भारतीय नौसेना में निकली नेवी अप्रेंटिस के 275 पदों पर भर्ती, जल्द करें ऑनलाइन आवेदन 

रक्षा मंत्रालय (नौसेना) ने अप्रेंटिस पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। योग्य उम्मीदवार जो पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे अप्रेंटिसशिप इंडिया की आधिकारिक साइट apprenticeshipindia.org के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती अभियान नेवल डॉकयार्ड अपरेंटिस स्कूल में अपरेंटिस के 275 पदों को भरेगा।ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 5 दिसंबर, 2021 तक है।

योग्यता

जो उम्मीदवार अपरेंटिस पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उनके पास 50 प्रतिशत अंकों के साथ SSC / मैट्रिक / 10वीं कक्षा होनी चाहिए और 65 प्रतिशत अंकों के साथ ITI सर्टिफिकेट होना चाहिए।

सिलेक्शन प्रोसेस

चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल हैं। योग्य उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए कॉल लेटर जारी किया जाएगा। लिखित परीक्षा ऑब्जेक्टिव टाइप प्रकार की होगी जिसमें 50 प्रश्न (मैथ के 20, जनरल साइंस के 20, जनरल नॉलेज के 10) होंगे, प्रत्येक प्रश्न में डेढ़ (1½) अंक होंगे

लिखित परीक्षा की योग्यता के क्रम में उम्मीदवारों को विभिन्न आरक्षण श्रेणियों और ट्रेडों में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। साक्षात्कार उनके संबंधित ट्रेड में उम्मीदवारों के तकनीकी कौशल पर आधारित है। साक्षात्कार में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों को एक चिकित्सा परीक्षा से गुजरना होगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • आवेदन करने की अंतिम तिथि: 5 दिसंबर, 2021
  • भरे हुए आवेदन भेजने की अंतिम तिथि: 14 दिसंबर, 2021
  • सभी ट्रेडों के लिए लिखित परीक्षा: 27 जनवरी, 2022
  • परिणाम की घोषणा: 29 जनवरी, 2022
  • साक्षात्कार की तिथि: 31 जनवरी, 1, 2 और 3 फरवरी, 2022
  • मेडिकल जांच : 7 फरवरी से 15 फरवरी, 2022

क्लैट (CLAT) की अगले वर्ष दो परीक्षाएं आयोजित की जाएगी

देश के राष्ट्रीय कानून विधि विश्वविद्यालय के लिए आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) की विधि प्रवेश परीक्षा 2022 -23 सत्र की अगले साल आयोजित की जाएगी।

कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की एग्जीक्यूटिव कमेटी और जनरल बोर्ड की मीटिंग में यह तय किया गया कि क्लैट 2022 और क्लैट 2023 की परीक्षा का आयोजन अगले साल 2022 में ही किया जायेगा। इस तरह वर्ष 2022 में क्लैट की दो परीक्षाएं आयोजित की जाएगी।

क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी। विगत सालो में क्लैट (CLAT) परीक्षा मई में होती थी, COVID-19 के कारण कई बार स्थगित किया गया था। लेकिन इस बार क्लैट की परीक्षा 8 मई 2022 को आयोजित की जाएगी।इस वर्ष क्लैट परीक्षा का आयोजन की जिम्मेदारी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर को दी गई है। क्लैट (CLAT) 2023 की परीक्षा इसी वर्ष 18 दिसंबर, 2022 को आयोजित की जाएगी।इसके लिए जून में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

क्लैट कंसोर्टियम ने  काउंसलिंग फीस को लेकर बड़ा फैसला लिया है।अब जनरल कैटेगरी के कैं‌डिडेट्स को कांउसलिंग फीस 50 हजार के जगह 30 हजार रुपये देने होंगे। और एससी(SC), एसटी(ST), ओबीसी(OBC),  ईडब्ल्यूएस(EWS), बीसी(BC) तथा दिव्यांग कैंडिडेट्स को 20 हजार रुपये शुल्क देना होगा।

लॉ प्रेप टुटोरिअल दून के निर्देशक एस. एन. उपाध्याय ने बताया कि क्लैट 2022 -2023 की परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की जाएगी। जिससे की सत्र को नियमित किया जा सके। इस व्यवस्था से छात्रों को फायदा होगा।

NEET Result : मृणाल कुटेरी, तन्मय गुप्ता और कार्तिक जी नायर  बने ऑल इंडिया टॉपर, मेडिकल कॉलेजों की कट-ऑफ पर होंगे एडमिशन

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। टॉप थ्री टॉपर्स में दो लड़के और एक लड़की शामिल हैं. नीट-2021 में तीनों टॉपर्स ने 720/720 अंक हासिल किए हैं। मृणाल कुटेरी (तेलंगाना), तन्मय गुप्ता (दिल्ली) और कार्तिक जी नायर (महाराष्ट्र) ने नीट यूजी 2021 में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की है।

NEET UG Result 2021 में टॉप-5 रैंक में कुल 16 कैंडिडेट्स रहे हैं। पहली रैंक पर तेलंगाना के मृणाल, दिल्ली के तन्मय गुप्ता और महाराष्ट्र से कार्तिक जी नायर रहे हैं। खास बात ये भी है कि 15 कैंडिडेट्स का रिजल्ट नकल करने के मामले में रद्द कर दिया गया है।नीट स्कोर कार्ड आधिकारिक वेबासाइट neet.nta.nic.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं. रिजल्ट के बाद अब एमबीबीएस, बीडीएस समेत अन्य मेडिकल यूजी कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। नीट रिजल्ट के बाद दो तरह की काउंसलिंग का विकल्प रहेगा, पहला 15 फीसदी ऑल इंडिया कोट काउंसलिंग (NEET 15% All India Quota Counselling)। दूसरा विकल्प है स्टेट काउंसलिंग का हैं।  राज्य अपनी अलग काउंसलिंग कराते हैं। स्टेट काउंसलिंग के जरिये स्टूडेंट्स को स्टेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का मौका मिलता है।

नीट टॉपर मृणाल बताते हैं कि पढ़ाई के लिए उनका कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं था. वह बहुत लंबे सत्रों में भी पढ़ाई नहीं करते थे। कभी 45 मिनट तो कभी एक घंटा पढ़ाई कर तो ब्रेक लेते थे। मृणाल ने नीट एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए कहा, “परीक्षा में अव्वल आने का कोई खास नुस्खा नहीं है।एक चीज मैंने महसूस की है कि आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कौन सा तरीका आपके मुताबिक काम कर रहा है।”

मृणाल ने आगे कहा, “पढ़ने और सीखने के नए-नए तरीकों को एक्सप्लोर करते रहना चाहिए।” वहीं दिल्ली के तन्मय गुप्ता ने बताया कि दसवीं कक्षा पास करने के बाद बच्चों के मन में यह क्लियर हो जाता है कि उन्हें मेडिकल या नॉन मेडिकल किस प्रकार के कोर्स में दाखिला लेना है। इसी तरह मेरे दिमाग में भी यह बात स्पष्ट थी कि मुझे मेडिकल में जाना है।

मृणाल कहते हैं कि मेरी मां सॉफ्टवेयर इंजीनियर तो पिता एचआर कंस्लटेंट हैं। लेकिन मैंने डॉक्टर बनकर आम लोगों की सेवा करना की सोची, ताकि दूसरों की मदद कर सकूं।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को नीट यूजी रिजल्ट 2021 घोषित करने का रास्ता साफ कर दिया था।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनटीए को रिजल्ट घोषित नहीं करने के लिए कहा था, क्योंकि दो उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान उनकी परीक्षा पुस्तिकाएं और ओएमआर शीट मिक्स हो गई थीं।

 

 

उत्तराखंड के 18 मेडिकल कॉलेजों में घटी एमबीबीएस फीस, अब 4 लाख की जगह 1.45 लाख रुपये फीस करने की मिली मंजूरी, जानिए इस अहम बैठक के महत्वपूर्ण फैसले 

देहरादून :- उत्तराखंड में बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुछ अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। इसी बीच विद्यार्थियों को बढ़ती फीस से भी राहत मिली है। उत्तराखंड के गरीब होनहार छात्रों के लिए अब एमबीबीएस की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने की राह आसान हो गई है।राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों में अब एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटकर सिर्फ 1.45 लाख रुपये होगी। उत्तराखंड सरकार ने यह बड़ा ऐलान करते हुए और सौगातों का पिटारा खोला। राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस साल दीवाली बोनस मिलेगा। आशा फैसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई है।इसके साथ ही, राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना में संशोधन पर भी मुहर लगी। वास्तव में, उत्तराखंड कैबिनेट की एक अहम बैठक गुरुवार को यहां सचिवालय में हुई, जिसमें ये तमाम फैसले लिये गए। इस बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मीडिया को बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में बताया।

सरकार ने एक ओर जहां बांड की व्यवस्था सभी मेडिकल कॉलेजों में बहाल कर दी है तो वहीं विद्यार्थियों की मांग सुनते हुए दूसरी ओर फीस भी चार लाख रुपये से घटाकर एक लाख 45 हजार रुपये कर दी है। इससे निश्चित तौर पर छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में बांड भरकर MBBS करने की सुविधा को बहाल कर दिया है। मीटिंग में राज्य के 18 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटाकर 1.45 लाख रुपये करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बढ़ती फीस के बीच विद्यार्थियों के लिए यह राहत भरी खबर है। पहले बांड व्यवस्था के तहत केवल पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों जैसे श्रीनगर में बांड से पढ़ाई की सुविधा थी। जबकि बिना बांड के एमबीबीएस का शुल्क चार लाख रुपये हो गया था, जिसके तहत देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही थी। छात्र इसके खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे थे और अपनी आवाज उठा रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों, छात्रों और महिलाओं के लाभ से जुड़े कई फैसले राज्य सरकार ने लिये। मंत्रिमंडल की बैठक में 25 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई, जिनमें से 24 के संदर्भ में फैसले लिये गए जबकि एक मामले को फिलहाल टाल दिया गया। कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते को तीन प्रतिशत बढ़ाए जाने के बारे में अटकलें थीं, लेकिन इस पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की। बहरहाल, राज्य सरकार ने इस अहम बैठक में जो महत्वपूर्ण फैसले लिये, उनके बारे में एक नज़र में जानिए।

एमबीबीएस की फीस आधी से भी कम कर दिए जाने के बाद उत्तराखंड सरकार का दावा है कि यह देश में इस कोर्स के लिए सबसे कम शुल्क है।
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के अंतर्गत राज्य की महिलाओं को अब हफ्ते में दो दिन फल, मेवाएं और अंडे वितरित किए जाएंगे।
आशा फेसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये किया गया.
स्टोन क्रशर नीति 2021, उत्तराखंड रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 के बारे में प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने पास किया।
वीरचंद्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी दिए जाने की प्रक्रिया को सरल करने पर मंज़ूरी।
कक्षा 10 और 12 के छात्रों को टैबलेट दिए जाने की प्रक्रिया में टेंडर शर्तों में बदलाव किए जाने को भी स्वीकृति दी गई।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को 7000 रुपये तक का दीवाली बोनस दिए जाने पर कैबिनेट ने मुहर लगाई. दैनिक वेतनभोगियों को 1184 रुपये का बोनस मिलेगा। उनियाल ने बताया कि इस फैसले से राज्य के 1.6 लाख कर्म​चारियों को लाभ मिलेगा।
सोहन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा में 197 अतिरिक्त पदों को भी मंज़ूरी दी गई।
पेयजल व सीवर के बिलों को लेकर कैबिनेट ने बड़ी राहत देते हुए मार्च 2022 तक लेट फीस न लेने की घोषणा की।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड सुविधा के तहत अब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना की दरों के मुताबिक इलाज करवाने की सुविधा दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत राज्य में महिलाओं को सप्ताह में दो दिन फल, सूखे मेवे और अंडे जैसे पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला कल्याण बाल विकास विभाग उक्त सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए गर्भवती और धात्री महिलाओं को उपलब्ध कराएगा। इसका लाभ करीब एक लाख 80 हजार महिलाओं को मिलेगा। सरकार चुनाव से पहले इस योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है।

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को नीट 2021(NEET) के परिणाम घोषित करने की दी अनुमति 

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को वर्ष 2021 देशभर में स्नातक स्तरीय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के परिणाम घोषित करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने एनटीए को नीट के परिणाम घोषित नहीं करने तथा दो अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा कराने के निर्देश देने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के हालिया आदेश पर रोक लगा दी।उच्च न्यायालय ने एनटीए को परिणाम घोषित नहीं करने के लिए कहा था, जब दो पीड़ित उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट महाराष्ट्र के एक परीक्षा केंद्र में आपस में मिल गये थे।

जस्टिस एल नागेश्वर राव, दिनेश माहेश्वरी और बीआर गवई की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने आज आदेश दिया, “हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। एनटीए एनईईटी यूजी परिणामों की घोषणा कर सकता है।”

पीठ ने एनटीए की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद कहा, ”हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परिणाम घोषित कर सकती है।” पीठ ने कहा, ”हम अदालत के पुन: खुलने (दीपावली की छुट्टियों के बाद) पर दोनों विद्यार्थियों के बारे में निर्णय लेंगे। इस बीच हम जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हैं।

लेकिन हम 16 लाख छात्रों का परिणाम नहीं रोक सकते।” बंबई उच्च न्यायालय ने 20 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व फैसले में एनटीए को आदेश दिया था कि दो अभ्यर्थियों के लिए नये सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए और उनके परिणाम 12 सितंबर को हुई परीक्षा के मुख्य परिणामों के साथ घोषित किये जाएं।

उच्च न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि दो अभ्यर्थियों -वैष्णवी भोपाली और अभिषेक शिवाजी के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र पर आपस में मिल गए थे। अदालत ने आदेश दिया था कि उन्हें नये सिरे से परीक्षा देने का अवसर मिले।

स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिहाज से नीट परीक्षा आयोजित करने के लिए 2018 में एनटीए की स्थापना की गयी थी। एनटीए ने याचिका में बताया कि 16,14,777 अभ्यर्थियों के लिए 202 शहरों में 3,682 केंद्रों पर 12 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों का किया उद्घाटन, वाराणसी में की प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम है और इसे मिशन यूपी 2022 के रूप में देखा जा रहा है। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने ‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ की शुरुआत की। पीएम मोदी 5 हजार 200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे।

सिद्धार्थनगर आने वाले पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- ‘आज का दिन उत्तर प्रदेश के लिए, विशेषकर पूर्वांचल के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में प्रदेश के नौ मेडिकल कालेज का उद्घाटन किया। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है।केंद्र और प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने वाराणसी में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। योगी सरकार से पहले जो सरकार थी, उसने अपने कार्यकाल में यूपी में सिर्फ 6 मेडिकल कालेज बनवाए थे। योगी जी के कार्यकाल में 16 मेडिकल शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है। रायबरेली और गोरखपुर में बन रहे एम्स तो यूपी के लिए एक प्रकार से बोनस हैं।

इन मेडिकल कालेजों का हुआ लोकार्पण                                                                                      सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मेडिकल कालेज, प्रतापगढ़ में डाक्टर सोने लाल पटेल मेडिकल कालेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कालेज, फतेहपुर में महान योद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कालेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कालेज और हरदोई मेडिकल कालेज।

 

ओबीसी – ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले पर नीट एमडीएस परीक्षा की काउंसलिंग पर SC ने लगाई रोक,जानें क्या है कारण

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एनईईटी-पीजी 2021 के लिए काउंसलिंग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। काउंसलिंग पर रोक लगाने का अहम कारण ऑल इंडिया कोटा सीट्स, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नीट एमडीएस परीक्षा की काउंसलिंग को तब तक शुरू नहीं किया जाएगा, जबतक कोर्ट ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी – ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले पर फैसला नहीं कर लेती।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

केंद्र सरकार ने सोमवार को शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि नीट पीजी काउंसलिंग 2021 तब तक शुरू नहीं होगी जब तक कि शीर्ष अदालत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच जाती। वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार द्वारा मामले का जिक्र किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने तब एएसजी नटराज को हस्तक्षेप किया और केंद्र से आश्वासन मांगा कि शीर्ष अदालत के अंतिम निर्णय तक पहुंचने तक परामर्श आयोजित नहीं किया जाएगा। नटराज ने जवाब दिया, बिल्कुल आप कर सकते हैं, मेरे भगवान। श्री दातार कोई कठिनाई होने पर सीधे मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा नीट मेडिकल एडमिशन परीक्षा में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटे को शामिल करने का फैसला किया था। इस फैसले के मुताबिक ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत और ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशद सीटों पर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। छात्रों और याचिकाकर्ता को मेडिकल काउंसलिंग कमेट (एमसीसी) द्वारा बस एक नोटिस जारी कर नए शैक्षणिक सत्र से नए आरक्षण नियम लागू करने को लेकर आपत्ति है। इस बाबत याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से एमसीसी के नोटिस को रद्द करने की मांग की है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने सरकार को भेजा प्रस्ताव, पटवारी-लेखपाल भर्ती की प्रक्रिया में होगा बदलाव

विभाग से आए अधियाचन के हिसाब से इन भर्तियों के लिए पहले फिजिकल और फिर लिखित परीक्षा होनी चाहिए। इस नियम की वजह से आयोग पसोपेश में था कि इतनी बड़ी संख्या में युवाओं की फिजिकल कैसे कराई जाएगी। उत्तराखंड में चल रही पटवारी-लेखपाल भर्ती की प्रक्रिया का पैटर्न बदलने जा रहा है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा दिया है। इसमें कहा गया है कि किसी भी भर्ती के तरीके को आयोग तय करेगा न कि विभाग।प्रदेश में पटवारी के 391 और लेखपाल के 163 पद मिलाकर कुल 554 पदों के लिए पटवारी-लेखपाल भर्ती होने जा रही है। आयोग के पास इस भर्ती के लिए एक लाख 43 हजार आवेदन आ गए हैं।

विभाग से आए अधियाचन के हिसाब से इन भर्तियों के लिए पहले फिजिकल और फिर लिखित परीक्षा होनी चाहिए। इस नियम की वजह से आयोग पसोपेश में था कि इतनी बड़ी संख्या में युवाओं की फिजिकल कैसे कराई जाएगी।आयोग ने बैठक कर तय किया है कि यह उसका अधिकार होना चाहिए कि भर्ती की प्रक्रिया क्या हो। आयोग ने एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है, जिसमें कहा गया है कि पटवारी-लेखपाल सहित सभी भर्तियों में पैटर्न क्या होगा, यह आयोग ही तय करेगा। कोई भी विभाग तय नहीं करेगा कि उसकी प्रक्रिया क्या होगी। शासन से अनुमति मिलने के बाद ही पटवारी-लेखपाल भर्ती की गाड़ी आगे बढ़ेगी।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में आ रहे भारी भरकम आवेदन एक नई चुनौती बन रहे हैं। चार भर्तियां ऐसी हैं, जिनमें एक लाख से अधिक आवेदन आ गए हैं। आयोग के लिए अब इनकी परीक्षा कराना बड़ी चुनौती है। पटवारी-लेखपाल भर्ती में एक लाख 43 हजार आवेदन आए हैं। इसकी परीक्षा तिथि अभी तय नहीं है। कनिष्ठ सहायक इंटरमीडिएट स्तर भर्ती में एक लाख 19 हजार आवेदन आए हैं, जिनकी परीक्षा 31 अक्तूबर को प्रस्तावित है। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के लिए भी एक लाख 57 हजार आवेदन आ चुके हैं जबकि प्रयोगशाला सहायक के लिए 90 हजार आवेदन आ गए हैं। इतने भारी भरकम आवेदनों की वजह से आयोग को परीक्षा में मुश्किलें पेश आ रही हैं।

चुनाव आचार संहिता से भर्तियां प्रभावित हो सकती हैं सरकार की कोशिशों के चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने नई भर्तियों के आवेदन तो मंगा लिए हैं लेकिन इनकी परीक्षाओं पर विधानसभा चुनाव की छाया पड़ना तय माना जा रहा है।दिसंबर में चुनाव आचार संहिता लगने की संभावनाओं के बीच आयोग अभी इंतजार कर रहा है। आयोग का कहना है कि अगर आचार संहिता लग गई तो प्रशासन के अधिकारी उसमें व्यस्त हो जाएंगे। तब परीक्षाएं चुनाव के बाद ही होंगी।

पटवारी सहित अन्य भर्तियों में पैटर्न आयोग पर निर्भर करे, इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इसके बाद आयोग अपने हिसाब से भर्तियों की परीक्षाएं कराएगा। पटवारी भर्ती में पहले फिजिकल की शर्त की वजह से यह दुश्वारी पेश आई है। बाकी परीक्षाओं की तिथियां आचार संहिता की संभावनाओं पर निर्भर करेंगी।
– संतोष बडोनी, सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग

RIMC में गर्ल्स को भी मिलेगा प्रवेश,आवेदन से लेकर कैसा रहेगा परीक्षा पैटर्न,परीक्षा 18 दिसम्बर को,प्रवेश की इच्छुक छात्राएं 15 नवंबर तक आवेदन कर सकती हैं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज(RIMC) में गर्ल्स की एंट्री खुली है।हर साल देश के लिए जांबाज सैन्य अफसर तैयार करने वाले प्रतिष्ठित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज (RIMC) में सत्र 2022-23 से छात्राओं को भी प्रवेश मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरआइएमसी एवं शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रवेश की इच्छुक छात्राएं 15 नवंबर तक आवेदन कर सकती हैं। प्रवेश परीक्षा 18 दिसंबर को राजकीय बालिका इंटर कालेज, राजपुर रोड, देहरादून में होगी। देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. मुकुल कुमार सती ने सोमवार को प्रवेश प्रक्रिया के आदेश एवं कार्यक्रम के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

आरआइएमसी में आठवीं कक्षा से पढ़ाई और प्रशिक्षण शुरू होता है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रवेश परीक्षा में वही छात्राएं शामिल होंगी, जिनकी उम्र एक जुलाई 2022 तक अधिकतम 13 वर्ष और न्यूनतम 11 वर्ष छह महीने होगी। यानि जिन छात्राओं का जन्म 2 जुलाई 2009 से पहले और 1 जनवरी 2011 के बाद का हो, वे आवेदन नहीं कर सकेंगी। छात्रा के पास दाखिले के समय एक जुलाई 2022 तक किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से सातवीं कक्षा का पासिंग सर्टिफिकेट या सातवीं में अध्ययनरत होने का प्रमाण होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश अनुसार हर छह महीने में पांच छात्राओं को आरआइएमसी में दाखिला दिया जाना है।प्रवेश परीक्षा में सातवीं कक्षा तक के मानक एवं पाठ्यक्रम के अनुसार सवाल पूछे जाएंगे। पहले चरण में लिखित परीक्षा होगी। जिसमें अंग्रेजी, गणित एवं सामान्य ज्ञान इन तीन विषयों के सवाल होंगे। हर विषय के प्रश्न पत्र में न्यूनतम 50 फीसद अंक हासिल करने वाली छात्राओं को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। साक्षात्कार की सूचना छात्राओं को मार्च 2022 के पहले हफ्ते में ही दी जाएगी। दोनों चरण पास करने के बाद मेरिट के आधार पर छात्राओं को प्रवेश मिलेगा। आरआईएमसी में चयन के लिए कुल 450 अंकों की परीक्षा होगी। इसमें 125 अंकों का अंग्रेजी , 200 अंकों का गणित , 75 अंकों का सामान्य ज्ञान और 50 अंकों का साक्षात्कार होगा।

आरआइएमसी की प्रवेश परीक्षा के लिए दो माध्यम से फार्म लिया जा सकता है। फार्म कालेज की वेबसाइट पर आनलाइन भुगतान करके सीधा घर के पते पर मंगाया जा सकता है। वहीं कालेज के पास स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया, तेल भवन से भी फार्म लिया जा सकता है। सामान्य वर्ग की छात्राओं को 600, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी की छात्राओं को 555 रुपये फार्म शुल्क देना होगा। फार्म के साथ पिछले वर्षों के सैंपल पेपर एवं विवरण पंजिका भी मिलेगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अगर 15 नवंबर शाम पांच बजे बाद किसी का फार्म पहुंचा तो वह मान्य नहीं होगा। इसके अलावा अधूरे, अपठनीय और कोरियर से भेजे गए फार्म भी मान्य नहीं होंगे। फार्म पंजीकृत डाक से ही भेजना है। साथ ही 30 रुपये के टिकट लगा 9 बाइ 4 इंच का लिफाफा भी फार्म के साथ भेजना है।

नोटिफिकेशन में यह साफ किया गया है कि इस परीक्षा में उत्तराखंड के निवासियों को ही मौका मिलेगा। इसके लिए फार्म के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र भी अभिभावकों को जमा करना होगा। आरक्षित वर्ग को प्रमाण पत्र की सत्यापित कापी भी फार्म के साथ भेजनी होगी।उम्मीदवार की दो पासपोर्ट आकार की फोटो, जन्म प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र व प्रधानाचार्य द्वारा प्रमाणित वर्तमान कक्षा में अध्ययनरत् का मूल रूप में फोटो सत्यापित किया हुआ प्रमाण पत्र,आवेदन पत्र के साथ उम्मीदवार का आधार कार्ड जमा करना अनिवार्य है।

देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती ने प्रवेश परीक्षा के लिए आदेश जारी, जानिए किन्हें मिलेगा आवेदन का मौका

देहरादून:- उच्चतम न्यायालय ने महिला अभ्यर्थियों को देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) के लिए प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए कहा कि केंद्र ने लंबी दूरी तय की है तथा उसे और एक कदम बढ़ाना चाहिए। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किए बगैर इस बारे में आवश्यक संशोधित विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया था।

राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज देहरादून (आरआइएमसी) में छात्राओं के प्रवेश की प्रकिया शुरू हो गई है। इसके लिए प्रवेश परीक्षा इसी साल दिसंबर 18 तारीख को आयोजित की जाएगी।देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल कुमार सती ने प्रवेश परीक्षा के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। सत्र 2022-23 से यहां छात्राओं का पहला बैच शुरू होने जा रहा है। इस प्रवेश परीक्षा में उन्हीं छात्राओं को आवेदन का मौका मिलेगा, जिनके अभिभावक उत्तराखंड के निवासी हैं।