उत्तराखंड पुलिस भर्ती के लिए शासन ने जारी किए आदेश, 1521 सिपाहियों और 197 दरोगाओं के पद के लिए जारी होगा नोटिफिकेशन

उत्तराखंड पुलिस विभाग में जल्द भर्ती शुरू होने वाली है। शासन ने सिपाहियों के 1521 पद और 197 दरोगाओं की भर्ती की अनुमति दे दी है।बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही इन पदों की विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी।  पुलिस विभाग की ओर से कांस्टेबल भर्ती के सितंबर महीने और दारोगाओं की सीधी भर्ती के लिए अधियाचन भेजा गया था।

राज्य में युवा लंबे समय से पुलिस में विभिन्न पद के लिए भर्ती विज्ञप्ति जारी करने की मांग कर रहे थे। बीते उन्होंने मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। हालांकि पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। बेरोजगार सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क अधिकारी के आश्वासन पर बेरोजगार माने और लौट गए।

शासन ने उत्तराखंड पुलिस विज्ञप्ति जारी करने के तत्काल आदेश उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे दिए हैं। देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने बताया कि 17 दिसंबर को हमने मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। जिसके बाद वहां पर मुख्यमंत्री के पीआरओ राजेश सेठी जी आए थे और उन्होंने कहा था मुख्यमंत्री पुष्कर सिंहध धामी आज ही आदेश कर देंगे।

पीआरओ ने दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था। मंच के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा बेरोजगार लंबे समय से आंदोलनरत हैं, बावजूद शासन स्तर पर कार्रवाई नहीं की जा रही। कहा मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। हालांकि, आज पुलिस में कई पदों पर भर्ती करने के लिए आदेश दे दिए गए हैं।

कहा कि बेरोजगार लगातार धरने प्रदर्शन कर रहा था और आज उनका धरना प्रदर्शन सफल हो गया। पिछले तीन साल से वह इस विज्ञप्ति के लिए लगातार मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय घेराव कर रहे थे और आज लाखों युवाओं को उत्तराखंड सरकार ने यह तोहफा दिया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

आचार संहिता से पहले उत्तराखंड पुलिस में 28 अफसरों के ट्रांसफर,बदलावों को एक नज़र में देखिए

देहरादून:- उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र आचार संहिता से पहले उत्तराखंड पुलिस में भारी तबादले किये है। राज्य सरकार ने छह ज़िलों के पुलिस कप्तानों यानी एसपी समेत 28 अफसरों के ट्रांसफर कर दिए हैं। ज़्यादातर की भूमिका में बदलाव किया गया है जबकि कुछ का तबादला बड़ी भूमिका के लिए भी हुआ है। राज्य के गृह विभाग ने गुरुवार रात जो सूची जारी की, उसके हिसाब से चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून और अल्मोड़ा जैसे ज़िलों में पुलिस कप्तान और उप कप्तानों के चेहरे बदलेंगे। विस्तृत जानकारी के लिए आप उत्तराखंड पुलिस की वेबसाइट पर जानकारी हासिल कर सकते हैं।

बदलावों को एक नज़र में देखिए

  • हरिद्वार के अपर पुलिस अधीक्षक नगर अब तक कमलेश उपाध्याय थे, अब देहरादून देहात के एसपी होंगे।
  • पुलिस मुख्यालय में अब तक तैनात श्वेता चौबे चमोली एसपी होंगी।
  • चमोली के एसपी यशवंत सिंह अब पौड़ी में एसएसपी होंगे जबकि पौड़ी की एसएसपी रेणुका देवी मुख्यालय जाएंगी।
  •  एसडीआरएफ कमान संभाल रहे नवनीत भुल्लर अब टिहरी के एसएसपी होंगे।
  •  टिहरी में तैनात तृप्ति भट्ट को अब एसपी इंटेलिजेंस की भूमिका मिली।
  •  उत्तरकाशी के एसपी प्रदीप कुमार राय होंगे, तो अब तक यहां रहे मणिकांत मिश्रा एसडीआरएफ जाएंगे।
  • नैनीताल की एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी को रुद्रपुर में 31वीं वाहिनी भेजा गया है।
  •  अल्मोड़ा के एसएसपी पंकज भट्ट अब नैनीताल एसएसपी और मंजू नाथ अल्मोड़ा एसएसपी होंगे।
  •  चंद्रमोहन को एसटीएफ से कार्यमुक्त कर काशीपुर का अपर पुलिस अधीक्षक बनाया गया।
  • हरबंस सिंह हल्द्वानी में अपर पुलिस अधीक्षक होंगे।

इन अफसरों के अलावा, आईपीएस ददन पाल को रुद्रपुर से सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार बनाया गया है, जबकि प्रह्लाद नारायण मीणा को हल्द्वानी के पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय पद से कार्यमुक्त कर सीआईडी एवं सतर्कता सेक्टर में एसपी नियुक्त किया गया है। निवेदिता कुकरेती अब पुलिस अधीक्षक कार्मिक, मुख्यालय होंगी। एसपी, नगर हल्द्वानी जगदीश चंद्र को नैनीताल में अपर पुलिस अधीक्षक यातायात एवं अपराध बनाया गया है। मनोज कुमार कत्याल हरिद्वार के अपर एसपी यातायात एवं अपराध होंगे।इनके अलावा, प्रकाश चंद, अरुणा भारती, सुरजीत सिंह पंवार, प्रमोद कुमार, हरीश वर्मा, मिथिलेश कुमार सिंह, स्वतंत्र कुमार सिंह, राजेश कुमार भट्ट, विशाखा अशोक भदाणे और हिमांशु कुमार वर्मा जैस आईपीएस व ​वरिष्ठ पुलिस अफसरों के विभाग या भूमिकाएं बदल दी गई हैं।

देश में चुने गए तीन सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में उत्तराखंड के सीओ अंकुर मिश्रा को मिला जिला सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप अवार्ड, देशभर से तीन पुलिस अफसर चयनित

देशभर से सभी राज्यों द्वारा इसमें करीब 55 साइबर मामलों का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें ज्यूरी द्वारा 55 मामलों में से सर्वश्रेष्ठ तीन मामलों का चयन कर अंतिम सूची जारी की गई।उत्तराखंड के पुलिस अफसर ने देश के सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में पहला स्थान प्राप्त किया है। उत्तराखंड के लिए यह गर्व का मौका है।साइबर अपराधों के खुलासे और रोकथाम के लिए एसटीएफ के सीओ अंकुर मिश्रा को देश के तीन बेस्ट साइबर कॉप्स में से एक चुना गया है। ये उपलब्धि पाने वाला उत्तराखंड हिमालयी राज्यो व उत्तर भारत मे एक मात्र स्टेट है।

राज्य पुलिस के सीओ साइबर अंकुश मिश्रा को यह अवार्ड मिला है। डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली में 16वें डीसीएसआई एक्सीलेंस अवार्ड 2021 आयोजित किया गया।राज्य पुलिस के लिए आज साइबर अपराधों के दौर में एक बड़ी उपलब्धि है। डीजीपी अशोक कुमार ने इसके लिए सीओ अंकुर सहित एसटीएफ व साइबर पुलिस को बधाई दी है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार डेटा सेक्युरिटी कॉउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली में आयोजित डीसीएसई एक्सीलेंट अवार्ड्स में उत्तराखंड को ये उपलब्धि मिली है। इस अवार्ड के लिए देशभर से सभी राज्यों के करीब 55 साइबर मामलो का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें जूरी ने सर्वश्रेष्ठ 03 मामलों का चयन किया। जिसमें उत्तराखंड के अलावा आन्ध्रा पुलिस और कर्नाटक को स्थान मिला।

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर व एसटीएफ एसएसपी के पर्यवेक्षण में पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम स्पेशल टास्क फोर्स अंकुश मिश्रा को नामित किया गया। देशभर से सभी राज्यों द्वारा करीब 55 साइबर मामलों का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें ज्यूरी द्वारा 55 मामलों में से सर्वश्रेष्ठ तीन मामलों का चयन कर अंतिम सूची जारी की गई। जिसमें क्रमश: स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड, आंध्रा पुलिस और सीआईडी कर्नाटक को स्थान प्राप्त हुआ ।

उत्तराखंड :-19 दिसंबर को खटीमा में होगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अधिवेशन, बोर्ड पदाधिकारी व देश भर के उलेमा-मुफ्ती रहेंगे मौजूद, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव मौलाना इनफानुल हक कादरी ने कहा, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उत्तराखंड में पहला अधिवेशन व राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक  का कार्यक्रम 19 दिसंबर को मदरसा गौसिया अरबी कॉलेज खटीमा में आयोजित होगा। जिसमें देश भर से उलेमा, मशाइख, मुस्लिम विद्वान और बुद्धिजीवी भाग लेंगे।मदरसा गौसिया अरबी कालेज इस्लामनगर होने जा रहे इस अधिवेशन में बोर्ड पदाधिकारियों के अलावा देश भर से उलेमा-मुफ्ती व मुस्लिम विद्वान पहुंचेंगे।

मौलाना कादरी ने बताया कि इस अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उद्देश्य एवं दृष्टिकोण, मुसलमानों के शरीअत से जुड़े मसाइल, मिल्ली मसाइल व मुल्की मसाइल, देशभर में शरीअत के प्रति जागरूकता, मुसलमानों की शिक्षा विकास, मुस्लिम प्रतिनिधित्व, मानवीय दृष्टिकोण, महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता तथा राष्ट्रीय एकता, अखंडता, भारत के संविधान आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। देशभर में शरीयत के प्रति जागरुकता, शिक्षा, विकास, इस्लामी सद्भाव समेत विभिन्न मुद्दों पर धार्मिक विद्वान विस्तार से राय रखेंगे।

अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी यूसुफ अजीजी. राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मुईन अहमद कादरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता रिवाजुद्दीन कादरी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली, सैय्यद गुलाम जीलानी, सैय्यद आरिफ मियां, शाह मुहमद अली, शब्यू मियां आदि के अलावा अजमेर शरीफ, कलियर शरीफ, लखनऊ, बरेली, उत्तराखंड व देशभर से मुस्लिम प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस दौरान उत्तराखंड प्रदेश की कार्यकारिणी का गठन भी किया जाएगा।कादरी ने समाज के लोगों से इस अधिवेशन को सफल बनाने का आह्वान किया है।

मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का अधिवेशन कानपुर के जाजमऊ में आयोजित हुआ था। दो दिवसीय अधिवेशन में बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर एतराज जताया था। बोर्ड पदाधिकारियों और सदस्यों का कहना था कि मुस्लिम समाज इसे कतई स्वीकार नहीं करेगा। दो दिवसीय अधिवेशन के अंतिम 11 प्रस्ताव पारित किए गए थे। इनमें वक्फ संपत्तियों को लेकर होने वाले विवाद और मतांतरण आदि प्रमुख रहे। बोर्ड ने जबरन मतांतरण और गैर धर्म में निकाह का विरोध किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, पीएम मोदी बोले- डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में विकास की गंगा बहा रही है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड में हैं। यहां उन्होंने हजारों करोड़ की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने हजारों लोगों की मौजूदगी में भाषण भी दिया। मोदी ने कहा, “जो परियोजनाएं भाजपा सरकार में शुरू हुईं, वे यहां तस्वीर बदल रही हैं। ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में एक अहम भूमिका निभाएंगी। यहां निवेश आ रहा है। और यह केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि पूरा भारत आज आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है।

इससे पहले उन्‍होंने एक ट्वीट कर कहा था कि:- देवभूमि उत्तराखंड की विकास यात्रा में कल एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ेगा। देहरादून में दोपहर 1 बजे मुझे 18 हजार करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास का सौभाग्य प्राप्त होगा। इनमें दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा समेत कई प्रोजेक्ट शामिल हैं।

पीएम मोदी ने उत्‍तराखंड को विकास की नई सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड पर खास फोकस रहा। पिछले तीन माह के भीतर उनका यह उत्तराखंड का तीसरा दौरा होगा। मोदी ने शनिवार 04 दिसंबर को उत्तराखंड को कई सौगात दी। केदारनाथ पुनर्निर्माण और चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। राजनीतिक पारी की शुरूआत से पहले मोदी का देवभूमि को लेकर अटूट रिश्ता रहा है।

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव-2022 से पहले देहरादून पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में भाजपा के लिए शनिवार को चुनावी रण का शंखनाद कर दिया। उन्होंने दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक), चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून का शिलान्यास किया। दून में अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने उत्तराखंड को कुल 18,000 हजार करोड़ रुपये की सौगात दी।

विरोधियों पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा, “जो लोग पूछते हैं कि डबल इंजन की सरकार का फायदा क्या है? वे लोग यहां देख सकते हैं कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में कैसे विकास की गंगा बहा रही है।” मोदी ने दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास करते हुए कहा कि, आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी बोले, “इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल बिहारी वाजपेई जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। उससे देश का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी तेजी से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।

उत्तराखंड में पीएम मोदी,दिल्ली-दून आर्थिक गलियारे काे ग्रीन सिग्नल,जानें इकनोमिक कॉरिडोर की पूरी खासियत

मोदी ने कहा, ‘बीते 5 सालों में हमारी सरकार ने उत्तराखंड के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा लागत से की परियोजनाएं स्वीकृत कीं। यहां की सरकार इन्हें तेजी से ज़मीन पर उतार रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए आज 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 175 किमी होगी। करीब 8600 करोड़ रुपये की लागत से हाईवे बनाया जाएगा। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा एवं निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए हाईवे बनाया जा रहा है। दिल्ली-देहरादून के बीच सड़क से यात्रा का समय आठ घंटे से घटकर करीब ढाई घंटे का सफर हो जाएगा। वन्यजीवों के अवरोध रहि आवागमन के लिए यह एशिया का सबसे बड़ा 12 किमी वन्यजीव एलिवेटेड कॉरिडोर होगा।

500 मीटर के अंतराल पर 750 वे अधिक वर्षा जल संचयन तथा वाटर रिचार्ज प्वाइंट होंगे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे से हरिद्वार की दूरी महज 51 किमी हो जाएगी, जो करीब 2082 होगी। इस रूट से दिल्ली के लिए हरिद्वार से कनेक्टिविटि आसान हो जाएगी, जिससे सफर का समय घटेगा। इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर एवं दो आरओरी तथा 10 वीयूपी होंगे।

राज्य के विकास की नींव को और आगे बढ़ाने के लिए कई ऐलान भी किया। इसके साथ ही वे दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक), चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून का शिलान्यास करेंगे। दून में अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन करेंगे।

वन्यजीवों की क्रॉसिंग के लिए अंडर पास बनेंगे: आशारोड़ी से गणेशपुर तक तक वन्य जीव बाहुल क्षेत्र है। डाटकाली से गणेशपुर तक एक्सप्रेस-वे एलिवेटड है, इसलिए जंगली जानवरों को क्रासिंग में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। आशारोड़ी से डाटकाली तक 200 मीटर के दो अंडर पास, 15 से 20 मीटर के छह पुल भी बनेंगी, ताकि जंगली जानवर आसानी से आसानी से आर-पार कर सके।

गणेशपुर (सहारनपुर) से सवा किमी एक्सप्रेस-वे पुराने हाईवे के सामांतर बनेगा। इससे आगे डाटकाली तक 14 किमी का एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे बरसाती नदी के ऊपर बनेगा। डाटकाली में एक और सुरंग बनेगी। छह लेन वाली यह सुरंग 340 मीटर की होगी। यह टनल पहले बनी टनल के सामांतर बनेगी। इस स्थान पर पहले से दो सुरंग बनी हुई है।

देहरादून से दिल्ली जाने में अभी लोगों को 250 किमी लंबे हाईवे का सफर करना पड़ता है। इसमें पांच से छह घंटे लगते हैं। नया एक्सप्रेस-वे बीच के कई शहरों को बाईपास करते हुए बनेगा। जाम की समस्या दूर हो जाएगी। इसकी लंबाई 200 किमी के करीब होगी।

एक्सप्रेस-वे का पहला पार्ट दिल्ली अक्षरधाम से बागपत के पास तक, दूसरा पार्ट बागपत से सहारनपुर बाईपास है। सहारनपुर से गणेशपुर तक पहले ही छह लेन एक्सप्रेस-वे बना है। गणेशपुर से आशारोड़ी तक तीसरा पार्ट है। इसका काम अगले महीने से शुरू हो जाएगा।

मोदी ने कहा कि, हमारी सरकार काम करती है। वन रैंक-वन पेंशन हो, नए-नए अस्त्र-शस्त्र हों या आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो… उन लोगों (कांग्रेस सरकार) ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की जैसे कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। मोदी बोले, ‘हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं।

 

बदले रहेंगे आज शहर के यातायात ट्रैफिक रूट, ये रहेगी व्यवस्था

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परेड मैदान में होने वाली जनसभा के मद्देनजर शहरवासियों को दिक्कत न हो इसके लिए पुलिस ने व्यापक ट्रैफिक प्लान तैयार किया है। इसके लिए विभिन्न रूटों पर बसों और विक्रमों का रास्ता बदला हुआ रहेगा। इसके साथ ही पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वालों से अपील की है कि वह दो घंटे पहले घर से निकलें ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। इसके तहत कार्यक्रम स्थल के आसपास पूरी तरह जीरो जोन रहेगा। रेहड़ी-ठेली आदि लगाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है।यहां कोई भी वाहन नहीं चलेगा।

एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने गुरुवार देर रात पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि डायवर्जन प्लान सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक लागू रहेगा।इसके लिए सभी को सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के निर्देश दिए गए हैं। यातायात पुलिस ने विभिन्न थाना पुलिस के साथ मिलकर एक रूट प्लान तैयार किया है। इसमें पार्किंग स्थलों को भी चिन्हित किया गया है ताकि लोगों को कोई परेशान न हो। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले सभी परीक्षार्थी पूर्व में निर्धारित समय से कम से कम से दो घंटे पहले परीक्षा केंद्र के लिए निकले। आपातकालीन, आवश्यक सेवाओं और परीक्षा से संबंधित वाहनों को नहीं रोका जाएगा।

  • परेड ग्राउंड के चारों ओर (कनक चौक, लैंसडौन चौक, कॉन्वेन्ट जीसस एंड मेरी चौक, रोजगार तिराहा, डूंगा हाउस तिराहा, पंप हाउस तिराहा) सभी प्रकार के वाहनों के लिये जीरो जोन रहेगा।
  • परेड ग्राउंड के चारों ओर किसी भी प्रकार की रेहड़ी-ठेली आदि नहीं लगेगी।
  • सर्वे चौक से कोई भी वाहन परेड ग्राउंड की ओर नहीं जायेगा, बल्कि आराघर/बेनी बाजार की ओर भेजा जाएगा।
  • बुद्धा चौक व दर्शनलाल चौक से कोई भी वाहन परेड ग्राउंड की ओर नहीं जायेगा बल्कि घंटाघर/तहसील चौक की ओर भेजा जाएगा।ओरिएंट चौक और पेसिफिक तिराहा से कोई भी वाहन परेड ग्राउंड की ओर नहीं जाएगा। इन वाहनों को घंटाघर/दिलाराम चौक की ओर भेजा जाएगा।

 

जनसभा में शामिल होने वाले वाहनों के लिए रूट व पार्किंग व्यवस्था

  • ऋषिकेश, टिहरी, थानो, रायपुर से आने वाले वाहन सहस्त्रधारा चौक तक आ सकेंगे। यहां सवारी उतारने के बाद सहस्त्रधारा क्रासिंग से थाना रायपुर से पूर्व नानकसर गुरुद्वारे के पास स्थित ग्राउंड में वाहनों को पार्क किया जाएगा।
  • हरिद्वार की ओर से आने वाले वाहनों को रिस्पना पुल से धर्मपुर चौक की तरफ भेजा जाएगा। यहां वाहन बन्नू स्कूल ग्राउंड, गुरुनानक इंटर कालेज ग्राउंड में पार्क होंगे। पार्किंग भर जाने की स्थिति में बसों को रिंग रोड न्यू भाजपा कार्यालय ग्राउंड में पार्क कराया जाएगा।
  • चकराता, विकासनगर से आने वाली बसें सवारियों को बिंदाल पुल पर उतारकर द दून स्कूल के सामने खाली भूमि पर पार्क होंगी। छोटे वाहन बिंदाल चौक से दाहिने मुड़ते हुए तिलक रोड स्थित नगर स्वास्थ्य केंद्र, पूर्व कार्यालय हेमवती नंद बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के निकट मैदान में पार्क होंगे।
  •  रुड़की एवं सहारनपुर से आइएसबीटी की ओर आने वाली बसों को सहारनपुर चौक पर रोका जाएगा। उक्त सभी बसें हिंदू नेशनल इंटर कालेज, लक्ष्मण चौक पर पार्क होंगी।
  • मसूरी की ओर से आने वाले वाहन सवारियों को दिलाराम चौक पर उतारकर न्यू कैंट रोड स्थित सर्वे आफ इंडिया हाथीबड़कला के मैदान में पार्क होंगे।
  • सांसद, मंत्री, विधायक, वीआइपी के वाहनों की एंट्री सर्वे चौक से होगी और पार्किंग रेंजर्स ग्राउंड में की जाएगी।
  • पास धारक वाहनों की पार्किंग रेंजर्स ग्राउंड में की जाएगी। पासधारकों के वाहन घंटाघर, दर्शनलाल चौक से होकर सेंट थामस स्कूल के सामने गेट से लेफ्ट टर्न होकर पार्क होंगे।
  • मसूरी की ओर से आने वाले वाहन सवारियों को दिलाराम चौक पर उतारकर न्यू कैंट रोड स्थित सर्वे आफ इंडिया हाथीबड़कला के मैदान में पार्क होंगे।
  • सांसद, मंत्री, विधायक, वीआइपी के वाहनों की एंट्री सर्वे चौक से होगी और पार्किंग रेंजर्स ग्राउंड में की जाएगी।
  • पास धारक वाहनों की पार्किंग रेंजर्स ग्राउंड में की जाएगी। पासधारकों के वाहन घंटाघर, दर्शनलाल चौक से होकर सेंट थामस स्कूल के सामने गेट से लेफ्ट टर्न होकर पार्क होंगे।
  • पांच व आठ नंबर रूट : आइएसबीटी रूट के सभी विक्रम रेलवे गेट से वापस कर दिए जाएंगे। प्रेमनगर रूट के सभी विक्रम प्रभात कट से वापस किए जाएंगे।
  • एक नंबर रूट : राजपुर रोड के सभी विक्रम बहल चौक से यू-टर्न लेकर वापस होंगे।सिटी बसों के लिए रूट 
  • आइएसबीटी से राजपुर जाने वाली बसें बल्लूपुर से कैंट क्षेत्र होते हुए दिलाराम चौक से राजपुर की ओर जाएंगी।-प्रेमनगर से रायपुर जाने वाली बसें बल्लूपुर से कैंट क्षेत्र होते हुए दिलाराम, कैनाल रोड, आइटी पार्क, सहस्त्रधारा क्रासिंग से रायपुर की ओर जाएंगी।
  • रायपुर रोड से प्रेमनगर जाने वाली बसें सहस्त्रधारा क्रासिंग, आइटीपार्क, कैनाल रोड, दिलाराम, न्यू कैंट रोड, बल्लूपुर चौक से प्रेमनगर जाएंगी।
  •  डोईवाला से देहरादून आने वाली बसें रिस्पना पुल, आइएसबीटी, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक से वापस डोईवाला की ओर जाएंगी।
  • रायपुर से गुल्लर घाटी जाने वाली बसें रायपुर, आइएसबीटी, रिस्पना, गुल्लर घाटी की ओर जाएगी।यहां लगेंगे बैरियर व डायवर्जन
  •  बहल चौक
  • धर्मपुर चौक
  • बिंदाल पुल तिराहा
  • सहारनपुर चौक
  • सहस्त्रधारा क्रासिंग

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का बड़ा फैसला- UG-PG में दाखिले के लिए CET और पीएचडी(PHD) में एडमिशन के लिए NET है जरूरी

अब देश के सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में दाखिले के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा होगी। यूजीसी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।यूजीसी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में यूजी और पीजी दाखिलों के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद 22 नवम्बर 2021 को देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी की बैठक बुलाई गई।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर के केंद्रीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में रिसर्च (PHD), अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट दाखिले को लेकर बड़े फैसले किये हैं। बैठक में तय किया गया है कि सत्र 2022-2023 से देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कॉमन एग्जाम होगा। इस एग्जाम से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कॉर्सेज में एडमिशन मिलेगा। आयोग ने पीएचडी (PHD) में दाखिले लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानि, नेट (Net ) परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी कर दिया है, तो वहीं, इन केंद्रीय सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक और परास्नातक पाठयक्रमों में दाखिले सामान्य प्रवेश परीक्षा यानि (CET) के माध्यम से लिए जाने के निर्देश जारी कर दिये हैं। यूजीसी द्वारा पीएचडी, पीजी और यूजी दाखिले के लिए जारी किये नये नियम अगले शैक्षणिक सत्र यानि 2022-23 से लागू होंगे।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीय पात्रता परीक्षा या सीईटी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। प्रवेश के लिए सीईटी स्कोर पर विचार करने के लिए निजी और अन्य डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी यूजीसी ने सुझाव दिये हैं। बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीईटी इस साल से शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

यूजीसी ने कहा-कॉमन इंट्रेंस टेस्ट के लिए करें उपाय

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में लिखा है, ” सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है।इसके मुताबिक ये परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएंगी। जो एनटीए पहले से ही जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को इच्छुक राज्य / निजी विश्वविद्यालयों / डीम्ड यूनिवर्सिटीज द्वारा भी अपनाया जा सकता है।” परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, एनईपी 2020 के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं।”

एनईपी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक केंद्रीय परीक्षा का प्रस्ताव रखा था। जिससे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्भरता कम हो गई। सीईटी से सभी छात्रों के लिए एक समान प्लेटफॉर्म प्रदान करने की भी उम्मीद है। वहीं, अब शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष के छात्रों के लिए है।

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ओमिक्रॉन को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बचाव के लिए जारी की एसओपी, पड़ोसी राज्यों से आने वालों की उत्तराखंड बॉर्डर पर कोरोना जांच, विदेश से आने वाले क्वारंटाइन

दुनिया के कई देशों में आतंक फैला रहे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर उत्तराखंड सरकार सतर्क हो गई है। केंद्र के निर्देशों के तहत मंगलवार को ओमिक्रॉन को लेकर एसओपी जारी की गई। सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोविड जांच की जाएगी। जिसके तहत प्रदेश के  सभी डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज, यूनिवर्सिटीज व अन्य शिक्षण संस्थानों में 18 वर्ष से ऊपर के छात्र-छात्राओं की रैंडम सैंपलिंग सहित कई प्रावधान किए गए हैं।

उत्तराखंड में शासन ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन  से बचाव और संक्रमण पर नियंत्रण के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की है। इसमें सभी जिलाधिकारियों से राज्य के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बार्डर चेक पोस्ट  पर्यटन स्थल और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रैंडम सैंपलिंग कराने और संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को कोरोना प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने को कहा गया है। एसओपी में राज्य के सभी महाविद्यालय, मेडिकल व नर्सिंग कालेज, व शैक्षिक संस्थानों में कोविड सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य की सीमा से लगे नेपाल से आवाजाही के समय कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य किया गया है। कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव एसएस संधु द्वारा मंगलवार को जारी एसओपी में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रोन को वायरस आफ कंसर्न घोषित किया है। इसमें संक्रमण तेजी से फैलता है। इसे देखते हुए राज्य में टीकाकरण कार्य में तेजी लाई जाए।

कोविड संक्रमण की निगरानी एवं नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। सभी सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क पहनना व सैनिटाइजेशन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा। इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा व तंबाकू का सेवन प्रतिबंधित किया गया है।

एसओपी में कहा गया है कि आमजन को नए वैरिएंट के बारे में जागरूक करने को अभियान चलाया जाए।

राज्य के शिक्षण संस्थानों से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर का कोविड टेस्ट किया जाए। संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को कोविड प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।

अंतर राष्ट्रीय बार्डर चेक पोस्ट पर भी रैंडम टेस्ट किए जाएं। इसके साथ ही शासन ने केंद्र के उस पत्र का भी जिक्र किया है, जिसमें विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि विदेश से आए जो यात्री होम क्वारंटाइन हैं, उनकी सतत निगरानी की जाए। उनमें कोरोना संक्रमण के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर कोविड प्रोटोकाल के अनुसार इलाज किया जाए।

  • COVID-19 प्रबंधन के लिए सामान्य निर्देश:
    ● राज्य में कोविड-19 प्रबंधन के निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया
    ● सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थल एवं सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने वाले व्यक्तियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
    ● सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तियों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए 6 फिट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा।
    ● सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा जिसके लिए निर्धारित जुर्माने के साथ दंड का प्रावधान होगा। सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन प्रतिबंधित होगा।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग करने का किया एलान,सरकार के फैसले से तीर्थ पुरोहितों और साधु-संतों में खुशी की लहर

उत्तराखंड में देवास्थानम बोर्ड पर जारी विवाद के बीच राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले इसे भंग करने का फैसला किया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलट दिया। धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था।

देवास्थानम बोर्ड का साधु-संत लगातार विरोध कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने इसे भंग करने का फैसला किया है। पुरोहितों का कहना था कि इससे उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन होगा।उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड पर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में बना देवास्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया गया है। चारधाम हकहकूधारी तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष केके कोठियाल ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को कैंसिल करने के लिए पिछले दो सालों से संघर्ष किया जा रहा था। इससे पहले देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप थी।

मनोहरकांत ध्यानी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री धामी ने महाराज की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई गई थी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और यतीश्वरानंद को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया। सब कमेटी ने कुछ ही घंटों में सिफारिश सीएम को सौंप दी थी । मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पंडा, पुरोहितों और पुजारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा है। उधर, सीएम ने कहा कि एक-दो दिन में इस संदर्भ में निर्णय ले लिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को निराश नहीं करेगी।

ध्यानी समिति ने रविवार शाम को अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी, जिस पर उन्होंने इसकी जांच कर जल्द निर्णय लेने की बात कही थी। इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार अपने दायरे में चारों धाम – बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री सहित राज्य के 51 मंदिरों को लाना चाहती थी।

देवास्थानम बोर्ड का साधु-संत लगातार विरोध कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने इसे भंग कर दिया।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा- आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान और चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।

सरकार की इस मंशा की भनक लगते ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों के साथ-साथ बाकी साधु-संत भी इस बिल के विरोध में उतर आए थे। राज्य में पिछले कई महीनों से इस बोर्ड के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा था। पुरोहितों का कहना था कि इस बिल से उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन होता है। विधानसभा चुनाव से पहले संतों ने आंदोलन को और तीव्र करने की चेतावनी दी थी।

राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और आंदोलन के तीव्र होने की आशंका के कारण धामी सरकार ने इस बोर्ड को लेकर एक समिति का गठन किया था। इस समिति की अध्यक्षता भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी कर रहे थे। जिसकी रिपोर्ट के बाद ही सरकार ने इस बिल को वापस लेने का फैसला किया है।

तीर्थ पुरोहितों ने 30 नवम्बर तक फैसला न होने पर मोदी की रैली के विरोध का निर्णय लिया गया है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने 30 नवंबर के बाद आंदोलन तेज करने का ऐलना किया था। तीन दिसंबर को रुद्रप्रयाग में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। चार दिसंबर को देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली रैली का विरोध किया जाएगा। इसके लिए विरोध रैली निकाली जाएगी। महापंचायत ने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ सरकार की घेरेबंदी तेज कर दी है।

विधेयक को पहली बार 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेश किया था। उत्तराखंड विधानसभा ने दिसंबर 2019 में इस विधेयक को पारित कर दिया था। विधेयक के पारित होने के बाद से ही संत इसे वापस लेने की मांग कर रहे थे।

  • कब क्या हुआ
  • 27 नवंबर 2019 को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी।
  • 5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित हुआ।
  • 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।
  • 24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया।
  • 24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन
  • 21 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करने फैसला सुनाया।
  • 15 अगस्त 2021 को सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को बनाने की घोषणा की।
  • 30 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए।
  • 25 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी
  • 27 नवंबर 2021 को तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड भंग करने के विरोध में देहरादून में आक्रोश रैली निकाली।
  • 28 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
  • 29 नवंबर 2021 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर

 

कोरोना का नया वेरिएंट: देशभर में नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का खौफ बढ़ा, उत्तराखंड में बाहर से आने वालों की सीमाओं पर होगी कोरोना जांच

उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मरीज बढ़ने लगे हैं। एक दिन पहले राष्ट्रपति की सुरभा में तैनात सात पुलिसकर्मी और भारी संख्या में सेना के जवान कोविड संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। शासन ने राज्य के लिए फिर से दिशा निर्देश जारी किए हैं। पर्यटकों से लेकर नागरिकों को नियमों का पालन करना जरूरी होगा।

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी के साथ ही कोविड-19 वैरिएंट ओमाइक्रोन के खिलाफ एहतियात के तौर पर सघन जांच भी करें।

  • उत्तराखंड में बढ़ने लगे कोविड-19 वायरस के मरीज
  • एक साथ सेना के कई जवान और पुलिसकर्मी मिले संक्रमित
  • ओमिक्रॉन वैरिएंट का भी बढ़ने लगा है खौफ, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
  • बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच उत्तराखंड के बॉर्डर पर ही होगी

उत्तराखंड के डीजी स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति भगुना ने कहा कि उत्तराखंड सीएमओ को राज्य के बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए राज्य के हर बॉर्डर पर आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

हांगकांग और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रान मिलने के बाद देशभर में अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद अब उत्तराखंड में भी हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के साथ ही अस्पतालों में भी पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजी हेल्थ डा. तृप्ति बहुगणा ने सभी जिलों को निर्देश कि अगर राज्य के बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की कोविड जांच की जाए। अगर संक्रमण की पुष्टि होती है तो 14 दिनों त क्वारंटाइन रखा जाए। उन्होंने बार्डर पर कोविड जांच के भी निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सचिव ने उचित रोकथाम के लिए जिला स्तर पर निगरानी दल गठित करने के भी निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के बाद देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट आर राजेश कुमार ने अधिकारियों को बाजारों में औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया कि यह देखने के लिए कि क्या कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है या नहीं।

क्या है ओमिक्रॉन वैरिएंट
ओमिक्रॉन संस्करण (बी.1.1.529), कोरोनावायरस का एक नया संस्करण, पहली बार बोत्सवाना में 11 नवंबर, 2021 को रिपोर्ट किया गया था, और 14 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में दिखाई दिया।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने रविवार को निदेशक गढ़वाल और निदेशक कुमाऊं के साथ ही सभी जिलों के मुख्य चिकित्सधिकारियों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने वायरस के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए कड़े उपाय करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी सीएमओ को बाहर से आए लोगों की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने के साथ ही टेस्टिंग करने को कहा गया है। साथ ही सैंपलिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही महानिदेशक ने सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक्सपर्ट कमेटी ने टेस्टिंग बढ़ाने, कान्टैक्ट ट्रैसिंग व रोकथाम के अन्य उपायों पर जोर दिया है। इसके अलावा बार्डर, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि पर भी पुन: सैंपलिंग शुरू करने की बात कही है। कहा कि राज्य में बाहर से आ रहे हर व्यक्ति की जांच अनिवार्य की जाए। वहीं, तमाम आयोजनों में भीड़भाड़ से बचा जाए। राज्य में कोरोना की रोकथाम के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष एवं एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हेमचंद्र पांडेय ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में कोविड अनुरूप व्यवहार व कुछ प्रतिबंधों को पुन: लागू करना समय की मांग है।

इस समय पूरा ध्यान टेस्टिंग व ट्रैसिंग पर देना होगा। इसके अलावा किसी भी बड़े आयोजन या भीड़भाड़ से बचना चाहिए। आमजन के लिए जरूरी है कि वह मास्क, शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन आदि का पालन करें। इसके लिए उन्हें खुद जिम्मेदार होना होगा। पुलिस-प्रशासन को भी अब इसे लेकर सख्ती बरतनी होगी। जरा भी लापरवाही कोरोना के फैलाव की आशंका को और बढ़ा सकती है।

कोरोना के लगातार आ रहे नए वेरिएंट को देखते हुए देहरादून में भी शासन-प्रशासन ने जांच की सुविधाओं को बढ़ाना शुरू कर दिया है। दून मेडिकल कॉलेज की लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले जीनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे थे। उत्तराखंड में शनिवार को 14 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। हालांकि, किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 150 हो गई है।

ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पहुंचे सात पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। पुलिस कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पौड़ी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रान को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने ‘वैरिएंट आफ कंसर्न’ की कैटेगरी में रखा हुआ है। इसके खतरे को देखते हुए हुए कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया। वैरिएंट आफ कसंर्न वह वैरिएंट्स हैं, जो तेजी से फैलते हैं और गंभीर लक्ष्‍ण दिखाते हैं।