क्लैट ( काॅमन लाॅ एडमिशन टेस्ट) 2022 की परीक्षा के आवेदन एक जनवरी से शुरू

कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया नए साल से शुरू हो जाएगी। क्लैट कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से शुरू होगा। विधि क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्र 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी। आवेदन फॉर्म केवल consortiumofnlus. ac. in वेबसाइट से ऑनलाइन जमा करना होगा। हालांकि, परीक्षा ऑफलाइन होगी। क्लैट का आयोजन आठ मई 2022 की दोपहर 3 से शाम पांच बजे तक होगा। एनएलयू के इंटीग्रेटेड एलएलबी एवं एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा। अभ्यर्थी देश के कई सरकारी और निजी लॉ कॉलेज में भी आवेदन कर सकते हैं।

मोबाइल व ई-मेल से करना होगा रजिस्ट्रेशन

क्लैट परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों को मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, सत्यापन के लिये दिये गये मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। मोबाइल नंबर मान्य होने के बाद मोबाइल नंबर और पंजीकरण के समय दिये गये पासवर्ड का उपयोग करके लॉगइन किया जा सकेगा। क्लैट कंसोर्टियम ने सलाह दी है कि अभ्यर्थी अपना नाम और माता-पिता के नाम को सही ढंग से लिखें। बाद में इसमें परिवर्तन उम्मीदवारी को अयोग्य कर सकता है। आवेदन जमा होने और भुगतान करने के बाद अभ्यर्थी प्रोग्राम, श्रेणी और बीपीएल फील्ड नहीं बदल सकते। यदि किसी भी चरण में

क्लैट कि यह परीक्षा देश के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यूजी कोर्स में दाखिले के लिए सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग केवह छात्र अर्ह होंगे, जिन्होंने 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक की बाध्यता है। 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता है।

आफलाइन होगी परीक्षा

क्लैट का आयोजन इस बार आफलाइन होगा। ला प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय ने बताया कि पूर्व में क्लैट आनलाइन आयोजित किया जाता था, लेकिन तकनीकी खामी को देखते हुए परीक्षा आफलाइन होने लगी। बीच में कोरोना के कारण परीक्षा आनलाइन कराई गई, जबकि इस बार फिर परीक्षा आफलाइन ही होगी।

  • एग्जाम मोड – ऑफलाइन
  • उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाएगा।
  • परीक्षा में सारे प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप आएंगे।
  • लेंग्वेज – इंग्लिश
  • 1 प्रश्न 1 अंक का होगा।
  • परीक्षा में कुल 150 प्रश्न आएंगे।
  • परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। जिसमें 1 प्रश्न गलत होने पर 0.25 अंक काटे जाएंगे।
  • कुल अंक – 150
  • कुल सेक्शन – 5
    • Quantitative Techniques
    • English
    • Current Affairs
    • Deductive Reasoning
    • Logical Reasoning

क्लैट 2022 एंट्रेंस एग्जाम कुल 2 घंटे का आयोजित किया जाता है। यूजी एंट्रेंस एग्जाम में और पीजी एंट्रेंस एग्जाम में 150 MCQ प्रश्न पूछे गए थे परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को रैंक के अनुसार विभिन्न यूनिवर्सिटीज में प्रवेश दिया जायेगा। CLAT 2022 से सम्बंधित महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी के लिए छात्र नीचे दी गयी टेबल देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तारीखें

कार्यक्रम तारीख
आवेदन शुरु होने की तारीख 01 जनवरी 2022
आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022
आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि ३१ मार्च 2022
एडमिट कार्ड जारी होने की तारीख अप्रैल/मई 2022
परीक्षा की तारीख 08 मई 2022

कोरोना का पड़ सकता है असर

कोरोना का असर इस साल भी परीक्षा पर दिख सकता है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण व लाकडाउन के कारण परीक्षा की तिथि बदलनी पड़ी थी। इस बार भी परीक्षा कार्यक्रम में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है।

आवेदन शुल्क

  • जनरल, ओबीसी, पीडीबल्यूडी – 4000/- रु.
  • एससी और एसटी – 3500/- रु.
  • आवेदन शुल्क ऑनलाइन नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जमा करना होगा।

आनलाइन आवेदन में यह जरूरी

सामने से ली गई फोटो, अभ्यर्थी के हस्ताक्षर, एससी, एसटी, ओबीसी का प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बीपीएल श्रेणी का प्रमाण पत्र (सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे)

उत्तराखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी गढ़वाली और कुमाउनी भाषा की पढ़ाई, दोनों भाषाओं को पढ़ेंगे विद्यार्थी

हमें गर्व है कि हम उत्तराखंडी हैं, हमारी बोली भाषा आज के वर्तमान समय मे कहीं विलुप्त होते जा रही है। कहीं हमारी आने वाली पीढ़ी हमारी बोली भाषा को भूल न जाये इस लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय कदम उठाया गया है ।अब विद्यालयों में कुमाउनी और गढ़वाली भाषा को अन्य अनिवार्य विषयों की तरह ही पढ़ाया जाएगा । जिसका सीधा – सीधा मकसद हमारी भाषा को आगे बढ़ना और आने वाली पीढ़ी को अपनी मातृ भाषा को सीखना है।इसके लिए विद्यालयो में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जो कि गढ़वाली और कुमाउनी भाषा बोलने और पढ़ने में कुशल होंगे।मातृभाषा को बढ़ाने के लिए कक्षा 1 से लेकर 5 तक स्कूलों में कुमाँऊनी , गढ़वाली सहित गुरमुखी, जौनसारी भाषा भी पढ़ाई जाएगी ।

एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत नई शिक्षा नीति को अमल में लाते हुए, सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी, बांग्ला व गुरमुखी की पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही कैबिनेट ने प्राकृतिक आपदा के तहत 2011 के जनगणना के आंकड़ों के बजाय परिवार रजिस्टर के आधार पर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है।

सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट ने 10वीं, 12वीं के छात्रों और उच्च शिक्षा में सभी सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को 12 हजार रुपये प्रति छात्र की दर से टैबलेट उपलब्ध कराने के लिए बजट भी मंजूर कर दिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने हरिद्वार व ऋषिकेश में 182-182 किमी सीवर लाइन निर्माण पर भी मुहर लगाई है।

प्रदेश कैबिनेट ने बिजली बिलों पर सरचार्ज 31 मार्च 2022 तक के लिए माफ कर दिया है। उपनलकर्मियों को हर तीसरे माह मिलने वाली प्रोत्साहन राशि अब हर माह मिलेगी। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के तीन प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर भी मुहर लगा दी गई। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 54 से अधिक प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया।

कैबिनेट ने पहाड़ में स्थित मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डॉक्टर को 50 प्रोत्साहन भत्ता देने का निर्णय लिया है। इससे इन कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी। एम्स सेटेलाइट सेंटर के लिए दी भूमि के बदले कैबिनेट ने यूएसनगर के देवरिया में सिडकुल को 22.4 हेक्टेयर जमीन देने पर भी सहमति जता दी है। साथ ही रामगढ़ में रविंद्र नाथ टैगोर केंद्रीय विवि की स्थापना के लिए उद्यान विभाग की भूमि देने का भी निर्णय लिया गया।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का बड़ा फैसला- UG-PG में दाखिले के लिए CET और पीएचडी(PHD) में एडमिशन के लिए NET है जरूरी

अब देश के सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में दाखिले के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा होगी। यूजीसी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।यूजीसी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में यूजी और पीजी दाखिलों के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद 22 नवम्बर 2021 को देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी की बैठक बुलाई गई।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर के केंद्रीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में रिसर्च (PHD), अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट दाखिले को लेकर बड़े फैसले किये हैं। बैठक में तय किया गया है कि सत्र 2022-2023 से देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कॉमन एग्जाम होगा। इस एग्जाम से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कॉर्सेज में एडमिशन मिलेगा। आयोग ने पीएचडी (PHD) में दाखिले लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानि, नेट (Net ) परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी कर दिया है, तो वहीं, इन केंद्रीय सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक और परास्नातक पाठयक्रमों में दाखिले सामान्य प्रवेश परीक्षा यानि (CET) के माध्यम से लिए जाने के निर्देश जारी कर दिये हैं। यूजीसी द्वारा पीएचडी, पीजी और यूजी दाखिले के लिए जारी किये नये नियम अगले शैक्षणिक सत्र यानि 2022-23 से लागू होंगे।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीय पात्रता परीक्षा या सीईटी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। प्रवेश के लिए सीईटी स्कोर पर विचार करने के लिए निजी और अन्य डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी यूजीसी ने सुझाव दिये हैं। बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीईटी इस साल से शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

यूजीसी ने कहा-कॉमन इंट्रेंस टेस्ट के लिए करें उपाय

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में लिखा है, ” सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है।इसके मुताबिक ये परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएंगी। जो एनटीए पहले से ही जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को इच्छुक राज्य / निजी विश्वविद्यालयों / डीम्ड यूनिवर्सिटीज द्वारा भी अपनाया जा सकता है।” परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, एनईपी 2020 के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं।”

एनईपी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक केंद्रीय परीक्षा का प्रस्ताव रखा था। जिससे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्भरता कम हो गई। सीईटी से सभी छात्रों के लिए एक समान प्लेटफॉर्म प्रदान करने की भी उम्मीद है। वहीं, अब शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष के छात्रों के लिए है।

Cucet 2022

उत्तराखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आदेश जारी,(देहरादून जिले के रानी पोखरी में 10 एकड़ भूमि में निर्माण के लिए 50 लाख अवमुक्त किया गया)

उत्तराखंड राष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापना के लिए विधेयक 18 अप्रैल 2011 को पारित हुआ था। उक्त संबंध में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड सन 2014 व 2018 में दो जनहित याचिका उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के गठन में हो रही देरी के संबंध में समुचित आदेश पारित करने के लिए दायर की गई थी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 3 महीने के अंदर मैं विधि विश्वविद्यालय उधम सिंह नगर जिले के पंतनगर में शुरू करने का आदेश दिया था। जिसके फलस्वरूप फरवरी 2019 में राज्य के देहरादून जिले के रानीपोखरी में उत्तराखंड विधि विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गयी।

22 अप्रैल 2019 द्वारा जिला देहरादून के अंतर्गत स्थित राजकीय रेशम फार्म रानी पोखरी ‌( लिस्ट्रबाद ) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ( MSME ) की 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 5.90 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।

13 फरवरी 2019 को माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिनांक 19 जून 2018 को पारित अपने आदेश को अवमानना माना था। तदोपरांत राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय में 23 अप्रैल 2019 को SLP दाखिल की थी। इस क्रम में माननीय उच्चतम न्यायालय ने पारित अवमानना आदेश को स्टे कर दिया था। इस संबंध में 28 फरवरी 2019 को यह भी निर्णय लिया गया कि ब्रिडकुल को उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु कार्यदाई संस्था नामित किया जाय।

इस संबंध में 9 जुलाई 2021 को सिद्धनाथ उपाध्याय देहरादून द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के शुरू होने की स्थिति के बारे में उच्च शिक्षा विभाग अनुभाग उत्तराखंड सरकार से सूचना मांगी गई थी। इसी क्रम में टीपे एवं आज्ञाएं पत्रावली द्वारा अवगत अवगत कराया गया की 16 नवंबर 2021 को माननीय मंत्री उच्च शिक्षा सहकारिता प्रोटोकॉल उत्तराखंड द्वारा सहमति/अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया तदुपरांत 17 नवंबर 2021 को उच्च शिक्षा सचिव दीपेंद्र चौधरी की तरफ से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना निर्माण के लिए आदेश जारी कर दिया गया। इस क्रम में शासन ने प्रथम किस्त 50 लाख रुपए की धनराशि अवमुक्त कर दी। उत्तराखंड  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय निर्माण के लिए पूर्व में आरक्षित 10 एकड़ भूमि रानीपोखरी देहरादून में उपलब्ध कर दी गई है। उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु ब्रिडकुल (उत्तराखंड की सरकारी संस्था) को कार्यकारी संस्था बनाया गया है।

आपको बताना है कि इस समय देश में कुल 23 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय है। उत्तराखंड  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के गठन के बाद देश में कुल 24 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हो गए हैं। इसमें क्लेट (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) के माध्यम से दाखिले होते हैं यह परीक्षा वर्ष में एक बार 5 वर्षीय विधि स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए आयोजित की जाती है।

क्लैट 2022 -2023 की परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की जाएगी। जिससे की सत्र को नियमित किया जा सके। इस व्यवस्था से छात्रों को फायदा होगा। क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी। क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी।

भारतीय नौसेना में निकली नेवी अप्रेंटिस के 275 पदों पर भर्ती, जल्द करें ऑनलाइन आवेदन 

रक्षा मंत्रालय (नौसेना) ने अप्रेंटिस पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। योग्य उम्मीदवार जो पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे अप्रेंटिसशिप इंडिया की आधिकारिक साइट apprenticeshipindia.org के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती अभियान नेवल डॉकयार्ड अपरेंटिस स्कूल में अपरेंटिस के 275 पदों को भरेगा।ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 5 दिसंबर, 2021 तक है।

योग्यता

जो उम्मीदवार अपरेंटिस पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उनके पास 50 प्रतिशत अंकों के साथ SSC / मैट्रिक / 10वीं कक्षा होनी चाहिए और 65 प्रतिशत अंकों के साथ ITI सर्टिफिकेट होना चाहिए।

सिलेक्शन प्रोसेस

चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल हैं। योग्य उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए कॉल लेटर जारी किया जाएगा। लिखित परीक्षा ऑब्जेक्टिव टाइप प्रकार की होगी जिसमें 50 प्रश्न (मैथ के 20, जनरल साइंस के 20, जनरल नॉलेज के 10) होंगे, प्रत्येक प्रश्न में डेढ़ (1½) अंक होंगे

लिखित परीक्षा की योग्यता के क्रम में उम्मीदवारों को विभिन्न आरक्षण श्रेणियों और ट्रेडों में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। साक्षात्कार उनके संबंधित ट्रेड में उम्मीदवारों के तकनीकी कौशल पर आधारित है। साक्षात्कार में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों को एक चिकित्सा परीक्षा से गुजरना होगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • आवेदन करने की अंतिम तिथि: 5 दिसंबर, 2021
  • भरे हुए आवेदन भेजने की अंतिम तिथि: 14 दिसंबर, 2021
  • सभी ट्रेडों के लिए लिखित परीक्षा: 27 जनवरी, 2022
  • परिणाम की घोषणा: 29 जनवरी, 2022
  • साक्षात्कार की तिथि: 31 जनवरी, 1, 2 और 3 फरवरी, 2022
  • मेडिकल जांच : 7 फरवरी से 15 फरवरी, 2022

क्लैट (CLAT) की अगले वर्ष दो परीक्षाएं आयोजित की जाएगी

देश के राष्ट्रीय कानून विधि विश्वविद्यालय के लिए आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) की विधि प्रवेश परीक्षा 2022 -23 सत्र की अगले साल आयोजित की जाएगी।

कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की एग्जीक्यूटिव कमेटी और जनरल बोर्ड की मीटिंग में यह तय किया गया कि क्लैट 2022 और क्लैट 2023 की परीक्षा का आयोजन अगले साल 2022 में ही किया जायेगा। इस तरह वर्ष 2022 में क्लैट की दो परीक्षाएं आयोजित की जाएगी।

क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी। विगत सालो में क्लैट (CLAT) परीक्षा मई में होती थी, COVID-19 के कारण कई बार स्थगित किया गया था। लेकिन इस बार क्लैट की परीक्षा 8 मई 2022 को आयोजित की जाएगी।इस वर्ष क्लैट परीक्षा का आयोजन की जिम्मेदारी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर को दी गई है। क्लैट (CLAT) 2023 की परीक्षा इसी वर्ष 18 दिसंबर, 2022 को आयोजित की जाएगी।इसके लिए जून में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

क्लैट कंसोर्टियम ने  काउंसलिंग फीस को लेकर बड़ा फैसला लिया है।अब जनरल कैटेगरी के कैं‌डिडेट्स को कांउसलिंग फीस 50 हजार के जगह 30 हजार रुपये देने होंगे। और एससी(SC), एसटी(ST), ओबीसी(OBC),  ईडब्ल्यूएस(EWS), बीसी(BC) तथा दिव्यांग कैंडिडेट्स को 20 हजार रुपये शुल्क देना होगा।

लॉ प्रेप टुटोरिअल दून के निर्देशक एस. एन. उपाध्याय ने बताया कि क्लैट 2022 -2023 की परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की जाएगी। जिससे की सत्र को नियमित किया जा सके। इस व्यवस्था से छात्रों को फायदा होगा।

NEET Result : मृणाल कुटेरी, तन्मय गुप्ता और कार्तिक जी नायर  बने ऑल इंडिया टॉपर, मेडिकल कॉलेजों की कट-ऑफ पर होंगे एडमिशन

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। टॉप थ्री टॉपर्स में दो लड़के और एक लड़की शामिल हैं. नीट-2021 में तीनों टॉपर्स ने 720/720 अंक हासिल किए हैं। मृणाल कुटेरी (तेलंगाना), तन्मय गुप्ता (दिल्ली) और कार्तिक जी नायर (महाराष्ट्र) ने नीट यूजी 2021 में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की है।

NEET UG Result 2021 में टॉप-5 रैंक में कुल 16 कैंडिडेट्स रहे हैं। पहली रैंक पर तेलंगाना के मृणाल, दिल्ली के तन्मय गुप्ता और महाराष्ट्र से कार्तिक जी नायर रहे हैं। खास बात ये भी है कि 15 कैंडिडेट्स का रिजल्ट नकल करने के मामले में रद्द कर दिया गया है।नीट स्कोर कार्ड आधिकारिक वेबासाइट neet.nta.nic.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं. रिजल्ट के बाद अब एमबीबीएस, बीडीएस समेत अन्य मेडिकल यूजी कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। नीट रिजल्ट के बाद दो तरह की काउंसलिंग का विकल्प रहेगा, पहला 15 फीसदी ऑल इंडिया कोट काउंसलिंग (NEET 15% All India Quota Counselling)। दूसरा विकल्प है स्टेट काउंसलिंग का हैं।  राज्य अपनी अलग काउंसलिंग कराते हैं। स्टेट काउंसलिंग के जरिये स्टूडेंट्स को स्टेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का मौका मिलता है।

नीट टॉपर मृणाल बताते हैं कि पढ़ाई के लिए उनका कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं था. वह बहुत लंबे सत्रों में भी पढ़ाई नहीं करते थे। कभी 45 मिनट तो कभी एक घंटा पढ़ाई कर तो ब्रेक लेते थे। मृणाल ने नीट एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए कहा, “परीक्षा में अव्वल आने का कोई खास नुस्खा नहीं है।एक चीज मैंने महसूस की है कि आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कौन सा तरीका आपके मुताबिक काम कर रहा है।”

मृणाल ने आगे कहा, “पढ़ने और सीखने के नए-नए तरीकों को एक्सप्लोर करते रहना चाहिए।” वहीं दिल्ली के तन्मय गुप्ता ने बताया कि दसवीं कक्षा पास करने के बाद बच्चों के मन में यह क्लियर हो जाता है कि उन्हें मेडिकल या नॉन मेडिकल किस प्रकार के कोर्स में दाखिला लेना है। इसी तरह मेरे दिमाग में भी यह बात स्पष्ट थी कि मुझे मेडिकल में जाना है।

मृणाल कहते हैं कि मेरी मां सॉफ्टवेयर इंजीनियर तो पिता एचआर कंस्लटेंट हैं। लेकिन मैंने डॉक्टर बनकर आम लोगों की सेवा करना की सोची, ताकि दूसरों की मदद कर सकूं।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को नीट यूजी रिजल्ट 2021 घोषित करने का रास्ता साफ कर दिया था।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनटीए को रिजल्ट घोषित नहीं करने के लिए कहा था, क्योंकि दो उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान उनकी परीक्षा पुस्तिकाएं और ओएमआर शीट मिक्स हो गई थीं।

 

 

उत्तराखंड के 18 मेडिकल कॉलेजों में घटी एमबीबीएस फीस, अब 4 लाख की जगह 1.45 लाख रुपये फीस करने की मिली मंजूरी, जानिए इस अहम बैठक के महत्वपूर्ण फैसले 

देहरादून :- उत्तराखंड में बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुछ अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। इसी बीच विद्यार्थियों को बढ़ती फीस से भी राहत मिली है। उत्तराखंड के गरीब होनहार छात्रों के लिए अब एमबीबीएस की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने की राह आसान हो गई है।राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों में अब एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटकर सिर्फ 1.45 लाख रुपये होगी। उत्तराखंड सरकार ने यह बड़ा ऐलान करते हुए और सौगातों का पिटारा खोला। राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस साल दीवाली बोनस मिलेगा। आशा फैसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई है।इसके साथ ही, राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना में संशोधन पर भी मुहर लगी। वास्तव में, उत्तराखंड कैबिनेट की एक अहम बैठक गुरुवार को यहां सचिवालय में हुई, जिसमें ये तमाम फैसले लिये गए। इस बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मीडिया को बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में बताया।

सरकार ने एक ओर जहां बांड की व्यवस्था सभी मेडिकल कॉलेजों में बहाल कर दी है तो वहीं विद्यार्थियों की मांग सुनते हुए दूसरी ओर फीस भी चार लाख रुपये से घटाकर एक लाख 45 हजार रुपये कर दी है। इससे निश्चित तौर पर छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में बांड भरकर MBBS करने की सुविधा को बहाल कर दिया है। मीटिंग में राज्य के 18 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटाकर 1.45 लाख रुपये करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बढ़ती फीस के बीच विद्यार्थियों के लिए यह राहत भरी खबर है। पहले बांड व्यवस्था के तहत केवल पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों जैसे श्रीनगर में बांड से पढ़ाई की सुविधा थी। जबकि बिना बांड के एमबीबीएस का शुल्क चार लाख रुपये हो गया था, जिसके तहत देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही थी। छात्र इसके खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे थे और अपनी आवाज उठा रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों, छात्रों और महिलाओं के लाभ से जुड़े कई फैसले राज्य सरकार ने लिये। मंत्रिमंडल की बैठक में 25 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई, जिनमें से 24 के संदर्भ में फैसले लिये गए जबकि एक मामले को फिलहाल टाल दिया गया। कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते को तीन प्रतिशत बढ़ाए जाने के बारे में अटकलें थीं, लेकिन इस पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की। बहरहाल, राज्य सरकार ने इस अहम बैठक में जो महत्वपूर्ण फैसले लिये, उनके बारे में एक नज़र में जानिए।

एमबीबीएस की फीस आधी से भी कम कर दिए जाने के बाद उत्तराखंड सरकार का दावा है कि यह देश में इस कोर्स के लिए सबसे कम शुल्क है।
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के अंतर्गत राज्य की महिलाओं को अब हफ्ते में दो दिन फल, मेवाएं और अंडे वितरित किए जाएंगे।
आशा फेसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये किया गया.
स्टोन क्रशर नीति 2021, उत्तराखंड रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 के बारे में प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने पास किया।
वीरचंद्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी दिए जाने की प्रक्रिया को सरल करने पर मंज़ूरी।
कक्षा 10 और 12 के छात्रों को टैबलेट दिए जाने की प्रक्रिया में टेंडर शर्तों में बदलाव किए जाने को भी स्वीकृति दी गई।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को 7000 रुपये तक का दीवाली बोनस दिए जाने पर कैबिनेट ने मुहर लगाई. दैनिक वेतनभोगियों को 1184 रुपये का बोनस मिलेगा। उनियाल ने बताया कि इस फैसले से राज्य के 1.6 लाख कर्म​चारियों को लाभ मिलेगा।
सोहन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा में 197 अतिरिक्त पदों को भी मंज़ूरी दी गई।
पेयजल व सीवर के बिलों को लेकर कैबिनेट ने बड़ी राहत देते हुए मार्च 2022 तक लेट फीस न लेने की घोषणा की।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड सुविधा के तहत अब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना की दरों के मुताबिक इलाज करवाने की सुविधा दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत राज्य में महिलाओं को सप्ताह में दो दिन फल, सूखे मेवे और अंडे जैसे पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला कल्याण बाल विकास विभाग उक्त सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए गर्भवती और धात्री महिलाओं को उपलब्ध कराएगा। इसका लाभ करीब एक लाख 80 हजार महिलाओं को मिलेगा। सरकार चुनाव से पहले इस योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है।

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को नीट 2021(NEET) के परिणाम घोषित करने की दी अनुमति 

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को वर्ष 2021 देशभर में स्नातक स्तरीय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के परिणाम घोषित करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने एनटीए को नीट के परिणाम घोषित नहीं करने तथा दो अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा कराने के निर्देश देने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के हालिया आदेश पर रोक लगा दी।उच्च न्यायालय ने एनटीए को परिणाम घोषित नहीं करने के लिए कहा था, जब दो पीड़ित उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट महाराष्ट्र के एक परीक्षा केंद्र में आपस में मिल गये थे।

जस्टिस एल नागेश्वर राव, दिनेश माहेश्वरी और बीआर गवई की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने आज आदेश दिया, “हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। एनटीए एनईईटी यूजी परिणामों की घोषणा कर सकता है।”

पीठ ने एनटीए की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद कहा, ”हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परिणाम घोषित कर सकती है।” पीठ ने कहा, ”हम अदालत के पुन: खुलने (दीपावली की छुट्टियों के बाद) पर दोनों विद्यार्थियों के बारे में निर्णय लेंगे। इस बीच हम जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हैं।

लेकिन हम 16 लाख छात्रों का परिणाम नहीं रोक सकते।” बंबई उच्च न्यायालय ने 20 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व फैसले में एनटीए को आदेश दिया था कि दो अभ्यर्थियों के लिए नये सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए और उनके परिणाम 12 सितंबर को हुई परीक्षा के मुख्य परिणामों के साथ घोषित किये जाएं।

उच्च न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि दो अभ्यर्थियों -वैष्णवी भोपाली और अभिषेक शिवाजी के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र पर आपस में मिल गए थे। अदालत ने आदेश दिया था कि उन्हें नये सिरे से परीक्षा देने का अवसर मिले।

स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिहाज से नीट परीक्षा आयोजित करने के लिए 2018 में एनटीए की स्थापना की गयी थी। एनटीए ने याचिका में बताया कि 16,14,777 अभ्यर्थियों के लिए 202 शहरों में 3,682 केंद्रों पर 12 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों का किया उद्घाटन, वाराणसी में की प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम है और इसे मिशन यूपी 2022 के रूप में देखा जा रहा है। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने ‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ की शुरुआत की। पीएम मोदी 5 हजार 200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे।

सिद्धार्थनगर आने वाले पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- ‘आज का दिन उत्तर प्रदेश के लिए, विशेषकर पूर्वांचल के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में प्रदेश के नौ मेडिकल कालेज का उद्घाटन किया। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है।केंद्र और प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने वाराणसी में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। योगी सरकार से पहले जो सरकार थी, उसने अपने कार्यकाल में यूपी में सिर्फ 6 मेडिकल कालेज बनवाए थे। योगी जी के कार्यकाल में 16 मेडिकल शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है। रायबरेली और गोरखपुर में बन रहे एम्स तो यूपी के लिए एक प्रकार से बोनस हैं।

इन मेडिकल कालेजों का हुआ लोकार्पण                                                                                      सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मेडिकल कालेज, प्रतापगढ़ में डाक्टर सोने लाल पटेल मेडिकल कालेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कालेज, फतेहपुर में महान योद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कालेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कालेज और हरदोई मेडिकल कालेज।