राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद उत्तराखंड की पांच प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से किया जाएगा सम्मानित

भारत रत्न के बाद देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार आज प्रदान किए जाएंगे। राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में सोमवार को आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को वर्ष 2020 के लिए और मंगलवार को 2021 के लिए 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे।वर्ष 2020 और 2021 के लिए पद्म पुरस्कारों में सबसे बड़े पद्म विभूषण से सात-सात लोगों, पद्म भूषण से क्रमश: 16 और 10 लोगों और पद्म श्री से क्रमश: 118 और 102 लोगों को सम्मानित किया जाएगा।2020 में पद्म पुरस्कारों का वितरण कोरोना के कारण नहीं हो सका। इसलिए साल 2021 में ही दोनों साल के पद्म विजेताओं को एक साथ सम्मानित किया जा रहा है।

उत्तराखंड की पांच प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैस्को प्रमुख पर्यावरणविद डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पद्मभूषण, जबकि पर्यावरणविद कल्याण सिंह और डॉ.योगी एरन को पद्श्री सम्मान देकर सम्मानित करेंगे। इसके अलावा मंगलवार को चिकित्सा क्षेत्र में डॉ.भूपेंद्र कुमार सिंह और किसान प्रेम चंद शर्मा को पद्श्री सम्मान देकर सम्मानित करेंगे।

हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण पारिस्थितिकी और ग्राम्य विकास से जुड़े मुद्दों और नदियों को बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया जा रहा है।  डॉ.जोशी ने कहा कि वह इस पुरस्कार को सामाजिक, प्रकृति और पर्यावरण के लिए किए जा रहे सामूहिक प्रयासों को समर्पित करते हैं। वह संदेश देना चाहते हैं कि जो कोई हिमालय को किसी भी रूप में भोग रहा है, बदले में हिमालय को कुछ वापस भी करे। डॉ.जोशी हमेशा जल, जंगल, प्राण वायु आदि के बदले सकल पर्यावरण उत्पाद की वकालत करते रहे हैं। इसके अलावा ग्राम्य विकास को आर्थिकी से जोड़ते हुए कई उदाहरण पेश किए हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2006 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वर्षों से काम कर रहे कल्याण सिंह रावत ने उत्तराखंड में मैती आंदोलन के जरिये पर्यारण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी परंपरा को जन्म दिया, जिसकी चर्चा आज विश्वभर में होती है। मैती आंदोलन के तहत गांव में जब किसी लड़की की शादी होती है तो विदाई के समय दूल्हा-दुल्हन को एक फलदार पौधा दिया जाता है। वैदिक मंत्रों के के साथ दूल्हा इस पौधे को रोपित करता है और दुल्हन इसे पानी से सींचती है। पेड़ को लगाने के एवज में दूल्हे की ओर से दुल्हन की सहेलियों को कुछ पैसे दिए जाते हैं। जिसका उपयोग पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में और समाज के निर्धन बच्चों के पठन-पाठन में किया जाता है। दुल्हन की सहेलियों को मैती बहन कहा जाता है। जो भविष्य में उस पेड़ की देखभाल करती हैं। पर्यावरण से जुड़े मैती आंदोलन की शुरुआत कल्याण सिंह रावत ने वर्ष 1994 में चमोली जिले के राइंका ग्वालदम में जीव विज्ञान के प्रवक्ता पद पर रहते हुए की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का किया अनावरण, केदरानाथ पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम के दौरे पर थे। पीएम मोदी ने भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना की और शिव का रूद्राभिषेक किया। मंदिर में पूजा के बाद पीएम मोदी ने आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने वहां करोड़ों रुपयों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं।

केदारनाथ धाम हिमालय पर्वत की गोद में उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ 4 धाम और पंच केदार में से भी एक है। प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। यह मंदिर पत्‍थरों से कत्यूरी शैली में बना है। इस मंदिर का निर्माण पाण्डव वंश के राजा जनमेजय ने कराया था। यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।पीएम मोदी पहले भी केदारनाथ धाम का दर्शन करने आते रहे हैं। वे वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं, जो बाबा विश्वनाथ की नगरी है। वाराणसी के बाबा विश्वनाथ भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ से अपने संबोधन में कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। उन्होंने कहा आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है। उन्होंने आगे कहा हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है।

केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैंने दिल्ली से केदारनाथ में पुनर्विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की है। मैंने ड्रोन फुटेज के माध्यम से यहां किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इन कार्यों के लिए मार्गदर्शन के लिए मैं यहां सभी ‘रावलों’ को धन्यवाद देना चाहता हूं।रामायण का का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है- ‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’ अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। पीएम ने कहा बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा?लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ ।एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की। इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया। मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण भी किया जो 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदी केदारनाथ में 400 करोड़ रुपये से अधिक के ​पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इससे पहले, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे मोदी का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।

दीपावली पर्व पर जमकर आतिशबाजी हुई,आतिशबाजी में बागेश्वर जिले में 15 से अधिक झुलसे

उत्तराखंड में दीपावली पर्व पर जमकर आतिशबाजी हुई। दीपावली पर्व पर महालक्ष्मी पूजा के बाद हुई आतिशबाजी में बागेश्वर जिले के विभिन्न हिस्सों में 15 से अधिक लोग झुलस गए। जिसमें बच्चों से लेकर युवा तक शामिल हैं। उनका जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। कुछ को डाक्टरों ने छुट्टी दे दी है।दीपावली त्योहार आतिशबाजी के बाद होने वाली घटनाओं को देखते हुए जिला अस्पताल प्रबंधन ने इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती भी की हुई थी।

दीपावली पर्व पर आतिशबाजी के खेल में हरसाल लोग झुलसते हैं। बावजूद सावधानी नहीं बरते।हालांकि बड़ी दुर्घटना जिले में नहीं हुई है। लेकिन जिला अस्पताल में लगभग 15 लोग झुलसकर आए हैं। ऐसे ही अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी झुलसने वाले पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार मंडलसेरा निवासी 11 वर्षीय चंपक, नगर निवासी 46 वर्षीय नवीन टम्टा, पांव वर्षीय तेजस, 30 वर्षीय हेम पंत, 23 वर्षीय बिलौना निवासी धीरज कुमार समेत 15 लोगों का उपचार डाक्टरों ने किया। जिला अस्पताल में तैनात डॉ. राजीव उपाध्याय व नसीम अहमद ने बताया कि झुलसे हुए लोगों की तबीयत ठीक है। जिनको उपचार के बाद घर वापस भेज दिया गया। उधर, गरुड़, कांडा और कपकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पटाखे जलने वालों का उपचार किया जा रहा है।

नरक चतुर्दशी आज, घर में जलाएं दीये, सुख-समृद्धि के लिए करें हनुमान व मां लक्ष्मी की पूजा

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आज नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा कर घर के कोनों में दीये जलाए जाते हैं। सुख-समृद्धि के लिए हनुमान व मां लक्ष्मी की पूजा करना आज के दिन अधिक फलदायी माना गया है।

आज यानि 3 नवंबर को छोटी दिवाली है और इसका भी दिवाली की तरह ही विशेष महत्व है। इस दिन घर के प्रत्येक कोने में दीपक जलाने की परंपरा है और मान्यता है कि ऐसा करने  से व्यक्ति नरक में जानें से बच जाता है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस भी कहा जाता है।नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाने की परंपरा है और इस दिन घर में दीपक  जरूर जलाने चाहिए। आज के दिन दीपक जलाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं

मान्यता है कि इस दिन सुबह शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान कर नरक से मुक्ति मिलती है। नरक चतुर्दशी के दिन ही हनुमान का जन्म अंजना देवी के उदर से हुआ था। हर तरह के सुख, आनंद और शांति की प्राप्ति के लिए हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाएं। इसके अलावा यम की पूजा कर यमराज के निमित्त एक दीया दक्षिण दिशा की ओर मुख कर जलाएं। इस दिन अकाल मृत्यु न हो इसकी कामना की जाती है।

नरक चतुर्दशी के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। लेकिन हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर कुछ मतभेद हैं। कुछ लोग हनुमान जयंती यानि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। ग्रन्थों में इन दोनों का ही उल्लेख मिलता है। लेकिन इन दोनों के कारणों में भिन्नता देखने को मिलती है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को जन्मदिवस के रूप में, जबकि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। अहम बात ये है कि इन दोनों ही तिथियों पर हनुमान जी की उपासना का विधान है।

नरक चतुर्दशी के दिन करें ये काम:-

1. शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। मान्यता है कि साफ और पवित्र स्थान पर ही मां लक्ष्मी का वास होता है। घर पर टूटे-फूटे सामान को नरक का प्रतीक माना जाता है। इसलिए घर से बेकार के सामान को बाहर कर देना चाहिए।

2. कहा जाता है कि आज के दिन स्नान करने के बाद माथे पर तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए।

3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन बजरंग बली की पूजा करने से शुभ फलों के प्राप्त होने की मान्यता है।

4. नरक चतु्र्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। इस दिन एक पात्र में तिल वाला जल भरें और दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके यमराज का तर्पण करें।

5. नरक चतुर्दशी के दिन शाम को 14 दीपक जलाने की परंपरा है। सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद घर के बाहर नाली के पास तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके चौमुखा दीपक जलाना चाहिए।

नरक चतुर्दशी के दिन न करें ये काम:-

1. नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी किसी जीव को न मारें। इस दिन यमराज की पूजा करने के परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज क्रोधित हो जाते हैं।ट

3. नरक चतुर्दशी के दिन तिल के तेल का दान नहीं करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

4. नरक चतुर्दशी के दिन झाड़ू को भूलकर भी पैर नहीं मारना चाहिए और न ही इसे सीधा खड़ा करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास नहीं होता है।

उत्तराखंड राज्य सरकार ने कोविड प्रतिबंधों को 20 नवंबर तक हटा दिया है, आज से नई गाइडलाइंस लागू 

उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू में लगी सभी बंदिशें राज्य सरकार ने हटा दी हैं।राज्य सरकार ने दो नवंबर को जारी एसओपी में परिवर्तन करते हुए सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और मनोरंजन से संबंधित क्रियाकलापों में सौ प्रतिशत की छूट प्रदान कर दी है।

उत्तराखंड में कोरोना मरीजों के मामलों में आई कमी और त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने कोविड प्रतिबंधों को हटा दिया है। 20 नवंबर तक के लिए नई एसओपी जारी की गई है।मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने मंगलवार को पूर्व से घोषित एसओपी में संशोधन का आदेश जारी कर दिया है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि मास्क,सामाजिक दूरी और अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

नई एसओपी के अनुसार कोविड संक्रमण की संख्या में आई कमी को देखते हुए विवाह समारोह में 100 प्रतिशत क्षमता के साथ एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत सम्मिलित होने की अनुमति है।

राज्य के समस्त कोचिंग संस्थान जो विद्यार्थियों / अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण एवं कोचिंग प्रदान करते हैं वह कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए सौ प्रतिशत क्षमता  के साथ खुलेंगे । इस व्यवस्था को संबंधित संस्थानों द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।

मंगलवार को जारी एसओपी के तहत कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए प्रदेश में अब सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इनमें जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, सैलून, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम, खेल मैदान, खेल संस्थान, स्टेडियम, होटल, रेस्तरां, भोजनालय आदि एसओपी के तहत कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोले जाएंगे। एसओपी में खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी को प्रोत्साहित करने को कहा गया है।खेल संस्थान, स्टेडियम एवं खेल के मैदान को खेल विभाग द्वारा जारी मानक प्रचलन विधि एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोला जायेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। जब त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है, लोगों को खुद से सावधान रहना होगा। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें और मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि का प्रयोग बराबर करते रहें।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जाएंगे केदारधाम, देहरादून में हरीश रावत से की मुलाकात

कांग्रेस के नेता अब देवों के देव महादेव की शरण में पहुंच रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, विधानसभा अध्यक्ष केपी राणा और पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी आज केदारनाथ धाम जाएंगे।वहां पूजा-अर्चना के बाद दोपहर बाद वे वापस देहरादून लौटेंगे।इस बीच उन्होंने मंगलवार सुबह देहरादून में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की।केदारधाम में हुए भाजपा नेताओं के कड़े विरोध के बाद कांग्रेस नेताओं का दौरा काफी अहम माना जा रहा है।वहां उन्होंने काफी देर तक राजनीति हालात पर चर्चा की।पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए देवस्थानम बोर्ड को तत्काल प्रभाव से रद करने की मांग भी उठाई है।पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को थामकर एकजुटता दिखाने की कोशिश के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दौर से पहले इन नेताओं के केदारनाथ दर्शन को राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ‘कार्तव्य पथ’ से बड़ा कोई ‘धर्म पथ’ नहीं। ‘धर्म’ गरीबों का पेट भर रहा है, खुशियां फैला रहा है। यह महादेव का संदेश है। इसलिए मैं यहां आशीर्वाद लेने आया हूं। यही कामना है कि महादेव के आशीर्वाद से मैं अपने कल्याण को पंजाब के कल्याण के साथ मिला सकूं, जिससे पंजाब की जीत हो।

पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि देखा मैंने कहा था कि पंजाब में अब सब ठीक है। सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। हम चुनौतियों से पार पा रहे हैं। विश्वास है कि यह जारी रहेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पार्टी हाईकमान ने राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब कांग्रेस प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया था। हालांकि वे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य बने रहेंगे। हरीश रावत ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस संबंध में अनुरोध किया था। हरीश रावत का कहना था कि  राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी पर अब वे पूरी तरह फोकस कर पाएंगे।

पंजाब के नेताओं के केदार दौरे की रणनीति के पीछे पूर्व प्रभारी हरीश रावत की रणनीति मानी जा रही है। कांग्रेस की इस यात्रा के माध्यम से एक तीर से कई निशाने साधने की मंशा है। पंजाब में कांग्रेस के भीतर असंतोष थामकर एकजुट होकर राष्ट्रीय स्तर पर संदेश तो दिया ही जा रहा है, साथ में मोदी को दाैरे से पहले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ही राज्यों पंजाब और उत्तराखंड के मतदाताओं को भी संदेश देने की कोशिश की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला चीनी मिल के गेट पर दिया धरना और कहा कि जल्द नया गन्ना मूल्य घोषित नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने समर्थकों के साथ डोईवाला चीनी मिल के गेट पर धरना दिया। उन्होंने मौन व्रत रखा। इससे पहले उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के गन्ने का मूल्य घोषित नहीं कर रही है, जबकि चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू होने जा रहा है। जल्द गन्ने का मूल्य घोषित किया जाए।डोईवाला शुगर मिल पर प्रदेश में अभी तक गन्ना मूल्य तय न करने का विरोध कर रहे हैं। उनके साथ कांग्रेस के कई कार्यकर्त्ता भी धरना स्थल पर मौजूद हैं।  इस अवसर पर सुशील राठी, मधु थापा, मनोज नौटियाल, ईश्वर चंद पाल, अब्दुल रज्जाक, उम्मीद बोरा, गुरदीप सिंह, अशोक पाल सागर, मनवाल राजवीर खत्री आदि मौजूद रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने केवल सांकेतिक उपवास रखकर धरना दिया है। यदि जल्द नया गन्ना मूल्य घोषित नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।किसानों पर जो तीन काले कानून थोपे गए हैं, इससे किसानों का अपना और उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। उत्तराखंड में तीन और समस्याएं किसानों के सामने उठ खड़ी हुई है। एक तो अभी तक गन्ने का मूल्य भुगतना इकबालपुर चीनी मिल में नहीं हुआ है। गन्ने का खरीद मूल्य घोषित ने होने से किसान सिर्फ अंदाज ही लगा रहा है उनका गन्ना कितने का होगा। तो जल्द इसका मूल्य घोषित हो जाना चाहिए।शुगर मिल प्रशासन ने अभी तक गन्ना पेराई सत्र के लिए तिथि तय नहीं की है। समय पर पेराई शुरू होने पर किसान आगामी गेंहू के लिए बुवाई कर सकता है। किसानों ने कई मर्तबा बढ़ती महंगाई और लागत के सापेक्ष नया गन्ना मूल्य देने की मांग की है।

तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र, धन सिंह और मदन कौशिक का किया विरोध, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में आज गंगोत्री बाजार रहेगा बंद

केदारनाथ धाम के दर्शनों को गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को सोमवार को केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के बीच ही त्रिवेंद्र रावत ने बाबा केदार के दर्शन किए।पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं और इसे भंग करने की मांग कर रहे हैं।तीर्थपुरोहितों का विरोध अब भी जारी है। वहीं, मंत्री धन सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को भी तीर्थ पुरोहितों ने घेर लिया।

चारधामों में यात्रा व्यवस्था और प्रबंधन के लिए सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था, जिसका शुरुआत से ही तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे। बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर महापंचायत ने लंबा आंदोलन भी किया था। अब एक बार फिर तीर्थ पुरोहित मुखर हो गए हैं। उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के केदारनाथ पहुंचने पर विरोध किया। उनका कहना है कि त्रिवेंद्र रावत ही देवस्थानम को लाने वाले हैं।

उत्तराखंड सरकार की ओेर से देवस्थानम बोर्ड भंग करने को लेकर कोई सकारात्मक कार्यवाही न करने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में आज गंगोत्री बाजार बंद रहेगा। रविवार को गंगोत्री धाम में श्री पांच मंदिर गंगोत्री समिति, तीर्थ पुरोहितों, हकहकूक धारियों तथा स्थानीय व्यापारियों की एक बैठक संपंन हुई थी। जिसमें सभी तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं हकहकूक धारियों ने देवस्थानम बोर्ड भंग न होने पर नाराजगी व्यक्त की।साथ ही तीर्थ पुरोहित भी गंगोत्री मंदिर की नियमित पूजा के अलावा अन्य तीर्थ यात्रियों के आग्रह पर होने वाली पूजा-पाठ नहीं कराएंगे। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को रद करने के बजाय सरकार अब तीर्थ पुरोहितों को भ्रमित कर रही है।

हाई कोर्ट ने सरकार को नगर निकाय कर्मचारियों के आवास भत्ता मामले में दो माह में निर्णय लेने का आदेश दिया

हाई कोर्ट ने स्थानीय निकाय कर्मचारियों को आवास किराया भत्ता मामले में पारित शासनादेश पर दो माह में निर्णय लेने का आदेश पारित किया है।  दिसंबर तक कर्मचारियों को भत्ते की सौगात मिल सकती है।नगरपालिका नैनीताल के कर्मचारी दीपक पांडे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कि है। दीपक पांडे बताया है कि 15 फरवरी 2019 को सरकार ने आवास किराया भत्ता देने का आदेश जारी किया था। लेकिन दो साल बाद भी नगरपालिका कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है। याचिका में स्थानीय नगर निकायों में भी इसे लागू करने का आदेश पारित करने की प्रार्थना की गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को दो माह में निर्णय लेने का आदेश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी।

अमित शाह आज उत्तराखंड में करेंगे चुनावी शंखनाद, पदाधिकारियों की लेंगे बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उत्तराखंड के एक दिनी दौरे पर रहेंगे।उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के सिलसिले में भाजपा के चुनावी अभियान में नया जोश फूंकने के लिए आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुबह 10:45 बजे राजधानी स्थित जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर उतरेंगे। यहां से वह सीधे सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लांचिंग करने के साथ ही राज्य की 670 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन का उद्घाटन समेत सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इसी मंच से वह जनसभा को संबोधित भी करेंगे।इस कार्यक्रम के बाद शाह भाजपा संगठन की ताबड़तोड़ बैठकें करेंगे और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देंगे. इस बीच बड़ा आयोजन शाह की जनसभा का होगा, जिसके लिए बीजेपी पहले ही दावा कर चुकी है कि कम से कम 25000 लोगों की भीड़ जुटाई जा रही है।

शनिवार को होने वाली शाह की जनसभा यूं तो देहरादून जिले की धर्मपुर सीट के अंतर्गत आयोजित की जा रही है, मगर लक्ष्य इसके माध्यम से पूरे गढ़वाल मंडल पर असर डालने का है। गढ़वाल मंडल के सात जिलों में कुल 41 विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले हो रही इस जनसभा से संकेत काफी कुछ साफ हो जाएंगे कि भाजपा की भविष्य की रणनीति क्या रहेगी। गढ़वाल मंडल में पिछली बार भाजपा ने 34 सीटें हासिल की थीं। कुमाऊं मंडल के छह जिलों में कुल 29 सीटें हैं, जिनमें से 23 पर भाजपा ने परचम फहराया था।

सुबह करीब 11:20 बजे शाह रेसकोर्स रोड स्थित बन्नू स्कूल पहुंचेंगे और यहां सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना’ की लॉंचिंग करेंगे।करीब एक घंटे के इस कार्यक्रम के बाद शाह प्रदेश पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और फिर भाजपा के कोर ग्रुप की बैठकों में शिरकत करेंगे। शाह का दौरा शाम 7:30 बजे खत्म होगा, लेकिन इससे पहले वह ​हरिद्वार जाएंगे और वहां संत समुदाय के साथ भी मुलाकात करेंगे। इस पूरे दौरे को आप यहां ​मिन​ट टू मिनट देख सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर आगमन : 10:45 बजे
जीटीसी हेलिपैड पर आगमन : 11:05 बजे
बन्नू स्कूल पहुंचेंगे : 11:20 बजे
कार्यक्रम के बाद आईआरडीटी सभागार पहुंचेंगे : 12:35 बजे
जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे : दोपहर 01:35 बजे
भोजन के बाद कोर ग्रुप की बैठक लेंगे : दोपहर 02:00 बजे
जीटीसी हेलिपैड पहुंचेंगे : दोपहर 03:10 बजे
हरिद्वार के शांति कुंज स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचेंगे : 04:00 बजे
यहां कार्यक्रम के बाद कनखल स्थित हरिहर आश्रम जाएंगे : 05:45 बजे
आश्रम से प्रस्थान करेंगे : 06:45 बजे
और वापस फ्लाइट लेने के लिए जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे : 07:25 से 07:35 के बीच

अमित शाह दोपहर में पहले आइआरडीटी सभागार में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक लेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक लेंगे। इसके बाद देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।शांतिकुंज में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात शाह हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में साधु संतों से मुलाकात करेंगे। शाम साढ़े छह बजे वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी केंद्रीय गृह मंत्री के सभी कार्यक्रमों में शामिल रहेंगे।