सोबन सिंह जीना मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को मिली मान्यता, एमबीबीएस की 100 सीटें पर इसी सत्र छात्र करेंगे पढ़ाई

 नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा को मान्यता प्रदान कर दी है। मेडीकल कमीशन अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटें दी हैं। पिछले सप्ताह एनएमसी की टीम अल्मोड़ा का दौरा कर वापस लौटी थी। अल्मोड़ा में कालेज करीब आठ साल से निर्माणाधीन है। प्रदेश की लिए यह बड़ी उपलब्धि है।

सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है। दूसरी काउंसिलंग में राज्य कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश होगा। 15 सीटों पर आल इंडिया कोटे से प्रवेश होंगे।
प्रचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज को शुरू कराने के लिए लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो गया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन भी मिल जाएगा। इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उत्तराखंड में अभी तक तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें एक देहरादून, दूसरा श्रीनगर और तीसरा हल्द्वानी में है। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2012 से चल रहा था। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को वैसे तो वर्ष 2017 में शुरू करने की योजना थी लेकिन धीरे-धीरे तारीख पीछे खिसकती चली गई। छात्रों का इंतजार भी साल-दर-साल आगे बढ़ता चला गया। पिछले साल भी अनुमति नहीं मिल पाई थी। इस साल स्टूडेंट्स लगातार इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की मांग कर रहे थे। देहरादून के मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डीके मिश्रा की अगुवाई में ट्विटर व अन्य माध्यमों अभियान चलाया।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमबीबीएस की मान्यता के लिए वर्ष 2019 से निरीक्षण चल रहा है। पिछले सप्ताह नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आई थी। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली की टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन फैकल्टी की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मान्यता नहीं मिल सकी।

एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तराखंड एमबीबीएस नीट काउन्सलिंग शुरू होने जा रही है। पहले चरण में इस कॉलेज का विकल्प मिलना मुश्किल है लेकिन दूसरे चरण में छात्रों को इसका विकल्प मिलेगा।

उत्तराखंड में 31 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे, रैलियों, रोड शो पर भी रोक

उत्तराखंड में लागू कोविड प्रतिबंध की अवधि शनिवार को खत्म हो गई थी। उच्च स्तरीय बैठक में हुए मंथन के बाद शासन ने प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया। नई गाइडलाइन के मुताबिक, प्रदेश में नाइट कर्फ्यू रात 10 से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। राज्य में 31 जनवरी तक आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इनमें आनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के कोविड वैक्सीनेशन या कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की भी अब जरूरत नहीं होगी।

चुनाव आयोग की गाइडलाइन को भी कोविड प्रतिबंध में समाहित किया गया है। इसके तहत राजनीतिक दलों को राहत दी गई है। 31 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दलों को छोटी सभाओं की अनुमति होगी। मैदान की कुल क्षमता के 50 फीसदी लोग ही शामिल हो सकेंगे। रैली, प्रदर्शन, रोड शो, पदयात्रा, बाइक रैली जैसे आयोजन नहीं होंगे। इसके अलावा घर-घर जनसंपर्क के लिए अब 5 के स्थान पर 10 व्यक्तियों को अनुमति होगी।

कोविड के संक्रमण को देखते हुए स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क भी 31 जनवरी तक बंद रहेंगे। इस दौरान मनोरंजन, शैक्षिक व सांस्कृतिक समारोह की भी अनुमति नहीं होगी। जिम, शापिंग माल, सिनेमा हाल, होटल, रेस्तरां, ढाबे, स्पा, सैलून, थिएटर, आडिटोरियम, सभाकक्ष, खेल संस्थान, स्टेडियम व खेल मैदान 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। शादी समारोह में स्थल के 50 प्रतिशत क्षमता के साथ व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति होगी।

आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 (AILET 2022) ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के द्वारा एलेट (AILET) 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 के लिए एप्लीकेशन फॉर्म 17 जनवरी 2022 से 07 अप्रैल तक पंजीकरण सकते हैं। अभ्यर्थी ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट 2022 एप्लीकेशन फॉर्म, एनएलयू की आधिकारिक वेबसाइट nludelhi.ac.in पर जाकर आवेदन सकते हैं। लिखित परीक्षा 01 मई  2022 को ऑफलाइन मोड़ पर आयोजित की  जाएगी।

ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर का टेस्ट होता है जिसके अंतर्गत बी.ए. एलएलबी (ऑनर्स), एलएलएम और पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाता है। एआईएलईटी 2022 में जो छात्र निर्धारित रैंक प्राप्त कर लेंगे उनको विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जायेगा।

लॉ प्रेप दून के निर्देशक एस एन उपाध्याय ने बताया कि बीए एलएलबी के लिए प्रवेश परीक्षा 150 अंक की होती है। अभी तक गणित का 10 अंक और अंग्रेजी, जनरल नॉलेज, रिजनिंग व लीगल एप्टीट्यूड का 35-35 अंक का सेक्शन होता था। लेकिन अब पेपर में तीन ही सेक्शन होंगे। अंग्रेजी का सेक्शन 50 अंक का होगा। इसके अलावा 30 अंक का सामान्य ज्ञान वह 70 अंक का लॉजिकल रीजनिंग होगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी।एलएलएम की परीक्षा भी 150 अंक की होगी। इसमें 50-50 अंक के सेक्शन इंग्लिश लैंग्वेज व लीगल रीजनिंग के होंगे। जबकि 50 अंक के कानून पर आधारित विस्तृत प्रश्न होंगे। इसमें 8 से 10 प्रश्न आएंगे जिनमें 2 प्रश्नों का उत्तर देना होगा पीएचडी के लिए 100 अंक की परीक्षा होती है परीक्षा के लिए देहरादून में भी केंद्र होगा।

एलेट (AILET) आवेदन पत्र 2022 भरते समय, उम्मीदवारों को व्यक्तिगत, शैक्षणिक और संचार विवरण प्रदान करना होगा। एलेट (AILET) आवेदन शुल्क सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 3,050 रुपये और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 1,050 रुपये है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित बीपीएल उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क भुगतान से छूट दी गई है।आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होगा।आवेदन शुल्क भुगतान के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरा माना जाएगा, बिना आवेदन फीस जमा किये गए आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

उत्तराखंड में सियासी रैलियों और 12वीं तक के सभी स्कूल 16 जनवरी तक बंद, नई एसओपी जारी

उत्तराखंड में सभी तरह के सार्वजनिक समारोह पर भी 16 जनवरी तक रोक लगा दी गई है। खुले या बंद स्थान पर विवाह समारोह की 50 प्रतिशत क्षमता के अनुसार लोगों के शामिल होने की ही अनुमति होगी। उत्तराखंड में प्रवेश के लिए उन लोगों को 72 घंटे पूर्व की कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी, जिनको कोविड वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी हैं।

उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना के मामलों और नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए धामी सरकार ने नई कोविड गाइडलाइन जारी कर दी है। राज्य सरकार के जारी किये गए दिशा निर्देशों के मुताबिक, प्रदेश में नाईट कर्फ्यू पहले की तरह ही रात्रि 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक लागू रहेगा। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को राहत दी जाएगी। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र व बारहवीं तक के सभी स्कूल 16 जनवरी तक के लिए बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस चलेंगी। आज का जारी आदेश 9 जनवरी से अग्रिम आदेशों तक लागू रहेगा। मुख्य सचिव डॉक्टर सुधीर सिंह संधू ने आदेश को जारी किया है।कोविड कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नई गाइडलाइंस 

  • बाजार सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक बाजारे खुलेंगे।
  • प्रदेश के सभी जिम शॉपिंग मॉल सिनेमा हॉल स्पा सलून मनोरंजन पार्क थिएटर ऑडिटोरियम और सभी खेल संस्थान स्टेडियम व खेल से संबंधित सभी तरह के गतिविधियों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे।
  • राज्य में स्विमिंग पूल वाटर पार्क को 16 जनवरी तक के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया है।
  • सार्वजनिक समारोह मनोरंजन शैक्षिक सांस्कृतिक गतिविधियां 16 जनवरी तक पूरी तरह से बंद रहेंगे।
  • विवाह समारोह व शव यात्रा में बंद या खुले स्थान के साथ 50 फ़ीसदी क्षमता के मुताबिक की व्यक्तियों को शामिल होने की इजाजत होगी।
  • राजनीतिक रैली धरना प्रदर्शन को 16 जनवरी तक पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दिया गया है।
  • होटल भोजनालय ढाबा में केवल 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति होगी।
  • खाद्य पदार्थों की टेकअवे होम डिलीवरी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. होटल में स्थित कॉन्फ्रेंस हाल, स्पा प्रोटोकॉल के मुताबिक 50 फीसदी क्षमता के साथ अनुमति दी जाएगी।
  • आंगनबाड़ी केंद्र के साथ 12वीं क्लास तक के सभी शैक्षिक संस्थान को 16 जनवरी तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से छात्र छात्राओं को पढ़ाया जाएगा।
  • भारत सरकार और राज्य सरकार के निकायों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के संचालन की अनुमति होगी।
  • 72 घंटे की रिपोर्ट के साथ ही दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को प्रदेश में आने की अनुमति दी जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 के सभी तरह के मानक को पूरा करना होगा। नए वैरीअंट को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाया जाएगा। वैक्सीन के लिए अभियान चलाया जाएगा साथ ही कोविड-19 रोकथाम के लिए हर संभव उपाय उठाने के बारे में भी विचार मंथन किया जाएगा।
  • 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक कारण को छोड़कर आने-जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है।

10वीं क्लास तक सभी स्कूल 16 जनवरी तक बंद, उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू की नई एसओपी जारी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर के उत्तराखंड  में पैर पसाते देख सरकार की चिंताएं और बढ़ गई हैं। ऐसे में राज्य में नाइट कर्फ्यू के समय में बदलाव कर समय बढ़ा दिया गया है। अब राज्य में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तकनाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके साथ ही सीएमओ ने 10वीं कक्षा तक सभी सरकारी और निजी स्कूल 16 जनवरी तक बंद रहने के भी निर्देश दे दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम हुई कैबिनेट बैठक में चर्चा की गई और स्थिति की समीक्षा करने के बाद फैसला किया गया कि राज्य में नाइट कर्फ्यू अब रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। अभी तक राज्य में कोविड कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू किया गया था। लेकिन मामले बढ़ने के बाद अब इस अवधि को बढ़ा दिया गया है।

सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पहली से 5वीं तक सभी कक्षाएं अब पूरा वक्त चलाने के आदेश कर दिए हैं। अभी तक ये कक्षाएं सिर्फ तीन घंटे तक संचालित हो रही थीं। बुध‌वार को सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने यह आदेश किया है। यह फैसला उस वक्त लिया गया, जब उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां तक कि कई स्कूलों में बच्चे भी संक्रमित आ रहे हैं। इस फैसले के बाद सरकार की कोरोना पर नियंत्रण को लेकर संवेदनशीलता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

दो दिन बाद फिर होगी कोविड पर बैठक

सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर सरकार पूरी तरह नजर रखे हुए है। दो दिन बाद फिर से कैबिनेट की इस मुद्दे पर बैठक होगी और स्थिति के अनुसार फैसला लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि अगर राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो सरकार सख्त कदम उठाने से भी परहेज नहीं करेगी। विदित है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है।

यह है एसओपी

  • राज्य में नाइट कर्फ्यू रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में निम्नवत् सेवाओं से जुड़े व्यक्तियों, दुकानों, कार्यालयों को COVID Appropriate Behaviour & COVID Safety Protocols के तहत कार्य करने की छूट प्रदान की जाती है :

समस्त स्वास्थ्य सेवाएं (AYUSH सहित) यथावत संचालित (24X7) रहेगी जैसे:

  •  चिकित्सालय, नर्सिंग होम, क्लीनिक एवं टेलीमेडिसिन सेवायें।
  • डिस्पेंसरी, कैमिस्ट, फार्मेसी, जन औषधि केंद्र सहित समस्त दवाओं की दुकानें ऑप्टिकल शॉप और मेडिकल उपकरण की दुकानें ।
  •  चिकित्सा प्रयोगशालाएं और सैंपल संग्रह केंद्र (Collection Centers)।
  • फार्मास्युटिकल और मेडिकल रिसर्च लैब, COVID-19 संबंधित अनुसंधान करने वाले संस्थान ।
  • पशु चिकित्सा अस्पताल, औषधालय, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, वैक्सीन और दवा की बिक्री और आपूर्ति ।
  •  COVID-19 के संक्रमण रोकने हेतु अस्पतालों तथा आवश्यक सेवाओं के सुविधा प्रदान करने वाले अधिकृत निजी प्रतिष्ठान, जिनमें होम केयर प्रोवाइडर, डायग्नोस्टिक्स, सप्लाई चेन फर्म्स आदि शामिल हैं।
  • दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, चिकित्सा ऑक्सीजन के निर्माण संस्थान तथा उनकी पैकेजिंग सामग्री, कच्चे माल की विनिर्माण इकाइयाँ ।
  •  एंबुलेंस के निर्माण सहित चिकित्सा / स्वास्थ्य सम्बन्धित बुनियादी ढांचे के निर्माण संस्थान ।
  • तेल और गैस क्षेत्र, जिसमें उत्पादों का उत्पादन, परिवहन, वितरण, भंडारण और फुटकर बिक्री शामिल है, जैसे- पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, रसोई गैस आदि
  •  राज्य स्तर पर बिजली का उत्पादन, पारेषण और वितरण ।
  •  डाकघरों सहित डाक सेवाएं।
  • राज्य में नगरपालिका / स्थानीय निकाय स्तरों पर जल स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्रों का संचालन।
  •  टेलीकॉम टावरों के रख-रखाव और प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रिचार्ज सुविधाओं सहित दूरसंचार, डीटीएच और इंटरनेट सेवाएं प्रदाता आदि जनसुविधाओं हेतु कर्मचारियों एवं वाहनों का आवागमन ।
  • COVID curfew सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इलेक्ट्रिशियन / प्लम्बर को अपने व्ययावसायिक कार्यों हेतु आवागमन में छूट रहेगी।
  • सभी मालवाहक वाहनों (लदे हुए अथवा खाली) को राज्य और अंतर-राज्यीय आवागमन के साथ सामग्री के परिवहन की अनुमति है।
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के अन्तर्गत अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लू डार्ट DTDC Myntra आदि द्वारा सभी सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी / होम डिलीवरी की अनुमति है। राज्य के किसी भी स्थान पर चेकिंग के दौरान उन सेवादाता कम्पनियों के कर्मचारियों को अपने प्रतिष्ठानों से जारी किये गये वैध परिचय पत्र को दिखाना अनिवार्य होगा।
  •  खाद्य और किराने की वस्तुओं के फुटकर विक्रेताओं को भी होम डिलीवरी सेवाएं प्रदान करने की अनुमति होगी।
  •  प्रिंटिंग प्रेस प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया |
  • दूरसंचार इंटरनेट सेवाएं प्रसारण और केबल सेवाएं / डीटीएच और ऑप्टिकल फाइबर।
  • बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण इकाइयाँ और सेवाएँ।
  • कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउसिंग सेवाएं।
  •  कार्यालय और आवासीय परिसरों के रख-रखाव के लिए निजी सुरक्षा सेवाएं और सुविधाएं प्रबंधन सेवाएं।
  •  ऑटो- मोबाईल मरम्मत की दुकानें ।
  • क्वारंटाइन सुविधाओं के उपयोग हेतु चिन्हित किए गए प्रतिष्ठान ।

उपर्युक्त सभी सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को बिना किसी प्रतिबंध के वैध आईडी कार्ड के साथ अपने प्रतिष्ठानों में आने जाने की अनुमति होगी।

  •  किसानों और खेत श्रमिकों द्वारा कृषि कार्य:- बुवाई, नर्सरी की तैयारी, भूमि की तैयारी, सिंचाई, रोपण, कटाई, थ्रेशिंग, प्रसंस्करण (Processing) और पैकिंग-आदि।
  • कृषि / बागवानी / फ्लोरिकल्चर से संबंधित अन्य गतिविधियाँ जैसे-खरीद वितर पैकेजिंग, वेयरहाउस, मंडियां, कोल्ड स्टोरेज, कृषि मशीनरी और उसके स्पेयर पार्ट्स, उर्वरक, कीटनाशक आदि से सम्बंधित दुकानें।
  • दुग्ध प्रसंस्करण (Processing) संयंत्रों द्वारा परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला सहित दूधऔर दुग्ध उत्पादों का संग्रह प्रसंस्करण, वितरण और बिक्री।
  • पोल्ट्री फार्म, मत्स्य पालन और हैचरी सहित पशुपालन फार्मों के संचालन संबंधी गतिविधियां ।

परिवहन

  • सार्वजनिक परिवहन का राज्य के अंदर एवं बाहरी राज्यों से (Intra state and Inter-state) आवागमन राज्य परिवहन विभाग द्वारा जारी एस०ओ०पी० के अधीन जारी रहेगा।
  • विक्रम, ऑटो आदि सार्वजनिक परिवहन को सुचारू रूप से चलाने की अनुमति है।
  •  बाहरी राज्यों से उत्तराखंड राज्य में आने वाले सभी Armed Forces (Army and CPMF) के अधिकारी, कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्यों को कोविड परीक्षण के प्रमाण पत्र (RT PCR / TrueNat/ CBNAAT/ RAT) की आवश्यकता नहीं होगी। उपरोक्त सभी व्यक्तियों द्वारा राज्य में प्रवेश के उपरान्त MHA, MoH&FW GOI and State Government द्वारा जारी SOPs का अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
  • सभी मालवाहक वाहनों ( लदे हुए अथवा खाली) को राज्य और अंतर्राज्यीय आवागमन के साथ सामग्री के परिवहन तथा लोड करने / उतारने की अनुमति है।
  •  सभी माल वाहक वाहनों को सामग्री लोड या अनलोड करने की अनुमति होगी एवं समस्त होलसेलर / रिटलेर दुकानों को गोदामों में सामान की लोड करने / उतारने की दैनिक रूप से अनुमति है।
  •  अधिकारियों / कर्मचारियों को अपने संगठनों / संस्थानों द्वारा जारी किए गए वैध आईडी कार्ड के साथ कार्यस्थल पर आने और वापस जाने हेतु निर्गत दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत अनुमति है।
  • रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों से एयरपोर्ट बसों / टैक्सियों / ऑटो रिक्शा आदि यात्री वाहनों को वैध यात्रा दस्तावेज / टिकट प्रदर्शित करने पर ही आवागमन की अनुमति दी जाएगी।
  •  प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सदस्यों को वैध आईडी कार्ड के साथ SOPs और COVID प्रोटोकॉल के अनुसार वाहनों में जाने की अनुमति होगी।
  • आवश्यक सेवाओं आपातकालीन और COVID-19 प्रबंधन में शामिल सरकार / स्थानीय निकायों या अधिकृत संगठन के सभी कार्मिकों एवं वर्णित संगठन के वाहनों को चलने की अनुमति  होगी।
  • सामग्री के आवागमन हेतु राज्य एवं अंतर्राज्यीय आयात-निर्यात आवागमन की अनुमति है।
  • सभी चिकित्सा कर्मियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य अस्पताल सहायता सेवाओं के लिए परिवहन की अनुमति ( 24×7) है।
  •  निजी वाहनों से आवागमन के लिए वैध आईडी के साथ आकस्मिक कारणों के लिए अनुमति है।
  • जिला प्रशासन इस बात की निगरानी करेगा कि उद्योगों द्वारा उनके संचालन में SOP का सख्ती से पालन किया जा रहा है एवं औद्योगिक इकाई / कॉर्पोरेट के प्रमुख इस संबंध में जिला प्रशासन को नियमित रूप से अवगत कराएगें।
  • सभी निर्माण गतिविधियाँ तथा उनमें कार्यरत वाहन / मजदूरों की आवाजाही को स्थानीय पुलिस / प्रशासन द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा ।

वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठान, जैसा कि नीचे सूचीबद्ध है:

  •  समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान (बाजार) प्रातः 06:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुले रहेंगे एवं बाजारों की साप्ताहिक बन्दी जो पहले से निर्धारित तिथि के अनुसार ( श्रम विभाग के आदेशानुसार ) होगी।
  •  आम जनता को फल और सब्जियों आदि की सीधी खरीद के लिए मंडी परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
  •  बाहरी राज्यों से उत्तराखंड राज्य में आने वाले वह व्यक्ति जिनके पास COVID Vaccination (दोनो डोज) का प्रमाण पत्र नहीं है उन सभी व्यक्तियों को अधिकतम 72 घंटे पूर्व की RT PCR / TrueNat/ CBNAAT/ RAT COVID Negative Test Report के साथ ही राज्य में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जायेगी।
  •  देश भर में ‘Omicron’ के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जनपद के समस्त सार्वजनिक स्थानों पर्यटक स्थलों, बाजार, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, मण्डी, सॉपिंग मॉल एवं अन्य भीड-भाड़ वाले स्थानों पर  जैसे कि सामाजिक दूरी, मास्क पहनना एवं हाथों को Sanitize करने आदि का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। उक्त का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
  •  कोविड-19 के New Variant (B.1.1.529) ‘Omicron’ से बचाव हेतु प्रत्येक जनपद में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जायेगा।

राज्य में COVID-19 प्रबंधन के निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जायेगा :

  • सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थल एवं सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने वाले व्यक्तियों को फेस कवर / मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
  •  सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तियों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए 6 फिट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा जिसके लिए निर्धारित जुर्माने के साथ दंड का प्रावधान होगा।
  • सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन प्रतिबंधित होगा।

निम्नलिखित श्रेणी के व्यक्तियों को आवश्यक और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ही घर से बाहर जाने की सलाह दी जाती है :

  •  65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ।
  • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएं।
  • 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज से निशुल्क टैबलेट योजना की शुरूआत की, उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्रों को इस योजना का मिलेगा लाभ 

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के कक्षा 12 तक के छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की शुरुआत कर दी है प्रदेश के 2.75 लाख छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की  शुरूआत कर दी। सभी विधानसभा क्षेत्रों के विद्यालयों में यह कार्यक्रम टीवी स्क्रीन के माध्यम से दिखाया गया। हल्द्वानी में कालाढूंगी रोड स्थित जीजीआईसी में टैबलेट वितरित मेयर गजेंद्र पाल सिंह रौतेला ने इस योजना की शुरूआत की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के कक्षा 12 तक के छात्रों को निशुल्क टैबलेट योजना की शुरुआत कर दी है। राजपुर रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज (स्मार्ट स्कूल) से योजना की शुरुआत की गई। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि मेरा सपना था कि प्रदेश के सभी 10वीं और 12वीं बोर्ड विद्यर्थियों के हाथों में टैबलेट हों। कोरोनाकाल में देखा कि गरीब विशेषकर सरकारी स्कूलों के बच्चों को आनलाइन पढाई से वंचित रहना पड़ा था। इसे देखते हुए निश्शुल्क टैबलेट देने का फैसला लिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि टेबलेट योजना से एक लाख 69 हजार स्कूली छात्रों को लाभ मिल रहा है। हर छात्र को डीबीटी के माध्यम से 12 हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है। ताकि वे उच्चकोटि के टेबलेट खरीद सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो छात्र नौवीं और 11वीं में हैं, ऐसे विद्यर्थियों को अगले साल टेबलेट मिलेंगे। उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है।

नए साल में पहले ही दिन जनपद के राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले करीब पांच हजार विद्यार्थियों को टैबलेट का तोहफा मिला है। इसके लिए शनिवार को उनके खातों में पैसा पहुंच जाएगा। देहरादून से होने वाला यह कार्यक्रम हर विधानसभा के एक-एक स्कूल में टीवी स्क्रीन के माध्यम से स्कूलों में भी बच्चों को दिखाया गया।

सीएम ने कहा कि यह योजना आज नए साल के पहले दिन इस स्कूल के अलावा प्रदेश के 70 अन्य स्कूलों में भी शुरू की गई है। एक-एक स्कूल में सौ छात्रों को टैबलेट देकर योजना की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने छात्रों को नसीहत दी कि समय की कीमत समझना बहुत जरूरी है। आज विद्यार्थियों को पूरे मनोयोग से पढ़ाई करनी चाहिए। तभी ऊंचे पदों पर विराजमान होने के सपने पूरे हो पाएंगे। संकल्प का कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। उत्साह व उमंग से पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी आगे रहें। मुख्यमंत्री ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, पर्वतारोही बछेंद्री पाल का उदाहरण दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ देकर सम्म्मनित किया।

विद्यालयी शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के दौरान लाकडाउन लगाना पड़ा था। इस दौरान सभी निजी व सरकारी स्कूलों को बंद करना पड़ा था ऐसे में निजी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई, लेकिन देखा गया कि सरकारी स्कूलों के विद्यर्थियों को पढ़ाई से वंचित रहना पड़ा था,इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10वीं व 12वीं बोर्ड के समस्त विद्यर्थियों को टेबलेट के लिए 12 हजार रुपये सीधे छात्रों के खाते में डाले जा रहे हैं।आगे भी अगर आनलाइन पढ़ाई करनी पड़ी तो उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यर्थियों को पढ़ाई से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। संवाद कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।

क्लैट ( काॅमन लाॅ एडमिशन टेस्ट) 2022 की परीक्षा के आवेदन एक जनवरी से शुरू

कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया नए साल से शुरू हो जाएगी। क्लैट कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से शुरू होगा। विधि क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्र 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी। आवेदन फॉर्म केवल consortiumofnlus. ac. in वेबसाइट से ऑनलाइन जमा करना होगा। हालांकि, परीक्षा ऑफलाइन होगी। क्लैट का आयोजन आठ मई 2022 की दोपहर 3 से शाम पांच बजे तक होगा। एनएलयू के इंटीग्रेटेड एलएलबी एवं एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा। अभ्यर्थी देश के कई सरकारी और निजी लॉ कॉलेज में भी आवेदन कर सकते हैं।

मोबाइल व ई-मेल से करना होगा रजिस्ट्रेशन

क्लैट परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों को मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, सत्यापन के लिये दिये गये मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। मोबाइल नंबर मान्य होने के बाद मोबाइल नंबर और पंजीकरण के समय दिये गये पासवर्ड का उपयोग करके लॉगइन किया जा सकेगा। क्लैट कंसोर्टियम ने सलाह दी है कि अभ्यर्थी अपना नाम और माता-पिता के नाम को सही ढंग से लिखें। बाद में इसमें परिवर्तन उम्मीदवारी को अयोग्य कर सकता है। आवेदन जमा होने और भुगतान करने के बाद अभ्यर्थी प्रोग्राम, श्रेणी और बीपीएल फील्ड नहीं बदल सकते। यदि किसी भी चरण में

क्लैट कि यह परीक्षा देश के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यूजी कोर्स में दाखिले के लिए सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग केवह छात्र अर्ह होंगे, जिन्होंने 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक की बाध्यता है। 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता है।

आफलाइन होगी परीक्षा

क्लैट का आयोजन इस बार आफलाइन होगा। ला प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय ने बताया कि पूर्व में क्लैट आनलाइन आयोजित किया जाता था, लेकिन तकनीकी खामी को देखते हुए परीक्षा आफलाइन होने लगी। बीच में कोरोना के कारण परीक्षा आनलाइन कराई गई, जबकि इस बार फिर परीक्षा आफलाइन ही होगी।

  • एग्जाम मोड – ऑफलाइन
  • उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाएगा।
  • परीक्षा में सारे प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप आएंगे।
  • लेंग्वेज – इंग्लिश
  • 1 प्रश्न 1 अंक का होगा।
  • परीक्षा में कुल 150 प्रश्न आएंगे।
  • परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। जिसमें 1 प्रश्न गलत होने पर 0.25 अंक काटे जाएंगे।
  • कुल अंक – 150
  • कुल सेक्शन – 5
    • Quantitative Techniques
    • English
    • Current Affairs
    • Deductive Reasoning
    • Logical Reasoning

क्लैट 2022 एंट्रेंस एग्जाम कुल 2 घंटे का आयोजित किया जाता है। यूजी एंट्रेंस एग्जाम में और पीजी एंट्रेंस एग्जाम में 150 MCQ प्रश्न पूछे गए थे परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को रैंक के अनुसार विभिन्न यूनिवर्सिटीज में प्रवेश दिया जायेगा। CLAT 2022 से सम्बंधित महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी के लिए छात्र नीचे दी गयी टेबल देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तारीखें

कार्यक्रम तारीख
आवेदन शुरु होने की तारीख 01 जनवरी 2022
आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022
आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि ३१ मार्च 2022
एडमिट कार्ड जारी होने की तारीख अप्रैल/मई 2022
परीक्षा की तारीख 08 मई 2022

कोरोना का पड़ सकता है असर

कोरोना का असर इस साल भी परीक्षा पर दिख सकता है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण व लाकडाउन के कारण परीक्षा की तिथि बदलनी पड़ी थी। इस बार भी परीक्षा कार्यक्रम में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है।

आवेदन शुल्क

  • जनरल, ओबीसी, पीडीबल्यूडी – 4000/- रु.
  • एससी और एसटी – 3500/- रु.
  • आवेदन शुल्क ऑनलाइन नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जमा करना होगा।

आनलाइन आवेदन में यह जरूरी

सामने से ली गई फोटो, अभ्यर्थी के हस्ताक्षर, एससी, एसटी, ओबीसी का प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बीपीएल श्रेणी का प्रमाण पत्र (सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे)

उत्तराखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी गढ़वाली और कुमाउनी भाषा की पढ़ाई, दोनों भाषाओं को पढ़ेंगे विद्यार्थी

हमें गर्व है कि हम उत्तराखंडी हैं, हमारी बोली भाषा आज के वर्तमान समय मे कहीं विलुप्त होते जा रही है। कहीं हमारी आने वाली पीढ़ी हमारी बोली भाषा को भूल न जाये इस लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय कदम उठाया गया है ।अब विद्यालयों में कुमाउनी और गढ़वाली भाषा को अन्य अनिवार्य विषयों की तरह ही पढ़ाया जाएगा । जिसका सीधा – सीधा मकसद हमारी भाषा को आगे बढ़ना और आने वाली पीढ़ी को अपनी मातृ भाषा को सीखना है।इसके लिए विद्यालयो में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जो कि गढ़वाली और कुमाउनी भाषा बोलने और पढ़ने में कुशल होंगे।मातृभाषा को बढ़ाने के लिए कक्षा 1 से लेकर 5 तक स्कूलों में कुमाँऊनी , गढ़वाली सहित गुरमुखी, जौनसारी भाषा भी पढ़ाई जाएगी ।

एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत नई शिक्षा नीति को अमल में लाते हुए, सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी, बांग्ला व गुरमुखी की पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही कैबिनेट ने प्राकृतिक आपदा के तहत 2011 के जनगणना के आंकड़ों के बजाय परिवार रजिस्टर के आधार पर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है।

सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट ने 10वीं, 12वीं के छात्रों और उच्च शिक्षा में सभी सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को 12 हजार रुपये प्रति छात्र की दर से टैबलेट उपलब्ध कराने के लिए बजट भी मंजूर कर दिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने हरिद्वार व ऋषिकेश में 182-182 किमी सीवर लाइन निर्माण पर भी मुहर लगाई है।

प्रदेश कैबिनेट ने बिजली बिलों पर सरचार्ज 31 मार्च 2022 तक के लिए माफ कर दिया है। उपनलकर्मियों को हर तीसरे माह मिलने वाली प्रोत्साहन राशि अब हर माह मिलेगी। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के तीन प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर भी मुहर लगा दी गई। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 54 से अधिक प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया।

कैबिनेट ने पहाड़ में स्थित मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डॉक्टर को 50 प्रोत्साहन भत्ता देने का निर्णय लिया है। इससे इन कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी। एम्स सेटेलाइट सेंटर के लिए दी भूमि के बदले कैबिनेट ने यूएसनगर के देवरिया में सिडकुल को 22.4 हेक्टेयर जमीन देने पर भी सहमति जता दी है। साथ ही रामगढ़ में रविंद्र नाथ टैगोर केंद्रीय विवि की स्थापना के लिए उद्यान विभाग की भूमि देने का भी निर्णय लिया गया।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का बड़ा फैसला- UG-PG में दाखिले के लिए CET और पीएचडी(PHD) में एडमिशन के लिए NET है जरूरी

अब देश के सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में दाखिले के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा होगी। यूजीसी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।यूजीसी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में यूजी और पीजी दाखिलों के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद 22 नवम्बर 2021 को देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी की बैठक बुलाई गई।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर के केंद्रीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में रिसर्च (PHD), अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट दाखिले को लेकर बड़े फैसले किये हैं। बैठक में तय किया गया है कि सत्र 2022-2023 से देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कॉमन एग्जाम होगा। इस एग्जाम से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कॉर्सेज में एडमिशन मिलेगा। आयोग ने पीएचडी (PHD) में दाखिले लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानि, नेट (Net ) परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी कर दिया है, तो वहीं, इन केंद्रीय सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक और परास्नातक पाठयक्रमों में दाखिले सामान्य प्रवेश परीक्षा यानि (CET) के माध्यम से लिए जाने के निर्देश जारी कर दिये हैं। यूजीसी द्वारा पीएचडी, पीजी और यूजी दाखिले के लिए जारी किये नये नियम अगले शैक्षणिक सत्र यानि 2022-23 से लागू होंगे।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीय पात्रता परीक्षा या सीईटी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। प्रवेश के लिए सीईटी स्कोर पर विचार करने के लिए निजी और अन्य डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी यूजीसी ने सुझाव दिये हैं। बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीईटी इस साल से शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

यूजीसी ने कहा-कॉमन इंट्रेंस टेस्ट के लिए करें उपाय

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में लिखा है, ” सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है।इसके मुताबिक ये परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएंगी। जो एनटीए पहले से ही जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को इच्छुक राज्य / निजी विश्वविद्यालयों / डीम्ड यूनिवर्सिटीज द्वारा भी अपनाया जा सकता है।” परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, एनईपी 2020 के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं।”

एनईपी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक केंद्रीय परीक्षा का प्रस्ताव रखा था। जिससे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्भरता कम हो गई। सीईटी से सभी छात्रों के लिए एक समान प्लेटफॉर्म प्रदान करने की भी उम्मीद है। वहीं, अब शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष के छात्रों के लिए है।

Cucet 2022

उत्तराखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आदेश जारी,(देहरादून जिले के रानी पोखरी में 10 एकड़ भूमि में निर्माण के लिए 50 लाख अवमुक्त किया गया)

उत्तराखंड राष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापना के लिए विधेयक 18 अप्रैल 2011 को पारित हुआ था। उक्त संबंध में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड सन 2014 व 2018 में दो जनहित याचिका उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के गठन में हो रही देरी के संबंध में समुचित आदेश पारित करने के लिए दायर की गई थी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 3 महीने के अंदर मैं विधि विश्वविद्यालय उधम सिंह नगर जिले के पंतनगर में शुरू करने का आदेश दिया था। जिसके फलस्वरूप फरवरी 2019 में राज्य के देहरादून जिले के रानीपोखरी में उत्तराखंड विधि विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गयी।

22 अप्रैल 2019 द्वारा जिला देहरादून के अंतर्गत स्थित राजकीय रेशम फार्म रानी पोखरी ‌( लिस्ट्रबाद ) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ( MSME ) की 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 5.90 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।

13 फरवरी 2019 को माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिनांक 19 जून 2018 को पारित अपने आदेश को अवमानना माना था। तदोपरांत राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय में 23 अप्रैल 2019 को SLP दाखिल की थी। इस क्रम में माननीय उच्चतम न्यायालय ने पारित अवमानना आदेश को स्टे कर दिया था। इस संबंध में 28 फरवरी 2019 को यह भी निर्णय लिया गया कि ब्रिडकुल को उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु कार्यदाई संस्था नामित किया जाय।

इस संबंध में 9 जुलाई 2021 को सिद्धनाथ उपाध्याय देहरादून द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के शुरू होने की स्थिति के बारे में उच्च शिक्षा विभाग अनुभाग उत्तराखंड सरकार से सूचना मांगी गई थी। इसी क्रम में टीपे एवं आज्ञाएं पत्रावली द्वारा अवगत अवगत कराया गया की 16 नवंबर 2021 को माननीय मंत्री उच्च शिक्षा सहकारिता प्रोटोकॉल उत्तराखंड द्वारा सहमति/अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया तदुपरांत 17 नवंबर 2021 को उच्च शिक्षा सचिव दीपेंद्र चौधरी की तरफ से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना निर्माण के लिए आदेश जारी कर दिया गया। इस क्रम में शासन ने प्रथम किस्त 50 लाख रुपए की धनराशि अवमुक्त कर दी। उत्तराखंड  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय निर्माण के लिए पूर्व में आरक्षित 10 एकड़ भूमि रानीपोखरी देहरादून में उपलब्ध कर दी गई है। उत्तराखंड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु ब्रिडकुल (उत्तराखंड की सरकारी संस्था) को कार्यकारी संस्था बनाया गया है।

आपको बताना है कि इस समय देश में कुल 23 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय है। उत्तराखंड  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के गठन के बाद देश में कुल 24 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय हो गए हैं। इसमें क्लेट (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) के माध्यम से दाखिले होते हैं यह परीक्षा वर्ष में एक बार 5 वर्षीय विधि स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए आयोजित की जाती है।

क्लैट 2022 -2023 की परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की जाएगी। जिससे की सत्र को नियमित किया जा सके। इस व्यवस्था से छात्रों को फायदा होगा। क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी। क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी।