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23 Dec, 2024

उत्‍तराखंड में अक्टूबर में बारिश ने तोड़ा 36 साल का रिकार्ड,48 लोगों की मौत,गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही

उत्तराखंड में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव वाला क्षेत्र के कारण तीन दिन हुई भारी बारिश ने कई रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। देवभूमि उत्तराखंड में अक्टूबर महीने में बारिश ने 36 साल पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। अक्टूबर में पूरे माह में करीब 31 मिलीमीटर बारिश होती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर में 36 साल बाद इतनी बारिश हुई है। वहीं कुमाऊं मंडल में तो बारिश ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।प्रदेश में इस दौरान 48 घंटे के भीतर 200 मिमी से अधिक बारिश हुई।अकेले नैनीताल में 432 और ऊधमसिंह नगर में 368 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

मानसून की विदाई के करीब दस दिन के बाद अचानक मौसम के करवट बदलने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। खासकर उत्तराखंड में वर्ष 1985 में अक्टूबर महीने में सर्वाधिक 250 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इसके बाद से लगातार इस महीने में सामान्य से भी नीचे बारिश होती आई है। इस साल महज 48 घण्टे के भीतर उत्तराखंड में औसत 209 मिमी बारिश हुई। कुमाऊं में रविवार से मंगलवार तक लगातार हुई मूसलधार बारिश आफत बनकर बरसी।इसके अलावा कुमाऊं में इससे पहले कभी अक्टूबर में इतनी बारिश नहीं हुई। केवल कुमाऊं मंडल की बात करें तो बीते तीन दिन में ही 300 मिमी से अधिक बारिश हो गई। जबकि, यह बारिश का अक्टूबर माह का आल टाइम रिकार्ड है।

इस बारिश की वजह से प्रदेश में अब तक 48 लोगों की जान जा चुकी है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए प्रदेश में हुई मौतों पर दुख जताया है।  पीएम ने लिखा कि ‘उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं।  घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें, प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है।  मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात करके हालात की जानकारी ली। वहीं केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जल्द ही उत्तराखंड का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हवाई सर्वेक्षण और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी भारी बारिश के बाद ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न जगहों का भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में रुद्रपुर पहुंचे सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है। सीएम धामी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए की आर्थिक मदद और टूटे हुए मकानों के लिए एक लाख 9 हजार रुपए देगी।

किस जिले में कितनी हुई बारिश
नैनीताल : 432 मिमी
अल्मोड़ा : 245 मिमी
बागेश्वर : 287 मिमी
चमोली : 167 मिमी
चंपावत : 388 मिमी
देहरादून : 62 मिमी
पौड़ी : 136 मिमी
टिहरी : 101 मिमी
हरिद्वार : 52 मिमी
पिथौरागढ़ : 262 मिमी
रुद्रप्रयाग : 133 मिमी
यूएसनगर : 368 मिमी
उत्तरकाशी : 83 मिमी

किसानों के रेल रोको आंदोलन से देशभर में 30 जगहों पर असर, हजारों यात्री परेशान

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब एक साल से विरोध प्रदर्शन जारी है।किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था।  रेल रोको आंदोलन के तहत सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर में जगह-जगह ट्रेनें रोकने की घोषणा की गई है। हालांकि यूपी, हरियाणा और पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा की गई है। लखनऊ पुलिस ने रेलवे परिचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। किसान संगठनों ने बताया कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए ड्यूटी निर्धारित कर दी गई हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों ने उचाना, बरसोला, जुलाना और नरवाना में ट्रैक जाम कर दिए हैं। सुबह 10 से चार बजे तक आंदोलनकारी किसान रेलवे ट्रैक पर धरना देंगे। सुबह सवा 10 बजे जम्मू तवी एक्सप्रेस दिल्ली की तरफ जाती है। 11 बजे इंटरसिटी एक्सप्रेस पुरानी दिल्ली की तरफ जाती है। दोपहर सवा एक बजे कुरुक्षेत्र से जींद पैसेंजर ट्रेन पहुंचती है। वहीं दिल्ली की तरफ से आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर जींद जंक्शन पहुंचती है। ट्रैक बाधित होने के कारण ये ट्रेन नहीं आ पाएंगी। किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। चारों रेलवे स्टेशन पर पुलिस तैनात है। ताकि कोई शरारती तत्व रेलवे की संपत्ति को नुकसान ना पहुंचा सके।

किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठने के कारण 30 जगहों पर प्रभाव पड़ा है। उत्तर रेलवे का कहना है कि 7 ट्रेनों को डेस्टिनेशन के पहले रोकना पड़ा है। जबकि एक ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिमी यूपी के मोदीनगर और मुजफ्फरनगर में भी ट्रेनों को कुछ वक्त के लिए रोका।

ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में किसान संगठन के किसानों ने ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन करने के लिए काशीपुर फ्लाईओवर के नीचे पहुंचे। गरीब रथ ट्रेन के आने का समय देख किसान पटरी पर धरने पर बैठ गए हैं। किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून हटाए नहीं जाते आंदोलन जारी रहेगा। किसान पीछे हटने वाले नहीं है । इधर किसानों को इकट्ठा होते देख रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई है। इस मौके पर किसान नेता सलविंदर सिंह कलसी शैतानी मौजूद थे।

दिल्ली और एनसीआर में तेज बारिश के बीच यह किसान आंदोलन हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ न करने की हिदायत पहले ही दे दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान आवश्यक और आपात सेवाओं को किसी तरह बाधित नहीं किया जाएगा।

किसानों ने जब पिछली बार भारत बंद बुलाया था तब पंजाब, हरियाणा, बिहार समेत कई जगहों पर ट्रेनें रोकी गई थीं और हाईवे जाम किए गए थे। हाईवे जाम होने के कारण कई जगहों पर भारी जाम की भी समस्या सामने आई थी। वहीं रेलवे ने एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया था।

किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था। इससे पहले किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए अंतिम अरदास की थी।इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांध समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए थे। लखीमपुर खीरी कांड में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि किसान अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।

 

उत्तराखंड चारधाम यात्रा:- केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज को बंद हो जाएंगे,20 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों केदारनाथ-बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनाेत्री के कपाट इस महीने खुले रहेंगे। चारधाम देवस्थानम् बोर्ड द्वारा कहा गया है कि, सर्द ऋतु में भारी बर्फबारी की संभावना को देखते हुए चार धामों के कपाट अगले महीने बंद कराए जाएंगे। कपाट बंद होने की तारीखें भी बता दी गई हैं, जिसमें गंगोत्री मंदिर के कपाट जहां दिवाली के अगले दिन 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व पर बंद किए जाएंगे वहीं 6 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होंगे। 20 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्रीधाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर को प्रात: 11:45 मिनट पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे।

दशहरे के अवसर पर शुक्रवार को यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने का मुहूर्त तय किया गया। आगामी 6 नवंबर को भैयादूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:15 बजे विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में होंगे।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा अब समाप्ति की ओर है। भैया दूज पर हर साल की तरह इस बार भी केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। वहीं विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि शुक्रवार को विजय दशमी के दिन विधि-विधान से पंचाग गणना के बाद तय की जाएगी।

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे और इसके साथ ही उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र की इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि शुक्रवार को विजयदशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ मंदिर में परंपरागत पूजा पाठ के बाद पंचाग गणना करके कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया। जिसके अनुसार शनिवार 20 नवंबर की शाम पौने सात बजे मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे।

केदारनाथ में गर्भगृह में दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल आएंगे उत्तराखंड

उच्च न्यायालय से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा।चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में गर्भगृह गृह की परिक्रमा कर दर्शन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें शिवलिंग पर जलाभिषेक, घी लेपन आदि की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

शासन द्वारा चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन किए जाने के बाद अब चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भी इसी के अनुरूप तैयारियों में जुट गया है। बोर्ड ने भी संशोधित एसओपी जारी की है। मंडलायुक्त एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार परंपरानुसार बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन केदारनाथ में पूर्व में अनुमति दी जाती थी। इस बार वहां गर्भगृह की एक बार परिक्रमा कर दर्शन की अनुमति दी गई है।

चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। बावजूद इसके उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सैनिटाइजर, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता है तो सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि केदारनाथ और बदरीनाथ में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए पर्याप्त संख्या में यात्रियों के रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ऋषिकेश के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरकारी अमला सक्रिय हो गया है। पीएम के स्वागत की तैयारियों में अधिकारी और कर्मचारी जुट गए हैं। मोदी यहां ऋषिकेश एम्स में नवनिर्मित एक हजार लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। एम्स ऋषिकेश आगमन पर सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए शासन-प्रशासन ने एम्स के हैलीपेड तक पूर्वाभ्यास कर व्यवस्थाओं को परखा। उत्तराखंड पुलिस की निगरानी में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग भी करायी गई। पीएम मोदी के दौरे के दौरान हैलीपेड के चारों और बैरिकेडिंग लगाकर आम आदमी की आवाजाही को बंद कर दिया जाएगा। हैलीपेड पर एसपीजी और उत्तराखंड पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम, लोनिवि, जलसंस्थान, आबकारी विभाग, तहसील प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।

 

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है, रजिस्ट्रेशन और RTPCR रिपोर्ट अनिवार्य

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है।कोर्ट ने चारधाम में अपर लिमिट हटा दी है लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और यात्रा में आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य होगी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि यात्रा के दौरान मेडिकल सुविधाओं की कोई भी कमी यात्रियों के लिए न हो और महिलाओं व बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए। चीफ जस्टिस कोर्ट ने चारों धामों में मेडिकल एमरजेंसी के लिए हेलीकॉप्टर व्यवस्था करने को कहा और यात्रियों को इसकी सुविधा के संबंध में पूरी जानकारी देने को कहा। इससे पहले सरकार ने कोर्ट में केदारनाथ बद्रीनाथ समेत सभी धामों में यात्रियों की संख्या को बढ़ाने की मांग की थी।

हाइकोर्ट नैनीताल ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब असीमित संख्या में तीार्थयात्री चारधाम यात्रा कर सकेंगे। हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों  की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,उत्तराखंड को बनाएंगे देश का नंबर वन पर्यटन हब, ‘स्विटज़रलैंड को मात कर सकता है उत्तराखंड’, चारधाम के 73 टूरिस्ट स्पॉट चिह्नित

देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक आयोजन में यह ऐलान किया कि अगले दस सालों के भीतर उत्तराखंड को पर्यटन के मामले में नंबर वन राज्य बनाया जाएगा और देश के टूरिज़्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में पर्यटन सुविधा एवं निवेश प्रकोष्ठ व पर्यटन मंत्रालय के तहत ईको टूरिज्म विंग का गठन करने और पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को पर्यटन विभाग को सौंपने की घोषणा की। अभी नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को खेल विभाग संचालित करता है। साथ ही कहा कि इस वर्ष नवंबर में रामनगर में साहसिक पर्यटन पर आधारित निवेश सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और फिक्की फ्लो के सहयोग से मालसी स्थित एक फार्म में आयोजित उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस फेस्ट के दूसरे दिन का उद्घाटन दीप जलाकर किया। यहां मुख्यमंत्री ने पर्यटन पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

सीएम धामी ने पर्यटन विभाग और फिक्की फ्लो के एक संयुक्त आयोजन में सोमवार को कहा कि राज्य के पर्यटन को विकसित करने के लिए कई तरह से सोचा जा रहा है। उत्तराखंड को इस लिहाज़ से स्विटरज़रलैंड से भी बेहतर विकसित किया जा सकता है।कुछ अहम घोषणाएं करते हुए धामी ने नैनसिंह सर्वेयर पर्वतारोहण ट्रेनिंग संस्थान को खेल विभाग से पर्यटन विभाग को सौंपने को कहा। वहीं, रामनगर में एडवेंचर टूरिज़्म के लिए नवंबर में निवेश सम्मेलन की घोषणा भी की। ईको टूरिज़्म की मदद से पर्यटन को स्थायी व्यवसाय के तौर पर बढ़ावा देने की बात भी उन्होंने कही।

पर्यटन व्यवसाय से संबंधित सभी प्रस्तावों पर पर्यटन विभाग कार्रवाई करेगा। इसमें उद्योग विभाग का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। शहरी विकास विभाग और आवास विभाग उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए परियोजना शुरू करेगा। ईको टूरिज्म विंग की मदद से पर्यटन व्यवसाय को स्थायी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं से उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। चार धाम यात्रा में यात्रियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसंभव कोशिश की जा रही है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, हमारा मूल मंत्र है कि हम श्रेष्ठ सर्विस प्रोवाइडर बनें। पर्यटकों को जितनी अधिक सुविधाएं मिलेंगी, पर्यटन व्यवसाय को उतना ही लाभ मिलेगा। हम प्रदूषण रहित पर्यटन पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए जल्द ही पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू किया जाएगा। राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, फिक्की की राज्य संयोजक डा. नेहा शर्मा, किरन टोडरिया आदि मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा तय समय के लिए होती है इसलिए इसके बाद इन इलाकों में पर्यटन की रफ्तार कम न हो इसके लिए सरकार एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म एक्टिविटी पर ध्यान दे रही है। सरकार ने 13 नए ट्रैकिंग प्लेस में 73 स्पॉट्स को चिह्नित कर लिया है। पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप में तो रोप वे के लिए एमओयू भी हो चुका है। वहीं, कद्दूखाल से सुरकंडा और ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी मंदिर जैसे स्पॉट्स भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। यहां एंगलिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेल रन, माउंटेन बाइकिंग, रिवर क्रॉसिंग, वॉटर रोलिंग, ऑफ-रोडिंग, हाइकिंग, सफारी शुरू करने की प्लानिंग है।

होम स्टे योजना के तहत सब्सिडी
इन जगहों पर पर्यटकों के लिए रहने की सुविधा के लिए ट्रैक्शन ट्रैकिंग होम स्टे योजना शुरू की गई है, जिसमें 40 एंट्रीज़ आ चुकी हैं। इस योजना में एक रूम के लिए 60 हज़ार की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उत्तराखंड सरकार को सब्सिडी के साथ यहां रोज़गार के साधन बढ़ाए जाने पर भी सोचना चाहिए।

नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का भारत बंद, दिल्ली से सटी सीमाओं पर भारी जाम कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है।

नई दिल्ली:- केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद का असर दिखने लगा है।संयुक्त किसान मोर्चा के आज ‘भारत बंद’ के ऐलान के चलते दिल्ली से सटी सीमाओं, पंजाब, बिहार समेत देश के कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत बंद को किसानों के अलावा कई राजनीति दलों और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है। तीनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। अनेक सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। इस दौरान दिल्ली से सटी सीमाओं जैसे गाजीपुर और सिंघु बार्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर रोड जाम किया गया है। इसकी वजह से ट्रैफिक डायवर्ट भी किया गया है।इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है। किसान संगठनों द्वारा यह बंद सोमवार सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक के लिए किया गया है।

किसान इस दौरान इंमरजेसी सेवा को छोड़कर सभी चीजों को बंद करेंगे। भारत बंद को लेकर ये तय किया गया है कि इस दौरान किसान रास्तों और हाईवे पर धरना देंगे। सरकारी दफ्तरों के सामने प्रदर्शन होगा। किसान दिल्ली के बार्डर का भी घेराव करेंगे। किसानों के इस भारत बंद को विपक्ष का समर्थन मिला है। भारत बंद की वजह से दिल्ली में कई रास्तों का बंद किया गया है तो कई जगह रूट डायवर्ट किया गय़ा है।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों के भारत बंद का असर मेट्रों के संचालन पर भी पड़ा है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया है कि पंडित श्री राम शर्मा का प्रवेश/निकास बंद कर दिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद पर कहा है कि एम्बुलेंस, डाक्टर या आपात स्थिति में जाने वाले लोग जा सकते हैं। हमने कुछ भी सील नहीं किया है हम सिर्फ एक संदेश भेजना चाहते हैं। हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अपनी दुकानें अभी बंद रखें और शाम 4 बजे के बाद ही खोलें। उन्होंने कहा कि बाहर से यहां कोई किसान नहीं आ रहा।

PMO से उत्‍तराखंड पहुंची टीम,अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ सकते हैं केदारनाथ

देहरादून. उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राज्य में सियासी सरगर्मियां बढ़ने जा रही हैं।अक्टूबर के महीने में भाजपा के शीर्ष नेता उत्तराखंड पहुंचेंगे। इसी सिलसिले में पीएम नरेंद्र मोदी का केदारनाथ दौरा अक्टूबर में संभव है। यहां काम का जायज़ा लेने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से एक टीम केदारनाथ पहुंची है। पीएमओ में सलाहकार भास्कर खुल्बे, आईएएस मंगेश घिल्डियाल अन्य अफसरों के साथ केदारनाथ पहुंचे हैं। ये टीम गुरुवार दोपहर 12 बजे तक यहां कामों और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। 6 अक्टूबर के बाद प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ दौरे पर आ सकते हैं।

चुनावी हलचलों के तहत बीजेपी अक्टूबर के महीने में पार्टी के शीर्ष नेताओं के उत्तराखंड दौरे तय कर रही है। फ़िलहाल प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के दौरों को लेकर स्थान, दिन और समय के बारे में रूपरेखा बनाई जा रही है। इसी रूपरेखा के तहत केदारनाथ में व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने पीएमओ से टीम पहुंची है, जिससे यह पूरी तरह तय माना जा रहा है कि पीएम मोदी यहां आने वाले हैं. गौरतलब है कि पीएम मोदी का दौरा केदारनाथ धाम के नवनिर्माण के लिहाज़ से भी अहम हो सकता है।

उत्तराखंड में सात हेली सेवाओं को दी मंजूरी, सात शहरों की हेलीकॉप्टर से करें हवाई यात्रा, जानें कब उड़ान भरेंगी फ्लाइट्स

देहरादून :- उत्तराखंड में सात अक्तूबर से सात शहरों में हेलीकॉप्टर से हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। हवाई सेवा का शुभारंभ सात अक्तूबर को होगा। इस सेवा को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फ्लैग ऑफ करेंगे। सात अक्तूबर को जौलीग्रांट में बने नए टर्मिनल का भी लोकार्पण किया जाएगा। इस दौरान दून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर-दून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जाएगा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उत्तराखंड में हवाई सेवा को बढ़ाने के संबंध में वर्चुअल बैठक की। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लिए जो हेलीपोर्ट चिह्नित किए गए हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है। मसूरी हेलीपोर्ट की डीपीआर भी जल्द तैयार हो जाएगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से शहरों की कनेक्निविटी बढ़ाई जाएगी। जौलीग्रांट टर्मिनल की यात्री क्षमता नए टर्मिनल के एक हिस्से के बनने के बाद 26 हजार यात्री हो जाएगी। पूरा टर्मिनल बनने के बाद यह क्षमता 43 हजार यात्री हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की कार्यवाही में और तेजी लाई जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड के वैट चार्ज एटीएफ पर अधिक है। इस चार्ज को कम करने से राज्य में हवाई संपर्क तेजी से बढ़ेगा और हवाई सेवा में भी वृद्धि होगी।

उत्तराखंड में सात हेली सेवाओं का रूट
देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून-गौचर-देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार-हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़ – सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर, हल्द्वानी-धारचूला-हल्द्वानी।

उत्तराखंड में 13 हेलीपोर्ट के लिए जमीन चिह्नित की गई है। इनमें से 11 की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। आठ की टेंडर प्रक्रिया 20 अक्तूबर तक पूरी हो जाएगी। मसूरी हेलीपोर्ट की डीपीआर भी जल्द तैयार हो जाएगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से शहरों की कनेक्टिविटी और बढ़ाई जाएगी। पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की कार्यवाही में और तेजी लाई जाएगी।

उत्तराखंड : चमोली जिले के नारायणबगड़ में बादल फटने से तबाही, कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद, देहरादून सहित पांच जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट

देहरादून :- उत्तराखंड के चमोली जिले में सोमवार को तड़के बादल फटने की घटना से तबाही मच गई है। जिले के नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में बीआरओ के मजदूरों के करीब 15 टेंट मलबे में दब गए हैं। जब मलबा आया तो मजदूर अपने टेंटों के अंदर थे। इस दौरान परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को बचा लिया।वहीं मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे भी बंद हो गया है। मार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। वहीं बरसाती नाले के सैलाब से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों के करीब 10 से 15 टेंट मलबे में दब गए। जब मलबा आया मजदूर अपने टेंट के अंदर थे। लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।

मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।

जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के मुताबिक घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।

राज्य में देहरादून सहित पांच जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने राज्य में 23 सितम्बर तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। सभी पर्वतीय जिलों में मानसून अभी सक्रिय है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, सोमवार को राज्य में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने, तीव्र बौछार व मध्यम बारिश हो सकती है। सोमवार को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में कहीं कहीं तीव्रता के साथ बारिश, कहीं कहीं भारी बारिश हो सकती है।

21 को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में कहीं कहीं तीव्र बौछार व भारी बारिश की संभावना है। 22 को राज्य में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने व तीव्र बौछार की आशंका है। 23 को भी पर्वतीय जिलों में बारिश जारी रहेगी।