उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल में आज से ऑनलाइन आवेदन शुरू,प्रवेश परीक्षा 20 और 21 नवंबर को होगी

देहरादून :- उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल में आज (बुधवार ) से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे। एचएनबी मेडिकल विवि ने प्रवेश परीक्षा का शेड्यूल मंगलवार शाम को जारी कर दिया है। बुधवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे।अभ्यर्थी 11 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे। प्रवेश परीक्षा 20 और 21 नवंबर को होगी। अभ्यर्थी 11 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे।

विवि के कुलपति डा. हेमचंद्र पांडेय ने बताया कि एएनएम और जीएनएम की प्रवेश परीक्षा 20 नवंबर को आयोजित की जाएगी। बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा 21 नवंबर को होगी। प्रवेश पत्र 14 नवंबर से डाउनलोड किए जा सकेंगे।

परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल के अनुसार इस परीक्षा के माध्यम से प्रदेश में राज्य कोटे की नर्सिंग और पैरामेडिकल से संबंधित सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे की हैं। वहीं बीएससी नर्सिंग में दाखिले अगले साल से नीट से किए जाएंगे। यह व्यवस्था इसी साल लागू होनी थी, पर इसका आदेश विलंब से हुआ। ऐसे में छात्रों को एक साल रियायत दी गई है। इन बदलाव के कारण भी परीक्षा में देरी हुई है।

बीएससी नर्सिंग के परीक्षा पैटर्न में इस बार बदलाव किया गया है। नर्सिंग काउंसिल के नए नियमों के तहत इसमें अंग्रेजी और नर्सिंग एप्टीट्यूट का भी सेक्शन जुड़ गया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि प्रवेश परीक्षा में नॄसग एप्टीट्यूट, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अंग्रेजी में 20-20 अंक के सवाल पूछे जाएंगे। प्रवेश परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक लाने वालों को क्वालिफाई नहीं माना जाएगा। हर अभ्यर्थी को आनलाइन आवेदन पत्र में न्यूनतम तीन परीक्षा केंद्रों का विकल्प भरना होगा। विवि कोई एक परीक्षा केंद्र अभ्यर्थी को आवंटित करेगा। एक बार आवंटित परीक्षा केंद्र में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों को वेतन बढोत्तरी के प्रस्ताव को दी मंजूरी,जानिए कैबिनेट के अन्‍य फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्रियों ने विचार के बाद कई अहम फैसले लिए। इस बैठक में 29 प्रस्ताव आए। उपनल कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। साथ ही आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि की गई। धामी कैबिनेट साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 भी किया है। यह जानकारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दी।

कैबिनेट मंत्रियों ने उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने पर फैसला लेते हुए वृद्धि पर हामी भर दी है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोतरी के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत, 10 साल से अधिक सेवा देने वाले उपनल कर्मचारियों का मानदेय 3000 और 10 साल से नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों का 2000 मानदेय बढ़ाया जाएगा।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब माध्यमिक के 10वीं व 12वीं के छात्रों व डिग्री के सभी छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का फैसला लिया।

कैबिनेट बैठक के फैसले

1- चमोली में 757 नाली का मूल्य आइटीबीपी के पक्ष अमल दरामद म्‍यूटीशियन करने का निर्णय

2- 500 पंचायत भवनों को बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।

3- सीएम की घोषण के अनुसार ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 बढ़ाकर 3500 किया गया।

4- राजकीय विद्यालयों महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 1,59,015 लाभार्थियों को टेबलेट्स दिए जाने के लिए कमेटी का गठन।

5- न्यायलयों में सहायक स्टेनोग्राफर 65 पद आउटसोर्स से लिए जाएंगे जाने का निर्णय

6- चिकित्सा विभाग पुरुष महिला सेवा नियमावली में किया गया संशोधन

7- बर्न यूनिट के लिए 35 पदों को दून मेडिकल कालेज में रखे जाने को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

8- आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि, प्रोत्साहन राशि 500 की वृद्धि की गई है

9- 26500 रुपये मानदेय आशा कार्यकत्रियों को हर महीने मिलेंगे

10- सोमेश्वर अस्पताल को मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत किया जाएगा उच्चीकृत

11- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय वृद्धि फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा गया

12- परिवहन विभाग के दो प्रस्ताव वापस लिए गए है

13- विधायक निधि में 2 प्रतिशत कंटेजेंसी को एक प्रतिशत किया गया

14- उपनल कर्मचारियों के वेतन में हर वर्ष होगी बढ़ोत्तरी

15- 10 साल से कम सेवा व 10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए हुए नियम निर्धारित

16- धान की क्रय नीति हुई पास, धान कामन का मूल्य 1960 हुआ निर्धारित

कैबिनेट बैठक नें उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में बढ़ोत्तरी को लेकर फैसला लिया गया है। 10 साल से अधिक सेवा देने वाले कर्मचारियों के मानदेय़ में 3 हजार रूपए की बढोत्तरी की जाएगी। 10 साल ने नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों के वेतन में 2 हजार की बढोत्तरी की जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में वृद्धि के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे ही है। इसके लिए उन्होंने पूरी कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है।

विगत दिनों उपनल कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन भी किया था, जिसमें मानदेय में वृद्धि मुख्य मांग थी। सरकार ने उपनल कर्मचारियों को मानदेय़ बढ़ाने का आश्वासन देकर आंदोलन खत्म कराया था, लेकिन लंबे समय से कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव नहीं आने से उपनल कर्मचारी खफा थे, और उन्होंने फिर आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन आज कैबिनेट मानदेय में बढोत्तरी के फैसले पर मुहर लगा दी है। अब देखना होगा कि राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नजर आते हैं या नहीं।

सरकार ने कांग्रेस का दामन थाम चुके कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को मंत्रिमंडल से पदमुक्त कर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। आर्य को सौंपे गए परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन व आबकारी विभागों का अतिरिक्त प्रभार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संभालेंगे।

राज्यपाल ने यशपाल आर्य का मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इसके बाद राज्यपाल की सलाह पर उन्हें मंत्रिमंडल से पदमुक्त करते हुए अधिसूचना जारी की गई। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि यशपाल आर्य के विभाग मुख्यमंत्री के पास अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में रहेंगे।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सियाचिन में शहीद हुए पौड़ी जिले के ग्राम धारकोट निवासी विपिन सिंह गुसाईं को श्रद्धांजलि, परिवार को दिया हर संभव मदद का भरोसा

सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड में पाबौ विकासखंड के धारकोट निवासी विपिन सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जनपद के विकासखंड पाबौ के अंतर्गत ग्राम धारकोट पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद जवान विपिन सिंह (57 बंगाल इंजीनियरिंग) के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं सूबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डा. विजय जोगदंडे, एसएसपी पी रेणुका देवी सहित अन्य गणमान्य ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित की। जबकि सेना के जवानों द्वारा शहीद विपिन सिंह के पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव धारकोट में लाया गया तथा सलामी दी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सियाचिन में पौड़ी जिले के ग्राम धारकोट निवासी विपिन सिंह गुसाईं के शहीद होने पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हर समय शहीद के परिजनों के साथ है।उन्होंने भगवान से प्रार्थना कि इस विकट घड़ी में भगवान उनके परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें तथा शहीद विपिन सिंह को अपने चरणों में स्थान दें। कहा कि शहीद विपिन सिंह एक परिवार का ही नहीं, बल्कि देश का बेटा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि शहीद के गांव को जाने वाली रोड का नाम तथा इंटर कालेज का नाम शहीद विपिन सिंह के नाम पर किया जाएगा।

शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे। धारकोट गांव के प्रधान यशवंत गुसाईं ने बताया कि रविवार दोपहर को विपिन सिंह के परिजनों को सैन्य अधिकारियों ने फोन पर बताया गया था कि विपिन सिंह सियाचिन में शहीद हो गए हैं।शहीद के माता और पिता गांव में रहते हैं। पिता भी सेना से रिटायर्ड है। बड़ा भाई भी सेना में है और बड़े भाई का परिवार कोटद्वार में रहता है। विपिन सिंह मार्च में छुट्टी पर आए थे।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने उड़ीसा हाईकोर्ट से आए न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई

नैनीताल:- उत्तराखंड उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस कोर्ट में आयोजित शपथग्रहण समारोह में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने उड़ीसा हाईकोर्ट से आए न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस संजय कुमार मिश्रा के शपथ लेने के बाद हाइकोर्ट में मुख्य न्यायधीश सहित जजों की संख्या आठ हो गई है।

हाल ही में राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को 11 अक्टूबर को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने उड़ीसा हाईकोर्ट से उनका तबादला नैनीताल हाईकोर्ट करने की सिफारिश की थी। जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर राष्ट्रपति को भेजा था। राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति के बाद मंगलवार को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। अब शुक्रवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से शपथ ग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश समेत न्यायाधीशों के कुल 11 पद हैं। जस्टिस मिश्रा की नियुक्ति सिफारिश स्वीकार होने के बाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे के तीन न्यायाधीश के पद रिक्त रहेंगे। फिलहाल हाईकोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज तिवारी, जस्टिस शरद शर्मा समेत सात न्यायाधीश हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कमेटी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के तीन अधिवक्ताओं को उत्तराखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है।

उड़ीसा हाई कोर्ट से उत्तराखंड स्थानांतरित जस्टिस  संजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति 1999 में जयपुर में अपर जिला जज के रूप में हुई थी। सात अक्टूबर 2009 को  उड़ीसा हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए । उन्होंने 1987 में एलएलबी दिल्ली विश्व विद्यालय से किया। अपने पिता मार्कंडेय मिश्रा के मार्गदर्शन में बोलांगीर जिले की अदालत  में प्रैक्टिस की। जस्टिस मिश्रा ने पीसीएस जे की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और 1999 में अपर जिला जज जयपुर नियुक्त हुए। उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुंदरगढ़, विशेष न्यायाधीश सीबीआई व रजिस्ट्रार जनरल उड़ीसा हाईकोर्ट रहे।

 

उत्तराखंड में चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य कांग्रेस में हुए शामिल 

उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जानता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल का खेल जोरों पर है। इसी क्रम में आज बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य समेत कई नेता भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रदेश की राजनीति में दलितों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ-साथ उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने भी में शामिल हो गए हैं।यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। यशपाल आर्य इस समय उत्तराखंड सरकार में परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग के मंत्री हैं।यशपाल आर्य और उनके बेटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ नयी दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए।

यशपाल और उनके बेटे संजीव साल 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी की सरकार बनने के बाद यशपाल को तोहफा देते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। ठीक पांच साल बाद यशपाल आर्य की घर वापसी हुई है। यशपाल आर्य कांग्रेस के उन 9 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। बदले में बीजेपी ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया तो उनके बेट संजीव आर्य को भी टिकट दिया गया। चुनाव से ठीक पहले यशपाल की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास में मुलाकात की थी।दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में यशपाल और संजीव आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

पेट्रोल ने महंगाई का आसमान छू लिया है, देहरादून में पेट्रोल की कीमत ने शतक लगाया,कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जताया विरोध

देहरादून:- देहरादून में लगातार पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। तेल की कीमतों ने ना सिर्फ आम लोगों की परेशानियां बढ़ाई है बल्कि, पेट्रोल पंप भी वीरान हो गए हैं। तेल की कीमतों का देहरादून में भी असर देखने को मिला। जहां एक पेट्रोल पंप पर पहले दिन-रात बिक्री हुआ करती थी, अब वही पेट्रोल पंप वीरान हो गए हैं। यहां पहले के मुकाबले कम भीड़ होने लगी है। पेट्रोल पंप के कर्मचारियों का कहना है कि उनकी एक दिन की बिक्री 1200 से 1400 लीटर तक कम होने लगी है।शनिवार को पहली बार पेट्रोल के दाम 100 रुपये पहुंचे हैं। शनिवार को शहर में इंडियन ऑयल का नॉरमल पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर बिका। वहीं डीजल 93.92 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से बेचा जा रहा था। बढ़ोतरी होने से आमजन परेशान हैं।

महंगाई ने आम आदमी का जीना बेहाल कर दिया है। खाने पीने की चीजों से लेकर तेल के दामों ने आम आदमी के बजट का खेल बिगाड़ दिया है। अब पेट्रोल के दाम को ही देख लीजिए। पेट्रोल ने महंगाई का आसमान छू लिया है। लोग जब सुबह सुबह पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंपों तक पहुंचे तो दाम देखकर सभी हैरान रह गए। इस वक्त महंगाई से आम आदमी त्रस्त है। गैस, तेल, सब्जियां, दाल समेत न जाने कितनी ही चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। अब देहरादून में भीगी पेट्रोल 100 के पार चला गया है और देखना यह है कि यह महंगाई आखिर कब तक आम जनता को परेशान किए रखेगी।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने देहरादून में पेट्रोल पंपों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान पेट्रोल-डीजल-रसोई व गैस की कीमतों में हो रही निरंतर वृद्धि, अभूतपूर्व आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और सभी जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से आम जनता को हो रही परेशानियों की तरफ मोदी सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया।

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बल्लूपुर चौक पर एकत्र होकर बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम, गैस के बढ़ते दाम, सरसों तेल के बढ़े दाम के विरोध में ‘महंगाई के विरोध में हॉर्न बजाओ’ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों से महंगाई के विरोध में अपनी गाड़ी का हॉर्न बजाने का आग्रह किया। इस दौरान कहा गया कि हम रचनात्मक ढंग से महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। जिससे लोगों को सरकार की लूट के खिलाफ जागरुक किया जा सके। सरकार को तुरंत महंगाई से राहत देनी चहिए।

प्रदर्शन में  शिवम ध्यानी, नवनीत कुकरेती, आरुषि सुंदरियाल, अमन कुमार, सूरज पंवार, तरुणा चक्रवर्ती, राहुल, शालीन बंसल, सुमित अग्रवाल, शादाब कुरेशी, अंजलि चमोली, आशीष सक्सेना, सूरज पंवार, अमनदीप बत्रा, अरुण शर्मा, सुमित्रा ध्यानी, मंजू त्रिपाठी, विजय भट्टाराई, कमर खान ताबी, मोहित ग्रोवर, कमल कांत, राहुल प्रताप लक्की, शिवम भुईयर, नितिन रावत, विकास नेगी, प्रकाश नेगी, साक्षी, प्रांजल, लकी राणा, सागर आदि लोग शामिल हुए।

 

 

 

उत्तराखंड शहीद सम्मान यात्रा 21 अक्तूबर को चमोली जिले के सवाड़ से और 24 अक्तूबर को पिथौरागढ़ जिले से शुरू होगी, चमोली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पिथौरागढ़ में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे शुभारंभ

देहरादून:- उत्तराखंड में 21 अक्टूबर से बीजेपी सरकार शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत कर रही है। यह गढ़वाल और कुमाऊं से अलग-अलग शुरू होगी। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 अक्टूबर को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले जाएंगे।उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 21 अक्तूबर को चमोली जिले के सवाड़ से और 24 अक्तूबर को पिथौरागढ़ जिले से शुरू होगी।

उत्तराखंड के सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पीएम मोदी जब देहरादून आए थे तब उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड देवभूमि है, वीरों की भूमि है। पीएम ने कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं, पांचवां धाम सैन्य धाम उत्तराखंड में होना चाहिए। हम उसे पूरा कर रहे हैं। देश की सेना में 17.5 फीसदी सैनिकों की पूर्ति उत्तराखंड करता है। देश की सरहद पर तैनात हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार देहरादून में सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है, जिस तरह लोग उत्तराखंड में चारधाम के दर्शनों को आते हैं उसी तर्ज पर अब लोग देहरादून में सैन्यधाम को देखने आएंगे। सैन्यधाम का निर्माण प्रदेश के शहीदों के आंगन की मिट्टी से किया जा रहा है।

भारत की सेना के दो शहीद बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरभजन सिंह जिनकी पूजा होती है, उन दोनों के मंदिर भी सैन्यधाम में बनेंगे। वहां संग्रहालय भी बनाया जाएगा। शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ चमोली जिले के ग्राम सवाड़ और पिथौरागढ़ के ब्लॅाक मूनाकोट से होगा।

उन्होंने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 21 अक्टूबर को गढ़वाल के सवाड़ गांव से और 24 अक्टूबर को कुमाऊं में पिथौरागढ़ के मूनाकोट से शुरू होगी। 21 अक्टूबर को चमोली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी शुरुआत करेंगे और 24 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिथौरागढ़ से इसका शुभारंभ करेंगे।

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री से मिलकर उन्हें यात्रा का शुभारंभ करने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री को उत्तराखंड में बनने वाले सैन्यधाम की प्रगति से भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री ने राज्य के शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी को सैन्यधाम में लाने के विचार का खुले दिल से स्वागत किया। उन्होंने राज्य में हो रहे विकास कार्यों पर भी खुशी जताई। कहा कि राज्य सरकार सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के हित में संवेनशीलता से काम कर रही है।सैनिक कल्याण मंत्री ने बताया कि रक्षा मंत्री ने देहरादून स्थित गोरखा मिलिट्री इंटरमिडिएट कॉलेज एवं कैब्रियन हॉल स्कूल की लीज बढ़ाने पर भी सहमति प्रदान की है।

27 नवंबर को यात्रा देहरादून में पूरी होगी। जोशी ने कहा कि हमने राज्य भर के 1734 शहीद परिवारों से संपर्क किया है। देहरादून में स्थापित किए जा रहे सैन्य धाम के लिए प्रदेशभर के शहीद सैनिकों के घर-आंगन की मिट्टी को देहरादून में पहुंचाया जा रहा है। सरकार ने 21 अक्तूूबर से शहीद सम्मान यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है। सैन्यधाम में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से शहीदों की वीर गाथाओं को भी सुनाया और दिखाया जाएगा। इस यात्रा के जरिये लोगों में देशभक्ति जागृत होगी।

चुनाव से पहले यह यात्रा राजनीतिक लिहाज से भी अहम है। राज्य में सैनिक-पूर्व सैनिक और उनके परिवार के ही करीब 4.5 लाख वोटर्स हैं। राजनीतिक लिहाज से यह संख्या काफी अहम है। पूर्व सैनिकों को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता रहा है और चुनाव में राष्ट्रवाद का मसला भी गरमाता है। अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हैं।

देहरादून :-प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश के दौर पर उठाए सवाल, आज  गांधी पार्क में ‘अफसोस दिवस’ मना रही कांग्रेस

देहरादून :- प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश दौरे को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस शुक्रवार को अफसोस दिवस मना रही है।लखीमपुर घटना से आहट और प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश एम्स दौरे को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता अफसोस दिवस मना रहे है।अपने एम्स दौरे के दौरान पीएम मोदी की ओर से उत्तराखंड के लिए पीएम द्वारा घोषणा नहीं करने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे मौन उपवास पर बैठ गए।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि उत्तराखंड का बेरोजगार आस लगाए बैठा था कि प्रधानमंत्री निश्चित ही देहरादून आकर भारत के दूसरे सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्य के लिए रोजगार की सौगात लेकर आएंगे।लेकिन दुर्भाग्य है कि उन्होंने इस दिशा में कोई घोषणा नहीं की इसके अलावा किसानों को उम्मीद थी कि लखीमपुर में हुई किसानों के साथ बर्बरता के खिलाफ देश के प्रधानमंत्री प्लास्टिक के रूप में दो शब्द कहेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान ढाणी सरकार को गन्ने का मूल्य बढ़ाने और बकाए की अदायगी करने के निर्देश देते लेकिन अफसोस है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अफसोस दिवस के रूप में 1 घंटे का मौन उपवास रखा। उसके बाद कांग्रेस जन सबको सम्मति देकर भगवान भजन गाकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगे।

इस दौरान महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, पार्षद कोमल वोहरा, संगीता गुप्ता, नीनू सहगल, एसपी सिंह, संजय किशोर, नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, अशोक वर्मा आदि मौजूद थे। इससे पहले गुरुवार को ‘जवाब दो और हिसाब दो कार्यक्रम के तहत महिला कांग्रेस ने भाजपा सरकार गांधी पार्क के बाहर धरना दिया था। उधर, कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पीएम मोदी के दौरे को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरे से राज्य को कुछ भी नहीं मिला। वह आए और भाषण देकर वापस लौट गए। राज्य को कोई सौगात नहीं मिली।

ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि पीएम मोदी ने अभिभावक की तरह देश को हौसला दिया,  प्रधानमंत्री को उत्तराखंड से विशेष लगाव

देहरादून:- उत्तराखंड ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि पीएम मोदी ने अभिभावक की तरह देश को हौसला दिया। कहा पीएम का उत्तराखंड से विशेष लगाव का परिणाम है कि उत्‍तराखंड के विकास में केंद्र का सहयोग मिल रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बाबा केदार का प्रमुखता जिक्र तो किया, लेकिन इस बार वह बाबा के धाम दर्शन को नहीं गए। उनका दौरा तय होने के बाद यह चर्चाएं गर्म थी कि पीएम केदारनाथ जाएंगे। उनके उत्तराखंड आने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ जाकर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का अचानक मुआयना किया तो पीएम के वहां जाने की चर्चाओं ने और अधिक जोर पकड़ा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऋषिकेश दौरे का प्रदेश सरकार ने पूरा लाभ उठाया। एम्स में आक्सीजन प्लांट के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की विकास यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ा, तो इस बहाने भाजपा की भूमिका को भी सामने रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव का परिणाम है कि राज्य के विकास में केंद्र का निरंतर सहयोग मिल रहा है। इस बहाने उन्होंने डबल इंजन के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लिए ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की सौगात दी है। वहीं, केदारपुरी को करोड़ों रुपए से संवारा जा रहा है। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए 245 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं। गंगोत्री के लिए 20 करोड़ और यमुनोत्री ने 34 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के उत्तराखंड से लगाव का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इसे सैन्यधाम की संज्ञा दी है। केदारनाथ त्रासदी के समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री तौर पर भी उत्तराखंड की जनता के साथ खड़े थे। कोरोना महामारी में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में संसाधनों की कमी नहीं होने दी और व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड की चिंता की। उत्तराखंड के लिए चारधाम आल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की सौगात दी। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी में प्रथम चरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण के कार्य चल रहे हैंं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के सामने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना व नैनो उद्यम योजना के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिए 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन के लिए 205 करोड़ तथा महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज दिया गया।

उज्जवला योजना ने करोड़ों गरीब माताओं-बहनों की आंख के आंसू पोछे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में राम मंदिर निर्माण, कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया है। औद्योगिक, शिक्षा, सामाजिक विकास हो या आध्यात्मिक विकास हो, प्रधानमंत्री की सोच व्यापक रही है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऊर्जावान और उत्साही मुख्यमंत्री बताया

देहरादून:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत माता की जय के साथ अपना संबोधन शुरू किया। कहा कि देवभूमि विश्व के लोगों को आकर्षित करती रही है। इसे मां गंगा का आशीर्वाद मिल रहा है। आज से ही नवरात्र भी शुरू हो रहे हैं और आज के दिन मेरा यहां आकर हिमालय की धरती को प्रणाम करना धन्य भाग्य है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना मित्र कह कर संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की देवधरा ने मेरे जैसे अनेक लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। उत्तराखंड की भूमि मेरे कर्म और मर्म की भूमि है। यहां से मेरा नाता सत्व का भी है और तत्व का भी है। बीस साल पहले मुझे आज के ही दिन गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी मिली थी। और आज के दिन उत्तराखंड आना मेरा सौभाग्य है। यहां आकर एक नई ऊर्जा मिलती है। जहां योग और आयुर्वेद की शक्ति से जीवन को आरोग्य बनाने का समाधान हुआ है, आज वहीं से देश भर के ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दो बार पीठ थपथपाई और उन्हें एक ऊर्जावान मुख्यमंत्री बताया।ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऑक्सीजन संयंत्रों के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी जब अपना संबोधन समाप्त कर वापस अपनी जगह पहुंचे, प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी पीठ थपथपा कर उनकी हौसला-अफजाई की।बाद में कार्यक्रम की समाप्ति पर आयोजन स्थल से बाहर जाते समय एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री धामी की पीठ थपथपाई।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को एक युवा, ऊर्जावान और उत्साही मुख्यमंत्री बताते हुए ‘मेरे मित्र’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी खुद एक फौजी के पुत्र हैं और उन्होंने उन्हें बताया है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ की 40 साल पुरानी मांग पूरी होने का बहुत लाभ उत्तराखंड की जनता को मिला है।

इससे पहले धामी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसी म हत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश को मिली हैं।

10 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी और इसके चार माह के भीतर ही दूसरा नेतृत्व परिवर्तन कर तीरथ सिंह की जगह पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। धामी ने गत तीन जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था।