चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क‍िया ऐलान

देहरादून :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान क‍िया। सीएम ने बताया क‍ि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन सख्‍ती से क‍िया जाएगा।

उत्तराखंड में व‍िश्‍व प्रस‍िद्ध चारधाम यात्रा एक बार फ‍िर 18 स‍ितंबर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यात्रा शुरू करने का ऐलान क‍िया। इससे एक द‍िन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी है।

चारधाम यात्रा को शुरू करने को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की दो डोज का सर्टिफिकेट साथ ले जाने के बाद ही वहां एंट्री देने का आदेश द‍िया है। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को भी कहा गया है। कोरोना को देखते हुए भक्तों को किसी भी कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं होगी।

26 जून को हाईकोर्ट ने लगाई थी चार धाम यात्रा पर रोक
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 26 जून को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट तलब करते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हैं। हाई कोर्ट ने ऐंटी स्पिटिंग और ऐंटी लिटरिंग ऐंक्ट 2016 के अनुसार सभी धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी आदेश सरकार को दिए थे।

केदारनाथ के लिए हेलीसेवा शुरू होने में समय लग सकता है। नागरिक उड्डयन विभाग को हेली सेवा संचालन के लिए नए सिरे से डीजीसीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) ने मार्च में ही केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का टेंडर पूरा करते हुए, मई में टिकट की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी।शुरुआती एक सप्ताह में 11 हजार से अधिक लोगों ने धाम के लिए एडवांस में टिकट ले भी लिए थे। लेकिन कोविड के कारण यात्रा प्रारंभ न होने पर उकाडा को रकम वापस लौटानी पड़ी। अब जब कोर्ट ने यात्रा पर से रोक हटा दी है तो उकाडा फिर से हेली सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उकाडा जल्द ही सभी नौ ऑपरेटर की मीटिंग करने जा रहा है। इसके साथ ही डीजीसीए को भी नए सिरे से हेलीपैड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया जाएगा।

इसके बाद ही यात्रा प्रारंभ हो सकेगी। उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश मेहता के मुताबिक सामान्य तौर पर बरसात के दौरान हेली सेवा बंद रहती है, मानसून के बाद अक्तूबर में ही हेली सेवा फिर प्रारंभ होती है। इस बार भी अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक हेलीसेवा प्रारंभ हो सकती है।

उत्तराखंडः नैन‍ीताल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कोविड नियमों का पालन कराते हुए चारधाम यात्रा शुरू कराए उत्तराखंड सरकार

नैनीताल :- उत्तराखंड चारधाम यात्रा करीब ढाई महीने के गतिरोध के बाद यात्रा पर लगी रोक हटा दी गई. अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाई कोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ यह रोक हटा दी.। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अपने 26 जून के निर्णय को वापस लेते हुए सरकार को कोविड के नियमों का अनुपालन करते हुए चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए है।सरकार ने बीती सुनवाई में कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने समयाभाव के चलते अगली सुनवाई के लिए 16 सितम्बर की तिथि नियत की थी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।

हाईकोर्ट ने 26 जून 2021 को कोविड की वजह से चार धाम यात्रा पर रोक लगाई थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में एसएलपी दायर की। सर्वोच्च न्यायलय ने इस आदेश पर कोई रोक नही लगाई। अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली है। सरकार ने राज्य में कोविड के केस कम होने, एसएलपी वापस लेने का हवाला देते हुए कोविड के नियमो का अनुपालन करते हुए यात्रा अनुमति की याचना की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 26 जून 2021 के आदेश पर लगी रोक हटा दी। सच्चिदानन्द डबराल ने यह जनहित याचिका बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की राज्य की सीमा पर ही कोविड के जांच के लिए दायर की गई थी। कोर्ट ने जनहित याचिका मे कुम्भ मेला और चारधाम यात्रा का भी संज्ञान लिया।

कोविड नियमों का पालन कराते हुए इन अनिवार्य शर्तों के साथ मंज़ूरी

हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के लिए इजाज़त दी गई है. साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक धाम पर पहुंचने वाले हर भक्त या यात्री के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन के दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य किया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी ज़िलों में ज़रूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को कहा है. साथ ही निर्देश हैं कि भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.

उत्‍तराखंड : चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर किया विरोध प्रर्दशन सोमवार को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने किया था बदरीनाथ कूच

देहरादून – चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रर्दशन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ, महानगर कांग्रेस के कार्यकर्त्‍ताओं ने धरना दिया। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद रहने से प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। जब सरकार की रैलियों पर प्रतिबंध नहीं है तो फिर चारधाम यात्रा रोकने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की आर्थिकी को सीधा प्रभावित करती है। सरकार जल्द से जल्द चारधाम यात्रा शुरू करे ताकि इससे जुड़े होटल, ढाबा, हस्तशिल्प, कुटीर, घोड़ा, दंडी वालों पंडित-पुजारियों को राहत मिल सके।

प्रदेश की चारधाम यात्रा तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि उत्तराखंड की लाइफ लाइन माने जाने वाली चार धाम यात्रा बीजेपी सरकार की लापरवाही से शुरू नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही राज्य सरकार का दायित्व था कि वो यात्रा को शुरू करने के लिए स्क्रीनिंग, टैस्टिंग, वैक्सिनेशन व यात्रा रूट पर अस्थायी आइसीयू युक्त अस्पताल दवाओं व डाक्टरों का समुचित प्रबंध करती व उच्च न्यायालय नैनीताल को अपनी तैयारियां का ब्यौरा दे कर संतुष्ट करती।

धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। जिसके कारण माननीय न्यायालय को हतक्षेप कर यात्रा को रोकना पड़ा और सरकार जुलाई से लेकर अब तक भी न तो यात्रा की तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट को दे सकी और कोर्ट का बहाना बना कर यात्रा को टालती रही, जिसके कारण आज पूरी यात्रा रुट के पांच लाख परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। धस्माना ने कहा कि यात्रा से संबंधित पंडित पुरोहित धर्मशालाओं, होटलों, परिवहन व्यवसायियों से लेकर सब्ज़ी, दूध, प्रसाद व अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग आज भुखमरी की कागार पर खड़े हैं, लेकिन सरकार को इसकी फिक्र नहीं है। धस्माना ने कहा कि अब यात्रा के दो महीने रह गए हैं और अगर अब भी यात्रा शुरू नहीं हुई तो ये लोग बर्बाद हो जाएंगे।

 

सोमवार को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने किया था बदरीनाथ कूच

सोमवार को चारधाम यात्रा के संचालन की मांग को लेकर बदरीनाथ कूच कर रहे एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस और जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं को पांडुकेश्वर में पुलिस बल ने रोक लिया था। कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी देने के साथ ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं व पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी।

जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से एनएसयूआई और यूथ कार्यकर्ता दोपहर में एक बजे बदरीनाथ कूच के तहत पांडुकेश्वर में पहुंचे। यहां पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने बैरिकेडिंग की हुई थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर बदरीनाथ धाम जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दी। हालांकि पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा कर दिया।

जिला कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान और एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी ने कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा को रोक कर गरीब व्यापारियों की रोजी रोटी छीन ली है। हक-हकूकधारियों को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। यात्रा पड़ावों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कहा गया कि यात्रा को लेकर सरकार के तानाशाह रवैये से जनता में आक्रोश है।

देवस्थानम बोर्ड :- उच्च स्तरीय समिति में शामिल होंगे चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहित,मुख्यमंत्री से मिलकर तीर्थ पुरोहितों का फैसला, आंदोलन किया स्थगित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी। वहीं, मुख्यमंत्री के आश्वासन पर तीर्थ पुरोहितों ने अपना धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन 30 अक्टूबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया है।

आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।

चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेगे। मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है। हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आंदोलन स्थगित रखेंगे। उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आयेगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे।

बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री जी ने हमें आज आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पावर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे।सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर केबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, सीईओ देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन, सचिव एचसी सेमवाल, एसीईओ देवस्थानम बोर्ड बीडी सिंह एवं चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भटट से मुलाकात के दौरान पूर्व विधायक रांगड ने देवलसारी व नागटिब्बा में पर्यटन विकास की मांग की गयी |

टिहरी/दिल्ली : पूर्व विधायक महावीर रांगड़ ने केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अजय भटट से मुलाकात की व उनसे विश्व प्रसिद्ध नाग टिब्बा व देवलसारी को धनोल्टी ईको पार्क की तर्ज पर विकसित करने की मांग की।
महावीर रांगड़ ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भटट को अवगत कराया कि विधानसभा धनोल्टी में देवलसारी व नाग टिब्बा विश्व पर्यटन के नक्शे में है, जहां देशी पर्यटकों के साथ ही विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य व मौसम हर किसी को भाता है उन्होंने मागं की कि इस क्षेत्र का विकास किया जाये ताकि पर्यटकों को आधारभूत सुविधा मिल सके वहीं उन्होंने कहा कि इसे धनोल्टी ईको पार्क की तर्ज पर विकसित किया जाय ताकि यह उत्तराखंड का मुख्य पर्यटक स्थल बन सके।

देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम के कपाट खुलने की तिथियां घोषित, कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य।

वस्थानम बोर्ड ने चारधाम के कपाट खुलने की तिथियां घोषित कर दी हैं। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई प्रात: पांच बजे और श्री बदरीनाथ धाम के 18 मई सुबह सवा चार बजे खुलेंगे।
मंगलवार को देवस्थानम बोर्ड ने धामों के कपाट खुलने की तिथियों की जानकारी दी है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 14 मई को दोपहर 12:15 बजे खुलेंगे। श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को प्रात: 7 बजकर 31 मिनट पर खुलेंगे। कहा कि कोविड-19 से बचाव हेतु जारी एसओपी का पालन किया जाएगा और सभी के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और सेनेटाइजेशन अनिवार्य रहेगा।

नरेंद्र मोदी ने कहा- कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रतीकात्मक होना चाहिए कुंभ मेला,जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर बोले- भारी संख्या में कुम्भ स्नान करने न आएं श्रद्धालु

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर शनिवार को संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की ताकि इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर स्वामी अवधेशानंद गिरी से बात करते हुए अनुरोध किया कि कुंभ मेला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए। अब तक दो शाही स्नान समाप्त हो गए हैं। वहीं, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा हम प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करते हैं। मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि बड़ी संख्या में कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर स्नान को न आएं और सभी नियमों का पालन करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। कहा मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवाहन का संत महात्माओं ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरिद्वार कुंभ के बाकी शाही स्नानं को प्रतीकात्मक करने के आवाहन का हरिद्वार के तमान संत महात्माओं ने स्वागत किया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि सहित निरंजनी अखाड़ा के आचार महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद और शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आनंद भारती ने प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत किया और इसे राष्ट्र, काल और परिस्थिति के अनुरूप बताया।
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!।’

कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान-महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

कोरोना के बढ़ते केसों के बीच कुंभ को समे।टने की शुरुआत कर दी है। सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराना चाहती है।

हरिद्वार में कोरोना के तेज फैलाव के बीच सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराने पर अडिग है, वहीं अखाड़ों ने कुंभ को समेटने की शुरुआत कर दी है। निरंजनी अखाड़े ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने मीडिया को बताया कि, हरिद्वार में कोरोना की स्थिति अच्छी नहीं है। संत कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। 27 अप्रैल के शाही स्नान पर चंद संत पैदल जाकर गंगा स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि, 17 अप्रैल को छावनी उठ जाएगी और संत अपने-अपने अखाड़ों में चले जाएंगे। उधर, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने गुरुवार को हरियाणा की साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बेंगलुरु के स्वामी राघवेंद्र भारती को अखाड़े का नया महामंडलेश्वर बनाया है। अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में दोनों संतों का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। रविंद्र पुरी ने कहा कि गुरुवार को भी पट्टाभिषेक पहले से तय था अन्यथा इसका आयोजन भी नहीं करना था।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार महाकुंभ में तीसरे स्नान ‘मेष संक्रांति’ के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार महाकुंभ में तीसरे स्नान मेष संक्रांति के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा महाकुंभ मेले में तीसरे शाही स्नान के दौरान भारत सरकार द्वारा तय गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा हरिद्वार महाकुंभ के प्रथम एवं द्वितीय शाही स्नान का आयोजन सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित तरीके से संपन्न हो गया है। हरिद्वार महाकुंभ 2021 में आयोजित शाही स्नान में संत समाज से लेकर सभी श्रद्धालुओं में डुबकी लगाकर पूर्णिया लाभ अर्जित किया और सभी राज्य सरकार द्वारा बनाई गई व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए। भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार और गंगा मैया के आशीर्वाद से शाही स्नान सफलतापूर्वक संपन्न होगा मुझे इसका पूर्ण विश्वास है।

महाकुंभ मेले में तीसरे शाही स्नान के दौरान साधु-संतों और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए राज्य सरकार ने उचित व्यवस्था बना रखी है। कुंभ में व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय पहले से निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य श्रद्धालुओं के लिए भी अलग से स्नान की व्यवस्था की गई है सभी सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मी, मेडिकल स्टाफ आदि अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तीसरे शाही स्नान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कोरोनावायरस को लेकर भारत सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन अवश्य करें सभी श्रद्धालु मास्क पहने, सामाजिक दूरी बनाए रखें और समय-समय पर हाथों को सेनीटाइज भी करते रहें।

15 मई को खुलेंगे विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, 18 अप्रैल को तय होगा यमुनोत्री धाम खुलने का शुभ मुहूर्त

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री एवं गंगोत्री मंदिर के कपाट इस बार अलग-अलग तारीख को खुलने की स्थिति बन रही है।यमुनोत्री मंदिर खुलने का शुभ मुहूर्त 18 अप्रैल को तय होगा।

गंगोत्री मंदिर के कपाट 15 मई को खुलेंगे। अक्षय तृतीय, मिथुन लग्न की शुभ बेला पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ सुबह 7:30 पर श्रद्धालुओं के दर्शनाथ कपाट खोल दिये जायेंगे। पवित्र धाम के कपाट खोलने के लिए 14 मई को अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से सुबह 11:45 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। चैत्र नवरात्र के अवसर पर गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री धाम के कपाट खोलने के लिए शुभ मुहूर्त निकाला।

विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को भक्तों के लिए खोले जाएंगे। पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ रावल ने घोषणा की है। प्राचीन परपंरा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन हर साल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन निकाला जाता है। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए भगवान भैरवनाछ की 13 मई को पूजा-अर्चना की जाएगी।

बाबा केदार की चल विग्रह डोली पहले ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा विश्राम के लिए पहुंचेगी। जबकि 15 मई को को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जहां 17 मई को सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।

उत्तराखंड के गढवाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए इस साल 18 मई को खुलेंगे। बदरीनाथ मंदिर को खोले जाने का मुहूर्त मंगलवार को बसंत पंचमी के मौके पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजवंश के दरबार में आयोजित समारोह में निकाला गया।