चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा जरूरत पड़ी तो सेना के अस्पतालों में भी होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज,मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को किया आश्वस्त

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आश्वस्त किया कि कोरोना महामारी के दौरान जरूरत पड़ी तो सेना के अस्पतालों में भी आम लोगों का इलाज किया जाएगा। सोमवार दोपहर एक बजे जनरल रावत बीजापुर स्थित सेफ हाउस पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उनकी पत्नी डा. रश्मि त्यागी रावत ने गुलदस्ता व स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया। दोनों में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार कनेक्टिविटी को मजबूत करने व अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान सीएम तीरथ ने उन्हें बताया कि राज्य में कोरोना केस लगातार बढ़ने पर अब सख्ती बरती जा रही है।

उन्होंने सीडीएस बिपिन रावत से यह भी आग्रह किया कि यदि राज्य में इसी तरह कोरोना के मामलों में इजाफा होता रहा तो राज्य सरकार सेना से संसाधन उपलब्ध कराने की अपेक्षा रखेगी। जनरल रावत ने मुख्यमंत्री को पूरा भरोसा दिया और कहा कि सेना हर पल नागरिकों के साथ खड़ी है और जरूरत पड़ने पर सेना के अस्पतालों में भी उनका इलाज कराया जाएगा। जनरल बिपिन रावत के साथ ही उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत, रिटायर लेफ्टीनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी व उनकी धर्मपत्नी भी मौजूद रही। सीएम तीरथ ने उन्हें दोपहर का भोज भी दिया। लगभग एक घंटें तक सीडीएस रावत सेफ हाउस में रहे।

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, कोरोना नियंत्रण से जुड़े पिछले आदेश उत्तराखंड में फिर लागू, नियम तोड़ने पर सख्ती

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर नियंत्रण के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। वर्ष 2020 में जितने भी आदेश, कोरोना नियंत्रण से जुड़े थे, उन्हें दोबारा लागू कर दिया गया है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पांडे की ओर से जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं।

सरकार के निर्देश
-स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी वस्तुओं की कोई जमाखोरी नहीं करेगा।
-सरकारी-निजी संस्थानों को कोविड मानकों का पालन करना होगा।
-सही सूचनाओं का प्रसारण कराना होगा। ताकि भ्रम की स्थिति न फैले।
-उत्तराखंड में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम सख्ती के साथ होगा।
-प्राइवेट लैबों में कोरोना सैंपलों की टेस्टिंग नियमानुसार की जाएगी।
-सभी तरह के होम आइसोलेशन वाले मरीजों का ख्याल रखा जाए। नियमित रूप से दिन में एक बार इनसे बात की जाए। इसके लिए कंट्रोल रूम में निगरानी के लिए अफसर तैनात किए जाएंगे।
-कोविड केयर सेंटरों में दवा, उपकरण, एंबुलेंस, सीसीटीवी से निगरानी के साथ सरकारी-निजी अस्पताल, होटलों में कमरों की व्यवस्था हो।
-मरीज के पॉजिटिव आने के चार घंटे में उन्हें मेडिकल किट दी जाए।
-अस्पतालों को नियमित देनी होगी जानकारी: शासन ने कहा है कि कोविड इलाज वाले निजी अस्पतालों को पीआरओ नियुक्त करने होंगे, जो रोजाना दवा-उपकरणों और मरीजों की स्थिति का अपडेट देंगे।

कोविड इलाज की जरूरी दवाइयों की कालाबाजारी पर तीरथ सरकार सख्त हो गई है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने उन्होंने अफसरों को ऐसे दवा विक्रेताओं को चिन्हित कर उनके लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए। राज्य में रेडमेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है और कुछ दवा विक्रेता इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है। सीएम ने कहा कि कोविड से संबंधित सभी जरूरी उपकरण सरकारी अस्पतालों में उपलब्घ होने चाहिए।

दवाइयों की कीमतों पर भी नियंत्रण रखा जाए और जिन जिलों में ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां नोडल अधिकारी भी तैनात करें। उन्होंने आगे की स्थिति का आंकलन करते हुए उसके अनुसार कोविड अस्पताल बनाने व अधिक से अधिक टेस्टिंग पर फोकस के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोविड नियमों का पालन कराने के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना है, इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से जानकारी दी जाए। बैठक में डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेश बगोली, एसए मुरुगेशन, महानिदेशक (सूचना) रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

होम आइसोलेशन में कोविड किट दें
तीरथ ने कहा कि होम आइसोलेशन के लिए जरूरी प्रोटोकाल का पूरा पालन कराया जाए। होम आईसोलेशन वालों को जरूरी किट दी जाए और उनसे लगातार संपर्क भी रखा जाए। उन्होंने कोविड केयर सेंटरों को मजबूत करने व वैक्सीनेशन अभियान में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।

उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा रदद,इंटर मीडिएट बोर्ड की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है। एक जून के बाद इस परीक्षा पर विचार किया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार ने सीबीएसई की तर्ज पर उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षाओं को रदद करने का निर्णय किया है। एक लाख 48 हजार 355 छात्र-छात्राओं को अब परीक्षा नहीं देनी होगी। वहीं, इंटर मीडिएट बोर्ड की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है। एक जून के बाद इस परीक्षा पर विचार किया जाएगा।
रविवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम को इसके निर्देश दे दिए। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बीते रोज इसके संकेत दे दिए थे। सीएम तीरथ रावत से सहमति मिलने के बाद शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं के बाबत यह निर्णय किया है। सीबीएसई पहले ही हाईस्कूल की परीक्षाएं रद्द और 12 वीं की परीक्षा स्थगित कर चुकी है।

राज्य में चार मई से बोर्ड परीक्षाएं थी, कोरोना महामारी की वजह से इस शैक्षिक सत्र में वैसे भी स्कूल ज्यादा समय के लिए नहीं खुल पाए थे। आनलाइन के जरिए ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार पहले परीक्षाओं को समय पर कराने के पक्ष में थी, पर राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने पर सरकार को अपना इरादा बदलना पड़ा। अब इसके औपचारिक आदेश होने बाकी हैं।

बेहतर अंक के लिए मिलेगा मौका
हाईस्कूल के जिन छात्र-छात्राओं को लगेगा कि वो ज्यादा बेहतर अंक हासिल कर सकते हैं, उन्हें परीक्षा का मौका दिया जाएगा। बकौल पांडे, इंटर की परीक्षा के दौरान हाईस्कूले के ऐसे छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा, ‘हाईस्कूलों के छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत किया जाएगा। अंक तय करने का फार्मूला भी तय किया जा रहा है। हाईस्कूल की परीक्षा देने के इच्छुक छात्रों को भविष्य में होने वाली इंटर की परीक्षा के साथ अलग से इम्तहान कराया जाएगा। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षक और छात्रों की जीवन सुरक्षा है। इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा है।’उन्होंने कहा कि 10वीं के छात्र जिन्हें लगता है कि बिना परीक्षा के उनका रिजल्ट अच्छा नहीं होगा उन्हें इंटर परीक्षा के साथ ही पेपर देने का मौका दिया जाएगा। एक जून के बाद आगे फैैसला लिया जाएगाा।

नरेंद्र मोदी ने कहा- कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रतीकात्मक होना चाहिए कुंभ मेला,जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर बोले- भारी संख्या में कुम्भ स्नान करने न आएं श्रद्धालु

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर शनिवार को संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की ताकि इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर स्वामी अवधेशानंद गिरी से बात करते हुए अनुरोध किया कि कुंभ मेला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए। अब तक दो शाही स्नान समाप्त हो गए हैं। वहीं, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा हम प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करते हैं। मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि बड़ी संख्या में कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर स्नान को न आएं और सभी नियमों का पालन करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। कहा मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवाहन का संत महात्माओं ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरिद्वार कुंभ के बाकी शाही स्नानं को प्रतीकात्मक करने के आवाहन का हरिद्वार के तमान संत महात्माओं ने स्वागत किया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि सहित निरंजनी अखाड़ा के आचार महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद और शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आनंद भारती ने प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत किया और इसे राष्ट्र, काल और परिस्थिति के अनुरूप बताया।
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!।’

कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान-महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

सल्ट उप चुनाव:आज ईवीएम में कैद होगा सल्ट के सात प्रत्याशियों का भाग्य, धीमी गति से चल रहा मतदान

सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के साथ ही वर्तमान विधानसभा के लिए तीसरी बार उपचुनाव में शनिवार को वोटिंग जारी है। 49193 पुरुष व 47048 महिलाएं यानी कुल 96241 मतदाता शनिवार को भाजपा व कांग्रेस समेत सात प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम का बटन दबा मशीन में बंद करेंगे। इस सीट पर मुख्य दलों के प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। 151 बूथों के लिए इतनी ही पोलिंग पार्टियां निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान प्रक्रिया के लिए तैनात कर दी गई हैं। इसी सीट पर प्राथमिक विद्यालय झिमार सबसे बड़ा बूथ है। यहां 1211 मतदाता हैं। 200 मतदाताओं वाला प्राथमिक विद्यालय भवाली सबसे छोटा बूथ है।

सल्ट विधानसभा सीट के लिए मतदान प्रक्रिया शनिवार की सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगी। शाम पांच बजे तक चलने वाले लोकतंत्र के इस पर्व पर निष्पक्ष, पारदर्शी व शांपिूर्ण मतदान को प्रशासन व पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली है। पल पल की खबर के लिए जिला मुख्यालय व रिटर्निंग अफसर मुख्यालय भिकियासैंण में नियंत्रण कक्ष ने काम शुरू कर दिया है।
जिला मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष में पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे, सहायक निदेशक डेयरी सुनील अधिकारी समेत चार अधिकारी नजर रखेंगे। भिकियसैंण में आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उनके साथ दो और अधिकारी तैनात किए गए हैं।
– महेश जीना (भाजपा)

– गंगा पंचोली (कांग्रेस)

– जगदीश चंद्र, (उपपा)

– शिव सिंह (सवर्जन दल)

– नंदकिशोर (पीपल्स पार्टी डेमोक्रटिव)

– पान सिंह रावत (निर्दल)

– सुरेंद्र सिंह (निर्दल)

डोर टू डोर दौड़, पुलिस सतर्क
सल्ट उपचुनाव के लिए शनिवार को मतदान के मद्देनजर गुरुवार को भाजपा व कांग्रेेस प्रत्याशियों के समर्थकों ने घर घर दस्तक दी। दोनों दलों के पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता देर रात तक जनसंपर्क में जुटे रहे। रात्रि शांतिभंग न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन सतर्क है।
चार साल में तीसरा उपचुनाव
प्रदेश विधानसभा का गठन मार्च 2017 में हुआ। इसके एक साल के भीतर ही फरवरी 2018 में थराली से भाजपा विधायक मगनलाल शाह का आकस्मिक निधन हो गया। बाद में मई 2018 में हुए उपचुनाव में यहां से मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी निर्वाचित हुईं। इसी प्रकार जून 2019 में पिथौरागढ़ से विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का कैंसर के चलते निधन हुआ। रिक्त सीट पर नवंबर 2019 में हुए उपचुनाव में प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत निर्वाचित हुई। इस तरह सल्ट में अब तीसरा उपचुनाव होगा।

उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ रहा है। , हर 82 सेकेंड में औसतन एक मामला दर्ज

उत्तराखंड में कोरोना वायरस के प्रसार की रफ्तार चरम पर पहुंच गई है। बीते एक पखवाड़े (एक अप्रैल से 15 अप्रैल) में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 15833 मामले आए हैं, जबकि जनवरी से मार्च तक यानी तीन माह में राज्य में 9491 मामले आए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात किस कदर भयावह हो रहे हैं।
बीते 15 दिन की स्थिति का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि हर 82 सेकेंड में संक्रमण का औसतन एक मामला दर्ज हो रहा है। एक अप्रैल को प्रदेश में 500 लोग संक्रमित मिले थे। 15 अप्रैल को यह आंकड़ा साढ़े चार गुना बढ़कर 2220 पर पहुंच गया। एक अप्रैल को प्रदेश में 2236 सक्रिय मामले थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 12484 पहुंच गई है। रिकवरी दर भी 94.59 से घटकर 85.83 फीसद पर आ गई है।

उत्तराखंड में दून और हरिद्वार कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए हैं। पिछले 15 दिन में इन दो जनपदों में 11142 लोग संक्रमित मिले हैं। यह प्रदेश के कुल मामलों का 70 फीसद है। इस दौरान देहरादून में 6644 और हरिद्वार में 4498 मामले आए हैं। दून, विकासनगर, ऋषिकेश और मसूरी में फिलवक्त 40 से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं।

देहरादून जनपद की स्थिति अब भयावह होती जा रही है। हर दिन सबसे ज्यादा मामले यहीं आ रहे हैं। गुरुवार को जनपद में अब तक के सर्वाधिक 914 मामले आए। स्थिति इसलिए ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि यहां संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को दून में सैंपल पॉजिटिविटी रेट 16.89 फीसद पर पहुंच गया। एक सप्ताह पहले आठ अप्रैल को यह 3.72 फीसद था।

संक्रमण की स्थिति
मामले
जनवरी: 5209
फरवरी: 863
मार्च: 3419
अप्रैल (15 तक): 15833

मौत
जनवरी: 135
फरवरी: 48
मार्च: 25
अप्रैल (15 तक): 85

संक्रमण दर
जनवरी: 1.45
फरवरी: 0.31
मार्च: 1.02
अप्रैल (15 तक): 3.33

कोरोना के बढ़ते केसों के बीच कुंभ को समे।टने की शुरुआत कर दी है। सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराना चाहती है।

हरिद्वार में कोरोना के तेज फैलाव के बीच सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराने पर अडिग है, वहीं अखाड़ों ने कुंभ को समेटने की शुरुआत कर दी है। निरंजनी अखाड़े ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने मीडिया को बताया कि, हरिद्वार में कोरोना की स्थिति अच्छी नहीं है। संत कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। 27 अप्रैल के शाही स्नान पर चंद संत पैदल जाकर गंगा स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि, 17 अप्रैल को छावनी उठ जाएगी और संत अपने-अपने अखाड़ों में चले जाएंगे। उधर, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने गुरुवार को हरियाणा की साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बेंगलुरु के स्वामी राघवेंद्र भारती को अखाड़े का नया महामंडलेश्वर बनाया है। अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में दोनों संतों का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। रविंद्र पुरी ने कहा कि गुरुवार को भी पट्टाभिषेक पहले से तय था अन्यथा इसका आयोजन भी नहीं करना था।

उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग को जैल से काबू किया जाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक टीम ने वन विभाग के साथ दून में दो जगहों पर सफल ट्रायल किया

उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग को अब विशेष प्रकार के जैल से काबू किया जाएगा। दिल्ली से आई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक टीम ने वन विभाग के साथ दून में दो जगहों पर इसका ट्रायल किया है। इसके नतीजे अच्छे रहे। डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड इंवायरमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस) ने ये फायर सप्रेसिंग (अग्नि शमन) जैल तैयार किया है। यह जैल दुनिया के कई देशों में आग बुझाने में इस्तेमाल होता है। सीएफईईएस के एसोसिएट डॉयरेक्टर डॉ. केसी वाधवा ने बताया कि अभी कुआंवाला और लाडपुर के जंगल में इसका ट्रायल किया गया।

इसमें लाडपुर में तो जंगल में एक प्लॉट बनाकर आग लगाई गई और इस जैल को पानी में मिलाकर बुझाई गई। कुआंवाला में जंगल में लगी एक भीषण आग पर भी इसका ट्रायल किया गया, जो काफी सफल रहा। डॉ. वाधवा के अनुसार, ये जैल पानी की खपत को 60 प्रतिशत तक कम करता है। साथ ही पानी को जल्द भाप बनने और बहने से रोकता है। जिस आग में ये जैल पानी में मिलाकर डाला जाता है, वहां काफी समय तक नमी बनी रहती है। रायपुर रेंजर राकेश नेगी ने बताया कि वन विभाग और डीआरडीओ की टीम ने लाडपुर में इसका ट्रायल किया, जो काफी अच्छा रहा। ये बेहद कारगर है।

सात दिन तक जंगल को बना सकता है अग्निरोधक
डॉ. वाधवा के अनुसार यह ईको फ्रेंडली पालीमर बेस्ड जैल है, जो आग पानी में घुलने वाले खास तरह के अग्निरोधी पदार्थों से बनाया गया है। इसको पानी में प्वाइंट 6 से प्वाइंट 8 प्रतिशत तक मिलाते हैं। ये पानी में मिलकर छोटे से छोटे अग्निशमन उपकरण से डाला जा सकता है। अगर संवेदनशील इलाकों में इस जैल से फायर लाइन बना दी जाए या उस पूरे इलाके में पहले ही छिड़काव कर दें तो आग लगने की आशंका काफी कम हो जाएगी। इसका प्रभाव कम से कम सात दिन तक रहेगा। ये जमीन में नमी को बनाए रखने में भी मदद करता है। इससे आग लगने की संभावन भी काफी कम हो जाती है। इसकी एक्सपायरी का समय पांच साल तक है।उत्तराखंड के जंगलों में भड़की आग को अब विशेष प्रकार के जैल से काबू किया जाएगा। दिल्ली से आई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक टीम ने वन विभाग के साथ दून में दो जगहों पर इसका ट्रायल किया है। इसके नतीजे अच्छे रहे। डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड इंवायरमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस) ने ये फायर सप्रेसिंग (अग्नि शमन) जैल तैयार किया है। यह जैल दुनिया के कई देशों में आग बुझाने में इस्तेमाल होता है। सीएफईईएस के एसोसिएट डॉयरेक्टर डॉ. केसी वाधवा ने बताया कि अभी कुआंवाला और लाडपुर के जंगल में इसका ट्रायल किया गया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार महाकुंभ में तीसरे स्नान ‘मेष संक्रांति’ के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार महाकुंभ में तीसरे स्नान मेष संक्रांति के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा महाकुंभ मेले में तीसरे शाही स्नान के दौरान भारत सरकार द्वारा तय गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा हरिद्वार महाकुंभ के प्रथम एवं द्वितीय शाही स्नान का आयोजन सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित तरीके से संपन्न हो गया है। हरिद्वार महाकुंभ 2021 में आयोजित शाही स्नान में संत समाज से लेकर सभी श्रद्धालुओं में डुबकी लगाकर पूर्णिया लाभ अर्जित किया और सभी राज्य सरकार द्वारा बनाई गई व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए। भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार और गंगा मैया के आशीर्वाद से शाही स्नान सफलतापूर्वक संपन्न होगा मुझे इसका पूर्ण विश्वास है।

महाकुंभ मेले में तीसरे शाही स्नान के दौरान साधु-संतों और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए राज्य सरकार ने उचित व्यवस्था बना रखी है। कुंभ में व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय पहले से निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य श्रद्धालुओं के लिए भी अलग से स्नान की व्यवस्था की गई है सभी सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मी, मेडिकल स्टाफ आदि अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तीसरे शाही स्नान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कोरोनावायरस को लेकर भारत सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन अवश्य करें सभी श्रद्धालु मास्क पहने, सामाजिक दूरी बनाए रखें और समय-समय पर हाथों को सेनीटाइज भी करते रहें।

15 मई को खुलेंगे विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, 18 अप्रैल को तय होगा यमुनोत्री धाम खुलने का शुभ मुहूर्त

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री एवं गंगोत्री मंदिर के कपाट इस बार अलग-अलग तारीख को खुलने की स्थिति बन रही है।यमुनोत्री मंदिर खुलने का शुभ मुहूर्त 18 अप्रैल को तय होगा।

गंगोत्री मंदिर के कपाट 15 मई को खुलेंगे। अक्षय तृतीय, मिथुन लग्न की शुभ बेला पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ सुबह 7:30 पर श्रद्धालुओं के दर्शनाथ कपाट खोल दिये जायेंगे। पवित्र धाम के कपाट खोलने के लिए 14 मई को अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से सुबह 11:45 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। चैत्र नवरात्र के अवसर पर गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री धाम के कपाट खोलने के लिए शुभ मुहूर्त निकाला।

विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को भक्तों के लिए खोले जाएंगे। पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ रावल ने घोषणा की है। प्राचीन परपंरा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन हर साल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन निकाला जाता है। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए भगवान भैरवनाछ की 13 मई को पूजा-अर्चना की जाएगी।

बाबा केदार की चल विग्रह डोली पहले ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा विश्राम के लिए पहुंचेगी। जबकि 15 मई को को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जहां 17 मई को सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।

उत्तराखंड के गढवाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए इस साल 18 मई को खुलेंगे। बदरीनाथ मंदिर को खोले जाने का मुहूर्त मंगलवार को बसंत पंचमी के मौके पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजवंश के दरबार में आयोजित समारोह में निकाला गया।