों की टेकअवे होम डिलीवरी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. होटल में स्थित कॉन्फ्रेंस हाल, स्पा प्रोटोकॉल के मुताबिक 50 फीसदी क्षमता के साथ अनुमति दी जाएगी।
  • आंगनबाड़ी केंद्र के साथ 12वीं क्लास तक के सभी शैक्षिक संस्थान को 16 जनवरी तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से छात्र छात्राओं को पढ़ाया जाएगा।
  • भारत सरकार और राज्य सरकार के निकायों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के संचालन की अनुमति होगी।
  • 72 घंटे की रिपोर्ट के साथ ही दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को प्रदेश में आने की अनुमति दी जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 के सभी तरह के मानक को पूरा करना होगा। नए वैरीअंट को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाया जाएगा। वैक्सीन के लिए अभियान चलाया जाएगा साथ ही कोविड-19 रोकथाम के लिए हर संभव उपाय उठाने के बारे में भी विचार मंथन किया जाएगा।
  • 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक कारण को छोड़कर आने-जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है।

10वीं क्लास तक सभी स्कूल 16 जनवरी तक बंद, उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू की नई एसओपी जारी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर के उत्तराखंड  में पैर पसाते देख सरकार की चिंताएं और बढ़ गई हैं। ऐसे में राज्य में नाइट कर्फ्यू के समय में बदलाव कर समय बढ़ा दिया गया है। अब राज्य में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तकनाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके साथ ही सीएमओ ने 10वीं कक्षा तक सभी सरकारी और निजी स्कूल 16 जनवरी तक बंद रहने के भी निर्देश दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम हुई कैबिनेट बैठक में चर्चा की गई और स्थिति की समीक्षा करने के बाद फैसला किया गया कि राज्य में नाइट कर्फ्यू अब रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। अभी तक राज्य में कोविड कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू किया गया था। लेकिन मामले बढ़ने के बाद अब इस अवधि को बढ़ा दिया गया है।

सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पहली से 5वीं तक सभी कक्षाएं अब पूरा वक्त चलाने के आदेश कर दिए हैं। अभी तक ये कक्षाएं सिर्फ तीन घंटे तक संचालित हो रही थीं। बुध‌वार को सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने यह आदेश किया है। यह फैसला उस वक्त लिया गया, जब उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां तक कि कई स्कूलों में बच्चे भी संक्रमित आ रहे हैं। इस फैसले के बाद सरकार की कोरोना पर नियंत्रण को लेकर संवेदनशीलता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

दो दिन बाद फिर होगी कोविड पर बैठक

सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर सरकार पूरी तरह नजर रखे हुए है। दो दिन बाद फिर से कैबिनेट की इस मुद्दे पर बैठक होगी और स्थिति के अनुसार फैसला लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि अगर राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो सरकार सख्त कदम उठाने से भी परहेज नहीं करेगी। विदित है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है।

यह है एसओपी

  • राज्य में नाइट कर्फ्यू रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में निम्नवत् सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों, दुकानों, कार्यालयों को COVID Appropriate Behaviour & COVID Safety Protocols के तहत कार्य करने की छूट प्रदान की जाती है :

समस्त स्वास्थ्य सेवाएं (AYUSH सहित) यथावत संचालित (24X7) रहेगी जैसे:

  •  चिकित्सालय, नर्सिंग होम, क्लीनिक एवं टेलीमेडिसिन सेवायें।
  • डिस्पेंसरी, कैमिस्ट, फार्मेसी, जन औषधि केंद्र सहित समस्त दवाओं की दुकानें ऑप्टिकल शॉप और मेडिकल उपकरण की दुकानें ।
  •  चिकित्सा प्रयोगशालाएं और सैंपल संग्रह केंद्र (Collection Centers)।
  • फार्मास्युटिकल और मेडिकल रिसर्च लैब, COVID-19 संबंधित अनुसंधान करने वाले संस्थान ।
  • पशु चिकित्सा अस्पताल, औषधालय, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, वैक्सीन और दवा की बिक्री और आपूर्ति ।
  •  COVID-19 के संक्रमण रोकने हेतु अस्पतालों तथा आवश्यक सेवाओं के सुविधा प्रदान करने वाले अधिकृत निजी प्रतिष्ठान, जिनमें होम केयर प्रोवाइडर, डायग्नोस्टिक्स, सप्लाई चेन फर्म्स आदि शामिल हैं।
  • दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, चिकित्सा ऑक्सीजन के निर्माण संस्थान तथा उनकी पैकेजिंग सामग्री, कच्चे माल की विनिर्माण इकाइयाँ ।
  •  एंबुलेंस के निर्माण सहित चिकित्सा / स्वास्थ्य सम्बन्धित बुनियादी ढांचे के निर्माण संस्थान ।
  • तेल और गैस क्षेत्र, जिसमें उत्पादों का उत्पादन, परिवहन, वितरण, भंडारण और फुटकर बिक्री शामिल है, जैसे- पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, रसोई गैस आदि
  •  राज्य स्तर पर बिजली का उत्पादन, पारेषण और वितरण ।
  •  डाकघरों सहित डाक सेवाएं।
  • राज्य में नगरपालिका / स्थानीय निकाय स्तरों पर जल स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्रों का संचालन।
  •  टेलीकॉम टावरों के रख-रखाव और प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रिचार्ज सुविधाओं सहित दूरसंचार, डीटीएच और इंटरनेट सेवाएं प्रदाता आदि जनसुविधाओं हेतु कर्मचारियों एवं वाहनों का आवागमन ।
  • COVID curfew सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इलेक्ट्रिशियन / प्लम्बर को अपने व्ययावसायिक कार्यों हेतु आवागमन में छूट रहेगी।
  • सभी मालवाहक वाहनों (लदे हुए अथवा खाली) को राज्य और अंतर-राज्यीय आवागमन के साथ सामग्री के परिवहन की अनुमति है।
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के अन्तर्गत अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लू डार्ट DTDC Myntra आदि द्वारा सभी सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी / होम डिलीवरी की अनुमति है। राज्य के किसी भी स्थान पर चेकिंग के दौरान उन सेवादाता कम्पनियों के कर्मचारियों को अपने प्रतिष्ठानों से जारी किये गये वैध परिचय पत्र को दिखाना अनिवार्य होगा।
  •  खाद्य और किराने की वस्तुओं के फुटकर विक्रेताओं को भी होम डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने की अनुमति होगी।
  •  प्रिंटिंग प्रेस प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया |
  • दूरसंचार इंटरनेट सेवाएं प्रसारण और केबल सेवाएं / डीटीएच और ऑप्टिकल फाइबर।
  • बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण इकाइयाँ और सेवाएँ।
  • कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउसिंग सेवाएं।
  •  कार्यालय और आवासीय परिसरों के रख-रखाव के लिए निजी सुरक्षा सेवाएं और सुविधाएं प्रबंधन सेवाएं।
  •  ऑटो- मोबाईल मरम्मत की दुकानें ।
  • क्वारंटाइन सुविधाओं के उपयोग हेतु चिन्हित किए गए प्रतिष्ठान ।

उपर्युक्त सभी सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को बिना किसी प्रतिबंध के वैध आईडी कार्ड के साथ अपने प्रतिष्ठानों में आने जाने की अनुमति होगी।

  •  किसानों और खेत श्रमिकों द्वारा कृषि कार्य:- बुवाई, नर्सरी की तैयारी, भूमि की तैयारी, सिंचाई, रोपण, कटाई, थ्रेशिंग, प्रसंस्करण (Processing) और पैकिंग-आदि।
  • कृषि / बागवानी / फ्लोरिकल्चर से संबंधित अन्य गतिविधियाँ जैसे-खरीद वितर पैकेजिंग, वेयरहाउस, मंडियां, कोल्ड स्टोरेज, कृषि मशीनरी और उसके स्पेयर पार्ट्स, उर्वरक, कीटनाशक आदि से सम्बंधित दुकानें।
  • दुग्ध प्रसंस्करण (Processing) संयंत्रों द्वारा परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला सहित दूधऔर दुग्ध उत्पादों का संग्रह प्रसंस्करण, वितरण और बिक्री।
  • पोल्ट्री फार्म, मत्स्य पालन और हैचरी सहित पशुपालन फार्मों के संचालन संबंधी गतिविधियां ।

परिवहन

  • सार्वजनिक परिवहन का राज्य के अंदर एवं बाहरी राज्यों से (Intra state and Inter-state) आवागमन राज्य परिवहन विभाग द्वारा जारी एस०ओ०पी० के अधीन जारी रहेगा।
  • विक्रम, ऑटो आदि सार्वजनिक परिवहन को सुचारू रूप से चलाने की अनुमति है।
  •  बाहरी राज्यों से उत्तराखंड राज्य में आने वाले सभी Armed Forces (Army and CPMF) के अधिकारी, कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्यों को कोविड परीक्षण के प्रमाण पत्र (RT PCR / TrueNat/ CBNAAT/ RAT) की आवश्यकता नहीं होगी। उपरोक्त सभी व्यक्तियों द्वारा राज्य में प्रवेश के उपरान्त MHA, MoH&FW GOI and State Government द्वारा जारी SOPs का अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
  • सभी मालवाहक वाहनों ( लदे हुए अथवा खाली) को राज्य और अंतर्राज्यीय आवागमन के साथ सामग्री के परिवहन तथा लोड करने / उतारने की अनुमति है।
  •  सभी माल वाहक वाहनों को सामग्री लोड या अनलोड करने की अनुमति होगी एवं समस्त होलसेलर / रिटलेर दुकानों को गोदामों में सामान की लोड करने / उतारने की दैनिक रूप से अनुमति है।
  •  अधिकारियों / कर्मचारियों को अपने संगठनों / संस्थानों द्वारा जारी किए गए वैध आईडी कार्ड के साथ कार्यस्थल पर आने और वापस जाने हेतु निर्गत दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत अनुमति है।
  • रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों से एयरपोर्ट बसों / टैक्सियों / ऑटो रिक्शा आदि यात्री वाहनों को वैध यात्रा दस्तावेज / टिकट प्रदर्शित करने पर ही आवागमन की अनुमति दी जाएगी।
  •  प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सदस्यों को वैध आईडी कार्ड के साथ SOPs और COVID प्रोटोकॉल के अनुसार वाहनों में जाने की अनुमति होगी।
  • आवश्यक सेवाओं आपातकालीन और COVID-19 प्रबंधन में शामिल सरकार / स्थानीय निकायों या अधिकृत संगठन के सभी कार्मिकों एवं वर्णित संगठन के वाहनों को चलने की अनुमति  होगी।
  • सामग्री के आवागमन हेतु राज्य एवं अंतर्राज्यीय आयात-निर्यात आवागमन की अनुमति है।
  • सभी चिकित्सा कर्मियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य अस्पताल सहायता सेवाओं के लिए परिवहन की अनुमति ( 24×7) है।
  •  निजी वाहनों से आवागमन के लिए वैध आईडी के साथ आकस्मिक कारणों के लिए अनुमति है।
  • जिला प्रशासन इस बात की निगरानी करेगा कि उद्योगों द्वारा उनके संचालन में SOP का सख्ती से पालन किया जा रहा है एवं औद्योगिक इकाई / कॉर्पोरेट के प्रमुख इस संबंध में जिला प्रशासन को नियमित रूप से अवगत कराएगें।
  • सभी निर्माण गतिविधियाँ तथा उनमें कार्यरत वाहन / मजदूरों की आवाजाही को स्थानीय पुलिस / प्रशासन द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा ।

वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठान, जैसा कि नीचे सूचीबद्ध है:

  •  समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान (बाजार) प्रातः 06:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुले रहेंगे एवं बाजारों की साप्ताहिक बन्दी जो पहले से निर्धारित तिथि के अनुसार ( श्रम विभाग के आदेशानुसार ) होगी।
  •  आम जनता को फल और सब्जियों आदि की सीधी खरीद के लिए मंडी परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
  •  बाहरी राज्यों से उत्तराखंड राज्य में आने वाले वह व्यक्ति जिनके पास COVID Vaccination (दोनो डोज) का प्रमाण पत्र नहीं है उन सभी व्यक्तियों को अधिकतम 72 घंटे पूर्व की RT PCR / TrueNat/ CBNAAT/ RAT COVID Negative Test Report के साथ ही राज्य में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जायेगी।
  •  देश भर में ‘Omicron’ के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जनपद के समस्त सार्वजनिक स्थानों पर्यटक स्थलों, बाजार, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, मण्डी, सॉपिंग मॉल एवं अन्य भीड-भाड़ वाले स्थानों पर  जैसे कि सामाजिक दूरी, मास्क पहनना एवं हाथों को Sanitize करने आदि का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। उक्त का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
  •  कोविड-19 के New Variant (B.1.1.529) ‘Omicron’ से बचाव हेतु प्रत्येक जनपद में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जायेगा।

राज्य में COVID-19 प्रबंधन के निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जायेगा :

  • सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थल एवं सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने वाले व्यक्तियों को फेस कवर / मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
  •  सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तियों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए 6 फिट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा जिसके लिए निर्धारित जुर्माने के साथ दंड का प्रावधान होगा।
  • सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन प्रतिबंधित होगा।

निम्नलिखित श्रेणी के व्यक्तियों को आवश्यक और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ही घर से बाहर जाने की सलाह दी जाती है :

  •  65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ।
  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएं।
  • 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज से निशुल्क टैबलेट योजना की शुरूआत की, उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्रों को इस योजना का मिलेगा लाभ 

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के कक्षा 12 तक के छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की शुरुआत कर दी है प्रदेश के 2.75 लाख छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की  शुरूआत कर दी। सभी विधानसभा क्षेत्रों के विद्यालयों में यह कार्यक्रम टीवी स्क्रीन के माध्यम से दिखाया गया। हल्द्वानी में कालाढूंगी रोड स्थित जीजीआईसी में टैबलेट वितरित मेयर गजेंद्र पाल सिंह रौतेला ने इस योजना की शुरूआत की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के कक्षा 12 तक के छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की शुरुआत कर दी है। राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज (स्मार्ट स्कूल) से योजना की शुरुआत की गई। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि मेरा सपना था कि प्रदेश के सभी 10वीं और 12वीं बोर्ड विद्यर्थियों के हाथों में टैबलेट हों। कोरोनाकाल में देखा कि गरीब विशेषकर सरकारी स्कूलों के बच्चों को आनलाइन पढाई से वंचित रहना पड़ा था। इसे देखते हुए निश्शुल्क टैबलेट देने का फैसला लिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि टेबलेट योजना से एक लाख 69 हजार स्कूली छात्रों को लाभ मिल रहा है। हर छात्र को डीबीटी के माध्यम से 12 हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है। ताकि वे उच्चकोटि के टेबलेट खरीद सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो छात्र नौवीं और 11वीं में हैं, ऐसे विद्यर्थियों को अगले साल टेबलेट मिलेंगे। उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है।

नए साल में पहले ही दिन जनपद के राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले करीब पांच हजार विद्यार्थियों को टैबलेट का तोहफा मिला है। इसके लिए शनिवार को उनके खातों में पैसा पहुंच जाएगा। देहरादून से होने वाला यह कार्यक्रम हर विधानसभा के एक-एक स्कूल में टीवी स्क्रीन के माध्यम से स्कूलों में भी बच्चों को दिखाया गया।

सीएम ने कहा कि यह योजना आज नए साल के पहले दिन इस स्कूल के अलावा प्रदेश के 70 अन्य स्कूलों में भी शुरू की गई है। एक-एक स्कूल में सौ छात्रों को टैबलेट देकर योजना की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने छात्रों को नसीहत दी कि समय की कीमत समझना बहुत जरूरी है। आज विद्यार्थियों को पूरे मनोयोग से पढ़ाई करनी चाहिए। तभी ऊंचे पदों पर विराजमान होने के सपने पूरे हो पाएंगे। संकल्प का कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। उत्साह व उमंग से पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी आगे रहें। मुख्यमंत्री ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, पर्वतारोही बछेंद्री पाल का उदाहरण दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ देकर सम्म्मनित किया।

विद्यालयी शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के दौरान लाकडाउन लगाना पड़ा था। इस दौरान सभी निजी व सरकारी स्कूलों को बंद करना पड़ा था ऐसे में निजी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई, लेकिन देखा गया कि सरकारी स्कूलों के विद्यर्थियों को पढ़ाई से वंचित रहना पड़ा था,इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10वीं व 12वीं बोर्ड के समस्त विद्यर्थियों को टेबलेट के लिए 12 हजार रुपये सीधे छात्रों के खाते में डाले जा रहे हैं।आगे भी अगर आनलाइन पढ़ाई करनी पड़ी तो उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यर्थियों को पढ़ाई से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। संवाद कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।